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02 सित. भविष्य,उपाय(जैन मन्त्र)

                              02 सित. भविष्य,उपाय(जैन मन्त्र)

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                विक्रम संवत- 2079, -सूर्य दक्षिणायण,चातुर्मास

भाद्रपद शुक्लपक्ष,

तिथि – विशाखा ,तुला राशि -चंद्र;

- कार्य का शुभ समय--  ,

व्रत,पर्व-षष्ठी ,कार्तिकेय पूजा .

रूद्र अभिषेक-(संध्या या उसके उपरांत शीघ्र फल प्रद )

आज13.50बजे तक शुभ ,इसके पश्चात् अशुभ प्रभाव नियमाबुसार .

*-जन्म राशी शुभ होने पर  किये जाने वाले कार्य-

अनुष्ठान,पूजा,दान,,निर्णय,महत्वपूर्ण प्रपत्र पर हस्ताक्षर ,मीटिंग,

जन सम्पर्क, चिकित्सा,रोग,जोखिम कार्य.

*

राशी भविष्य-ज्ञात कर ,दैनिक कार्य- को प्राथमिकता

-       दैनिक राशिफल (Daily Horoscope)

12 राशी भविष्य

सिंह,,धनु,मेष –,- राशी के लिए सुख बाधक .

 मेष राशि (Aries) – चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ.

आपके कार्यों की सफलता संदिग्ध है। विरोध, मतभेद, विवाद की स्थिति बन सकती है। राजनीति में छल की संभावना है। विश्वास के परिणाम प्रतिकूल होंगे। दांपत्य साथी का स्वास्थ्य खराब हो सकता है। आवश्यक खर्चों में वृद्धि होगी।शारीरिक एवं मानसिक कष्ट की स्थिति से बचने के लिए,किसी भी कार्य को करने में शीघ्रता नहीं बरतें। बाजार के काम, परामर्श देना, यात्रा,उपयोगी नहीं सिद्ध होंगे।

वृष राशि (Taurus) – , , , , वा, वी, वू, वे, वो.

दांपत्य जीवन के सुख में वृद्धि होगी। पुत्र एवं पुत्री के द्वारा पूर्ण सहयोग प्राप्त होगा। कार्यालय में अनुकूल परिस्थितियां रहेंगे। व्यापार में लाभ की स्थिति रहेगी। नए कार्य या उत्तरदायित्व मिल सकते हैं। स्वास्थ्य उत्तम रहेगा। नए कार्य के श्री गणेश के लिए उत्तम अवसर है।

मिथुन राशि (Gemini) – का, की, कू, , , , के, को, ह.

प्राथमिकता के आधार पर कार्य करिए|सफलता की संभावना प्रबल हैं। यह समय आपके लिए आपके प्रयासों एवं उपकार की प्रतिष्ठा व पहचान पाने का हो सकता है। आप शत्रुओं पर विजय पाएँगे। नए मित्र भी बनाएँगे| मित्रों से सहयोग मिलेगा। प्रेम संबंध सुख पूर्ण रहेंगे। स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। आप निरोग आरोग्य स्वस्थ अनुभवके आनन्द कीअनुभूति करेंगे। कुल मिलाकर इस अवधि में आप सफल एवं प्रसन्न रहेंगे।

कर्क राशि (Cancer) – ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो.

आपको अपने व्यापार अथवा कार्यालय में साधारण दिनों से अधिक परिश्रम करना पड़ सकता है। स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दें। अनिद्रा की स्थिति एवं कार्य की चिंता भी हो सकती है। मानसिक रुप से आप थकान महसूस कर सकते हैं। अकर्मण्यता या आलस्य भी आप पर हावी हो सकता है। धार्मिक अथवा दान, पुण्य कार्य मे सफलता मिल सकती है। जनसम्पर्क से जुड़े वर्ग राजनेता, सामाजिक कल्याण, अभिकर्ता आदि को यश, सफलता एवं व्यस्तता की स्थितियाँ मिलने की संभावना है। घर व धन सम्बन्धी कठिनाइयाँ झेलनी पड़ सकती है।विशेष-महत्वपूर्ण कार्य,उपदेश एवं यात्रा के अपेक्षित परिणाम की सम्भावना अल्प है।

सिंह राशि (Leo) – मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे.

