गणेश जी की स्थापना ,शिव चतुर्थी,कलंक चतुर्थी(चन्द्र देशन निषेध ) |1-भाद्र पद चतुर्थी – प्रथम
पूज्य गणेश जी की स्थापना प्राण प्रतिष्ठा दिवस -,शिव
चतुर्थी,कलंक चतुर्थी(चन्द्र देशन निषेध ) |
ॐ विनायकाय नमः|धतूरे
का पत्ता- हरसूनवे नमः|धतूरा पत्रं समर्पयामी |
*किसराशि /नाम वालो को
पूजा करना चाहिए –तुला मकर राशी तथा र,त,ख,ज,ग
अक्षर से नाम प्राम्भ वालो को इस दिन पूजा करने से विग्न बाधा का समाधान होता है |
2-द्वितीय दिवस - भाद्र
पद पंचमी , ऋषि
पंचमी |
सिंदूर वृक्ष का पत्ता –हेरंबाय
नमः सिंदूर पत्रं समर्पयामी |
तेजपत्ता -चतुरहोत्रे
नमः तेज पत्रं समर्पयामी |
*किसराशि /नाम वालो को
पूजा करना चाहिए –कन्या ,वृष
एवं मीन राशी तथा प.थ.द.च.इ.उ.इ.ओ.व्.,अक्षर
से नाम प्राम्भ वालो को इस दिन पूजा करने से विघ्न बाधा का समाधान होता है |
3-तृतीय दिवस -
भाद्र पद षष्ठी, सूर्य
षष्ठी, रवि योग सफलता प्रदायक-सायन 5.51तक |
कनेर का पत्ता –विकटाय
नम कनेर पत्रं समर्पयामी |
केले का पत्ता-
हेमतुंडाय नमः कदली पत्रं समर्पयामी |
*किसराशि /नाम वालो को
पूजा करना चाहिए –मेष ,वृश्चिक
राशी तथा चु,चे ल,अ,अक्षर से नाम वालो को इस दिन पूजा करने से विग्न बाधा का
समाधान होता है |
4-चतुर्थ दिवस -
भाद्र पद सप्तमी , संतान
सप्तमी (विस्वान ) |
आक का पत्ता -विनायकाय
नमः आक पत्रं समर्पयामी |
अर्जुन पत्ता-कपिल
आए नमः अर्जुन पत्रं समर्पयामी |
*किसराशि /नाम वालो को
पूजा करना चाहिए –मिथुन,कर्क
राशी तथा क,च,घ,ह,डअक्षर से नाम प्राम्भ वालो को इस दिन पूजा करने से विग्न बाधा का
समाधान होता है |
5-पंचम दिवस -
भाद्र पद अष्टमी , राधा अष्टमी ,महालक्ष्मी व्रत प्रारंभ
मरुआ पत्ता –भाल
चन्द्राय नमः मरुआ पत्रं समर्पयामी |
गांधारी पर्ण-सुराग्रजाय
नमः गांधारी पत्रं समर्पयामी |
*किसराशि /नाम वालो को
पूजा करना चाहिए –सिंह ,धनु,कुम्भ राशी
तथा म.ढ,भ,स,अक्षर से नाम प्राम्भ वालो को इस दिन पूजा करने से बाधा का समाधान
होता है |
6-छठवा दिवस --
भाद्र पद नवमी नंदा देवी नवमी , |
सेम का पत्ता -वक्रतुंडाय
नमः सेम पत्रं समर्पयामी |
अपामार्ग का पता -गुहाग्राय नमः
अपामार्ग पत्रं समर्पयामी|
*किसराशि /नाम वालो को
पूजा करना चाहिए –तुला मकर राशी तथा र,त,ख,ज,ग
अक्षर से नाम प्राम्भ वालो को इस दिन पूजा करने से विग्न बाधा का समाधान होता है |
7-सातवा -आठवा दिवस - वर्ष
2017 में दो दिन भाद्र पद दसमी अतःआगामी दिन भी सर्व सिद्धि प्रद देव गणेश की पूजा
का आठवा दिवस,दशा
अवतार व्रत |,
-बेलपत्र -उमा
पुत्राय नमः बेल पत्रं समर्पयामी |
बेर का पत्ता-
लंबोदराय नमः बेर पत्रं समर्पयामी |
*किसराशि /नाम वालो को
पूजा करना चाहिए –कन्या ,वृष
एवं मीन राशी तथा प.थ.द.च.इ.उ.इ.ओ.व्.,अक्षर
से नाम प्राम्भ वालो को इस दिन पूजा करने से विघ्न बाधा का समाधान होता है |
8- भाद्र
पद एकादशी |पद्मा एकादशी,डोल ग्यारस |
अपामार्ग का पता -गुहाग्राय
नमः अपामार्ग पत्रं समर्पयामी |
वन भटा का पत्ता अथवा
उसके अभाव में भटकटैया का पत्ता -इसका
मंत्र है ,एकदंताय नमः भटकटैया पत्रं समर्पयामी |
अगस्त वृक्ष का
पत्ता –सर्वेश्वराय नमः अगस्त पत्रं समर्पयामी |
*किसराशि /नाम वालो को
पूजा करना चाहिए –मेष ,वृश्चिक राशी
तथा चु,चे ल,अ,अक्षर से नाम प्राम्भ वालो को इस दिन पूजा करने से विग्न बाधा का
समाधान होता है |
9भाद्र पद द्वादशी , वामन
अवतार,प्रदोष व्रत |
-शमी पत्र -यह
चिंताओं को दूर करता है |इसको अर्पित कर करते समय-
गं
गणपतयै नमः ॐ सुमुखाय नमः शमी पत्रं समर्पयामि|
*किसराशि /नाम वालो को
पूजा करना चाहिए –मिथुन,कर्क
राशी तथा क,च,घ,ह,डअक्षर से नाम प्राम्भ वालो को इस दिन पूजा करने से विग्न बाधा का
समाधान होता है |
10- भाद्र
पद त्रयोदशी , वामन अवतार |
केतकी पर्ण-सिद्ध विनायक
नमः केतकी पत्रं समर्पयामी |
तेजपत्ता -चतुरहोत्रे
नमः तेज पत्रं समर्पयामी |
आक का पत्ता -विनायकाय
नमः आक पत्रं समर्पयामी |
*किसराशि /नाम वालो को
पूजा करना चाहिए –सिंह ,धनु,कुम्भ राशी
तथा म.ढ,भ,स,अक्षर से नाम प्राम्भ वालो को इस दिन पूजा करने से बाधा का समाधान
होता है |
11- भाद्र
पद चतुर्दशी -अनंत चतुर्दशी ,गणेश
विसृजन ,नाना श्राद्ध दिन
-बेलपत्र -उमा
पुत्राय नमः बेल पत्रं समर्पयामी |
देवदारु का पत्ता –वटवे
नम देवदारु पत्रं समर्पयामी |
*किस राशि /नाम वालो को
पूजा करना चाहिए –तुला मकर राशी तथा र,त,ख,ज,ग
अक्षर से नाम वालो को इस दिन पूजा करने से विग्न बाधा का समाधान होता है |
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें