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राशिफल19 जनवरी -17:47:37 PM से 21 जनवरी 2020 23:43:45 PM





राशिफल19 जनवरी -17:47:37 PM से 21 जनवरी 2020 23:43:45 PM
मेष
  सांगोपांग / प्रत्येक दृष्टि से बाधक,समय को शांति पूर्वक निकालिए | सफलता का सूर्योदय निकट ही है | विचलित न हो  |
यह चिन्तापूर्ण समय है अत: किसी शुभ समाचार की आशा मत कीजिए । यह रोजमर्रा के जीवन में परेशानियों व बाधाओं का द्योतक है । दुखद घटनाएँ व खतरे भी हो सकते हैं ।  आर्थिक दृष्टि से भी यह काल चुन्नौतीपूर्ण है । आपको धन वसूली में कठिनाई आ सकती है एवम् लाभप्रद व अच्छे कार्यों को बन्द करने की भी संभावना है । अपने वरिष्ठ व उच्चाधिकारी से कार्यालय में मधुर सम्बन्ध रखें क्योंकि आप उनकी नजरों में गिरना नहीं चाहते । उनसे किसी भी प्रकार की असहमति अथवा विवाद से बचें ।  स्वास्थ्य की ओर ध्यान देने की भी आवश्यकता है । स्वास्थ्य के प्रति सतर्क रहें क्योंकि पाचन तंत्र व श्वसन तंत्र में समस्या हो सकती है । व्यर्थ की चिन्ता व भय को पास न फटकने दें क्योंकि इनसे मानसिक तनाव उत्पन्न हो सकता है । अच्छे भोजन का लोभ संवरण करने का प्रयत्न करें । इपने जीवन के प्रति कोई खतरा मोल न लें ।
दिनांक 20-राजनेता, अभिकर्ता Agent वर्ग हेतु,यात्रा, नए कार्य का शुभारंभ , महत्वपूर्ण दस्तावेज पर हस्ताक्षर, बैठक , विचार-विमर्श, या विवादास्पद मामलों मे सुझाव , उद्घोषणा आदि स्थगित रखना उचित होगा |
वृष
इस अवधि में चन्द्रमा आपके सातवें भाव में होता हुआ गोचर करेगा । इस समय जीवन में कुछ सकारात्मक परिवर्तन होंगे । यह समय सुख व कार्यों में सफलता का द्योतक है ।  आर्थिक दृष्टि से भी यह समय आपके लिए शुभ है । आपको सट्टे में
अपने कार्य में) लाभ हो सकता है या अटका हुआ पैसा पुन: प्राप्त हो सकता है । यदि आप कोई वाहन खरीदने की सोच रहे हैं तो यही उचित समय है । यह खगोलीय गति सम्मान, सांसारिक सुख व सुस्वादु भोजन का आनन्द मिलने का सूचक है ।  यह अवधि आपको शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने में भी सहायक होगी । इसके अतिरिक्त नए मित्र, विशेषकर विपरीत लिंग वाले मित्र बनाने हेतु यह समय अनुकूल है । दाम्पत्य जीवन में सुख रहेगा और आपको अपने जीवनसाथी के साथ आमोद-प्रमोद के अवसर भी मिलेंगे । संतान आपके जीवन के सुख में और अधिक वृद्धि करेगी । वर्ष की इस अवधि में स्वास्थ्य अच्छा रहेगा । मन की शान्ति पुन: प्राप्त होगी । आप स्वयं अपने आप में व परिवार के साथ शान्ति अनुभव करेंगे ।