नारी वर्ग के लिए सुख बाधा योग हैं। बहुत ही परिश्रम से आजीविका का निर्वाह होगा। जो कनिष्ठ वरिष्ठ से परेशानी होगी। दांपत्य साथी से विवाद बढ़ सकता है। दांपत्य साथी के अस्वस्थ होने की संभावना है। प्रेम के क्षेत्र में अपमान अपयश कलश मिलेगा। कार्यालय में सुविधाएं प्राप्त होंगी। यात्रा योग प्रबल हैं। ज्योतिष की दृष्टि से यात्रा स्थगित रखना उचित होगा।

कन्या राशि (Virgo) – टो, , पी, पू, , , , पे, पो.

यह समय आपको अधिक धन उपार्जन व सम्पत्ति अर्जित करने में सहायक होगा। आपको लेनदारी या उधर दी गयी धनराशि भी प्राप्त हो सकती है।  व्यक्तिगत रुप से यह समय आपको प्रसन्नता, सुख व व्यक्तियों के साथ आनन्ददायक है। परिवार के सदस्यों का मेलमिलाप होगा। पुराने मित्रों के साथ पुनर्मिलन के भी सुअवसर हैं। विवाहित व्यक्तियों के दाम्पत्य सुख की पूर्ण संभावना है। इस समय आपको सुस्वादु भोजन व घर में समस्त सांसारिक सुख मिलने की संभावना है। नारी वर्ग के लिए सुख बाधा योग हैं।

तुला राशि (Libra) – रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते.

व्यापार में धन की प्राप्ति होगी। रोजगार में पद प्रतिष्ठा बढ़ेगी। शत्रु पराजित होंगे। जन सामान्य से विशेष सहयोग प्राप्त होगा। दांपत्य साथी का सुख बाधा है। संबंधियों से समाचार मिलेंगे। राज्य वर्ग व प्रशासनिक वर्ग विशेष सफल होंगे। नए उत्तरदायित्व भी प्राप्त हो सकते हैं।अकर्मण्यता अथवा ईर्ष्या की भावना से भी त्रस्त हो सकते हैं। निर्णय लेने में तथा दूसरों से व्यवहार के प्रति विशेष सतर्क रहें  आवेश में न आएँ।

वृश्चिक राशि (Scorpio) – तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू.

आपको शारीरिक सुख-साधन, उत्तम वस्त्र व सुगंध तथा अन्य इच्छित सांसारिक भौतिक सुख की वस्तुओं से सुख योग है । इस समय सर्वोत्तम मित्र व परिचित मिलेंगे। पारिवारिकजीवन में आम दिनों की तुलना में अधिक आनन्द होगा। प्रेम या दाम्पत्य जीवन में आप अपने साथी के प्रेम में वृद्धि या सहयोग, समन्वय की आशा कर सकते हैं। सौभाग्य, सुख व सम्मान इस दिन की विशेषता है। मन पसन्द इच्छित भोजन का आनन्द मिलने का योग है। आपको सुस्वादु मनचाहा भोजन, सुविधापूर्वक उपलब्ध होगा।

धनु राशि (Sagittarius) – ये, यो, , भी, भू, , , , भे.

दिन में असंतोष सा रहेगा। मन में उदारता एवं दया भावना की कमी होगी।अनपेक्षित स्थिति से क्रोध एवं विवाद की स्थिति बन सकती है। आकस्मिक अप्रिय स्थिति निर्मित होगी। महत्वपूर्ण कार्यों को टालना उचित होगा। खर्च बढ़ेगा। दैनिक कार्य सरलता से पूर्ण होंगे। सामान्यतः संमस्या नही आएगी।आपको भोजन भी इतना रुचिकर नहीं लगेगा।

मकर राशि (Capricorn) – भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, , गी.

घर ,कार्य स्थल के लिए भी यह समय सुख से परिपूर्ण है।आपको रुचि पूर्ण उत्तम भोजन, वस्त्र सुख योग है। आपके सामने आने वाली हर परिस्थिति निराकृत होगी। आज सम्पन्न किया गया हर कार्य आपको प्रसन्नता देगा। मन में पूर्ण संतोष का साम्राज्य रहेगा। मित्र एवं परचितों  के साथ अच्छा समय व्यतीत होगा। विजय पथ के पथिक होंगे आप।

कुंभ राशि (Aquarius)– गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, द.

निर्धारित लक्ष्य प्राप्त कर सकते हैं। इस विशेष समय में आपकी सामाजिक प्रतिष्ठा भी बढ़ेगी। स्वास्थ्य इस अवधि में सामान्यत: अच्छा रहेगा। इस अवधि में आपके अति उत्तम, सुस्वादु भोजन का आनन्द लेने की संभावना है। इस समय आप सत्ता मेंया शासन मेअधिकारों के सुख उपभोग हो सकते हैं। यदि आप कुछ नया करने की योजना बना रहे हैं तो यही उपयुक्त समय है।

मीन राशि (Pisces) – दी, दू, , , , दे, दो, चा, ची.

