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1सित- भविष्य,उपाय(जैन मन्त्र)

 

1सित- भविष्य,उपाय(जैन मन्त्र)

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                विक्रम संवत- 2079, -सूर्य दक्षिणायण,चातुर्मास; शरद ऋतु

भाद्रपद शुक्लपक्ष,

तिथि – पंचमी 14:49 तक ,स्वाति ,तुला राशि -चंद्र;

- कार्य का शुभ समय-रात्रि 00:06 से  ,

व्रत,पर्व-ऋषि पंचमी ,नारियल दिवस,रक्षा पंचमी .

रूद्र अभिषेक-(संध्या या उसके उपरांत शीघ्र फल प्रद )

14:49 तक सुख सौभाग्य प्रद ; 14:50 के पश्चात् सर्व कामना पूरक .

नक्षत्र में जन्म वालो का दिन शुभ रहेगाभरणी,रोहिणी,आर्द्रा,पुनर्वसु अश्लेशा पूर्वाफाल्गुनी हस्त ,स्वाती

,

विशाखा

,

ज्येष्ठा

,

पूर्वाषाढा

,

श्रवण, शतभिषा, पूर्व भाद्रपद, रेवती

*-जन्म राशी शुभ होने पर  किये जाने वाले कार्य-

अनुष्ठान,पूजा,दान,,निर्णय,महत्वपूर्ण प्रपत्र पर हस्ताक्षर ,मीटिंग,

जन सम्पर्क, चिकित्सा,रोग,जोखिम कार्य.

*

राशी भविष्य-ज्ञात कर ,दैनिक कार्य- को प्राथमिकता

-       दैनिक राशिफल (Daily Horoscope)

12 राशी भविष्य-

मेष राशि (Aries) – चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ.

दांपत्य जीवन के सुख में वृद्धि होगी .पुत्र एवं पुत्री के द्वारा पूर्ण सहयोग प्राप्त होगा. कार्यालय में अनुकूल परिस्थितियां रहेंगे. व्यापार में लाभ की स्थिति रहेगी. नए कार्य या उत्तरदायित्व मिल सकते हैं. स्वास्थ्य उत्तम रहेगा. नए कार्य के श्री गणेश के लिए उत्तम अवसर है. संतान आपके जीवन के सुख में और अधिक वृद्धि करेगी.

वृष राशि (Taurus) – , , , , वा, वी, वू, वे, वो.

प्राथमिकता के आधार पर कार्य करिए. सफलता की संभावना प्रबल हैं. यह समय आपके लिए आपके प्रयासों एवं उपकार  की प्रतिष्ठा व पहचान पाने का हो सकता है. आप शत्रुओं पर विजय पाएँगे. नए मित्र या परिचय के अवसर हैं. मित्रों से सहयोग मिलेगा. प्रेम संबंध सुख पूर्ण रहेंगे.  स्वास्थ्य अच्छा रहेगा. आप नीरोग काया का आनन्द उठाएँगे. कुल मिलाकर इस अवधि में आप सफल एवं प्रसन्न रहेंगे.

मिथुन राशि (Gemini) – का, की, कू, , , , के, को, ह.

आपको अपने व्यापार अथवा कार्यालय में साधारण दिनों से अधिक परिश्रम करना पड़ सकता है. स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दें. अनिद्रा की स्थिति एवं कार्य की चिंता भी हो सकती है. मानसिक रुप से आप थकान महसूस कर सकते हैं. अकर्मण्यता या आलस्य भी आप पर हावी हो सकता है. धार्मिक अथवा दान , पुण्य कार्य मे सफलता मिल सकती है. जनसम्पर्क से जुड़े वर्ग राजनेता, सामाजिक कल्याण, अभिकर्ता आदि  को यश, सफलता एवं व्यस्तता की स्थितियाँ मिलने की संभावना है.

कर्क राशि (Cancer) – ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो.

आपको हानि हो सकती है. धन व्यय करने पर नियंत्रण रखें. स्वास्थ्य का अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है. निराशा जीवन को अकर्मण्य बना सकती है. व्यवहार मे विशेष सावधान रहें . आपकी सामाजिक अप्रतिष्ठा संभव है. कार्यालय में अहम को ठेस पहुच सकती है.विशेष-महत्वपूर्ण कार्य,उपदेश एवं यात्रा के अपेक्षित परिणाम की सम्भावना अल्प है.

सिंह राशि (Leo) – मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे.

यह समय आपको अधिक धन उपार्जन व सम्पत्ति अर्जित करने में सहायक होगा. आपको लेनदारी या उधर दी गयी धनराशि भी प्राप्त हो सकती है. व्यक्तिगत रुप से यह समय आपको प्रसन्नता, सुख व व्यक्तियों के साथ आनन्ददायक है. परिवार के सदस्यों का मेलमिलाप होगा. पुराने मित्रों के साथ पुनर्मिलन के भी सुअवसर हैं. विवाहित व्यक्तियों के दाम्पत्य सुख की पूर्ण संभावना है. इस समय आपको सुस्वादु भोजन व घर में समस्त सांसारिक सुख मिलने की संभावना है. स्वास्थ्य उत्तम रहेगा. आप मानसिक रुप से प्रसन्न व शान्तचित्त रहेंगे. व्यापार के लिए लाभदायक विशेष  रहेगा. राजनीतिक क्षेत्र से जुड़े वर्ग के लिए उत्तम दिन है.

कन्या राशि (Virgo) – टो, , पी, पू, , , , पे, पो.

आर्थिक दृष्टि से यह समय कठिनाइयों से परिपूर्ण है. खर्चे बढ़ेंगे. अपनी धन सम्पदा का ध्यान रखें मित्रों से सहयोग मिलेग. प्रेम संबंध सुख पूर्ण रहेंगे. अपने द्वारा किए जा रहे व्यवहर एवं कार्यों के प्रति विशेष सचेत रहें. मित्रों से सहयोग मिलेगा. प्रेम संबंध सुख पूर्ण रहेंगे. आप रोग या शरीर कष्ट संभव है. कुल मिलाकर इस अवधि में आप सफल एवं प्रसन्न रहेंगे. संभव है आपको मनवांछित फल न मिले. स्वास्थ्य की ओर ध्यान देने की आवश्यकता है.

तुला राशि (Libra) – रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते.

किसी भी नए कार्य, निर्णय या परामर्श देना उचित नहीं होग. यात्रा स्थगित रखें. दैनिक कार्यों में ही रुचि लें नए कार्यों को नहीं करना चाहिए. अच्छे समाचार मिलेंगे| मान सम्मान एवं स्वास्थ्य उत्तम रहेग. कार्यों की प्रगति से संतोष मिलेगा. परिवार एवं परिचितों से सहयोग प्राप्त होगा. आर्थिक स्थिति उत्तम रहेगी. व्यापारिक लाभ होगा .यश प्रताप बढ़ेंगे. कार्यों में सफलता सरलता से मिलेगी. गृह सुख उत्तम भोजन एवं दांपत्य साथी का पूर्ण सहयोग मिलेगा. स्त्रियों से मित्रता बढ़ेगी. आपको सुस्वादु मनचाहा भोजन, सुविधापूर्वक उपलब्ध होगा.

वृश्चिक राशि (Scorpio) – तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू.

विशेष रुप से धन की हानि, व्यय या विनियोजन के योग  है. अपने व्यय पर विशेष ध्यान देने रखें. आप लोगों से व्यवहार के प्रति विशेष सतर्क रहें. इन दिनों आप कोई परामर्श,बीच वचाव या विवाद में भी न पड़ें. व्यर्थ में झगड़े की संभावना है. असावधानी अहम को  ठेस पहुँचा सकती है. कार्यालय में बाधाएं आ सकती हैं. आप घबरायें नही, क्योंकि ये शीघ्र ही निकल जाएंगी.

धनु राशि (Sagittarius) – ये, यो, , भी, भू, , , , भे.

चन्द्रमा की गोचर गति लक्ष्यों की प्राप्ति व प्रयासों में सफलता दर्शा रही है. आपकी  ख्याति एवं यश,प्रतिष्ठा वृद्धि का समय हैं. यह दिन धन की दृष्टि से भी सौभाग्यपूर्ण है. बकाया राशि की प्राप्ति योग हैं. व्यवसाय मे धन/लाभ के अच्छे अवसर मिलने के योग हैं. प्रयास के परिणाम अपेकषा के अनुकूल ही रहेंगे. आर्थिक लाभ की आप आशा कर सकते हैं. विशेष : आज दिन मे विवाद, व्यय, यात्रा कष्ट, असफलता का समय-18:30-23:00 बजे तक.

