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ग्रहण के रंग से शुभ अशुभ प्रभाव ? 07 दिन मे घटित घटना से जाने फल |



(ग्रहण के चित्र जनसत्ता के सौजन्य से साभार नीला कुरुक्षेत्र )
ग्रहण समय एवम ग्रहण पश्चात 7 दिन कीक्षेत्र वार आकाशीय घटनाओं द्वारा क्या फल होगा?(संदर्भ-भद्रबाहु संहिता एवं बृहत संहिता ग्रंथ)
अ-
21
जून  को संपन्न खंडग्रास सूर्यग्रहण मूल रूप से सफेदी लिए या लाल वर्ण का भारत के अधिकतम क्षेत्रों में दिखाई दिया होगा जैसा कि टेलीविजन आदि पर दृश्य मान हुआ । मध्यप्रदेश भोपाल क्षेत्र में सफेदी लिए हुए था। अन्य कई क्षेत्रों में लाल या गहरे लाल रंग का दृश्य मान था।

1-
ग्रहण जहां 2किनारों पर चमक लिए एव मध्य में अंधेरा लिए दृश्य हुआ उनदेशो प्रदेश के मध्य स्थल में हानि विनाश की संभावना ज्योतिष के अनुसार होती है।इस अनुसार विश्व मध्य, भारत मध्य का क्षेत्र प्रभावित होगा।
2-
ग्रहण के समय यदि कुछ सफेदी लिए बिंब हो तो उस क्षेत्र के विद्वान एवं कुलीन वर्ग ,विद्वान एवम  ब्राह्मणों को कष्ट होगा।
3-
ग्रहण के समय यदि  लाल रंग या अग्नि के समान सूर्य का क्षेत्र दृष्टिगत हो तो उस क्षेत्र के या नगर के अग्नि जीबी ,विस्फोटक पदार्थ के व्यापारियों या व्यवसायियों , कर्मियों को कष्ट होगा।
ब-
मोक्ष दिशा के अनुसार बृहद संहिता ग्रंथ का कहना है कि, फसलों की स्थिति पर्याप्त संतोषजनक होती है ।देश के उत्तर क्षेत्र के प्रमुख लोगों को एवं राज्य प्रमुख वर्ग के लिए प्राणों का संकट एवं गर्भपात आदि की समस्या बढ़ती है।
स-
ग्रहण के 7 दिन की अवधि में क्षेत्र विशेष में होने वाली घटनाओं के आधार पर फल-
1-
जिन क्षेत्रों में धूल भरी आंधी या वायु चले तो उस क्षेत्र में अन्य की कमी होती है ।
2-
यदि किसी क्षेत्र में भूकंप या पृथ्वी में दरारें उत्पन्न हो तो उस क्षेत्र के प्रमुख व्यक्ति की आयु हानि होती है ।
3-
किसी क्षेत्र में अनेक रंग के बादल  दिखाई दें तो निश्चित रूप से क्षेत्र के लोगों के लिए चिंता एवं है कारक है ।
4-
यदि बादलों की गड़गड़ाहट हो परंतु वर्षा ना हो तो  उस क्षेत्र में  वर्षा में कमी होती है। एवं वर्षा निष्फल रहती है।
5-
बार-बार बिजली कड़कने से मुख्य या मंत्री या शीर्ष पद अधिकारी एवं दांत वाले पशुओं के लिए अशुभ होता है ।
6-
इंद्रधनुष दिखाई देने पर रोग होते हैं ।
7-
सूर्यास्त के समय यदि पश्चिम दिशा मैं लाल रंग बिखरा प्रतीत हो , लाल रंग  की आभा या लाल बादल दिखाई दे, तो उस क्षेत्र में अग्नि से हानि एवं शासन द्वारा जन विरोधी कार्य किए जावेंगे।
8-
बहुत तेज हवा चलने से उस क्षेत्र में तस्कर एवं चोरों का भय होगा।
9-
इंद्रधनुष का एक विशेष फल भी है कि विरोधी या शत्रु या परस्पर विवाद या  आक्रमण की सूचक सिद्ध होते हैं।
10- 
सप्ताह की इस अवधि में अर्थात 28तारीख तक  सामान्य वर्षा जिस नगर, या क्षेत्र में हो, उस क्षेत्र में असुविधा एवं अशुभ फलों की शांति हो जाती है।अर्थात उस क्षेत्र में ग्रहण जन्य अशुभ फल नही होंगे।
भारत के नगरों के अधिकांश में मानसून या वर्षा काल प्रारम्भ होने से वर्षा होना सम्भव है।
इसलिए भारत मे ग्रहण के अशुभ फल प्रदेशों के अधिकांश में नही होंना सम्भव है। दूसरे अर्थ में ग्रहण के7दिन में,वर्षा होने पर उन क्षेत्रों के निवासियों जिनकी राशि अशुभ उनको भी अशुभ फल से मुक्ति मिलेगी।
11-हरी आभा सुभीक्ष | पर्याप्त वर्षा |चारे की कमी नहीं होती है  
12- नीली आभा रोग ,कष्ट,हानी ,प्रकृतिक प्रकोप की संभावना |
13-मोक्ष यदि मध्य से प्रारम्भ हो जाए तो राजनीतिक कलह,भीतरघाट,सुभीक्ष एवं वर्षा सामान्य |
*आगामी 180दिन-जंगल,काशमीर,चीन,गांधार क्षेत्र,मे संकट |
लेखक-वर्ष 1976 से 1990 तक ज्योतिष विद्वता हेतु
अनेक बार सम्मानित यथा:  
ज्योतिषवाचस्पतिभूषणमहर्षिशिरोमणिमनीषी,
रत्नाकरमार्तण्डमहर्षि वेदव्यास|
48वर्ष अनुभव|
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