21 दिसम्बर- कार्य-मुहूर्त- समय ,किस राशी? उपाय-दान,भोजन मन्त्र ,नाम-
भविष्य,
(मुहूर्त
चिंतामणि एवं वराहमिहिर सूत्र आधारित -कौनसा
कार्य,किस राशिवाले , किस समय प्रारंभ करे ?)
By-Renowned
Astrologer –Pt.V.K.tiwari”jyotish-Shiromani”
Vaastu, Palmist, Horo, Numerology; +49 Years
Experience
jyotish9999@gmail.com;9424446706
- भविष्य -नाम
के प्रथम अक्षर से-
-
कर्क,वृश्चिक,मीन राशी वाले बाधा नाश के लिए उपाय अवश्य करे ।
-नाम के प्रथम
अक्षर (व्यक्ति,वस्तु,कम्पनी,स्थान का नाम ) वालो के लिए दिन सुख बाधक --
क,घ,छ,न.य.द,च, ।
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-आज के उपाय-
देवाधिदेव शिव –“प्रयास से अभीष्ट कार्य पूर्ण होते है |”
1-सुख,सौभाग्य वृद्धि के लिए –
जटामांसी ,मौलश्री लाल पुष्पजल मे
मिला कर स्नान करे ।।
2-दान-गुड,मसूर तांबा ,लाल चन्दन युवा पुरुष,
रक्षक,कनेर लाल पुष्प ।
3-दान किसे दे – युवा अवश्यक -लाल बैल,युवा
लड़का,कष्ट्रीय,
सुरक्षा कर्मी,चौकीदार को दे।।
3- घर से प्रस्थान पूर्व क्या खाएं–––कांजी ।
1 अङ्गारक, भौम, मङ्गल, कुज ॐ वीरध्वजाय विद्महे विघ्नहस्ताय धीमहि
तन्नो भौमः प्रचोदयात् ॥
केतु
ॐ अश्वध्वजाय विद्महे शूलहस्ताय धीमहि तन्नः केतुः प्रचोदयात् ॥
ॐ चित्रवर्णाय विद्महे सर्परूपाय धीमहि तन्नः केतुः प्रचोदयात् ॥
ॐ गदाहस्ताय विद्महे अमृतेशाय
धीमहि तन्नः केतुः प्रचोदयात् ॥
ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः।
जैन धर्म मंत्र-
ॐ ह्रीं णमो सिद्धाणं । ॐ ह्रीं मंगल ग्रहारिष्ट निवारक श्री वासु
पूज्यजिनेन्द्राय नम।
सर्व शांतिं कुरु कुरु स्वाहा।मम (..अपना नाम ) दुष्ट ग्रह रोग कष्ट
निवारणं सर्व शांतिं कुरू कुरू हूँ फट् स्वाहा।
mantr-भूमिपुत्रो महातेजा जगतां
भयकृत् सदा।
वृष्टि कृद् वृष्टि हर्ता च पीडां हरतु में कुज: ।।
भूमि के पुत्रमहान् तेजस्वीजगत् को भय प्रदान करने वालेवृष्टि करने वाले
तथा वृष्टि का हरण करने वाले मंगल (ग्रहजन्य) मेरी पीड़ा का हरण करें ।।
ब्रह्माण्डपुराण
वेद मन्त्र भौम-
ॐ अग्निमूर्धा दिव: ककुत्पति: पृथिव्या अयम्।
अपां रेतां सि जिन्वति।। (यजु.
