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10 सित. भविष्य,उपाय(जैन मन्त्र) Remedy that stops the problem whether to do or not to do important work ? विक्रम संवत- 2079, -सूर्य दक्षिणायण,चातुर्मास; ऋतु –वर्षा;

भाद्रपद शुक्लपक्ष,

तिथि –पूर्णिमा 15:28 तक ,कुम्भ राशि -चंद्र;-

कार्य का शुभ समय---*बजे तक  ,

व्रत,पर्व-महालय श्राद्ध आरंभ,प्रतिपदा श्राद्ध. पितृ दोष शमन एवं उनकी प्रसन्नता के लिए

25 सितम्बर तक नियमित तर्पण -काले तिल,जल श्वेत पुष्प अर्पण -1पितरों को दक्षिण में मुख कर तर्जनी एवं अंगूठे के मध्य भाग से अर्पण; 2इसके पश्चात् पूर्व की और मुख कर उंगलियों के  अग्रभाग से विष्णु एवं देवों अर्पण ,3अंत में उत्तर दिशा  की और मुख कर कनिष्था के नीचे के भाग से ऋषियों को अर्पण .

*09:37 तक सौभ्ग्यावती नारी –स्नान वर्जित,

रूद्र अभिषेक-(संध्या या उसके उपरांत दिन की तुलना में अत्यंत शीघ्र फल प्रद )

आज रूद्र अभिषेक 15:28 के पश्चात् शुभ प्रभाव नियमाबुसार .

राशी भविष्य-ज्ञात कर ,दैनिक कार्य- को प्राथमिकता

*-जन्म राशी शुभ होने पर  किये जाने वाले कार्य-

अनुष्ठान,पूजा,दान,,निर्णय,महत्वपूर्ण प्रपत्र पर हस्ताक्षर ,मीटिंग,

जन सम्पर्क, चिकित्सा,रोग,जोखिम कार्य.

-       दैनिक राशिफल (Daily Horoscope)

                       जन्म राशी शुभ होने पर  किये जाने वाले कार्य-

अनुष्ठान,पूजा,दान,,निर्णय,महत्वपूर्ण प्रपत्र पर हस्ताक्षर ,मीटिंग,

जन सम्पर्क, चिकित्सा,रोग,जोखिम कार्य.

 सिंह,,धनु,मेष –,- राशी के लिए सुख बाधक . कर्क,वृश्चिक,मीन  राशी वाले बाधा नाश के लिए उपाय अवश्य करे ।

मेष राशि (Aries) – चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ.

घर ,कार्य स्थल के लिए भी यह समय सुख से परिपूर्ण है। आपको रुचि पूर्ण  उत्तम भोजन, वस्त्र सुख योग है। आपके सामने आने वाली हर परिस्थिति निराकृत होगी। आज सम्पन्न किया गया हर कार्य आपको प्रसन्नता देगा। मन में पूर्ण संतोष का साम्राज्य रहेगा। मित्र एवं परचितों  के साथ अच्छा समय व्यतीत होगा। विजय पथ के पथिक होंगे आप।

वृष राशि (Taurus) – , , , , वा, वी, वू, वे, वो.

अच्छे लोगों से परिचय होगा कार्यों में सफलता मिलेगी। पद प्रतिष्ठा के अच्छे अवसर हैं। विद्या के क्षेत्र में यश पड़ेगा सफलता मिलेगी। राजनीति में गौरव तथा यश बढ़ेगा मित्र वर्ग से पूर्ण सहयोग मिलेगा। शासन या राज्य मैं आपके कार्य प्रगति पर रहेंगे। सज्जन वर्ग से विशेष सहयोग मिलेगा। व्यापार में प्रगति होगी। समय का भाग्य बाधा के साथ सफलता योग हैं। प्रयास करने का सुझाव दिया जाता है। विशेष-अति आवश्यक होने पर अग्र लिखित कार्य प्रारंभ करे   -“यात्रा, व्यय, विवाद, जोखिम के कार्य एवं मीटिंग, परामर्श लंबित/स्थगित रखिए या अतिरिक्त सूझबूझ से समय निकालिए।

मिथुन राशि (Gemini) – का, की, कू, , , , के, को, ह.