मिथुन
प्रयासो के सुपरिणाम अवश्य ही मिलेंगे  | उदर कष्ट संभव है | रोजगार,व्यवसाय मे आशा के अनुरूप सफलता की प्रबल संभावनाएं है | शत्रु वर्ग को नीचा दिखने का उत्तम अवसर है |
यह समय आगे बढ़ कर लक्ष्य को पकड़ लेने का है क्योंकि आप सफल हो सकते हैं । यह समय आपके लिए आपके हिस्से की प्रतिष्ठा व पहचान पाने का हो सकता है । आप शत्रुओं पर विजय पाएँगे, नए मित्र भी बनाएँगे, विशेष रुप से विरीत लिंग वालों को ।  स्वास्थ्य अच्छा रहेगा और आप नीरोग काया का आनन्द उठाएँगे । कुल मिलाकर इस अवधि में आप प्रसन्न रहेंगे । 
दिनांक 20-राजनेता, अभिकर्ता Agent वर्ग हेतु,यात्रा, नए कार्य का शुभारंभ , महत्वपूर्ण दस्तावेज पर हस्ताक्षर, बैठक , विचार-विमर्श, या विवादास्पद मामलों मे सुझाव , उद्घोषणा आदि स्थगित रखना उचित होगा |
कर्क
कुछ मिले जुले नकारात्मक विरोधी) परिणाम आते हैं यदि आप व्यापारी हैं तो जो भी लाभप्रद लेन-देन है । उसे सम्पन्न करने में कुछ कठिनाइयाँ आ सकती हैं । यदि आप विदेश जाने की योजना बना रहे हैं तो यात्रा हेतु हरी झंडी मिलने से पहले आपको कुछ बाधाएं पार करनी होंगी ।  अपने कार्य इच्छानुसार पूरे न कर पाने के कारण आप मानसिक रुप से अशांत रहेंगे । जो भी हो आपको इस कटु सत्य को झेलना ही पड़ेगा जबकि आपके मित्रों को मनचाही सराहना मिलेगी, और इस सबसे आप और भी त्रस्त होंगे ।  वित्तीय दृष्टि से भी अपके लिए ये कठिन समय है । आप कुछ रुपया गँवा सकते हैं अथवा आपको हानि हो सकती है अत: धन व्यय करने पर नियंत्रण रखें ।  स्वास्थ्य की ओ सदा से अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है । आप पेट की समस्याओं अथवा हवा में व्याप्त कीटाणुओं के संक्रमण से बीमार हो सकते हैं । निराशा जीवन को अकर्मण्य अथवा सुस्त बना सकती है ।  विशेष सावधानी रहें व कुछ ऐसा न करें जिससे आपकी सामाजिक प्रतिष्ठा अथवा कार्यालय में सम्मान कम हो । 
दिनांक 20,21-प्रशासकीय ,राजनेता, वर्ग हेतु,यात्रा, नए कार्य का शुभारंभ , महत्वपूर्ण दस्तावेज पर हस्ताक्षर, बैठक , विचार-विमर्श, या विवादास्पद मामलों मे सुझाव , उद्घोषणा आदि स्थगित रखना उचित होगा |

सिंह
ग्रह की प्रतिकूल स्थिति मे - शारीरिक मानसिक कम से कम सक्रियता , विनियोजन,विपणन ,लेनदेन ,महत्वपूर्ण कार्य लंबित / स्थगित, पूर्ण मनोयोग से धैर्य,शांति, रखिए |
यह स्वास्थ्य से सम्बन्धित कुछ नकारात्मक परिणामों का सूचक है । अत: स्वयं का व परिवार के स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखना व सावधानी बरतना आवश्यक है । हो सकता है कि आपको पेट की गड़बड़ी व छाती में बैचेनी जैसी समस्याएँ झेलनी पड़े । स्वास्थ्य में गिरावट चिन्ता का विषय बन सकता है । परिवार के किसी सदस्य अथवा सम्बन्धी का स्वास्थ्य चिन्ता का कारण बन सकता है ।  मानसिक रुप से आप अशांत व आस-पास के व्यक्तियों के प्रति सशंकित रह सकते हैं । आप विषाद, व्यर्थ का भय व मानसिक संताप को दूर रखने का भरसक प्रयास करें । अपने आत्मविश्वास पर उस समय विशेष रुप से भरोसा रखें । अपने मानसिक संतुलन को स्थिरता प्रदान करके बनाए रखें ।  आर्थिक दृष्टि से यह कठिन समय है, खर्चे बढ़ सकते हैं और आप द्वारा की गई गलतियाँ कार्य को प्रभावित कर सकती हैं । धन सावधानी पूर्वक खर्च करें ।  यह एक ऐसा समय है जब आपको अपने आत्मीयजनों से मधुर सम्बन्ध बनाए रखने में सतर्कता बरतनी है क्योंकि इसमें परस्पर शत्रुता पनप सकती है । अनियंत्रित क्रोध पर अंकुश रखें और ऐसी हर बात से दूर रहें जो इसका कारण बने ।
दिनांक 20-राजनेता, अभिकर्ता Agent वर्ग हेतु,यात्रा, नए कार्य का शुभारंभ , महत्वपूर्ण दस्तावेज पर हस्ताक्षर, बैठक , विचार-विमर्श, या विवादास्पद मामलों मे सुझाव , उद्घोषणा आदि स्थगित रखना उचित होगा |

