धन त्रयोदशी से दीपावली तक पूजा का श्रेष्ठ समय
(25 अक्तूबर से 27 अक्तूबर 2019)
ज्योतिष-शिरोमणि पंडित विजेंद्र कुमार तिवारी (भोपाल-9424446706 )
धनतेरस - 25 अक्तूबर
1/ सफलता एवं कामना पूरक अभिजीत / विशुद्ध अमृत काल महत्व है|
**नाम के आधार पर शुभ काल -
***अभिजीत सर्व कार्य के लिए सफलता का 11:45 से 12:20 तक,
दोपहर विजय मुहूर्त 2:00 बजे से 2:40 बजे तक, पूजा अर्चना के लिए गोधूलि 540 से 6:00 बजे तक शाम को,
रात्रि कालीन निशीथ पूजा के लिए श्रेष्ठ समय 11:45 से 12:20 तक
स्नानादि के लिए शुभ समय प्रातः 4:45 से 5:30 तक रहेगा.
दोपहर विजय मुहूर्त 2:00 बजे से 2:40 बजे तक, पूजा अर्चना के लिए गोधूलि 540 से 6:00 बजे तक शाम को,
रात्रि कालीन निशीथ पूजा के लिए श्रेष्ठ समय 11:45 से 12:20 तक
स्नानादि के लिए शुभ समय प्रातः 4:45 से 5:30 तक रहेगा.
2/ सम्पदा कार्य आरंभ की स्थिरता के लिए उपयोगी लग्न|
शुभ लग्न
वृश्चिक लग्न प्रातः 810 से 10:10 तक .
मकर लग्न दोपहर 12:30 से 2:00 बजे तक
कुंभ लग्न 2:17 से 3:35 तक .
मीन लग्न 3:50 से 5:05 तक.
मेष लग्न 521 से 7:00 बजे तक.
कर्क लग्न रात्री में 11:13 से सिंह लग्न रात्रि 1:20 से 325 तक रहेगी.
लग्न के आधार पर वृषभ लग्न स्थिर लग्न होती है तथापि शुभ लग्न की श्रेणी में इस वर्ष नहीं आ रही है.
मकर लग्न दोपहर 12:30 से 2:00 बजे तक
कुंभ लग्न 2:17 से 3:35 तक .
मीन लग्न 3:50 से 5:05 तक.
मेष लग्न 521 से 7:00 बजे तक.
कर्क लग्न रात्री में 11:13 से सिंह लग्न रात्रि 1:20 से 325 तक रहेगी.
लग्न के आधार पर वृषभ लग्न स्थिर लग्न होती है तथापि शुभ लग्न की श्रेणी में इस वर्ष नहीं आ रही है.
दिन दोष काल अवधि-अशुभ समय
प्रातः 8:00 39 से 9:24 तक ,
गुलिक का समय प्रातः 7 40 से 9 बजे 6 मिनट तक .
राहुकाल 10:39 से 12:04 तक
यम घंट काल दोपहर में 2:56 से 4:21 तक.
एवं शाम कालीन समय 5:27 से 6:55 तक. सामान्यतः अशुभ है.
*** होरा काल आधारित श्रेष्ठ समय. सभी दोषों से मुक्त-
लग्न के पश्चात इसका ही सर्वाधिक महत्व है.
प्रातः 6:22 से 8:00 बजे तक.
10:10 से 10:38 तक.
दोपहर में 1:23 से 1:59 तक.
एवं 2:54 तक भी उपयुक्त है
शाम को 5:13 से 5:26 तक विशेष उपयोगी समय है.
4:21 से 5:26 तक धन से संबंधित कार्यों के लिए श्रेष्ठ समय है.
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गुलिक का समय प्रातः 7 40 से 9 बजे 6 मिनट तक .
राहुकाल 10:39 से 12:04 तक
यम घंट काल दोपहर में 2:56 से 4:21 तक.
एवं शाम कालीन समय 5:27 से 6:55 तक. सामान्यतः अशुभ है.
*** होरा काल आधारित श्रेष्ठ समय. सभी दोषों से मुक्त-
लग्न के पश्चात इसका ही सर्वाधिक महत्व है.
प्रातः 6:22 से 8:00 बजे तक.
10:10 से 10:38 तक.