मकर राशि (Capricorn) – भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, , गी.

यह माह का अच्छा समय है. यह समय इच्छापूर्त्ति, लक्ष्यप्राप्ति का है. सांसारिक व भौतिक सुख प्राप्त करने का है. नयी योजना निर्माण एवं कार्य प्रारम्भ के लिए सर्वोत्तम समय है. सफलता निश्चित है. ग्रहों के अनुकूल होने के कारण आप व आपका परिवार सामान्य रुप से सुखी रहेंगे. यह समय आपके कार्यस्थल के लिए भी शुभ है. आप सम्मान, पदोन्नति एवम् प्रशंसा की आशा कर सकते हैं. निर्धारित लक्ष्य प्राप्त कर सकते हैं.

कुंभ राशि (Aquarius)– गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, द.

अच्छे लोगों से परिचय होगा कार्यों में सफलता मिलेग. पद प्रतिष्ठा के अच्छे अवसर हैं. विद्या के क्षेत्र में यश पड़ेगा सफलता मिलेगी. राजनीति में गौरव तथा यश बढ़ेगा मित्र वर्ग से पूर्ण सहयोग मिलेगा. शासन या राज्य मैं आपके कार्य प्रगति पर रहेंगे. सज्जन वर्ग से विशेष सहयोग मिलेगा व्यापार में प्रगति होगी. समय का भाग्य बाधा के साथ सफलता योग हैं. प्रयास करने का सुझाव दिया जाता है.

मीन राशि (Pisces) – दी, दू, , , , दे, दो, चा, ची.

किसी शुभ समाचार की आशा मत कीजिए. सूचना भी सत्यता से परे हो सकती हैं ,ध्यान नहीं देना चाहिए. यह रोजमर्रा के जीवन में परेशानियों व बाधाओं का दिन है.आर्थिक दृष्टि से भी यह काल लाभ पूर्ण नहीं है. आपको धन वसूली में कठिनाई आ सकती है. अपने उच्चाधिकारी से कार्यालय में या रोजगार स्थल पर किसी भी प्रकार की असहमति अथवा विवाद से बचें. स्वास्थ्य के प्रति सतर्क रहें. पाचन तंत्र व श्वसन तंत्र  में समस्या हो सकती है. बाजार के काम, परामर्श देना, यात्रा, नए कार्य प्रारंभ करना उचित नही होगा.

*

                          भविष्य प्रचलित नाम से अशुभ –

(यात्रा,गृह,प्रवेश,व्यवहारिक-कार्य,ज्वाइनिंग,आवेदन,परामर्श देना,जोखिम,विवाद हितकर नहीं होगा .)

-      नाम के  प्रथम  कम्पनी,स्थान का नाम सुख बाधक सकता है

-     -- ह,ड,न.य.द,च, । शेष समस्त नाम अक्षर हेतु उत्तम रहेगा l कर्क,वृश्चिक,मीन  रशिवालो को बाधा नाश के लिए तिथि दोष के उपाय चाहिये ।

- For those with the first letter of the name (name of person, thing, company, place), the day can prove to be a hindrance to expenses, busyness, disputes, or happiness.

- H, D, Ch, N.Y.F, and Rest all names will be good for alphabets.

*

- वायुदेव पूजित होने पर संतुष्ट हो परम शक्ति प्रदान करते हैं.

आज पूज्य नक्षत्र वृक्ष (जल,खाद,आवश्यक पोषण )-: अर्जुन; , प्राणी को भोजन --: भेस; ;

‘ऋग्वेद’ (1.90.9- ‘नमस्ते वायो, त्वमेव प्रत्यक्ष ब्रहमासि, त्वामेव प्रत्यक्षं ब्रह्म वदिष्यामि।’ ‘तन्मामवतु’-(वायु को नमस्कार है, आप प्रत्यक्ष ब्रह्म है, मैं तुमको ही प्रत्यक्ष ब्रह्म कहूंगा। आप हमारी रक्षा करें।)