कन्या
चन्द्रमा की यह गति लक्ष्यों की प्राप्ति व प्रयासों में सफलता दर्शाती है । इस विशेष समय आप ख्याति का स्वाद भी चख सकते हैं ।  यह समय धन की दृष्टि से भी सौभाग्यपूर्ण है । बकाया राशि की प्राप्ति, धन की प्राप्ति तथा कार्य के फलस्वरुप आर्थिक लाभ की आप आशा कर सकते हैं ।  घर के लिए भी यह समय सुख से परिपूर्ण है । आपको अति उत्तम भोजन, वस्त्र व विपरीत लिंग वाले का अन्तरंग शारीरिक सम्पर्क मिल सकता है । आपके सामने आने वाली हर परिस्थिति व सम्पन्न किया गया हर कार्य आपको प्रसन्नता देगा । मन में पूर्ण संतोष का साम्राज्य रहेगा । यदि आप पुरुष हैं स्त्री मित्र और स्त्री हैं तो पुरुष बनेंगे और उनके साथ अच्छा समय व्यतीत होगा । 
तुला
यह विशेष रुप से धन की हानि दर्शाता है । अपने व्यय पर विशेष ध्यान देने रखें । कुछ ऐसी आडम्बरयुक्त वस्तुएं आपको लुभा लें जिन पर आप धन व्यय कर दें परन्तु बाद में वे आपको अनावश्यक प्रतीत हों ।  इस दौरान आप लोगों से अपने व्यवहार के प्रति विशेष सतर्क रहें । इन दिनों यदि आप विवाद में भी पड़ें तो वह व्यर्थ में झगड़े का रुप ले सकता है । आपके सम्मान के लिए ये अत्यंत नाजुक दौर है । अपना सम्मान व प्रतिष्ठा बचाए रखें क्योंकि तनिक सी भी असावधानी इन्हें ठेस पहुँचा सकती है ।  कार्यालय में बाधाएं आ सकती हैं परन्तु आप अविचलित रहें क्योंकि ये शीघ्र ही निकल जाएंगी । विश्वास रखें, परिश्रम का फल अवश्य मिलता है चाहे आप थकान ही महसूस क्यों ना करें । शारीरिक रुप से आप स्वास्थ्य में गिरावट महसूस करेंगे, विशेष रुप से आँखों की समस्या हो सकती है । मानसिक रुप से भी सदा की भाँति उत्फुल्ल न रहकर असंतोष अनुभव करेंगे । इस समय आँखों पर विशेष ध्यान दें व सतर्कता बरतें । इन दिनों आपको भोजन भी इतना रुचिकर नहीं लगेगा जैसा हमेशा लगता है । बस, जीवन में एक असंतोष सा छाया रहेगा ।

वृश्चिक
।यह आपके जीवन में प्रत्यक्ष रुप से सकारात्मक परिवर्तन लाएगा । उनमें से एक है मन पसन्द इच्छित भोजन का आनन्द । यह काल निश्चित रुप से आपको सुस्वादु मनचाहा भोजन, सुविधापूर्वक उपलब्ध कराएगा । साथ ही आपको शारीरिक सुख-साधन, उत्तम वस्त्र व सुगंध तथा अन्य इच्छित सांसारिक वस्तुएं मिलेंगी। इस समय सर्वोत्तम मित्र व परिचित निश्चित रुप से मिलेंगे । विपरीत लिंग वालों से मित्रता का भी पूर्वाभास है । इस प्रकार के सम्बन्ध आपको शारीरिक एवम् भावनात्मक तुष्टि देंगे । आपके दाम्पत्य जीवन में भी आम दिनों की तुलना में अधिक आनन्द होगा । दाम्पत्य जीवन में आप अपने साथी के प्रेम में वृद्धि की आशा कर सकते हैं ।  इसके अतिरिक्त सौभाग्य, सुख व उच्चतम सम्मान इस अवधि की विशेषता है ।  यह समय आपके व आपके परिवार के लिए रोगों से मुक्त रहने का है । कोई शारीरिक व्याधि आपके पास नहीं फटकेगी ।  जीवन में शान्ति का मनोभाव आपको संतोष प्रदान करेगा ।  फिर भी प्रयत्न करिए कि आप अपनी ही भावनाओं के प्रति आवश्यकता से अधिक संवेदनशील न बन जाएं । आर्थिक रुप से भी यह एक अच्छा समय है । पुराने दिए ऋणों, आर्थिक लक्ष्य प्राप्ति तथा कार्य में उन्नति भी हो सकती है । 
दिनांक 20- यात्रा, नए कार्य का शुभारंभ , महत्वपूर्ण दस्तावेज पर हस्ताक्षर, बैठक , विचार-विमर्श, या विवादास्पद मामलों मे सुझाव , उद्घोषणा आदि स्थगित रखना उचित होगा |

