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राशी भविष्य की उपयोगिता क्या है ?क्यों जाने दैनिक भविष्य ?क्या सार्थकता है ?उपाय उपयोगी होते है ?


 

      राशी भविष्य की उपयोगिता क्या है ?क्यों जाने दैनिक भविष्य ?क्या सार्थकता है ?

भविष्य अदृश्य (सफलता –विफलता,सुख-दुःख,)संभावनाओं का माया मकड जाल है ।इस मकड जाल को भारत के सनातन हिन्दू धर्म के उद्भट आर्ष पुराधाओं ,ज्ञान पुंज ऋषि –मुनियों नेअपनी त्रिकाल क्षमता के द्वारा वेध कर मानव मात्र के लिए “वरदान स्वरूप उपकरण “प्रदत्त किया है   

ग्रहों का जीवित या प्राणविहीन पर भी प्रभाव होता है | अक्षर या नाम पर भी चे व्यक्ति हो या नगर गाँव या संस्थान   ग्रहों का जीवित या प्राणविहीन पर भी प्रभाव होता है  अक्षर या नाम पर भी चाहे  व्यक्ति हो या नगर गाँव या संस्थान  अपने नाम एवं जन्म राशी के अनुसार दैनिक या साप्ताहिक राशी का अवलोकन कर सफल कार्य योजना निर्माण एवं पहल कर सकते है  

     यदि ग्रह के अनुसार दिन ,सप्ताह उत्तम नहीं तो दिन के मुहूर्त भी उपयोगी सिद्ध होना आवश्यक नहीं | यद्यपि सूक्ष्म 05 मिनट से 24 मिनट के कार्य सफलता की काल गणना सूत्र आधारित गणना सटीक फलित प्रमाणित होती है 

-दैनिक व्यवहार में कार्य - योजना (Working plan )निर्माण कर ,” महत्वपूर्ण कार्य प्रारंभ करना चाहिए या नहीं’’ के निर्णय में अहम एवं सार्थक सिद्ध राशी भविष्य होसकता है।जीवन के प्रत्येक प्रसंग में राशी भविष्य उपादेय है |आवश्यकता समझने एवं उपयोग करने की है 

कौनसा राशी भविष्य लेख उपयोगी ?

 जिस राशी भविष्य लेख में राशी विशेष के अंतर्गत  दिन के शुभ -अशुभ , विघ्न-बाधक ,सफलता-विफलता  का स्पष्ट वर्णन हो वही राशी भविष्य लेख उपयोगी सिद्ध हो सकता है 

राशीफल  भविष्य लेख किस किस या किन किन  के लिए उपादेय ?

जीवन के प्र्त्येक क्षण ,कार्य,विचार,निर्णय के लिए राशी भविष्य लेख उपयोगी हें

-घरेलु कार्य/पारिवारिक कार्य (किचन,नइ रेसिपी,उपयोगी वस्तु क्रय ,पहली बार नयी वस्तु का प्रयोग,सेविका या सेवक को निदेश या नियुक्त करना  )।

-सामाजिक/सांस्कृतिक कार्य -(उत्सव,अनुष्ठान ,धार्मिक,जनहित कार्य  ) ।

-राजनितिक कार्य ( जनसंपक,मीटिंग,उदघाटन,शपथ,उद्घोषणा,अपना पक्ष वरिस्थ तक ,आलोचना,समर्थन,नियमन,नियंत्रण ,नए प्रावधान लागु करना )।

-कार्यालय/प्रशासन -( कनिष्ठ वर्ग को निदेश या मीटिंग ,वरिष्ठ को प्रस्ताव ,प्रदर्शन) जैसे-यात्रा,मीटिंग,एप्लाई,इंटरव्यू ,आदेश निर्माण एवं  प्रसारण

-व्यापारिक प्रतिष्ठान / आर्थिक कार्यप्रारूप ,डिजाईन ,निर्माण,पूंजी ,सम्पत्ति , समझोते पर निर्णय हस्ताक्षर ,क्रय-विक्रय पहल ,विज्ञापन,भंडारण , नियुक्ति,विवाद् या  न्यायालयींन कार्य ।

-साहित्यिक / आध्यात्मिक- -कार्य - मन्त्र-दीक्षा,गुरु चयन,अनुष्ठान, चित्र,प्रारूप ,डिजाईन सृजन,लेखन 

- दिन का सटीक  भविष्य जानने की विधि क्योकि जन्म राशी का ही नहीं वरन प्रचलित नाम का भी प्रभाव दैनिक जीवन में पड़ता है  -

- दिन का पूर्ण सटीक भविष्य जानने के लिए,अपने प्रचलित नाम एवं जन्म राशी के भविष्य को पढ़िए ,यदि दोनों उत्तम तो दिन श्रेष्ठ सफल व्यतीत होगा  ,नाम से उत्तम तो व्यव्हार ,यात्रा आदि में सफलता ।

राशीफल  भविष्य लेख में यदि उस दिन -जन्म राशी फल शुभ सफल लिखा  नहीं तो कार्य सफलता में विघ्न होंगे । नाम से अशुभ होने पर,यात्रा ,गृह प्रवेश व्यवहारिक-कार्य, ज्वाइनिंग,आवेदन ,परामर्श देना,जोखिम,विवाद से  दूर रहना  हितकर होगा l

अशुभ प्रभाव कम हो सकते हैं ? उपाय उपयोगी होते हैं  ? 

 - अशुभ प्रभाव को कम करने या निष्क्रिय  करने के उपाय ऋषि मुनियों ज्योतिष पुंज देवतुल्य मनीषियों ने दिए  है l,जिनका उपयोग प्रयोग विघ्न ,बाधा,कठिनाई को कम कर निराशा या असफलता के अंधकार से निकालने  के लिए ,मनोबल स्थिरता या सृजन के लिए उपयोगी है 

ये विशेषताएं मेरे लेख में आपको सहज सुलभ है -

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अ-राशीफल  भविष्य लेख l

ब-अशुभ प्रभाव कम करने के उपायl

स-किस-समय ,किस कार्य को किस राशी वाले करे  l 


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