कुछ मिले-जुले,सुख-दुख,सफलता-असफलता के परिणाम का दिन है। व्यापार  मे लाभप्रद लेन-देन सम्पन्न करने में कुछ कठिनाइयाँ आ सकती हैं। यात्रा हेतु हरी झंडी मिलने से पहले आपको कुछ बाधाएं पार करनी होंगी। अपने कार्य इच्छानुसार पूरे न कर पाने के कारण आप मानसिक रुप से अशांत खिन्न रहने की तुलना मे पूर्व जन्म कृत स्व कर्म का भोग मान कर धैर्य रखिए। वित्तीय दृष्टि से भी अपके लिए ये कठिन समय है। भाग्य की समस्या रहेगी। विशेष-अति आवश्यक होने पर अग्र लिखित कार्य प्रारंभ करे   -“यात्रा, व्यय, विवाद, जोखिम के कार्य एवं मीटिंग, परामर्श लंबित/स्थगित रखिए या अतिरिक्त सूझबूझ से समय निकालिए।

कर्क राशि (Cancer) – ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो.

असुविधा, असहयोग, समन्वयहीन एवं अपेक्षा के विपरीत स्थिति का समय है। किसी शुभ समाचार की आशा मत कीजिए। सूचना भी सत्यता से परे हो सकती हैं, ध्यान नहीं देना चाहिए। यह रोजमर्रा के जीवन में परेशानियों व बाधाओं का दिन है। आर्थिक दृष्टि से भी यह काल लाभ पूर्ण नहीं है। आपको धन वसूली में कठिनाई आ सकती है। अपने उच्चाधिकारी से कार्यालय में या रोजगार स्थल पर किसी भी प्रकार की असहमति अथवा विवाद से बचें। स्वास्थ्य के प्रति सतर्क रहें।

सिंह राशि (Leo) – मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे.

सकारात्मक परिस्थितियों का दिन हैं । यह समय सुख व कार्यों में सफलता का द्योतक है। आर्थिक दृष्टि से भी यह समय आपके लिए शुभ है। अटका हुआ पैसा पुन: प्राप्त हो सकता है। आपको शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने में भी सहायक होगी। प्रेम संबंध सुख या नए मित्र हेतु यह दिन अनुकूल है। दाम्पत्य जीवन में सुख समन्वय रहेगा। आपको आमोद-प्रमोद के अवसर भी मिलेंगे। संतान आपके जीवन के सुख में और अधिक वृद्धि करेगी। स्वास्थ्य अच्छा रहेगा।

कन्या राशि (Virgo) – टो, , पी, पू, , , , पे, पो.

प्राथमिकता के आधार पर कार्य करिए। सफलता की संभावना प्रबल हैं। यह समय आपके लिए आपके प्रयासों एवं उपकार की प्रतिष्ठा व पहचान पाने का हो सकता है। आप शत्रुओं पर विजय पाएँगे। नए मित्र भी बनाएँगे। मित्रों से सहयोग मिलेगा। प्रेम संबंध सुख पूर्ण रहेंगे।  स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। आप नीरोग काया का आनन्द उठाएँगे। कुल मिलाकर इस अवधि में आप सफल एवं प्रसन्न रहेंगे । विशेष-अति आवश्यक होने पर अग्र लिखित कार्य प्रारंभ करे   -“यात्रा, व्यय, विवाद, जोखिम के कार्य एवं मीटिंग, परामर्श लंबित/स्थगित रखिए या अतिरिक्त सूझबूझ से समय निकालिए।

तुला राशि (Libra) – रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते.

