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वर्ष1959 से ओर विशेष 1993 से 2013 तक भारत की कई हजार वर्ग किलोमीटर भूमि ,
चीन ने हथिया ली। 15 अप्रैल 2013 लद्दाख में चीनी सेना घुसी और 640 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र पर अपना कब्जा कर लिया ।*इसके पश्चात भारत सरकार द्वारा
समझौता किया गया |
चीन से कि सीमा रेखा के 250 मीटर के
क्षेत्र में दोनों में से कोई हथियार का प्रयोग नहीं करेगा ।
भारत
सरकार ने ,भारतीय सेना को अपने बंकर स्वयं
तोड़ने का आदेश दिया ।
आज भी उस क्षेत्र पर चीन का आधिपत्य है चीन द्वारा कब्जों का विवरण- 1-अक्साई चिन' : 1962 में चीन ने कब्जा किया.
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काराकोरम पास' : 1963 में |.
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तीया पंगनक' : 2008 में | .
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चाबजी घाटी' : 2008 में |
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डूम चेली' : 2009 में | .
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डेमजोक' : 2012 में|
·
राकी नूला' : 2013|
चीन ने जब मुह की खाई बनाम विफल-
·
11.9.1970 :7.45 एएम, लेफ्टिनेंट कर्नल सगत सिंह के
निर्णय नेतृत्व मे 200 चीनी सैनिक खेत रहे |
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'डोकलाम' : 2017 में|,
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'लिपुलेख' : 2020में,
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'पैंगांग तसो' : 2020 में,
·
'गैलवान घाटी' : 2020 में,
चीन ने दुस्साहस किया एवं चीन पूर्णता विफल हुआ और भारतीय भूभाग पर
आधिपत्य नहीं कर सका .।
अब प्रश्न है कि चीन के द्वारा हथियाई भूमि ,विशेष तौर से कराकोरम पास
आदि क्षेत्र पर चीन का प्रभुत्व है।
चीन द्वारा क्या सितारों की चाल
जानकर चुन 2 कर भारतीय भूभाग पर कब्जा किया गया -
पूर्व नियोजित आक्रमण चीन ने जब भी भारत भूमि पर आक्रमण किया एवं भूमि
छीनी तो चीन की कुंडली के आधार पर
उसका समय अच्छा ही था ।
यहां तक की 20 अक्टूबर 1962 में सुबह 5:00 बजे जो हमला किया गया ।
उस समय भी चीन देश की कुंडली के आधार
पर सर्वाधिक शुभ श्रेष्ठ ग्रहों
की स्थिति में था ।
अर्थात यदि हम पुराने युद्ध और उसके
द्वारा कब्जे की जमीन की दिनांक का अवलोकन करते हैं तो ज्ञात होता है कि, अधिकांश में चीन के द्वारा ग्रहों की
अच्छी स्थिति में सुनियोजित आक्रमण किए गए हैं ।
जब भी उसका समय कमजोर या अशुभ ग्रहों की स्थिति में था उस समय चीन
द्वारा
संधि प्रस्ताव दिए गए एवम उसने संधि करने में सफलता प्राप्त
की।
भारत लग्न वृष,राशि कर्क।चीन मकर पूर्ण
प्रभाव। भारत के लिए लग्न से 16 अगस्त तक
एवम 9सितम्बर से 4अक्टूबर तक विजयप्रद सफलता का समय रहेगा।
ज्योतिष की दृष्टि से – चीन नेसूर्य ,मंगल,या सूर्य बुध की अनुकूल स्थिति में ही आक्रमण या भूमि छीनने की कार्रवाई की गई । भारत भूमि पर हुए हमले का विवरण – |
1959 -
25 अगस्त 8 सितंबर 20 अक्टूबर.
1960-
25 अगस्त 8 सितंबर 20 अक्टूबर.