-पवन देवताय: नम। ॐ वायव नम: । ॐ वायवे नमःl ॐ स्वात्यै नमःl

*

-स्नान जल मे मिला नदी या तीर्थ जल,-चमेली पुष्प,सफेद या

पीली सरसों ,गूलर ,मुलेठी ,मिला कर स्नान करे ।

2-- दान-

पीला अनाज ,चना,शकरपीले पुष्प .हल्दी,केसर।

पीला वस्त्र पीला फल पपीता केला आदि दान करे।

3-दान किसको दे -

गुरु,ज्ञानी पुरुष,ब्राह्मण या ज्ञान,शिक्षा कर्म करने वाले को या

शिक्षण संस्था,शिक्षक,विष्णु,कृष्ण,राम मंदिर मे दान करना चाहिए ।

3- प्रस्थान पूर्व खाएं–––दही curd,जीरा । वैदिक मन्त्र - ॐ बृहस्पते अति यदर्यो अर्हाद् द्युमद्विभाति क्रतुमज्जनेषु। यद्दीदयच्छवस ऋतुप्रजात तदस्मासु द्रविणं धेहि चित्रम्।। (यजु. 26।3) एक बार ॥

या पौराणिक मंत्र -108 बारॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरूवे नमः ॥

जैन मंत्र-

ॐ ह्रीं णमो आयरियाणं  ।ॐ ह्रीं गुरु ग्रहारिष्ट निवारक श्री महावीर जिनेन्द्राय नम: -देवमन्त्री विशालाक्ष: सदा लोकहिते रत:।अनेक शिष्य सम्पूर्ण: पीडां हरतु मे गुरु: ।।सर्वशांतिं कुरु कुरु स्वाहा।मम (.अपना नाम ) दुष्ट ग्रह रोग कष्ट निवारणं सर्वशांतिं कुरू कुरू हूँ फट् स्वाहा।

ब्रह्माण्डपुराण मन्त्र-

-देवमन्त्री विशालाक्ष: सदा लोकहिते रत:।

अनेक शिष्य सम्पूर्ण: पीडां हरतु मे गुरु: ।।

सर्वदा लोक कल्याण में निरत रहने वालेदेवताओं के मंत्रीविशाल नेत्रों वाले

तथा अनेक शिष्यों से युक्त बृहस्पति मेरी पीड़ा को दूर करें ।।

*

ऋण देना वर्जित है.

उपाय कौन अवश्य करे -वृष,कन्या,मीन राशी के लिए उपाय  ,उपयोगी होंगे ।

वर्जित - फल ,खट्टे पदार्थ; मूली, करेला, बेल फल,फल , तेल व्यंजन उत्पाद का प्रयोग नहीं करे ।

उपयोग करे - हविष्य (अग्नि को अर्पित भोजन का शेष )भोजन में शामिल करे ।

घर से प्रस्थान पूर्व एवं कार्य के पूर्व  एवं घर से प्रस्थान पूर्व     - नाग की पूजा करने से विष का भय नहीं रहता.स्त्री और पुत्र सुख प्राप्त होते हैं और लक्ष्मी भी प्राप्त होती है।

 मन्त्र -

अनन्तं वासुकिं शेषं पद्म नाभं च कम्बलं,शन्ख पालं ध्रूतराष्ट्रं च तक्षकं कालियं तथा

एतानि नव नामानि ।

*

भाद्रपद माह

 प्रयोग ना करें-  दही,उड़द ,मसूर, चना ,परवल ,लौकी ,भिंडी ,करेला ,बैंगन ,फ्राई अरबी, जिमीकंद कुंदरु ,ककड़ी ,नया आलू ,गाजर ,मूली ,चुकंदर ,फूल गोभी ,पत्ता गोभी ,पालक ,तरबूज, खरबूजा, पपीता पोदीना, हरी मिर्च ,हरा धनिया ,अदरक ,इमली ,जावित्री ,मूंगफली का तेल ,रिफाइंड तेल, श्रीखंड दही लस्सी ,गन्ना ,काजू ,पिस्ता

********************************

उक्त आलेख

-देश देशांतर के सुप्रसिद्ध ज्योतिषी पंडित वी.के.तिवारी द्वारा सृजित

(अनेक सम्मान उपाधि 1976-1990 तक)

(85+ebooks,3books+10.000 लेख ,कविता-प्रकाशित,प्रसारित;साप्ताहिक हिंदुस्तान में भविष्यवाणी ,नवनीत हिंदी डाइजेस्ट-भारतीय विद्या भवन मुंबई  -भविष्य फल मासिक-1980से 2000तक)

सम्पर्क -कुंडली निर्माण ,भाग्यशाली रत्न ,जाब,केरियर , (Dakshina500/).