दोपहर में 1:23 से 1:59 तक.
एवं 2:54 तक भी उपयुक्त है
शाम को 5:13 से 5:26 तक विशेष उपयोगी समय है.
4:21 से 5:26 तक धन से संबंधित कार्यों के लिए श्रेष्ठ समय है.
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नरक चतुर्दशी 26 अक्टूबर
26 अक्टूबर 2019 नरक चतुर्दशी यमदीप दान एवं अरिष्ट नाशक हनुमान जी की पूजा
*यमदीप *
तिल के तेल का श्रेष्ठ इसका प्रयोग 5:50 से 7:00 बजे तक दक्षिण दिशा की ओर वर्तिका तथा दीपक कर रखना चाहिए .
प्रदोष काल 8:15 तक है
तथा वृषभ लग्न 6:58 से 8:56 रात्रि तक है.
इस प्रकार दीपदान का श्रेष्ठ समय 5:50 से 8:15 तक सिद्ध होता है.
*मंत्र सिद्धि एवं अनुष्ठान के लिए -
रात्रि 11:40 से 12:25 तक उत्तम समय है. इसके साथ ही रात्रि 1:18 से 3:30 बजे तक सिंह लग्न में में भी अनुष्ठान कार्य किए जा सकते हैं
* विभिन्न राशियों का शुभ अशुभ प्रभाव*
आज का दिन वृश्चिक राशि , धनु राशि के लिए सर्वोत्तम है
मिथुन तुला कुंभ राशि के लिए अशुभ बाधा व्यय विवाद कारक है
जबकि अन्य राशियों के लिए सामान्यतः शुभ दिन .
*विभिन्न विभिन्न अशुभ काल जो कि किसी भी कार्य के लिए बाधा कारक परंतु पूजा के लिए उत्तम है.-
प्रातः 6:22 से 8:28 तक अशुभ योग हैं.
राहुकाल 9:13 से 10:39 तक है .
जबकि यम घंट दोपहर 1:30 बजे से 2:55 तक अशुभ स्थिति दर्शा रहा है.
**किसी पर कार्य के लिए विशिष्ट संशोधित लग्न के अनुसार शुभ समय-
विशिष्ट लग्न के शुभ समय लग्न के मुहूर्त को श्रेष्ठ माना जाता है .
लग्न के शुभ समय को भी इस प्रकार चयन किया गया है ,जो भारत के प्रदेशों के अधिकांश में लागू हो सके .
वृश्चिक लग्न प्रातः 810 से 10:10 तक .
मकर लग्न दोपहर 12:30 से 2:00 बजे तक
कुंभ लग्न 2:17 से 3:35 तक .
मीन लग्न 3:50 से 5:05 तक.
मेष लग्न 521 से 7:00 बजे तक.
कर्क लग्न रात्री में 11:13 से सिंह लग्न रात्रि 1:20 से 325 तक रहेगी.
लग्न के आधार पर वृषभ लग्न स्थिर लग्न होती है तथापि शुभ लग्न की श्रेणी में इस वर्ष नहीं आ रही है.
** विशिष्ट नाम के अनुरूप शुभ समय-
प्रातः स्नान पूजा एवं ध्यान के लिए 4:45 से 5:30 तक
अभिजीत काल 11:41 से 12:25 तक
विजय मुहूर्त 2:00 से 2:40 तक,
रात्रि कालीन निशित मुहूर्त 11:40 से 12:25 तक तथा पूजा-अर्चना के लिए गोधूलि बेला का शुभ मुहूर्त 535 से 555 शाम का विशेष है.
*यमदीप *
तिल के तेल का श्रेष्ठ इसका प्रयोग 5:50 से 7:00 बजे तक दक्षिण दिशा की ओर वर्तिका तथा दीपक कर रखना चाहिए .
प्रदोष काल 8:15 तक है
तथा वृषभ लग्न 6:58 से 8:56 रात्रि तक है.
इस प्रकार दीपदान का श्रेष्ठ समय 5:50 से 8:15 तक सिद्ध होता है.
