16August – आज के उपाय-पूजा,दान,मन्त्र भोजन Today auspicious time, worship, charity, mantra food etc.
16August – आज के उपाय-पूजा,दान,मन्त्र भोजन आदि (जैन एवं सनातन धर्म मन्त्र,भोजन पदार्थ वर्जित )
राशियों के लिए दिन
में शुभ समय किसी कार्य को करने के लिए –
संदर्भ ग्रन्थ-मुहूर्त गणपति के
सूत्र के अनुसार गणना.
- कार्य प्रारंभ शुभ योग स्थूल -*-21:17
se ;
- सर्व श्रेष्ठ (लग्न) सूक्ष्म मुहूर्त
कार्य आरंभ के लिए –
(ग्रन्थ-मुहूर्त
चिंतामणि के सूत्र अनुसार गणना)-
A5- शुभ मुहूर्त अवधि 06:21-07:59 बजे तक -सिंहस्थिर कार्य लग्न एवं होर
रोजगार,वस्तु
क्रय विक्रय,प्रवेश, दुकान, नौकरी,, आभूषणनिर्माणमंगल
कार्य , रस ,रस, गन्ना, ।
मकर राशि राशि छोड़ कर,शेष
सभी राशियों के लिए उपयुक्त|
A6- शुभ मुहूर्त अवधि 08:21-10:15बजे तक:कन्या लग्न एवं होरा-अस्थिर एवं स्थिर
कार्य
ज्ञान, विद्यारंभ, आभूषण बनवाना, समस्त
औषधि निर्माण शिक्षा समस्त मंगल कार्य।
मिथुन,तुला कुम्भ राशि छोड़ कर,शेष सभी राशियों के लिए उपयुक्त|
A8- शुभ मुहूर्त अवधि 13:00-14:52 बजे तक -वृश्चिक स्थिर लग्न एवं होरा-
तिलक ,टीका
,नौकरी ज्वाइन ,गोपनीय
कार्य, कड़वी औषधि आदि।।
मेष,धनु,मकर
राशि छोड़ कर,शेष सभी राशियों के लिए उपयुक्त|
A9- शुभ मुहूर्त अवधि 15:1716:52-बजे तक -धनु लग्न एवं होरा-अस्थिर एवं स्थिर
कार्य-
- धनु लग्न एवं होरा-अस्थिर एवं स्थिर
कार्य-
पशुओं से संबंधित, कृषि, यज्ञ
समस्त शुभ - मंगल कार्य।
धनु, कुम्भ, वृष राशि छोड़ कर,शेष सभी
राशियों के लिए उपयुक्त|,
A11- शुभ मुहूर्त अवधि 19:04-20:18 बजे तक –कुंभ स्थिर कार्य लग्न एवं होरा -
कार्य सूचि -व्यापार, कृषि, जल-यात्रा,भूमि,Project,नए
नियम,शिलान्यास,जनहित
कार्य|
कर्क राशि राशि छोड़ कर,शेष
सभी राशियों के लिए उपयुक्त|
A12- शुभ मुहूर्त अवधि 07:21बजे तक -मीन
लग्न एवं होरा-अस्थिर +स्थिरकार्य
-तिलक वस्त्र अलंकार -बनवाना धारण करना
एवं मंगल,शुभ कार्य |
सिंह,राशि छोड़ कर सभी राशि के लिए उपयुक्त|
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1-जटामांसी ,मौलश्री लाल पुष्प जल मे मिला कर स्नान करे ।।
2-दान-गुड,मसूर तांबा
,लाल चन्दन युवा पुरुष,
रक्षक,कनेर
लाल पुष्प ।
3-दान किसे दे – युवा अवश्यक -लाल
बैल,युवा लड़का,कष्ट्रीय,सुरक्षा कर्मी,चौकीदार
को दे।।
4- घर से प्रस्थान पूर्व क्या खाएं–––कांजी
।या मसूर की दालके कुछ दाने पृथ्वी पर
छोड़े
जैन धर्म मंत्र-
ॐ ह्रीं णमो सिद्धाणं ।
ॐ ह्रीं मंगल ग्रहारिष्ट निवारक श्री वासु
पूज्यजिनेन्द्राय नम।
सर्व शांतिं कुरु कुरु स्वाहा।
मम (..अपना नाम ) दुष्ट ग्रह रोग कष्ट
निवारणं सर्व शांतिं कुरू कुरू हूँ फट् स्वाहा।
ब्रह्माण्डपुराण मन्त्र-अनुभूत त्वरित
प्रभावी-
भूमिपुत्रो महातेजा जगतां भयकृत् सदा।
वृष्टि कृद् वृष्टि हर्ता च पीडां हरतु
में कुज: ।।
भूमि के पुत्रमहान् तेजस्वीजगत् को भय
प्रदान करने वालेवृष्टि करने वाले
तथा वृष्टि का हरण करने वाले मंगल
(ग्रहजन्य) मेरी पीड़ा का हरण करें ।।
वेद मन्त्र भौम-
ॐ अग्निमूर्धा दिव: ककुत्पति: पृथिव्या
अयम्।
अपां रेतां सि जिन्वति।। (यजु. 3।12)
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तिथि में किसी
को ऋण देना वर्जित है.
उपाय कौन अवश्य
करे -वृष,कन्या,मीन राशी के लिए
उपाय ,उपयोगी
होंगे ।
वर्जित - फल ,खट्टे
पदार्थ; मूली, करेला, बेल फल,फल , तेल व्यंजन उत्पाद
का प्रयोग नहीं करे ।
उपयोग करे - हविष्य (अग्नि को अर्पित भोजन का शेष )भोजन
में शामिल करे ।
घर से प्रस्थान
पूर्व एवं कार्य के पूर्व एवं घर से
प्रस्थान पूर्व - नाग की पूजा
करने से विष का भय नहीं रहता.स्त्री और पुत्र सुख प्राप्त होते हैं और लक्ष्मी भी
प्राप्त होती है।
मन्त्र
-
अनन्तं वासुकिं
शेषं पद्म नाभं च कम्बलं,शन्ख
पालं ध्रूतराष्ट्रं च तक्षकं कालियं तथा
एतानि नव नामानि ।
-रेवती नक्षत्र
--वृश्चिक राशी / नाम न,य,से प्रारंभ हो के लिए विशेष उपयोगी
उपाय हैं ।-
पालन
पोषण के प्रयास- प्रयोग ,उपयोगी कामना पूरक एवं विघ्न नाशक होंगे; प्राणी को भोजन
-- : गज,हाथी ; तत्व प्रयोग या स्पर्श या
प्रयोग -: जल
- श्वेत पुष्प अर्पण ।
ॐ श्री पूषन
नम:।स्वस्ति न इन्द्रो वृद्धश्रवाः स्वस्ति नः पूषा विश्ववेदाः ।
.अगणित स्तुतियों
के योग्य और सर्वज्ञ पूषा हमारा कल्याण करें।
ॐ पूषणे नम: । ॐ रेवत्यै नमः।
24 जुलाई से उत्तरोत्तर अतिवर्षा योग प्रबल .
- (12 जुलाई अंक ज्योतिष के लेख के अंश की पुनरावृत्ति)
- प,ज,ठ,इ,उ,ए, ब,व,ख,क,घ,छ, अक्षर से प्रारंभ नाम के व्यक्ति,वस्तु,स्थान,संस्थान,
के लिए आलोचना,आरोप,अपयश,विरोध,हानि,व्यय ,कष्ट ,पराजय के योग19
सितम्बर तक हैं .
-सूर्य,मंगल ,विशेष हानिप्रद ,केवल अ.ल.च.न.य.
को गुरु की पूर्ण कृपा मिल रही है.
-अ.ल.च को गुरु के साथ ,शनि भी पूर्ण सहयोग कर रहा है इसलिए इनको प्रसिद्धि एवं सफलता देने के लिए 2 ग्रह कटीबद्ध है . ये ख्याति एवं उच्च सफलता प्राप्त कर सकते हैं .तथापि विवादस्पद स्थिति , आलोचना,आरोप,अपयश,विरोध,हानि,व्यय ,कष्ट तो होगा ही .
* राहुकाल एवं होरा उल्लेख नहीं – प्रत्येक स्थान में पृथक 2 समय .-चौघडिया-चार घटी-01.36 घंटेकी होती है. 01:30 घंटे की नही, 06:00 बजे से शुद्ध नहीं.प्रयोग योग्य नहीं.
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