माघ दैनिक दान देव -2020(11 जनवरी से 09 फरवरी)
कामना पूरक देव,दान दिनांक वार विवरण
माघ माह की तिथियों देव स्मरण दान कामना पूरक
माघ की शुक्ल पक्ष तिथियां-
,प्रतिपदा, द्वितिया, तृतीया, चतुर्थी, पंचमी,षष्ठी, सप्तमी, नवमी, दशमी, एकादशी, द्वादशी,त्रयोदशी एवं पूर्णिमा।
कृष्णपक्ष तिथियां - अष्टमी एवं अमावस्या ।
कामना पूरक देव,दान दिनांक वार विवरण
माघ माह की तिथियों देव स्मरण दान कामना पूरक
माघ की शुक्ल पक्ष तिथियां-
,प्रतिपदा, द्वितिया, तृतीया, चतुर्थी, पंचमी,षष्ठी, सप्तमी, नवमी, दशमी, एकादशी, द्वादशी,त्रयोदशी एवं पूर्णिमा।
कृष्णपक्ष तिथियां - अष्टमी एवं अमावस्या ।
18 janvari-
कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि-
(सुख संतान एवं विजय के लिए )
भद्रकाली देवी,मंत्र-नमः भाद्रकाल्यै .
पूजा करें .
*भीष्म का तर्पण करें.
23 जनवरी- कृष्ण चतुर्दशी- यम को तर्पण करें यमाय नमः | 14 बार बोलें पाप नाशक | दक्षिण में मुह कर तिल, कुश जल से तर्पण करें | दान करें | मौन रहे | पूर्णिमा -तिल सूती ,कपड़ा, कमल ,रत्न ,पगड़ी ,जूता दान करें|
ओम नमः शिवाय शिव का ध्यान करें | श्राद्ध कर्म के लिए भी श्रेष्ठ है
25 जनवरी- प्रतिपदा शुक्ल - शिव सायुज्य-दिगंबर शिव भस्म भूषित ,का ध्यान कर उनको जल से स्नान कराएं ओम दिगंबर शिवाय नमः .
26 जनवरी -द्वितीय तिथि -अजेयत्व- सूर्य के प्रजापति स्वरूप का ध्यान करें
भद्रकाली देवी,मंत्र-नमः भाद्रकाल्यै .
पूजा करें .
*भीष्म का तर्पण करें.
23 जनवरी- कृष्ण चतुर्दशी- यम को तर्पण करें यमाय नमः | 14 बार बोलें पाप नाशक | दक्षिण में मुह कर तिल, कुश जल से तर्पण करें | दान करें | मौन रहे | पूर्णिमा -तिल सूती ,कपड़ा, कमल ,रत्न ,पगड़ी ,जूता दान करें|
ओम नमः शिवाय शिव का ध्यान करें | श्राद्ध कर्म के लिए भी श्रेष्ठ है
25 जनवरी- प्रतिपदा शुक्ल - शिव सायुज्य-दिगंबर शिव भस्म भूषित ,का ध्यान कर उनको जल से स्नान कराएं ओम दिगंबर शिवाय नमः .
26 जनवरी -द्वितीय तिथि -अजेयत्व- सूर्य के प्रजापति स्वरूप का ध्यान करें
भानु
प्रजापये- नमः। लाल पुष्प चंदन तांबे के पात्र में
गुड़ गेहूं रखकर दान करें इससे अजय स्थिति बनती है.
27जनवरी तृतीया-( उच्च स्थिति एवं यश के लिए )
सर्व सौभाग्येश्वर्यै नम:.| गुड दान देवी की कृपा के लिए एवं नमक दान षुव जी की प्रस्न्न्ता के लिए दान | नारियल के साथ देवी को जल अर्पण करें .
29जनवरी चतुर्थी-(आपत्ति विपत्ति से सुरक्षा)-अति अहत्वपुर्ण सभी को व्रत रख कर पुजा करना चाहिए-गौरी-सौभागी सूप मे रख कर दान सामग्री दे ,शिवजी को कुंद पुष्प अर्पण,गणेश-सुरक्षा,ढूँढी-पुआ घी अर्पण,
मिट्टी के गणेश जी बनाकर, गुड,़ तिल के लड्डू अर्पण करें ,
तांबे के पात्र से चंद्रमा को रात्रि में चंदन, कुश दूध, दही चावल ,शमीपत्र, जल अर्पण करें ।
30 जनवरी पंचमी -(कामना पूरक)
मधुसूदनाय नमः ।श्रीम नमः ,
श्री गणेशाय नाम: ,रत्ये नमः,कामदेवाय नमः | गेहूं बाली |
शुभा रति प्रक्रत्या वसंत उज्ज्वल भूषणा |
नृत्य माना शुभा देवी समस्त आभरणेरयुता |
31जनवरी षष्ठी-(बाधा रहित कामन पूर्ति)
लाल चंदन पुष्प वस्त्र दीप से पूजा करें वं वरुणाय नम:।
01 फरवरी सप्तमी -(पुत्र संतान सुख के लिए)सूर्य पूजा
ओम खखोलकाय नमः।
खीर का हवन एवं भोजन तथा सूर्य को जल अर्पण करें। बहुत उत्तम होगा यदि आक एवं बेर के 7-7 पत्ते सिर पर रखकर प्रातः स्नान करें .