3।12)
शाबर मन्त्र –
ll ओम गुरूजी मंगलवार मन कर बन्दा,जन्ममरण
का कट जावे फन्दा।
जन्म मरण का भागे कार,तो गुरू पावूं मंगलवार।
मंगलवार ।
भारद्वाज गोत्र,रक्त वर्ण दस हजार जाप
अवन्तिदेश।दक्षिण स्थान त्रिकोण मंडल तीन अंगुल,वृश्चिक मेष
राशि के गुरू को नमस्कार ।
सत फिरे तो वाचा फिरे।पान फूल वासना सिंहासन धरै ।
तो इतरो काम मंगलवार जी महाराज करे। ओम फट् स्वाहा ll
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2- उपाय
अवश्य करे- सिंह,धनु,कुम्भ
राशी वाले बाधा नाश के लिए ।
वर्जित-बैंगन खाना निषिद्ध है।
- तेल लगाना वर्जित है.।
उपयोग--
घी भोजन में शामिल करे ।
-कार्य के पूर्व -ब्रह्मा की पूजा ।ब्रह्मचारी ब्राह्मण को
भोजन – विद्या में सफलता मिलती है ।
- ब्रह्म देव का बीज मंत्र -ॐ खं कं ।।
ओम् वेदात्मने च विद्मिहे हिरण्य गर्भा धीमहि । तन्नो: ब्रह्म:
प्रचोदयात ।।1।।
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3 अग्रलिखित के दर्शन,दान,स्मरण,प्रसन्नता
एवं पालन पोषण के उपाय उपयोगी कामना पूरक एवं विघ्न नाशक होंगे -नक्षत्र देवता : रुद्र
(शिव) स्वामी : राहु ;प्राणी : कुत्ता ; तत्व : जल
नक्षत्र
वृक्ष : कृष्णागरू,काला तेंदू
शिव के अर्चन से विजय प्राप्त होती है। सुंदर कमल
आदि पुष्पों से पूजे गए भगवान शिव सदा कल्याण करते हैं।
ओम वाम देवाय नम:।। ओम अघोराय नम:।। ओम
तत्पुरूषाय नम:।। ओम ईशानाय नम:।।
वेद मंत्र
ॐ नमस्ते रूद्र मन्यवSउतोत इषवे नम: बाहुभ्यां मुतते नम: ।
ॐ रुद्राय नम: ।
पौराणिक मंत्र:
रुद्र श्वेतो वृशारूढः श्वेत माल्य चतुर्भुजःl
शूल खड्ग अभय वरान्द धानो मे
प्रसीदतु ll
नक्षत्र देवता मंत्र:- ॐ रुद्राय नमः l
नक्षत्र मंत्र:- ॐ आर्द्रायै नमःl
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आज प्रारंभ किये जाने वाले कार्य एवं समय- “वराहमिहिर-सूत्र”
अ- 6:24 - 6:48, 10:12 - 10:24
13:00 -
13:36;
आ-21:12-10:00, 2:24 -2:48
--------------------------------------मुहूर्त -
कार्य प्रारंभ शुभ –Up to-03:58 रात्रि तक |
-यात्रा सफल,औषधि, प्रसूति स्नान, धन निवेश,जमा आदि ;
22:25-03:57तक शल्य क्रिया |
*अनुष्ठान,vaastu,,धार्मिक कार्य मुहूर्त नहीं |
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–कौनसा कार्य?किस
समय? किस राशिवाले करे ?
संदर्भ-सुप्रसिद्ध ग्रन्थ –“मुहूर्त चिंतामणि “के सूत्रों से
निर्मित - राहू काल,गुलिक काल या पंचक, अशुभ
चौघडिया आदि हजारो दोष से मुक्त
मुहूर्त |
1-कोई
भी शुभ योग या मुहूर्त सभी कार्यों या समस्त राशियों के लिए नहीं होता है |
निम्न मुहूर्त किस कार्य एवं किस
राशी के लिए किस समय कार्य प्रारंभ शुभ ?-
लग्न-होरा
आधरित कार्य के मुहूर्त निम्न हैं-
- कार्य उद्देश्य के अनुसार एवं राशि के अनुसार ,प्रारम्भ
हेतु शुभ समय |
- 1-
10:44-11:49 बजे तक -कुंभ स्थिर कार्य कार्य कर सकते हैं (लग्न
एवं होरा-कार्य) -
आज किये जाने वाले कार्य –
व्यापार, कृषि, जल-यात्रा,भूमि,Project,नए
नियम,शिलान्यास,जनहित कार्य|
कर्क राशि राशि छोड़ कर,शेष
सभी राशियों के लिए उपयुक्त|
2-BY 12:14-13:16 PM-मीन लग्न एवं
होरा-अस्थिर +स्थिरकार्य
-तिलक
वस्त्र अलंकार -बनवाना धारण करना एवं मंगल,शुभ कार्य |
सिंह,राशि छोड़