आपको अपने व्यापार अथवा कार्यालय में साधारण दिनों से अधिक परिश्रम करना पड़ सकता है। स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दें। अनिद्रा की स्थिति एवं कार्य की चिंता भी हो सकती है। मानसिक रुप से आप थकान महसूस कर सकते हैं। अकर्मण्यता या आलस्य भी आप पर हावी हो सकता है। धार्मिक अथवा दान, पुण्य कार्य मे सफलता मिल सकती है। जनसम्पर्क से जुड़े वर्ग राजनेता, सामाजिक कल्याण, अभिकर्ता आदि  को यश, सफलता एवं व्यस्तता की स्थितियाँ मिलने की संभावना है। घर व धन सम्बन्धी कठिनाइयाँ झेलनी पड़ सकती है। धन-व्यय के समय विशेष सचेत रहें।

                                                                                            वृश्चिक राशि (Scorpio) – तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू.

कल की तुलना में आज का दिन और भी कठिनाइयों का सिद्ध होगा है। स्वास्थ्य के प्रति ध्यान रखें। मानसिक कष्ट की भी संभावना है।अहम को चोट लगेगी। आपके साथ अच्छा व्यवहार होने की संभावना कम है। वाद विवाद की स्थितियां निर्मित होंगी। मानसिक एवं शारीरिक कष्ट संभव है। यात्रा में विशेष ध्यान रखें या संभव हो तो स्थगित रखें। नई विचार या योजना की पहल ना करना ही अच्छा सिद्ध होगा। राजनीति व सामाजिक क्षेत्र में कष्ट की संभावनाएं हैं।

विशेष-महत्वपूर्ण कार्य,उपदेश एवं यात्रा के अपेक्षित परिणाम की सम्भावना अल्प है।

धनु राशि (Sagittarius) – ये, यो, , भी, भू, , , , भे.

मनोबल बढ़ेगा। व्यापार में धन की प्राप्ति होगी। रोजगार में पद प्रतिष्ठा बढ़ेगी। शत्रु पराजित होंगे। जन सामान्य से विशेष सहयोग प्राप्त होगा। दांपत्य साथी का सुख बाधा है। संबंधियों से समाचार मिलेंगे। राज्य वर्ग व प्रशासनिक वर्ग विशेष सफल होंगे। नए उत्तरदायित्व भी प्राप्त हो सकते हैं।

मकर राशि (Capricorn) – भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, , गी.

संभव है आपको मनवांछित फल न मिले। स्वास्थ्य की ओर ध्यान देने की आवश्यकता है। मानसिक रुप से आप व्यथा व बैचेनी अनुभव कर सकते हैं। अकर्मण्यता अथवा ईर्ष्या की भावना से भी त्रस्त हो सकते हैं। अपने निर्णय लेने में तथा दूसरों से व्यवहार के प्रति विशेष सतर्क रहें। योजनाओं को क्रियान्वित करने से पूर्व सोच लें। घर पर भी सावधान रहेंए सगे.सम्बन्धियों से व्यर्थ की शत्रुता संभव है।

 

कुंभ राशि (Aquarius)– गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, द.

आपको शारीरिक सुख-साधन, उत्तम वस्त्र व सुगंध तथा अन्य इच्छित सांसारिक भौतिक सुख की वस्तुओं से सुख योग है। इस समय सर्वोत्तम मित्र व परिचित मिलेंगे। पारिवारिक जीवन में आम दिनों की तुलना में अधिक आनन्द होगा। प्रेम या दाम्पत्य जीवन में आप अपने साथी के प्रेम में वृद्धि या सहयोग, समन्वय की आशा कर सकते हैं। सौभाग्य, सुख व सम्मान इस दिन की विशेषता है। मन पसन्द इच्छित भोजन का आनन्द मिलने का योग है। आपको सुस्वादु मनचाहा भोजन, सुविधापूर्वक उपलब्ध होगा।

मीन राशि (Pisces) – दी, दू, , , , दे, दो, चा, ची.