27जनवरी तृतीया-( उच्च स्थिति एवं यश के लिए )
सर्व सौभाग्येश्वर्यै नम:.| गुड दान देवी की कृपा के लिए एवं नमक दान षुव जी की प्रस्न्न्ता के लिए दान | नारियल के साथ देवी को जल अर्पण करें .
29जनवरी चतुर्थी-(आपत्ति विपत्ति से सुरक्षा)-अति अहत्वपुर्ण सभी को व्रत रख कर पुजा करना चाहिए-गौरी-सौभागी सूप मे रख कर दान सामग्री दे ,शिवजी को कुंद पुष्प अर्पण,गणेश-सुरक्षा,ढूँढी-पुआ घी अर्पण,
मिट्टी के गणेश जी बनाकर, गुड,़ तिल के लड्डू अर्पण करें ,
तांबे के पात्र से चंद्रमा को रात्रि में चंदन, कुश दूध, दही चावल ,शमीपत्र, जल अर्पण करें ।
30 जनवरी पंचमी -(कामना पूरक)
मधुसूदनाय नमः ।श्रीम नमः ,
श्री गणेशाय नाम: ,रत्ये नमः,कामदेवाय नमः | गेहूं बाली |
शुभा रति प्रक्रत्या वसंत उज्ज्वल भूषणा |
नृत्य माना शुभा देवी समस्त आभरणेरयुता |
31जनवरी षष्ठी-(बाधा रहित कामन पूर्ति)
लाल चंदन पुष्प वस्त्र दीप से पूजा करें वं वरुणाय नम:।
01 फरवरी सप्तमी -(पुत्र संतान सुख के लिए)सूर्य पूजा
ओम खखोलकाय नमः।
खीर का हवन एवं भोजन तथा सूर्य को जल अर्पण करें। बहुत उत्तम होगा यदि आक एवं बेर के 7-7 पत्ते सिर पर रखकर प्रातः स्नान करें .
03 फरवरी नवमी
-(अक्षय दान जप,
दान, ध्यान के अक्षय फल मिलते हैं।)
ओम महामायायै नम: ..
यही नमो देवी पूजा .
04 फरवरी दसवीं -(दीर्घायु एवं यश के लिए )
ओम अंगिरेभ्य नमः ।
10 बार 10 देव अंगिरा । जैसे आत्मा ,मन, दक , दत्त सत्य आदि ।
10 लोगों को मीठा भोजन दान करें रेवड़ी या लड्डू तिल के बांट सकते हैं ।
05 फरवरी एकादशी -(कामना पूरक)
श्री पतये नमः, विष्णवे नमः ।
हवन एवं दान करने से कामना पूर्ण होती है।
06 फरवरी द्वादशी (कामना पूरक दाम्पत्य)
चांदी की कटोरी में शालिग्राम शिला को रखकर, मध्य में स्वर्ण रखें ,दो श्वेत वस्त्र से ढकेएवंपूजा करेंखीर भोजन दान.
ओम महामायायै नम: ..
यही नमो देवी पूजा .
04 फरवरी दसवीं -(दीर्घायु एवं यश के लिए )
ओम अंगिरेभ्य नमः ।
10 बार 10 देव अंगिरा । जैसे आत्मा ,मन, दक , दत्त सत्य आदि ।
10 लोगों को मीठा भोजन दान करें रेवड़ी या लड्डू तिल के बांट सकते हैं ।
05 फरवरी एकादशी -(कामना पूरक)
श्री पतये नमः, विष्णवे नमः ।
हवन एवं दान करने से कामना पूर्ण होती है।
06 फरवरी द्वादशी (कामना पूरक दाम्पत्य)
चांदी की कटोरी में शालिग्राम शिला को रखकर, मध्य में स्वर्ण रखें ,दो श्वेत वस्त्र से ढकेएवंपूजा करेंखीर भोजन दान.
07 फरवरी त्रयोदशी
-(धन के लिए दरिद्रता नाश के लिए ) "
कुबेराय नमः "
गाय दान या 13 ब्राह्मणों को मीठा भोजन कराएं .
माघी
पुर्णिमा बड़ा पर्व पृथक से विवरण देय । गाय दान या 13 ब्राह्मणों को मीठा भोजन कराएं .
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