स्नान से अपने कष्ट दूर
करे –विधि एवं उपाय |
प्रत्येक दिन के लिए उपाय-
दिन को और अधिक शुभ सौभाग्यमयी बनाने के लिए ,बाधा मुक्ति के लिए ,स्नान के
जल में क्या
मिलाये
एवं क्या दान करे – गंगा ,नर्मदा
,त्रिवेणी,किसी भी नदी का जल विशेष
प्रधान,समुद्र जल भी
उपयोगी | इसके
अतिरिक्त कौनसे पदार्थ स्नान जल मे मिलाये जिससे शुभ प्रभाव मे वृद्धि हो –
नोट- 1-स्नान जल
मे मिलाये जाने वाले पदार्थ की मात्रा अत्यल्प पर्याप्त है | स्नान जल मे मिलाये
जाने वाले
उल्लेखित ,जो पदार्थ मिल सके वे पर्याप्त होंगे |सभी पदार्थ आवश्यक नहीं |सब मिल सके
तो उत्तम |आप चाहे तो छोटी 2 शीशियों मे पाउडर बना कर भी दिन के आधार पर रख सकते हैं
|
2-बच्चों को ज्ञान दीजिये | उनके लिए मंत्र आदि प्रिंट कर
बाथरूम मे लगा दीजिये |
जिससे वे स्नान
करते समय पढ़ सके |
3-सुविधा के लिए
-स्नान जल मे नदी ,वर्षा,तीर्थ,सरोवर ,समुद्र का जल
प्रति दिन मिलाना चाहिए |
इसलिए एक बाटल मे अनेक स्थानो के
जल मिला कर ,भर ले | शैम्पू की बड़ी
बाटल भी साफ कर
प्रयोग मे ले सकते हें |यह मिश्रित जल
बाथरूम मे रख दीजिये | स्नान प्रक्रिया-
श्रेष्ठ स्नान समय
- 15 मार्च से 14 अक्तूबर तक –
प्रातः 4.30 से 7.00;
15 अक्तूबर से 14 मार्च तक –
5.30 – 7.30 तक |
दिये समय मे जितने
पहले स्नान करेंगे ,उतना
उत्तम फल मिलेगा | |संध्या समय अति
आवश्यक
होने पर ही स्नान करे | ग्रहण या अन्य स्थिति मे बंधन
,वर्जना नहीं है |
स्नान के पूर्व कहे
–है गंगा,यमुना,नर्मदा ,गोदावरी ,सुतलज,आप इस स्नान जल मे पधारे|
(कितने भी तीर्थ या नदियों का नाम ले सकते हें |)
“आप मेरे समस्त
पापों को पक्षालित करे एवं पुण्यो का उदय करे |”
गंगे च यमुने चैव गोदावरि सरस्वति।
नर्मदे सिंधु कावेरि जलेऽस्मिन् सन्निधिं कुरु।।
हे गंगा, यमुना, गोदावरी, सरस्वती, नर्मदा, सिंधु, कावेरी नदियों ! इस स्नान जल में पधारिये । या
गंगा सिंधु सरस्वती च यमुना गोदावरी नर्मदा
कावेरी सरयू महेन्द्रतनया चर्मण्यवती वेदिका।
क्षिप्रा वेत्रवती महासुरनदी ख्याता जया गण्डकी
पूर्णाः पूर्णजलैः समुद्रसहिताः कुर्वन्तु मे मंगलम् ।।
कावेरी सरयू महेन्द्रतनया चर्मण्यवती वेदिका।
क्षिप्रा वेत्रवती महासुरनदी ख्याता जया गण्डकी
पूर्णाः पूर्णजलैः समुद्रसहिताः कुर्वन्तु मे मंगलम् ।।
नमामि गंगे ! तव पादपंकजं
मुह धोते समय
–राज मुखी वश्य मुखी स्वाहा | बोलते रहे | अंत मे एक बार -वश्य मुखी राज मुखी स्वाहा |
