25 दिसम्बर- कार्य,मुहूर्त- समय? उपाय- नाम- भविष्य, किस राशी के लिए दिन में कब अनुकूल समय ? (मुहूर्त चिंतामणि एवं वराहमिहिर सूत्र आधारित -कौनसा कार्य,किस राशिवाले , किस समय प्रारंभ करे ?) By-Renowned Astrologer –Pt.V.K.tiwari”jyotish-Shiromani”
(मुहूर्त
चिंतामणि एवं वराहमिहिर सूत्र आधारित -कौनसा
कार्य,किस राशिवाले , किस समय प्रारंभ करे ?)
By-Renowned
Astrologer –Pt.V.K.tiwari”jyotish-Shiromani”
Vaastu, Palmist, Horo, Numerology; +49 Years
Experience
jyotish9999@gmail.com;9424446706
- भविष्य -नाम
के प्रथम अक्षर से-
-नाम के प्रथम
अक्षर (व्यक्ति,वस्तु,कम्पनी,स्थान का नाम ) वालो के लिए दिन सुख बाधक --
-ई,उ,एओ,वा,वी,वू,वे,वो टो,प,पी,पू,ष,ण,ठ,पे,पो भो,जा,जी,खी,खू,खे,खो,ग,गी.
_________________________________________________________________
-आज के उपाय-
देवाधिदेव शिव –“प्रयास से अभीष्ट
कार्य पूर्ण होते है ।”
शनि ग्रह अनिष्ट नाशक
एवं सफलता के उपाय-
-वृष,कन्या राशी या नाम ओ.व,ब,इ,उ,ए
,प,थ,ठ अक्षर प्रारंभ हो उनको अवश्य निम्न
उपाय सुख,सौभाग्य
वृद्धिके लिए करना चाहिए-
-–- कार्य के पूर्व - चंद्रमा की पूजा- चन्द्रमसे नम:। । पितृगण पित्रेभ्य नम:।।
-स्नान जल मे काले तिल मिला
कर स्नान करे ।।
-पीपल वृक्ष की जड़ के समीप तिल तैल का
दीपक लगाए ।
-दीपक वर्तिका लाल,नारंगी या अनेक रंग की हो (श्वेतनहीं)।
दीपक की बत्ती की दिशा उत्तर श्रेष्ठ,पूर्व दिशा उत्तम ।
एक चतुर्मुख दीपक प्रज्वलित करे अर्थात
दीपक में चर वत्तियाँ अलग अलग दिशा में हो ।
मंत्र --
ॐपिप्पलाद ,गाढ़ी,कौशिक ऋषये नमः । विष्णवे नम:,हनुमते नम:।। सर्ववांछाम
पूरय पूरय च सर्व सिद्धिम देहि में नम ।
-शमी वृक्ष पर जल अर्पण करे
।
-पीपल वृक्ष में मिश्री
मिश्रित दूध से अर्घ्य देने से लक्ष्मी की प्राप्ति होती है।
-दान-
उड़द ,तिल,काला,वस्त्र,,नीले पुष्प,लोभान,करे ।
दान – वृद्ध व्यक्ति ,कनिष्ठ या सेवक को दे सकते है।।
3- घर से प्रस्थान पूर्व खाएं–
-तिल,भात
,उड़द,अदरख मे से कोई पदार्थ उपयोग करना
चाहिए ।