धनु
“यात्रा, विवाद एवं व्यय लंबित  / स्थगित रखिए |
आर्थिक दृष्टि से यह समय कठिनाइयों से परिपूर्ण है । खर्चे बढ़ेंगे । अपनी धन सम्पदा का ध्यान रखें क्योंकि आपकी कोई बहुमूल्य वस्तु खो सकती है । अपव्यय से बचें । अपने द्वारा किए जा रहे कार्यों के प्रति विशेष सचेत रहें क्योंकि संभव है आपको मनवांछित फल न मिले । स्वास्थ्य की ओर ध्यान देने की आवश्यकता है । इस काल में आँखों में कोई संक्रमण हो सकता है अत: आँखों का विशेष ध्यान रखें । मानसिक रुप से आप व्यथा व बैचेनी अनुभव कर सकते हैं । आप अकर्मण्यता अथवा ईर्ष्या की भावना से भी त्रस्त हो सकते हैं । आप अपने निर्णय लेने में तथा दूसरों से व्यवहार के प्रति विशेष सतर्क रहें तथा आवेश में न आएँ । अपनी योजनाओं को क्रियान्वित करने से पूर्व सोच लें  क्योंकि संभव है आप अपने पद का लाभ उठाकर कोई अन्यायपूर्ण कार्य कर बैठें ।  घर पर भी सावधान रहें, ऐसा न हो कि सगे-सम्बन्धियों से व्यर्थ की शत्रुता हो जाए । अपना सम्मान व प्रतिष्ठा बनाए रखने का विशेष ध्यान रखना पड़ सकता है ।

मकर
सर्वश्रेष्ठ अवधि का सर्वाधिक प्रयोग करिए | जिस कार्य को प्रारम्भ करेंगे ,उसकी पूर्णता सुनिश्चित समझिए | यह समय आपको अधिक धन उपार्जन व सम्पत्ति अर्जित करने में सहायक होगा । यदि आप कृषि से सम्बन्धित हैं तो उपज सामान्य से अधिक होगी । आपको अटकी हुई धनराशि भी प्राप्त हो सकती है ।  व्यक्तिगत रुप से यह समय आपको प्रसन्नता, सुख व विपरीत लिंग वाले व्यक्तियों के साथ आनन्ददायक है । परिवार के सदस्यों का मेलमिलाप व पुराने मित्रों के साथ एकत्रित होकर पुनर्मिलन के भी सुअवसर हैं । विवाहित व्यक्तियों के दाम्पत्य सुख की पूर्ण संभावना है । यदि आप अविवाहित हैं और विवाह हेतु उपयुक्त आयु के हैं तो आपको आदर्श साथी मिलने के पूर्ण अवसर हैं ।  इस समय आपको सुस्वादु भोजन व घर में समस्त सांसारिक सुख मिलने की संभावना है ।  स्वास्थ्य उत्तम रहेगा व इस पूरे काल में आप मानसिक रुप से प्रसन्न व शान्तचित्त रहेंगे ।

कुम्भ
समग्र दृष्टि से ,ग्रह सर्व सुख शांति सफलता देने के लिए तत्पर हैं  | इस माह इतना अनुकूलन न मिला है ओर न ही आपको शेष माह मिलेगा | प्रत्येक कार्य आपके अनुकूल होगा|यह अच्छा समय है । यह समय इच्छापूर्त्ति, लक्ष्यप्राप्ति तथा सांसारिक व भौतिक सुख प्राप्त करने का है । यदि आप कुछ नया करने की योजना बना रहे हैं तो यही उपयुक्त समय है क्योंकि इसमें सफलता निश्चित है । इस काल के अनुकूल होने के कारण आप व आपका परिवार सामान्य रुप से सुखी रहेंगे ।  यह समय आपके कार्यस्थल के लिए भी शुभ है । आप सम्मान, पदोन्नति एवम् प्रशंसा की आशा कर सकते हैं । इस समय आप सत्ता में अधिकारी के पद पर आसीन हो सकते हैं तथा निर्धारित लक्ष्य प्राप्त कर सकते हैं । इस विशेष समय में आपकी सामाजिक प्रतिष्ठा भी बढ़ेगी ।  यदि आप महिला हैं तो इस समय गर्भ धारण न करने के प्रति विशेष सावधानी बरतें क्योंकि इस विशेष समय में आपको गर्भपात की यातना झेलनी पड़ सकती है ।  स्वास्थ्य इस अवधि में सामान्यत: अच्छा रहेगा । इस अवधि में आपके अति उत्तम, सुस्वादु भोजन का आनन्द लेने की संभावना है ।
दिनांक 21-प्रशासकीय वर्ग हेतु,यात्रा, नए कार्य का शुभारंभ , महत्वपूर्ण दस्तावेज पर हस्ताक्षर, बैठक , विचार-विमर्श, या विवादास्पद मामलों मे सुझाव , उद्घोषणा आदि स्थगित रखना उचित होगा |

मीन
इस अवधि में चन्द्रमा आपके नवें भाव में होते हुए गोचर करेगा । यह किसी आशंका का सूचक है। आपको अपने व्यापार अथवा कार्यालय में साधारण दिनों से अधिक परिश्रम करना पड़ सकता है । पेट की गड़बड़ अथवा छाती का कष्ट हो सकता है अत: स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दें । अनिद्रा की बीमारी भी हो सकती है ।  मानसिक रुप से आप थकान महसूस कर सकते हैं व अकर्मण्यता या आलस्य भी आप पर हावी हो सकता है ।  यह सब कुछ होते हुए भी इस अवधि में कुछ आलोकमय भी है । आप किसी धार्मिक अनुष्ठान अथवा दान जैसा पुण्य कार्य सफलतापूर्वक करेंगे । आपको समाज में प्रसिद्धि भी मिलने की संभावना है ।  यदि चन्द्रमा क्षीण है तो दुर्भाग्य आपकी योग्यता एक चुन्नौती दे सकता है क्योंकि घर व धन सम्बन्धी कठिनाइयाँ झेलनी पड़ सकती है । धन-व्यय के समय विशेष सचेत रहें क्योंकि आप इसे गँवा सकते हैं । शत्रुओं पर विशेष नजर रखें क्योंकि उन्हीं के कारण हानि होने की संभावना है ।  संतान से विवाद अथवा झगड़ा न करें । हो सकता है कि इसके कारण वे आपसे दूर चले जायें । व्यर्थ के टकराव में न पड़कर समाज में अपनी प्रतिष्ठा व सम्मान बचाए रखें । मानसिक रुप से आप चिन्ता व अत्यधिक कार्यभार के कारण पीडि़त हो सकते हैं ।

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श्राद्ध रहस्य - क्यों करे , न करे ? पिंड रहित , महालय ? किसी भी कर्म का पूर्ण फल विधि सहित करने पर ही मिलता है | * श्राद्ध में गाय का ही दूध प्रयोग करे |( विष्णु पुराण ) | श्राद्ध भोजन में तिल अवश्य प्रयोग करे | श्राद्ध अपरिहार्य है क्योकि - श्राद्ध अपरिहार्य - अश्वनी माह के कृष्ण पक्ष तक पितर अत्यंत अपेक्षा से कष्ट की   स्थिति में जल , तिल की अपनी संतान से , प्रतिदिन आशा रखते है | अन्यथा दुखी होकर श्राप देकर चले जाते हैं | श्राद्ध अपरिहार्य है क्योकि इसको नहीं करने से पीढ़ी दर पीढ़ी संतान मंद बुद्धि , दिव्यांगता .मानसिक रोग होते है | हेमाद्रि ग्रन्थ - आषाढ़ माह पूर्णिमा से /कन्या के सूर्य के समय एक दिन भी श्राद्ध कोई करता है तो , पितर एक वर्ष तक संतुष्ट/तृप्त रहते हैं | ( भद्र कृष्ण दूज को भरणी नक्षत्र , तृतीया को कृत्तिका नक्षत्र   या षष्ठी को रोहणी नक्षत्र या व्यतिपात मंगलवार को हो ये पिता को प्रिय योग है इस दिन व्रत , सूर्य पूजा , गौ दान गौ -दान श्रेष्ठ | - श्राद्ध का गया तुल्य फल- पितृपक्ष में मघा सूर्य की अष्टमी य त्रयोदशी को मघा नक्षत्र पर चंद्र हो | - क