देव या गुरु /आराध्य
स्नान -स्नान करते समय ,सबसे प्रथम सिर पर पानी डालना
चाहिए |
आप अपने आराध्य के रूप का चिंतन करते हुए ,सोचिए की यह जल आप अपने आराध्य
देव पर डाल रहे हैं |
या उनको स्नान करा रहे हैं | आप उनका नाम भी स्मरण कर सकते
हें
जैसे -|ॐ नमः
शिवाय | या गुरुवे नमः | हनुमते
नमः |आदि |
बुधवार –
स्नान
जल मे मिलाएँ सौभाग्य वृद्धि के लिए नदी
या तीर्थ जल,चावल,मोती शहद, जायफल
,पिपरामुल ,नदी या तीर्थ जल; |
बाधा मुक्ति के लिए दान- मूंग ,हरा वस्त्र ,हरी चूड़ी,पालक ,फल कपूर |
(दान किसे दे -कन्या,व्यापारी,हिजड़ा,) |
गुरुवार
स्नान जल मे मिलाएँ सौभाग्य वृद्धि के लिए नदी
या तीर्थ जल,-चमेली पुष्प ,सफेद के अभाव मे
पीली सरसों ,गूलर ,मुलेठी , |
दान किसे दे -आयु मे बड़े,ब्राह्मण,विद्वान
|
बाधा मुक्ति के लिए दान- पीला अनाज ,चना दाल, नमक ,शकर, पीले पुष्प पीला वस्त्र पीला
फल पपीता केला आदि(ज्ञानी पुरुष,ब्राह्मण को ,विष्णु,कृष्ण,राम मंदिर मे ) |
शुक्रवार-
स्नान जल मे मिलाएँ
सौभाग्य वृद्धि के लिए नदी या
तीर्थ जल,पिपरामुल,जायफल ,केसर,चंदन ,हल्दी, |
बाधा मुक्ति के लिए दान- चावल ,चांदी मिश्री ,सफेद पुष्प, दही ,सफेद वस्त्र, सफेद चंदन, सुगंधित द्रव्य(सफ़ेद गाय को |
(दान किसे दे - सफ़ेद गाय कन्या या देवी मंदिर) |
शनिवार -
स्नान जल मे मिलाएँ सौभाग्य वृद्धि के लिए काले तिल, लोबान ,
बाधा मुक्ति के लिए दान-उरद,तिल,लोभान,काला,वस्त्र,,नीले पुष्प, |
(दान पात्र-काली गाय,वृद्ध,सेवक,कनिस्ठ)
रविवार -
स्नान जल मे मिलाएँ
कनेर पुष्प ,केसर,खस, इलायची |
दान-गुड,लाल,वस्त्र,पुष्प, तांबा नारंगी वस्तु,लाल चन्दन कनेर लाल पुष्प |
दान किसे दे लाल गाय
,सूर्य मंदिर, 10 वर्ष तक के बच्चे,विष्णु,कृष्ण) |
सोमवार -
स्नान
जल मे मिलाएँ सौभाग्य वृद्धि के लिए नदी या तीर्थ जल,पंचगव्य , दूध , सफेद चंदन ,गोमूत्र,सफ़ेद |
बाधा
मुक्ति के लिए दान-चावल,सफ़ेद पुष्प,वस्त्र,दूध,मिश्री,श्वेत चन्दन |
(दान किसे दे सफ़ेद गाय,युवा
स्त्री,)
मंगलवार -
स्नान जल मे मिलाएँ
सौभाग्य वृद्धि के लिए जटामांसी ,मौलश्री , लाल पुष्प-
बाधा मुक्ति के लिए |
दान - गुड,मसूर, तांबा ,लाल
चन्दन युवा पुरुष,रक्षक,कनेर लाल पुष्प
|
दान किसे दे –युवा अवश्यक -लाल बैल,युवा लड़का,कष्ट्रीय,सुरक्षा कर्मी ,चौकीदार
|
दिलचस्प है, आप एक अच्छा काम कर रहे हैं
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