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16-दिसम्बर- दुर्लभ मुहूर्त, उपाय ,नाम- भविष्य,

 


16-दिसम्बर- दुर्लभ  मुहूर्त, उपाय ,नाम- भविष्य,

(मुहूर्त चिंतामणि एवं वराहमिहिर सूत्र आधारित  -कौनसा कार्य,किस राशिवाले , किस समय प्रारंभ करे ?)

            By-Renowned Astrologer –Pt.V.K.tiwari”jyotish-Shiromani”

                          Vaastu, Palmist, Horo, Numerology| +45 Years Experience

                                                    jyotish9999@gmail.com

                  -   भविष्य -नाम के  प्रथम  अक्षर से-

-नाम के  प्रथम  अक्षर (व्यक्ति,वस्तु,कम्पनी,स्थान का नाम ) वालो के लिए दिन सुख बाधक -- -ई,,एओ,वा,वी,वू,वे,वो टो,,पी,पू,,,,पे,पो भो,जा,जी,खी,खू,खे,खो,,गी. 

 

_________________________________________________________________

    -आज के उपाय-

          देवाधिदेव शिव –“प्रयास से अभीष्ट कार्य पूर्ण होते है |”

गुरु,मार्गशीर्ष,शुक्ल त्रयोदशी    | 

-तुला,मकर  राशी /  नाम र,त,ख,ज,से प्रारंभ हो उनको निम्न उपाय करना चाहिए-

--सौभाग्य सफलता वृद्धि के लिए

*सर्व सिद्धिम,सफलताम च सर्व वान्छाम पूरय पूरय में नम: / स्वाहा ।

-स्नान जल मे मिला नदी या तीर्थ जल,-चमेली पुष्प ,सफेद के अभाव मे

 पीली सरसों ,गूलर ,मुलेठी ,मिला कर स्नान करे ।

2-- दान-

पीला अनाज ,चना,शकरपीले पुष्प .हल्दी,केसर।

पीला वस्त्र पीला फल पपीता केला आदि दान करे।

3-दान किसको दे -

गुरु,ज्ञानी पुरुष,ब्राह्मण या ज्ञान,शिक्षा कर्म करने वाले को या

शिक्षण संस्था,शिक्षक,विष्णु,कृष्ण,राम मंदिर मेदानकरना चाहिए ।

- गायत्री मंत्र-

(गायत्री मन्त्र पश्चात् गृहस्थ को आवश्यक है बोलना  -)

आपो ज्योति रस अमृतम ।परो रजसे सावदोम 

- ॐ सुराचार्याय विद्महे सुरश्रेष्ठाय धीमहि तन्नो गुरुः प्रचोदयात् ॥

ओम अंगिरसाय विद्महे दिव्यदेवताय धीमहि तन्नो जीवः प्रचोदयात ।।आपो ज्योति रस अमृतम ।परो रजसे साव दोम ।

देवमन्त्री विशालाक्ष: सदा लोकहिते रत:।

अनेकशिष्यसम्पूर्ण: पीडां हरतु मे गुरु: ।।

सर्वदा लोक कल्याण में निरत रहने वालेदेवताओं के मंत्रीविशाल नेत्रों वाले

तथा अनेक शिष्यों से युक्त बृहस्पति मेरी पीड़ा को दूर करें ।। ब्रह्माण्डपुराण

गुरु- ॐ बृहस्पते अति यदर्यो अर्हाद् द्युमद्विभाति क्रतुमज्जनेषु। यद्दीदयच्छवस ऋतुप्रजात तदस्मासु द्रविणं धेहि चित्रम्।। (यजु. 26।3)

पौराणिक मंत्र -108 बारॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरूवे नमः ॥

जैन मंत्र-

ॐ ह्रीं णमो आयरियाणं  ।ॐ ह्रीं गुरु ग्रहारिष्ट निवारकश्री महावीर जिनेन्द्राय नम

सर्वशांतिं कुरु कुरु स्वाहा।मम (.अपना नाम ) दुष्ट ग्रह रोग कष्ट निवारणं सर्वशांतिं कुरू कुरू हूँ फट् स्वाहा।

शाबर मन्त्र – (श्रद्धा आवश्यकशुद्धता सामान्य)

ll ओम गुरूजी बृहस्पतिवार मनमें बसे।पांचो इन्द्रिय बस मे करे।

सो निशि घर उग्या भाण। ध्यावो बृहस्पतिवार गंगा का है सिनान।

बृहस्पतिवार अंगिरा गोत्र,पीत वरण उन्नीस हजार जाप सिन्धुदेश उत्तरस्थानचतुर्थ मंडल ६ अंगुल।धनु मीन राशि केगुरू को नमस्कार।सत फिरे तो वाचा फिरे।

पान फूल वासना सिहासन धरे तो इतरो काम बृहस्पतिवारजी महाराज करे।

ओम फट् स्वाहा ll

3- प्रस्थान पूर्व क्या खाएं–

––दही curd,जीरा ।

नक्षत्र दोष-कृष्णवर्ण के सुंदर पुष्पों से बनी हुई मान्यादि और होम के द्वारा पूजा करने से अग्निदेव निश्चित ही यथेष्ट फल देते हैं।

ॐ महाज्वालाय विद्महे अग्निदेवाय धीमहि। तन्नो अग्नि: प्रचोदयात् ।।

ॐ अग्नेय स्वाहा। इदं अग्नेय इदं न नम।

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2- उपाय अवश्य करे- सिंह,धनु,कुम्भ  राशी वाले बाधा नाश के लिए ।

-बैंगन भोजन वर्जित । पुत्र हेतु अशुभ होता है। आवला व्यंजन उत्पाद का प्रयोग नहीं करे ।

- गुड भोजन में शामिल करे । दूध प्रयोग करिए। 
अंग स्पर्श - शुभ कर्ण, स्पर्श अशुभ उपस्थ ।

कार्य के पूर्व   - कामदेव की पूजा करने से मनुष्य उत्तम भार्या तथा उसकी सभी कामनाएं पूर्ण हो जाती हैं।

- ओम कामदेवाय विद्महे, रति प्रियायै धीमहि, तन्नो अनंग '

ॐ क्लींम् बिद्यमहे कामदेवाय धीमहि तन्नो अनंग प्रचोदयात्।

” क्लीं कामदेवाय नमः

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3*  शिव पुत्र कार्तिकेय एवं अग्नि की पूजा ।

ॐ तत्पुरुषाय विद्महे: महा सैन्या धीमहि तन्नो स्कन्दा प्रचोदयात'.

देव सेनापते स्कंद कार्तिकेय भवोद्भव। कुमार गुह गांगेय शक्ति हस्त नमोस्तु ते॥'

ॐ महा ज्वालाय विद्महे अग्नि देवाय धीमहि। तन्नो अग्नि: प्रचोदयात् ।।

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       आज प्रारंभ किये जाने वाले कार्य एवं समय- “वराहमिहिर-सूत्र”

 

6:12- 6:24 AM (+24min)
11:12 - 11:36;
5:24 - 5:36 (+48 min);
22:36 - 23:12 (-48  min);                     

अ-   कार्य प्रारंभ शुभ –Up to-04:31 रात्रि तक |

-हवन-शनि मुख आहुति ;

कृषि कार्य-इंधन भंडारण ,कटाई |

                    कौनसा कार्य?किस समय? किस राशिवाले करे ?