- कुंडली मिलान 05 नाडी नारद सिद्धांत ,D9 ,नक्षत्र चरण 30बिन्दु पर.08 pages

jyotish9999@gmail.com-9424446706-Sun city Bangaluru

 

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विवाह में विलंब विवाह के लिए कात्यायनी पूजन । 10 oct - 18 oct विवाह में विलंब - षष्ठी - कात्यायनी पूजन । वैवाहिक सुखद जीवन अथवा विवाह बिलम्ब   या बाधा को समाप्त करने के लिए - दुर्गतिहारणी मां कात्यायनी की शरण लीजिये | प्रतिपदा के दिन कलश स्थापना के समय , संकल्प में अपना नाम गोत्र स्थान बोलने के पश्चात् अपने विवाह की याचना , प्रार्थना कीजिये | वैवाहिक सुखद जीवन अथवा विवाह बिलम्ब   या बाधा को समाप्त करने के लिए प्रति दिन प्रातः सूर्योदय से प्रथम घंटे में या दोपहर ११ . ४० से १२ . ४० बजे के मध्य , कात्ययानी देवी का मन्त्र जाप करिये | १०८बार | उत्तर दिशा में मुँह हो , लाल वस्त्र हो जाप के समय | दीपक मौली या कलावे की वर्तिका हो | वर्तिका उत्तर दिशा की और हो | गाय का शुद्ध घी श्रेष्ठ अथवा तिल ( बाधा नाशक + महुआ ( सौभाग्य ) तैल मिला कर प्रयोग करे मां भागवती की कृपा से पूर्वजन्म जनितआपके दुर्योग एवं   व्यवधान समाप्त हो एवं   आपकी मनोकामना पूरी हो ऐसी शुभ कामना सहित || षष्ठी के दिन विशेष रूप से कात्यायनी के मन्त्र का २८ आहुति / १०८ आहुति हवन करिये | चंद्रहासोज्

कलश पर नारियल रखने की शास्त्रोक्त विधि क्या है जानिए

हमे श्रद्धा विश्वास समर्पित प्रयास करने के बाद भी वांछित परिणाम नहीं मिलते हैं , क्योकि हिन्दू धर्म श्रेष्ठ कोटी का विज्ञान सम्मत है ।इसकी प्रक्रिया , विधि या तकनीक का पालन अनुसरण परमावश्यक है । नारियल का अधिकाधिक प्रयोग पुजा अर्चना मे होता है।नारियल रखने की विधि सुविधा की दृष्टि से प्रचलित होगई॥ मेरे ज्ञान  मे कलश मे उल्टा सीधा नारियल फसाकर रखने की विधि का प्रमाण अब तक नहीं आया | यदि कोई सुविज्ञ जानकारी रखते हो तो स्वागत है । नारियल को मोटा भाग पूजा करने वाले की ओर होना चाहिए। कलश पर नारियल रखने की प्रमाणिक विधि क्या है ? अधोमुखम शत्रु विवर्धनाए , उर्ध्वस्य वक्त्रं बहुरोग वृद्ध्यै प्राची मुखं वित्त्नाश्नाय , तस्माच्छुभम सम्मुख नारिकेलम अधोमुखम शत्रु विवर्धनाए कलश पर - नारियल का बड़ा हिस्सा नीचे मुख कर रखा जाए ( पतला हिस्सा पूछ वाला कलश के उपरी भाग पर रखा जाए ) तो उसे शत्रुओं की वृद्धि होती है * ( कार्य सफलता में बाधाएं आती है संघर्ष , अपयश , चिंता , हानि , सहज हैशत्रु या विरोधी तन , मन धन सर्व दृष्टि से घातक होते है ) उर्ध्वस्य वक्त्रं बहुरोग वृद्ध्यै कलश पर -