*मंत्र सिद्धि एवं अनुष्ठान के लिए -
रात्रि 11:40 से 12:25 तक उत्तम समय है. इसके साथ ही रात्रि 1:18 से 3:30 बजे तक सिंह लग्न में में भी अनुष्ठान कार्य किए जा सकते हैं
* विभिन्न राशियों का शुभ अशुभ प्रभाव*
आज का दिन वृश्चिक राशि , धनु राशि के लिए सर्वोत्तम है
मिथुन तुला कुंभ राशि के लिए अशुभ बाधा व्यय विवाद कारक है
जबकि अन्य राशियों के लिए सामान्यतः शुभ दिन .
*विभिन्न विभिन्न अशुभ काल जो कि किसी भी कार्य के लिए बाधा कारक परंतु पूजा के लिए उत्तम है.-
प्रातः 6:22 से 8:28 तक अशुभ योग हैं.
राहुकाल 9:13 से 10:39 तक है .
जबकि यम घंट दोपहर 1:30 बजे से 2:55 तक अशुभ स्थिति दर्शा रहा है.
**किसी पर कार्य के लिए विशिष्ट संशोधित लग्न के अनुसार शुभ समय-
विशिष्ट लग्न के शुभ समय लग्न के मुहूर्त को श्रेष्ठ माना जाता है .
लग्न के शुभ समय को भी इस प्रकार चयन किया गया है ,जो भारत के प्रदेशों के अधिकांश में लागू हो सके .
वृश्चिक लग्न प्रातः 810 से 10:10 तक .
मकर लग्न दोपहर 12:30 से 2:00 बजे तक
कुंभ लग्न 2:17 से 3:35 तक .
मीन लग्न 3:50 से 5:05 तक.
मेष लग्न 521 से 7:00 बजे तक.
कर्क लग्न रात्री में 11:13 से सिंह लग्न रात्रि 1:20 से 325 तक रहेगी.
लग्न के आधार पर वृषभ लग्न स्थिर लग्न होती है तथापि शुभ लग्न की श्रेणी में इस वर्ष नहीं आ रही है.
** विशिष्ट नाम के अनुरूप शुभ समय-
प्रातः स्नान पूजा एवं ध्यान के लिए 4:45 से 5:30 तक
अभिजीत काल 11:41 से 12:25 तक
विजय मुहूर्त 2:00 से 2:40 तक,
रात्रि कालीन निशित मुहूर्त 11:40 से 12:25 तक तथा पूजा-अर्चना के लिए गोधूलि बेला का शुभ मुहूर्त 535 से 555 शाम का विशेष है.
*यमदीप *
तिल के तेल का श्रेष्ठ इसका प्रयोग 5:50 से 7:00 बजे तक दक्षिण दिशा की ओर वर्तिका तथा दीपक कर रखना चाहिए .
प्रदोष काल 8:15 तक है
तथा वृषभ लग्न 6:58 से 8:56 रात्रि तक है.
इस प्रकार दीपदान का श्रेष्ठ समय 5:50 से 8:15 तक सिद्ध होता है.
*मंत्र सिद्धि एवं अनुष्ठान के लिए -
रात्रि 11:40 से 12:25 तक उत्तम समय है. इसके साथ ही रात्रि 1:18 से 3:30 बजे तक सिंह लग्न में में भी अनुष्ठान कार्य किए जा सकते हैं
* विभिन्न राशियों का शुभ अशुभ प्रभाव*
आज का दिन वृश्चिक राशि , धनु राशि के लिए सर्वोत्तम है
मिथुन तुला कुंभ राशि के लिए अशुभ बाधा व्यय विवाद कारक है
जबकि अन्य राशियों के लिए सामान्यतः शुभ दिन .
*विभिन्न विभिन्न अशुभ काल जो कि किसी भी कार्य के लिए बाधा कारक परंतु पूजा के लिए उत्तम है.-
प्रातः 6:22 से 8:28 तक अशुभ योग हैं.
राहुकाल 9:13 से 10:39 तक है .
जबकि यम घंट दोपहर 1:30 बजे से 2:55 तक अशुभ स्थिति दर्शा रहा है.
**किसी पर कार्य के लिए विशिष्ट संशोधित लग्न के अनुसार शुभ समय-
विशिष्ट लग्न के शुभ समय लग्न के मुहूर्त को श्रेष्ठ माना जाता है .