कर सभी राशि के लिए उपयुक्त|
3- 13:48-15:01 -मेष लग्न एवं
होरा-अस्थिर प्रकृति कार्य बजे तक :
कार्य सूचि -यात्रा,एग्रीमेंट, नए वस्त्र
आभूषण, जमीन खोदना ,
जोखिम के कार्य, टीका या राज्य तिलक,स्वागत,अभिनंदन।
कन्या,वृष,मकर ,मेष कुम्भ,कन्या
राशि छोड़ कर,शेषसभी राशियों के लिए उपयुक्त|
4-17:36-19:13 बजे तक :मिथुन अस्थिर एवं स्थिर कार्य कर सकते हैं -
(लग्न एवं होरा-कार्य)-कार्य)-विज्ञान ,विवाद ,शिल्प, कला ,शुभ कार्य राज्य अभिषेक।
यह मुहूर्त वृष,कर्क
एवं वृश्चिक राशी के लिए वर्जित है|शेष समस्त राशियों के लिए शुभ है|
5- कर्क-अस्थिर प्रकृति कार्य लग्न एवं होरा-19:31-:21-31:
जलाशय ,निर्माण प्रतिष्ठा ,शांति
कार्य, चित्रकला, लेखन। cv बनाना।
सिंह एवं धनु राशि हेतु वर्जित शेष सभी
राशियों के लिए उपयुक्त|
(मकर राशि राशि छोड़ कर,शेष
सभी राशियों के लिए उपयुक्त)|
6-00:11-01:49बजे तक :
(कन्या लग्न एवं होरा-कार्य)-अस्थिर
एवं स्थिर कार्य कार्य कर सकते हैं-
ज्ञान, विद्यारंभ, आभूषण
बनवाना, समस्त
औषधि निर्माण शिक्षा समस्त मंगल कार्य।
मिथुन,तुला कुम्भ राशि छोड़ कर,शेष
सभी राशियों के लिए उपयुक्त|
7- 02:21-04:06-अस्थिर प्रकृति के कार्य –( तुला लग्न
एवं होरा)-
कृषि यात्रा व्यापार मंगल कार्य
यज्ञोपवीत पशुपालन पीतल की धातु से संबंधित।
मीन, राशि राशि छोड़ कर,शेषसभी
राशियों के लिए उपयुक्त|
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-पंचक नहीं - केवल
05
कार्य वर्जित ,अन्य समस्त कार्य नक्षत्र के अनुसार शुभ –
1दाह संस्कार,2छप्पर डालना,3दक्षिण
दिशा यात्रा 4लकड़ी घास
भूसा एकत्र,5पलंग या चारपाई बुनना-
ये पांच कर्म ही वर्जित (ज्योतिष ग्रंथो में उल्लेखित )है
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भद्रा –03:56 रात्रि से स्वर्ग में है |
( भद्रा सदैव अशुभ नहीं होती है |)
स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले
च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य
विनाशिनी।।
(दुर्गा
पूजा श्रेष्ठ भद्रा काल,स्वर्ग भद्रा - आर्थिक , कृषि
एवं अनाज सम्बंधित कार्यों के लिए ,
पाताळ
भद्रा धन से सम्बंधित कार्य सफल ,मृत्यु लोक या भूमि की भद्रा सभी कार्यों में
असफलता देती है |होली एवं रक्षाबंधन में विशेष वर्जित भद्रा काल
|)शेष
समस्त कार्य किये जासकते है |)
निर्विघ्न यात्रा सम्पन्न हो -प्रस्थान पूर्व , मंत्र-
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll
घर से प्रस्थान पूर्व-(Before Step out )
-*नासिका के दाहिने या वाएं जिस और से स्वास चल रही हो उस ओर का पैर
पहले द्वार से बाहर निकाले |
मार्गशीर्ष माह -ताजी सब्जियां प्रयोग करें
प्रयोग ना करें- जीरा ,मसूर ,चना ,लौकी ,जिमीकंद ,ग्वार फली, सहजन फली ,करेला ,नेनुआ ,ककडी, पपीता अनाज
,तरबूज ख,रबूज ,हरी मिर्च ,सूखा धनिया, हरा धनिया, लोग मटके का जल|
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समस्या उपाय-कुंडली निर्माण |
Success-job,Carrier,day to day life ?
Would you like to know yours Lucky
Days,Nights,Months,Years,Partners,Spouse
name,
-City,Company,Institute,Directions,
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