शारीरिक रुप से आप स्वास्थ्य में गिरावट महसूस करेंगे। मानसिक रुप से असंतोष अनुभव करेंगे। दिन में असंतोष सा रहेगा। मन में उदारता एवं दया भावना की कमी होगी। अनपेक्षित स्थिति से क्रोध एवं विवाद की स्थिति बन सकती है। आकस्मिक अप्रिय स्थिति निर्मित होगी। महत्वपूर्ण कार्यों को टालना उचित होगा। खर्च बढ़ेगा।दैनिक कार्य सरलता से पूर्ण होंगे। सामान्यतः संमस्या नही आएगी। आपको भोजन भी इतना रुचिकर नहीं लगेगा।

नारीवर्ग के लिए व्यवधान या कष्ट की सम्भावना है ।विशेष-महत्वपूर्ण कार्य,उपदेश एवं यात्रा के अपेक्षित परिणाम की सम्भावना अल्प है।

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*-प्रचलित नाम का भविष्य- नाम के  प्रथम  अक्षर से  प्रारंभ (व्यक्ति,वस्तु,कम्पनी,स्थान का नाम ) वालो के लिए दिन सुख बाधक –

 ,,,न.य.द,,

सौभाग्य वृद्धि व नक्षत्र के दोष की शांति के लिए उपाय :

वेद मंत्र शतभिष :

ॐ वरुणस्योत्त्मभनमसिवरुणस्यस्कुं मसर्जनी स्थो वरुणस्य

ॠतसदन्य सि वरुण स्यॠतमदन ससि वरुणस्य ॠत सदनमसि।

ॐ वरुणाय नम:।

पौराणिक मंत्र :

वरुणं सततं वंदे सुधा कलश धारीणम्l

पाश हस्तं शतभिशग् देवतां देव वंदीतमll

नक्षत्र देवता मंत्र :- ॐ वरुणाय नमःl

नक्षत्र मंत्र :- ॐ शतभिषजे नमःl

 

 

*भाद्रपद माह प्रयोग ना करें-  दही,उड़द ,मसूर, चना ,परवल ,लौकी ,भिंडी ,करेला ,बैंगन ,फ्राई अरबी, जिमीकंद कुंदरु ,ककड़ी ,नया आलू ,गाजर ,मूली ,चुकंदर ,फूल गोभी ,पत्ता गोभी ,पालक ,तरबूज, खरबूजा, पपीता पोदीना, हरी मिर्च ,हरा धनिया ,अदरक ,इमली ,जावित्री ,मूंगफली का तेल ,रिफाइंड तेल, श्रीखंड दही लस्सी ,गन्ना ,काजू ,पिस्ता

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––उक्त आलेख

-देश देशांतर के सुप्रसिद्ध ज्योतिषी पंडित वी.के.तिवारी द्वारा -

(अनेक सम्मान उपाधि 1976-1990 तक)

(85+ebooks,3books+10.000 लेख ,कविता-प्रकाशित,प्रसारित; नवनीत हिंदी डाइजेस्ट-भारती मुंबई  -भविष्य फल मासिक-1980से 2000तक)

सम्पर्क -कुंडली निर्माण ,रोग,भाग्यशाली रत्न ,जाब,केरियर  (Dakshina500/).

- कुंडली मिलान-विशेषज्ञ-

                                               कुंडली मिलान -श्रेष्ठ विधि-30 कूट ,05 नाडी.06 वर्ण,09ग्रह, से कुंडली मिलान ।नाडी एवं मंगल दोष, -अपवाद *

*केवल नक्षत्र से नहीं 09 ग्रहों से,

*केवल 03 नाडी से बही 05 नाडी सिद्धांत ,

*D9 ,नक्षत्र समपर्ण से नहीं नक्षत्र 4चरण से ,

*08 कूट से नहीं 30 कूट/बिन्दु से ,

*केवल एक पृष्ठ में नहीं 08 pages में विस्तृत कुंडली मिलान

-वास्तु,कुंडली,हस्तरेखा ,अंकविद्या.

