सधि पूजा एवं देवी की प्रतिमा का विसृजन (विसर्जन)- मुहूर्त :- संधि पूजा - दुर्गा पूजा में संधि पूजा का विशेष महत्व होता है इस वर्ष नवरात्र में 28 सितंबर को रात्रि में 21:12-22 बजे तक मुहूर्त है | संधि पूजा की विशेष मुहूर्त है | विसृजन (विसर्जन)मुहूर्त - 30 सितम्बर –नव दिन पिता के गृह रह कर, देवी भगवती दसवी तिथि को अपने स्वामि के घर प्रस्थान करती हैं | दुर्गा पूजा नवरात्र उपरांत इनके विसर्जन का विधान दशमी तिथि है | इस वर्ष नवमी तिथि (29.9.2017) रात्रि 11:40 तक होने के कारण, नवमी तिथि में प्रतिमा का विसर्जन उपयुक्त नहीं है | (विकल्प के रूप में रात्रि 11 : 46 के उपरांत पूजा कर विसर्जन की प्रक्रिया 12: 58 रात्रि तक की जा सकती है | रवि योग सफलतप्रद है |) *विशुद्ध रूप से 30 सितंबर प्रातः भगवती देवी की पूजा अर्चना कर प्रसाद वितरित कर कलश की सामग्री जैसे जल को घर में छिड़कना नकारात्मक ऊर्जा को नष्ट कर श्रेष्ठ ऊर्जा उत्पन्न करने वाला होता है | *कलश के सिक्के आदि को तिजोरी आदि में रखने से धन वृद्धि कारक माना गया है | *रत्न आदि का प्रयोग
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