अच्छे लोगों से परिचय होगा कार्यों में सफलता मिलेगी। पद प्रतिष्ठा के अच्छे अवसर हैं। विद्या के क्षेत्र में यश पड़ेगा सफलता मिलेगी। राजनीति में गौरव तथा यश बढ़ेगा मित्र वर्ग से पूर्ण सहयोग मिलेगा। शासन या राज्य मैं आपके कार्य प्रगति पर रहेंगे। सज्जन वर्ग से विशेष सहयोग मिलेगा व्यापार में प्रगति होगी। समय का भाग्य बाधा के साथ सफलता योग हैं। प्रयास करने का सुझाव दिया जाता है।

आज का उपाय : नक्षत्र के मन्त्र से अनिष्ट प्रभाव में कमी से दिन सुख, शांति एवं सफलता में वृद्धि होती है :-

मंत्रविशाखा :

ॐ इन्द्रान्गी आगत गवं सुतं गार्भिर्नमो वरेण्यम।

अस्य पात घियोषिता। ॐ इन्द्रान्गीभ्यां नम:।

पौराणिक मंत्र :

इंद्राग्नीशुभदौ स्यातां विशाखा देवतेशुभेl

नमोम्ये करथारुढौ वराभयकरांबुजौl

नक्षत्र देवता मंत्र : ॐ इंद्राग्नीभ्यां नमः। विजय।

नक्षत्र मंत्र : ॐ विशाखाभ्यां नमःl

Om Indragniaagatamsutamgirbhirnamo

varenyamaspatamdhiyeshital

Om MitrayaNamah ll

 

*दही अवश्य उपयोग करना चाहिए ।

जैन मंत्र-

श्री सुविधिनाथ भगवान या श्री पुष्पदंत भगवान ।

ॐ ह्रीं शुक्र ग्रहारिष्ट निवारक-श्री पुष्पदन्त नाथ जिनेन्द्राय नम:

सर्व शांतिं कुरु कुरु स्वाहा।।

मम (अपना नाम) दुष्ट ग्रह रोग कष्ट निवारणं सर्वशांतिं कुरू कुरू हूँ फट् स्वाहा।

- ब्रह्माण्डपुराण मन्त्र

दैत्य मन्त्री गुरुस्तेषां प्राणदश्च महामति:।

प्रभु: तारा ग्रहाणां च पीडां हरतु मे भृगु: ।।

दैत्यों के मंत्री और गुरु तथा उन्हें जीवनदान देने वालेतारा ग्रहों के स्वामी

महान् बुद्धिसंपन्न शुक्र मेरी पीड़ा को दूर करें ।।

वैदिक ऋचा - ॐ अन्नात्परिस्त्रुतो रसं ब्रह्मणा व्यपित्क्षत्रं पय: सोमं प्रजापति:। ऋतेन सत्यमिन्द्रियं विपानं  शुक्रमन्धस इन्द्रस्येन्द्रियमिदं पयोऽमृतं मधु।। (यजु. 19।75)

- तैलाभ्यंग ,पितृकर्म, दातुन, आवागमन, काष्ठकर्म आदि कार्य वर्जित हैं.

कार्य के पूर्व  एवं घर से प्रस्थान पूर्व  -कार्तिकेय की पूजा ( मनुष्य श्रेष्ठ मेधावी, रूप संपन्न, ,दीर्घायु )

जिनके नाम अ,च,ल,न,य,स,ग, अक्षरसे प्रारंभ हो वे बाधा नाश के लिए ।

-नीम उत्पाद,( दातुन)प्रयोग ,तैलाभ्यंग ,पितृकर्म,दातुन,आवागमन,काष्ठ-कर्म आदि कार्य वर्जित हैं.।

- स्वर्ण जल भोजन में शामिल करे ।

कार्य के पूर्व  एवं घर से प्रस्थान पूर्व   मन्त्र-ॐ कार्तिकेभ्य नम: ।

इन्द्राग्नी तविषाणि वां सधस्थानि प्रयांसि च । युवोरप्तूर्यं हितम् ॥ऋग्वेद-03.08.12

(जो वायु और बिजुली के संयोग के समान परस्पर सेना और सेना के स्वामी प्रेमभाव से विरोध छोड़ के वर्त्ताव करें, तो संपूर्ण मनोरथ सिद्ध हों ॥८)भावार्थ -दयानद सरस्वती ।

ॐ इन्द्रान्गीभ्यां नम: । ॐ विशाखाभ्यां नमःl

*

 

 

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