जैन धर्म मंत्र-
णमो लोए सव्वसाहूणं।
गायत्री मंत्र-
ॐ सूर्य पुत्राय विद्महे ,मृत्यु रुपाय धीमहि ,तन्नो सौरिः
प्रचोदयात् ॥
आपो ज्योति रस अमृतम ।परो रजसे सावादोंम ।
या
ऊॅ भग भवाय विद्महे मृत्युरूपाय धीमहि
तन्नौ शनिः प्रचोदयात् ।
।।आपो ज्योति रस अमृतम । आपो ज्योति रस
अमृतम ।
*राहू
1 राहु ॐ नाक ध्वजाय विद्महे पद्म हस्ताय
धीमहि तन्नो राहुः प्रचोदयात् ॥
2ॐ शिरो रूपाय विद्महे अमृतेशाय धीमहि
तन्नो राहुः प्रचोदयात् ॥
– ब्रह्माण्डपुराण-03बार
सूर्य पुत्रो दीर्घ देहा विशालाक्ष:शिवप्रिय:।
मन्दचार: प्रसन्नात्मा पीडां हरतु मे शनि: ।।
(हे सूर्य के पुत्रदीर्घ देह विशाल
नेत्रोंमंद गति से चलने वाले,भगवान्
शिव के प्रिय तथा प्रसन्न आत्मा शनि मेरी
पीड़ा को दूर करें ।। )
शनि- ॐ शं नो देवीरभिष्टय आपो भवन्तु
पीतये। शं योरभि स्त्रवन्तु न:।। (यजु. 36।12)
शाबर मन्त्र – (श्रद्धा आवश्यकशुद्धता
सामान्य)
llओम गुरूजी थावर वार।थावर
आसन थरहरो। पॉंच तत्व प्रयोग या स्पर्श या
प्रयोग - की विद्या करो पॉंच तत्व प्रयोग या स्पर्श या प्रयोग - का साधो करो विचार।तो गुरू पावूं
थावर वार शनिवार कश्यप गोत्र कृष्ण वर्ण तेईस हजार जाप सोरठ देश पश्चिम स्थान
धनुषाकार मंडल,तीन अंगुल़,मकर कुम्भ
राशि के गुरू को नमस्कार।सत फिरे तो वाचा फिरे,पान फूल वासना
सिंहासन धरे।तो इतरो काम थावर जी महाराज करे। ओम फट् स्वाहा ll
-------------------------------------------------------------------------------------------------------
उपाय अवश्य करे
-मेष ,वृश्चिक कुम्भ राशी वाले या जिनके नाम अ,च,ल,न,य,स,ग, अक्षरसे प्रारंभ हो वे
बाधा नाश के लिए ।
-नीम उत्पाद,(साबुन,तेलपत्तीफल
या दातुन)प्रयोग वर्जित नीच योनियों की
प्राप्ति होती है।तैलाभ्यंग ,पितृकर्म,दातुन,आवागमन,काष्ठ-कर्म आदि कार्य वर्जित हैं.।
- स्वर्ण जल भोजन में शामिल करे ।
कार्य के पूर्व-कार्तिकेय की पूजा
करने से मनुष्य श्रेष्ठ मेधावी,रूप,संपन्न दीर्घायु और कीर्तिद
ॐ कार्तिकेभ्य नम:।।
-ॐ तत्पुरुषाय विद्महे: महा सैन्या
धीमहि तन्नो स्कन्दा प्रचोदयात'.