1- शिक्षा के विषय क्या हो ?केरियर ? job, उपाय ।

2-सफलता के आजीवन टिप्स –Do’s & Dont’s -Lucky-Day.Colors,Month, Name-City, Institute, Apartment, Direction

सम्पर्क -कुंडली निर्माण ,भाग्यशाली रत्न ,जाब,केरियर , (Dakshina500/).

- कुंडली मिलान 05 नाडी नारद सिद्धांत ,D9 ,नक्षत्र चरण 30बिन्दु पर.08 pages

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विवाह में विलंब विवाह के लिए कात्यायनी पूजन । 10 oct - 18 oct विवाह में विलंब - षष्ठी - कात्यायनी पूजन । वैवाहिक सुखद जीवन अथवा विवाह बिलम्ब   या बाधा को समाप्त करने के लिए - दुर्गतिहारणी मां कात्यायनी की शरण लीजिये | प्रतिपदा के दिन कलश स्थापना के समय , संकल्प में अपना नाम गोत्र स्थान बोलने के पश्चात् अपने विवाह की याचना , प्रार्थना कीजिये | वैवाहिक सुखद जीवन अथवा विवाह बिलम्ब   या बाधा को समाप्त करने के लिए प्रति दिन प्रातः सूर्योदय से प्रथम घंटे में या दोपहर ११ . ४० से १२ . ४० बजे के मध्य , कात्ययानी देवी का मन्त्र जाप करिये | १०८बार | उत्तर दिशा में मुँह हो , लाल वस्त्र हो जाप के समय | दीपक मौली या कलावे की वर्तिका हो | वर्तिका उत्तर दिशा की और हो | गाय का शुद्ध घी श्रेष्ठ अथवा तिल ( बाधा नाशक + महुआ ( सौभाग्य ) तैल मिला कर प्रयोग करे मां भागवती की कृपा से पूर्वजन्म जनितआपके दुर्योग एवं   व्यवधान समाप्त हो एवं   आपकी मनोकामना पूरी हो ऐसी शुभ कामना सहित || षष्ठी के दिन विशेष रूप से कात्यायनी के मन्त्र का २८ आहुति / १०८ आहुति हवन करिये | चंद्रहासोज्

कलश पर नारियल रखने की शास्त्रोक्त विधि क्या है जानिए

हमे श्रद्धा विश्वास समर्पित प्रयास करने के बाद भी वांछित परिणाम नहीं मिलते हैं , क्योकि हिन्दू धर्म श्रेष्ठ कोटी का विज्ञान सम्मत है ।इसकी प्रक्रिया , विधि या तकनीक का पालन अनुसरण परमावश्यक है । नारियल का अधिकाधिक प्रयोग पुजा अर्चना मे होता है।नारियल रखने की विधि सुविधा की दृष्टि से प्रचलित होगई॥ मेरे ज्ञान  मे कलश मे उल्टा सीधा नारियल फसाकर रखने की विधि का प्रमाण अब तक नहीं आया | यदि कोई सुविज्ञ जानकारी रखते हो तो स्वागत है । नारियल को मोटा भाग पूजा करने वाले की ओर होना चाहिए। कलश पर नारियल रखने की प्रमाणिक विधि क्या है ? अधोमुखम शत्रु विवर्धनाए , उर्ध्वस्य वक्त्रं बहुरोग वृद्ध्यै प्राची मुखं वित्त्नाश्नाय , तस्माच्छुभम सम्मुख नारिकेलम अधोमुखम शत्रु विवर्धनाए कलश पर - नारियल का बड़ा हिस्सा नीचे मुख कर रखा जाए ( पतला हिस्सा पूछ वाला कलश के उपरी भाग पर रखा जाए ) तो उसे शत्रुओं की वृद्धि होती है * ( कार्य सफलता में बाधाएं आती है संघर्ष , अपयश , चिंता , हानि , सहज हैशत्रु या विरोधी तन , मन धन सर्व दृष्टि से घातक होते है ) उर्ध्वस्य वक्त्रं बहुरोग वृद्ध्यै कलश पर -