             संदर्भ-सुप्रसिद्ध  ग्रन्थ –“मुहूर्त चिंतामणि “के सूत्रों से निर्मित - राहू काल,गुलिक काल या पंचक, अशुभ चौघडिया आदि  हजारो दोष से मुक्त मुहूर्त  |

1-कोई भी शुभ योग या मुहूर्त सभी कार्यों या समस्त राशियों के लिए नहीं होता है |

          निम्न मुहूर्त किस कार्य एवं किस राशी के लिए किस समय कार्य प्रारंभ शुभ ?-

                            लग्न-होरा  आधरित कार्य के मुहूर्त निम्न हैं-

      - कार्य उद्देश्य के अनुसार एवं राशि के अनुसार ,प्रारम्भ हेतु शुभ समय |

-

1- 11:21-12:19 बजे तक -कुंभ स्थिर कार्य कार्य कर सकते हैं (लग्न एवं होरा-कार्य) -

आज किये जाने वाले  कार्य

व्यापार, कृषि, जल-यात्रा,भूमि,Project,नए नियम,शिलान्यास,जनहित कार्य|

कर्क राशि राशि छोड़ कर,शेष सभी राशियों के लिए उपयुक्त|

 

AM 11:21-12:19 PM-

2-BY 12:54-13:46 PM-मीन लग्न एवं होरा-अस्थिर +स्थिरकार्य

-तिलक वस्त्र अलंकार -बनवाना धारण करना एवं मंगल,शुभ कार्य |

सिंह,राशि छोड़ कर सभी राशि के लिए उपयुक्त|

3- 14:18-15:34 -मेष लग्न एवं होरा-अस्थिर प्रकृति कार्य बजे तक :

कार्य सूचि -यात्रा,एग्रीमेंट, नए वस्त्र आभूषण, जमीन खोदना ,

 जोखिम के कार्य, टीका या राज्य तिलक,स्वागत,अभिनंदन।

कन्या,वृष,मकर ,मेष कुम्भ,कन्या राशि छोड़ कर,शेषसभी राशियों के लिए उपयुक्त|

.

 

 

4-18:00-19:31 बजे तक :मिथुन अस्थिर एवं स्थिर कार्य कर सकते हैं - (लग्न एवं होरा-कार्य)-कार्य)-विज्ञान ,विवाद ,शिल्प, कला ,शुभ कार्य राज्य अभिषेक।

यह मुहूर्त वृष,कर्क एवं वृश्चिक राशी के लिए वर्जित है|शेष समस्त राशियों के लिए शुभ है|

 

5- कर्क-अस्थिर प्रकृति कार्य  लग्न एवं होरा-20:01-:22-01:

जलाशय ,निर्माण प्रतिष्ठा ,शांति कार्य, चित्रकला, लेखन। cv बनाना।

सिंह एवं धनु राशि हेतु वर्जित शेष सभी राशियों के लिए उपयुक्त|

20:01-:22-01:

 

6- By-22:41-00:16-स्थिर कार्य कर सकते हैं (सिंह लग्न एवं होरा-)-

Related Work—आवेदन,ज्वाइन,प्रस्तुत,वस्तु क्रय विक्रय , रोजगार , आभूषण निर्माण, शुभ कार्य,, रस ,  गन्ना,

(मकर राशि राशि छोड़ कर,शेष सभी राशियों के लिए उपयुक्त)|

7-12:54-02:29बजे तक : (कन्या लग्न एवं होरा-कार्य)-अस्थिर एवं स्थिर कार्य कार्य कर सकते हैं-

ज्ञान, विद्यारंभ, आभूषण बनवाना, समस्त  औषधि निर्माण शिक्षा समस्त मंगल कार्य।

मिथुन,तुला कुम्भ राशि छोड़ कर,शेष सभी राशियों के लिए उपयुक्त|

7- 02:41-04:16-अस्थिर प्रकृति के कार्य –( तुला लग्न एवं होरा)-

कृषि यात्रा व्यापार मंगल कार्य यज्ञोपवीत पशुपालन पीतल की धातु से संबंधित।

मीन, राशि राशि छोड़ कर,शेषसभी राशियों के लिए उपयुक्त|

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-पंचक है - केवल 05 कार्य वर्जित ,अन्य समस्त कार्य नक्षत्र के अनुसार शुभ –

 1दाह संस्कार,2छप्पर डालना,3दक्षिण दिशा यात्रा 4लकड़ी घास

टिप्पणियाँ

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