विवाह बाधा और परीक्षा में सफलता के लिए दुर्गा पूजा

विवाह में विलंब विवाह के लिए कात्यायनी पूजन । 10 oct - 18 oct विवाह में विलंब - षष्ठी - कात्यायनी पूजन । वैवाहिक सुखद जीवन अथवा विवाह बिलम्ब   या बाधा को समाप्त करने के लिए - दुर्गतिहारणी मां कात्यायनी की शरण लीजिये | प्रतिपदा के दिन कलश स्थापना के समय , संकल्प में अपना नाम गोत्र स्थान बोलने के पश्चात् अपने विवाह की याचना , प्रार्थना कीजिये | वैवाहिक सुखद जीवन अथवा विवाह बिलम्ब   या बाधा को समाप्त करने के लिए प्रति दिन प्रातः सूर्योदय से प्रथम घंटे में या दोपहर ११ . ४० से १२ . ४० बजे के मध्य , कात्ययानी देवी का मन्त्र जाप करिये | १०८बार | उत्तर दिशा में मुँह हो , लाल वस्त्र हो जाप के समय | दीपक मौली या कलावे की वर्तिका हो | वर्तिका उत्तर दिशा की और हो | गाय का शुद्ध घी श्रेष्ठ अथवा तिल ( बाधा नाशक + महुआ ( सौभाग्य ) तैल मिला कर प्रयोग करे मां भागवती की कृपा से पूर्वजन्म जनितआपके दुर्योग एवं   व्यवधान समाप्त हो एवं   आपकी मनोकामना पूरी हो ऐसी शुभ कामना सहित || षष्ठी के दिन विशेष रूप से कात्यायनी के मन्त्र का २८ आहुति / १०८ आहुति हवन करिये | चंद्रहासोज्

कलश पर नारियल रखने की शास्त्रोक्त विधि क्या है जानिए

हमे श्रद्धा विश्वास समर्पित प्रयास करने के बाद भी वांछित परिणाम नहीं मिलते हैं , क्योकि हिन्दू धर्म श्रेष्ठ कोटी का विज्ञान सम्मत है ।इसकी प्रक्रिया , विधि या तकनीक का पालन अनुसरण परमावश्यक है । नारियल का अधिकाधिक प्रयोग पुजा अर्चना मे होता है।नारियल रखने की विधि सुविधा की दृष्टि से प्रचलित होगई॥ मेरे ज्ञान  मे कलश मे उल्टा सीधा नारियल फसाकर रखने की विधि का प्रमाण अब तक नहीं आया | यदि कोई सुविज्ञ जानकारी रखते हो तो स्वागत है । नारियल को मोटा भाग पूजा करने वाले की ओर होना चाहिए। कलश पर नारियल रखने की प्रमाणिक विधि क्या है ? अधोमुखम शत्रु विवर्धनाए , उर्ध्वस्य वक्त्रं बहुरोग वृद्ध्यै प्राची मुखं वित्त्नाश्नाय , तस्माच्छुभम सम्मुख नारिकेलम अधोमुखम शत्रु विवर्धनाए कलश पर - नारियल का बड़ा हिस्सा नीचे मुख कर रखा जाए ( पतला हिस्सा पूछ वाला कलश के उपरी भाग पर रखा जाए ) तो उसे शत्रुओं की वृद्धि होती है * ( कार्य सफलता में बाधाएं आती है संघर्ष , अपयश , चिंता , हानि , सहज हैशत्रु या विरोधी तन , मन धन सर्व दृष्टि से घातक होते है ) उर्ध्वस्य वक्त्रं बहुरोग वृद्ध्यै कलश पर -