देव सेनापते स्कंद कार्तिकेय भवोद्भव।
कुमार गुह गांगेय शक्तिहस्त नमोस्तु ते॥'
ॐ शारवाना-भावाया नम
ज्ञानशक्तिधरा स्कंदा वल्लीईकल्याणा
सुंदरा
देवसेना मन: कांता कार्तिकेया नामोस्तुते।
---------------------------------------------------------------------------------------------
अग्रलिखित के दर्शन,दान,स्मरण,प्रसन्नता एवं पालन पोषण के उपाय उपयोगी
कामना पूरक एवं विघ्न नाशक होंगे-
देवता - भग, स्वामी
: शुक्र, -पालनीय-पूज्य
वृक्ष : पलाश ;) प्राणी
को भोजन --:उंदीर चूहा।
पूषा की पूजा करने पर विजय प्राप्त हो जाती है ।
मन्त्र-ॐ स्वस्ति न इन्द्रो वृद्धश्रवाः।
स्वस्ति नः पूषा विश्ववेदाः। ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः ॥ "महान कीर्ति वाले
इन्द्र हमारा कल्याण करो, विश्व
के ज्ञान स्वरूप पूषा देव हमारा कल्याण करो।
---------------------------------------------------------------------------------------------------------------------
आज प्रारंभ किये जाने वाले कार्य के शुभ
India and Abroad - Method of amending the
time mentioned in the auspicious time article - (+/-hours, minutes)
India : (+/- hours: minutes, modified to local time of city)
Delhi (+) 00:02, Mumbai, Surat (+) 00:16,
Ahmedabad (+) 00:21, Amritsar(+) 00:08, Chennai (-) 00:08, Raipur- CG (-) 00:
07, Jabalpur (-) 00:12, Patna (-) 00: 31, Calcutta (-) 00:44;
World (+/- hours: minutes, modified in their local time) :
Singapore (+) 01:08, Kathmandu (-) 00:15,
Tokyo (-) 00.:18, Paris (-) 00:19, London (+) 00:33, Toronto (+) 00:21, Moscow
(-) 00:11, Taipei (+) 00:09. ,
Auspicious Siddha/Ravi, Amrit, or Sarvartha Yoga for work----07:50-03:58 pm - till night.- समय- “वराहमिहिर-सूत्र”
11:01 - 12:24 ; 17:24 -
17:48 ; 21:00 - 21:36;
1:00 - 1:36, 4:28- 5:12 बजे तक
----------------------------------------------
समान्य मुहूर्त -
कार्य प्रारंभ शुभ –
*अनुष्ठान,vaastu,,धार्मिक कार्य मुहूर्त नहीं ।
---------------------------------------------------------------------------------------
–कौनसा कार्य?किस
समय? किस राशिवाले करे ?
संदर्भ-सुप्रसिद्ध ग्रन्थ –“मुहूर्त चिंतामणि “के सूत्रों से
निर्मित - राहू काल,गुलिक काल या पंचक, अशुभ
चौघडिया आदि हजारो दोष से मुक्त
मुहूर्त ।
1-कोई
भी शुभ योग या मुहूर्त सभी कार्यों या समस्त राशियों के लिए नहीं होता है ।
निम्न मुहूर्त किस कार्य एवं किस
राशी के लिए किस समय कार्य प्रारंभ शुभ ?-
लग्न-होरा
आधरित कार्य के मुहूर्त निम्न हैं-
-राशियों हेतु कार्य ,प्रारम्भ
के-शुभ उपयोगी समय समय ।
- 1-
10:44-11:39 बजे तक -कुंभ स्थिर कार्य कार्य कर सकते हैं (लग्न
एवं होरा-कार्य) -
आज किये जाने वाले कार्य –
व्यापार, कृषि, जल-यात्रा,भूमि,Project,नए
नियम,शिलान्यास,जनहित कार्य।
कर्क राशि राशि छोड़ कर,शेष
सभी राशियों के लिए उपयुक्त।
2-BY 12:14-13:06 PM-मीन लग्न एवं
होरा-अस्थिर +स्थिरकार्य
-तिलक
वस्त्र अलंकार -बनवाना धारण करना एवं मंगल,शुभ कार्य ।
सिंह,राशि छोड़
कर सभी राशि के लिए उपयुक्त।
3- 13:28-14:41 -मेष लग्न एवं
होरा-अस्थिर प्रकृति कार्य बजे तक :
कार्य सूचि -यात्रा,एग्रीमेंट, नए वस्त्र
आभूषण, जमीन खोदना ,