1960-
25 अप्रेल, 3जून,10 जून,हलचल, सेना आमने सामने।13सितम्बर 20 km पीछे
हटने का
प्रस्ताव। 20 सितम्बर
हमला।
1962
हमला एवं सफलताओं की दिनांक- 13, 20, 29 सितंबर, 20 October, 24 October, 26 October, 15 नवंबर ,18 नवंबर ,21 सितंबर ।
पंचशील सिध्दांत तथा तिब्बत अधिकार।
तिब्बत पर अधिकार कर लेने के पश्चात चीन ने अक्साई चीन के 38000 वर्ग किलोमीटर
क्षेत्र पर अधिकार कर लिया था और चीन
ने नेशनल हाईवे 219 बनाया
परंतु भारत सरकार
के निर्णय के पश्चात अक्साई चीन पर
अब भारत की सरकार का प्रभाव है इसलिए चीन
को काफी परेशानी है क्योंकि उसने
अक्साई चीन क्षेत्रफल में बहुत निवेश किया हुआ है।
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1962 के बाद से
अब तक लगभग 38000 वर्ग
किलोमीटर जम्मू कश्मीर की भारत भूमि
भू भाग चीन के कब्जे में है।
इसके अतिरिक्त 2 मार्च 1963 को चीन और पाकिस्तान के बीच हस्ताक्षरित संधि करार जिसमें चीन पाकिस्तान के तहत पाकिस्तान ने पाक अधिकृत कश्मीर के 5180 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को अवैध रूप से चीन को दे दिया।
20 नवंबर 1962 को चीन ने युद्ध विराम की घोषणा की थी।
भारत के अनुसार अक्साई चीन और 5000 किलोमीटर क्षेत्र ट्रांस कराकोरम पर चीन का अवैध कब्जा है।
निकट भविष्य में भारत, पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के क्षेत्र गिलगित बालटिस्तान पर
इसके अतिरिक्त 2 मार्च 1963 को चीन और पाकिस्तान के बीच हस्ताक्षरित संधि करार जिसमें चीन पाकिस्तान के तहत पाकिस्तान ने पाक अधिकृत कश्मीर के 5180 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को अवैध रूप से चीन को दे दिया।
20 नवंबर 1962 को चीन ने युद्ध विराम की घोषणा की थी।
भारत के अनुसार अक्साई चीन और 5000 किलोमीटर क्षेत्र ट्रांस कराकोरम पर चीन का अवैध कब्जा है।
निकट भविष्य में भारत, पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के क्षेत्र गिलगित बालटिस्तान पर
अपना प्रभुत्व स्थापित करेगा जो कि
वर्तमान में चीन के अधिकार क्षेत्र में पाकिस्तान
से उसके हुए एक समझौते के माध्यम से
है।i। .
चीन ने विजय किस ग्रह से पाई-
चीन का सूर्य बुध या सूर्य मंगल ,बड़े गुरु,शनि की तुलना में सदैव विजय, लाभप्रद कब होते हैं- 1- चीन 8 सितंबर से 12 अप्रैल 2- 16 जून से 10 जुलाई तक चीन की स्थिति ग्रहों के हिसाब से विजय, लाभप्रद रहती है । 3-विजय प्रद-10 अक्टूबर से 19 नवम्बर।
युद्ध 2020-
अगस्त में या ,अक्तूबर प्रारम्भ में भारत एवं चीन यदि युद्ध की स्थिति में आ सकते हैं।
आ गए तो आगामी 6माह में, यह त्रासदी द्वितीय विश्व युद्ध से
भी अधिक भयावह
होगी ।
पूरे विश्व की अर्थव्यवस्था डस्टबिन में चली जाएगी पूरा एशिया प्रगति के लिए तरसने लगेगा |
पकिस्तान के लिए अगस्त माह आत्मघाती सितम्बर तक रहेगा। इसके वाद जनवरी 2021
से पाकिस्तान फिर बड़ी हानि में होगा।
क्या युद्ध होगा? हुआ तो कौन विजय मुकुट पहनेगा ?
(चीन के लिए यह समय /युद्ध आत्मघाती सिद्ध होगा।)
मकर का शनि 1962 में भी था और अब भी है।युद्ध का बीज अंकुरित हो जायेगा। परंतु निर्णायक 2021 ही रहेगा।विजय भारत की होगी क्योकि राहु वृष का होगा |भारत के लिए महत्वपूर्ण होगा।चीन के सहयोग या भारत को हानि देने वाला कर्क राशि का नही होगा। क्या कहते है चीन,भारत, एवम माननीय मोदी तथा झी जिनपिंग के सितारे- माननीय मोदी - वृश्चिक राशि । शनि 3 रा विजय, गुरु दूसरा सफ़लता, राहु 8 वा आकस्मिक
हानि,कष्ट, अनपेक्षित स्थितियाँ। 6 अगस्त तक चीन मुँह की खायेगा |
चीन मकर की
राशि मे है। चीन के झि
जिनपिंग कर्क के प्रभाव में ।कर्क भारत केलिए
अशुभ है। मतभेद विवाद। राहु 12वा
दुःसाहस, विच्छेदक, अपयश, आरोप,हानि,कष्ट, अप्रतिष्ठा दायक है।वर्ष में मंगल
बाधक, असफलता
का है। राहु 22 सितम्बर तक। 30 नवम्बर गुरु
6 ठा, वर्ष में शनि 7वा कोई भी अनुकूल ग्रह नही। जिंनपिंग को आंतरिक विरोध,अपयश,अपमान के घूंट पीना पड़ेंगे |नेपाल के ओली जी खतरे मे होंगे ,उनकी विदाई,अपमान,अपयश,जनविरोध अपने किए गए कर्मो का फल जुलाई 15 तक भुगतना होगा |
भारत नाम प्रगति ,उत्थान, उत्कर्ष का इंडिया मतभेद हानि का- ज्योतिष का सिद्धांत है कि ,दैनिक जीवन में कार्य संचालन में, युद्ध में, विवाद में, मतभेद
में नाम राशि ही प्रमुख होती है
।जन्म राशि दैनिक व्यवहार में अनुपयोगी या व्यर्थ मानी गई है ।नेपाली प्रमुख ओली जी को ग्रहण ही निगल जाएगा |
*भारत का नाम यदि भारत प्रचलित हो जाए(indiaइंडियाशब्द अनुकूल नहीं ) तो निश्चय ही चीन एवं भारत के मध्य होने वाला मतभेद एवं बार-बार युद्ध की स्थिति का पटाक्षेप हो सकता है ।
*इंडिया
शब्द भारत एवं चीन दोनों के लिए आपसी मतभेद कारक है ।यदि दोनों
के नामों
की ग्रहमैत्री देखते हैं तो वृषभ
राशि का स्वामी शुक्र एवं चीन की मीन राशि का स्वामी
गुरु तो दोनों में कभी भी सामने
समझौता या मित्रता का, स्थायित्व
नही हो सकता।
क्योंकि दोनों के नामों के स्वामी आपस में
मित्र नहीं होंगे।
यदि भारत शब्द देश का नाम निर्धारित हो जाए ,प्रचलित हो जाए तो निश्चय ही भारत की प्रगति तीव्र गति से होगी एवं चीन जैसा देश भी ग्रह मित्रता के कारण भारत के साथ संधि समझौते एवं भविष्य उपयोगी योजना बनाने पर ध्यान देने लगेगा ।झुकेगा हमेशा चीन। भारत को शत्रु से अतिरिक्त सावधानी कब रखना चाहिए-जब निम्न संयोग अधिक हो-
*प्रबल शत्रु बाधा-अगस्त से अक्टूबर
तक। युद्ध की स्थिति-अप्रेल,जून .
1-कर्क राशि पर ग्रहों का जमघट हो।। 2-मंगलवार एवम शनिवार प्रमुख एवम रविवार । 3-कृष्ण पक्ष, तिथि-2,4,7,12,8,। 4-चंद्र सिंह, कर्क, तुला, मिथुन। 5-शनि के आगे पीछे गुरु।विषेश कुम्भ, मकर। 5-शनि मकर, कुम्भ,वृष,तुला।शनि के आगे पीछे गुरु।विशेष कुम्भ, मकर राशी पर। 5-(शनिवार को भारत आक्रमण की पहल करेगा तो विजयी होगा।इस दिन जो आक्रमण कारी होगा वह भारी या लाभ में होगा। ) नक्षत्र - अश्वनी, पूर्वाफाल्गुनी, भरणी, विशाखा। निकट भविष्य में भारत शब्द यही विश्व स्तर पर प्रसिद्ध होगा एवं इंडिया शब्द पुस्तके में रह जाएगा । और जब भारत की धनु राशि एवं उसका स्वामी गुरु हो जाएगा तो चीन की मीन राशि एवं उसका स्वामी गुरु रहेगा। जिसके कारण मतभेद विलुप्त हो जाएंगे। इस बात की संभावना अधिक रहेगी और यह स्थिति विश्वयुद्ध को रोकने का कारगर उपाय भी सिद्ध हो सकता है। गुरु भारी प्रभावी, पूज्य होता है। शुक्र की तुलना में उच्च स्थिति का गुरु होता है इसलिए "ई" की तुलना में "भा"भारत श्रेष्ठ नाम।विश्व गुरु बना देगा।
ॐ नमो नारायणाय|शुभम
अस्तु |
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