लग्न के शुभ समय को भी इस प्रकार चयन किया गया है ,जो भारत के प्रदेशों के अधिकांश में लागू हो सके .
वृश्चिक लग्न प्रातः 810 से 10:10 तक .
मकर लग्न दोपहर 12:30 से 2:00 बजे तक
कुंभ लग्न 2:17 से 3:35 तक .
मीन लग्न 3:50 से 5:05 तक.
मेष लग्न 521 से 7:00 बजे तक.
कर्क लग्न रात्री में 11:13 से सिंह लग्न रात्रि 1:20 से 325 तक रहेगी.
लग्न के आधार पर वृषभ लग्न स्थिर लग्न होती है तथापि शुभ लग्न की श्रेणी में इस वर्ष नहीं आ रही है.
** विशिष्ट नाम के अनुरूप शुभ समय-
प्रातः स्नान पूजा एवं ध्यान के लिए 4:45 से 5:30 तक
अभिजीत काल 11:41 से 12:25 तक
विजय मुहूर्त 2:00 से 2:40 तक,
रात्रि कालीन निशित मुहूर्त 11:40 से 12:25 तक तथा पूजा-अर्चना के लिए गोधूलि बेला का शुभ मुहूर्त 535 से 555 शाम का विशेष है.
27 अक्टूबर
धन देवी लक्ष्मी पूजा गणेश एवं कुबेर पूजा रिद्धि सिद्धि प्रदायक
लक्ष्मी पूजा का समय शाम को 6:52 से रात्रि 8:10
धन देवी लक्ष्मी पूजा गणेश एवं कुबेर पूजा रिद्धि सिद्धि प्रदायक
लक्ष्मी पूजा का समय शाम को 6:52 से रात्रि 8:10
श्रेष्ठ सिद्धि काल रात्रि 11:42 से 12:25 तक, स्थिर लग्न किसी भी कार्य के लिए स्थाई शुभ प्रभाव देने वाली प्रातः 8:10 से 10:10 तक
कुंभ लग्न 2:17 से 3:35 तक .
रात्रि कालीन सिद्धि काल सिंह राशि की लग्न 1:20 से 3:25 तक उपलब्ध है
* दिन के दोषपूर्ण अवधि के काल*
राहु , ashubh मुहूर्त gullak एवं वर्जित कॉल आदि 12:59 से 2:25 तक .
2 55 से 4:20 दोपहर तक.
एवं 4:20 से 5:47 तक राहुकाल की स्थिति रहेगी.
**होरा आधारित सर्व दोष मुक्त मंगल शुभ कल्याण प्रद कार्यों के लिए शुभ समय**
*व्यापारिक, ज्ञान नए वस्त्र आदि धारण करने एवं अनुबंध आदि कार्यों के लिए प्रातः 8:16 से 9:13 तक रात्रि 9:58 से 11:01 तक विशिष्ट काल है.
*विभिन्न राशियों के लिए शुभ अशुभ समय*
कर्क राशि वालों के लिए यह समय वर्जित है शेष सभी राशियों के लिए उत्तम समय है विशेष रूप से ब्रश मिथुन कन्या तुला मकर कुंभ राशि वालों के लिए श्रेष्ठ समय है.
*शैक्षिक विद्या नए वस्त्र एवं आभूषण धारण करने के लिए एवं मंगल कार्यों के लिए 1:07 से 2:04 बजे तक अति उत्तम समय है.
तथा दोपहर पश्चात 5:48 से 6:49 एवं रात्रि कालीन 1:07 से 2:11 तक जिससे शुभ समय है.
-* राशियों के लिए लिए समय शुभ अशुभ*
मकर एवं कुंभ राशि के लिए वर्जित के अनुरूप है जबकि अन्य राशि वालों के लिए शुभ है विशेष रूप से मेष कर्क सिंह वृश्चिक धनु एवं मीन राशि के लिए श्रेष्ठतम है.
*सामान्यता सभी प्रकार के मंगल कार्यों के लिए प्रातः 9:13 से 10:10 तक एवं रात्रि 11:07 से 12:02 तक विशेष अनुकूल समय है.
*राशियों के लिए समय शुभ अशुभ*
मिथुन राशि के लिए यह समय उपयुक्त नहीं है जबकि अन्य सभी राशियों के लिए उत्तम है
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