जोखिम के कार्य, टीका या राज्य तिलक,स्वागत,अभिनंदन।
कन्या,वृष,मकर ,मेष कुम्भ,कन्या
राशि छोड़ कर,शेषसभी राशियों के लिए उपयुक्त।
4-17:26-18:43 बजे तक :मिथुन अस्थिर एवं स्थिर कार्य कर सकते हैं -
(लग्न एवं होरा-कार्य)-कार्य)-विज्ञान ,विवाद ,शिल्प, कला ,शुभ कार्य राज्य अभिषेक।
यह मुहूर्त वृष,कर्क
एवं वृश्चिक राशी के लिए वर्जित है।शेष समस्त राशियों के लिए शुभ है।
5- 19:31-:21-11 कर्क-अस्थिर प्रकृति कार्य लग्न एवं होरा-:
जलाशय ,निर्माण प्रतिष्ठा ,शांति
कार्य, चित्रकला, लेखन। cv बनाना।
सिंह एवं धनु राशि हेतु वर्जित शेष सभी
राशियों के लिए उपयुक्त।
(मकर राशि राशि छोड़ कर,शेष
सभी राशियों के लिए उपयुक्त)।
6- 21:31-23:33 सिंह -स्थिर कार्य एवं होरा-
RelatedWork--Job,Apply, Introduce,Announce,वस्तु क्रय विक्रय,Marketing, दुकान, Service, आभूषणनिर्माण, Auspiciouswork, रस ,Juice, गन्ना ।
6-00:01-01:39बजे तक :
(कन्या लग्न एवं होरा-कार्य)-अस्थिर
एवं स्थिर कार्य कार्य कर सकते हैं-
ज्ञान, विद्यारंभ, आभूषण
बनवाना, समस्त
औषधि निर्माण शिक्षा समस्त मंगल कार्य।
मिथुन,तुला कुम्भ राशि छोड़ कर,शेष
सभी राशियों के लिए उपयुक्त।
7- 02:11-03:46-अस्थिर प्रकृति के कार्य –( तुला लग्न
एवं होरा)-
कृषि यात्रा व्यापार मंगल कार्य
यज्ञोपवीत पशुपालन पीतल की धातु से संबंधित।
मीन, राशि राशि छोड़ कर,शेषसभी
राशियों के लिए उपयुक्त।
--------------------------------------------------------------------------------------
-पंचक नहीं - केवल
05
कार्य वर्जित ,अन्य समस्त कार्य नक्षत्र के अनुसार शुभ –
1दाह संस्कार,2छप्पर डालना,3दक्षिण
दिशा यात्रा 4लकड़ी घास
भूसा एकत्र,5पलंग
या चारपाई बुनना ये पांच कर्म ही वर्जित (ज्योतिष
ग्रंथो में उल्लेखित )है ।
-------------------------------------------------------------------------------------------
भद्रा –नहीं है ।
( भद्रा सदैव अशुभ नहीं होती है ।)
स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले
च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य
विनाशिनी।।
(दुर्गा
पूजा श्रेष्ठ भद्रा काल,स्वर्ग भद्रा - आर्थिक , कृषि
एवं अनाज सम्बंधित कार्यों के लिए ,
पाताळ
भद्रा धन से सम्बंधित कार्य सफल ,मृत्यु लोक या भूमि की भद्रा सभी कार्यों में
असफलता देती है ।होली
एवं रक्षाबंधन में विशेष वर्जित भद्रा काल ।)शेष
समस्त कार्य किये जासकते है ।)
निर्विघ्न यात्रा सम्पन्न हो -प्रस्थान पूर्व , मंत्र-
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll
घर से प्रस्थान पूर्व-(Before Step out )
-*नासिका के दाहिने या वाएं जिस और से स्वास चल रही हो उस ओर का पैर
पहले द्वार से बाहर निकाले ।
मार्गशीर्ष माह -ताजी सब्जियां प्रयोग करें।
प्रयोग ना करें- जीरा ,मसूर ,चना ,लौकी ,जिमीकंद ,ग्वार फली, सहजन फली ,करेला ,नेनुआ ,ककडी, पपीता अनाज
,तरबूज ख,रबूज ,हरी मिर्च ,सूखा धनिया, हरा धनिया, लोग मटके का जल।
-------------------------------------------------------------------------------------
समस्या उपाय-कुंडली निर्माण ।
Success-job,Carrier,day to day life ?
Would you like to know yours Lucky –
Days,Nights,Months,Years,Partners,Spouse
name,
-City,Company,Institute,Directions,
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें