मार्च 2018
Ø आपत्ति निवारक एवं मनोकामना पूरक उपाय -
1--–रोग नाशकएवं बाधा नाशक (कोढ़,उदर रोग, अजीर्ण)-01मार्च- फाल्गुन शुक्ल चतुर्दशी -सूर्य पूजा-मम सकलपाप ताप प्रशमन कामनया इश्वर प्रितिये
सर्वारती हर व्रतं करिष्ये |प्रातः-.दोपहर उत्तर मुह ,सायं पश्चिम मुह कर खड़े हो|सूर्य को कुछ पल देख कर निचे देखे |आदित्य ह्रदय या खखोल्काय नम: मन्त्र जाप |
2-राज्य(घर) में सुख शांति,भूत प्रेत बाधा , रोग ,ज्ञान (चैत्र शु.प्रतिपदा)18मार्च -संवत्सर पूजा,नवरात्र प्रारंभ -(यजुर्वेद,ज्योतिर्निबंध, भविष्योत्तर पुराण )घट स्थापना,देवी पूजा ,द्वार पूजा,संवत्सर का काल्पनिक चित्र बना कर |इस दिन नीम का पत्ता खाने रक्त रोग से सुरक्षा व्
आरोग्य होता है | प्रतिपदा
को अग्नि पूजा करने से(लोभान के पश्चात गूगल अग्नि में छोड़ने से समस्त नकारात्मक
उर्जा नष्ट ) भूत बाधा से सुरक्षा होती है |
यह दिन आरोग्य,विद्या,नकारात्मक उर्जा ,दुर्गति नाशक दुर्गा पूजा प्रारंभ के कारण विशिष्ट|दुर्गा जी की प्रतिमा लाना ,घट स्थापना,पूजा,विसर्जन प्रातकाल किये जाना चाहिए |
मन्त्र-दाहिने हाथ में जल
लेकर ,पूर्व में मुख कर ,धुप,दीप प्रज्वलित कर-मम सपरिवारस्य आयु आरोग्य एश्वार्वर्यादिसकल शुभ
फल उत्तरोत्तर अभिवृद्ध्यर्थं ब्रह्मादी संवत्सर देवतानाम पूजनम अहम् करिष्ये| जल पृथ्वी पर छोड़ दे| संवत्सराय नम: ,चैत्राय नम: ,वसंताय नम: ,भगवनस्तवत्प्रसादेंन वर्ष क्षेममिह अस्तु में |
3-भाग्य वृद्धि,नेत्र ज्योति - बालेन्दु व्रत/नेत्रव्रत (चैत्र शुक्ल द्वितीया)-19मार्च-विष्णु
धर्मग्रन्थ के अनुसार ,सुख सौभाग्य के लिए इसे प्रारंभ कर वर्ष में
द्वितीय शु.पक्ष व्रत,रात्रि में चन्द्र पूजा करे|तेल या पका अन्न वर्जित|मन्त्र -बाल चन्द्र मसे नम:|गुड चावल,गन्ना,सुपारी अर्पण |दही घी,खीर का भोजन |
4-विवाह बाधा समाप्त,पति एवं पुत्र सुख वृद्धि (गौरी
तृतीय ,चैत्र शुक्ल)20 मार्च –सौभाग्यवती नारी लाल वस्त्र में ,शिव पार्वती की पूजा |गौरी,उमा,लतिका,सुभगा,भगमालिनी,भवानी,कामदा,भोग वर्धनी,अम्बिका नाम स्मरण कर नमन कर,सुख सौभाग्य,पति अनुराग या विवाह सुवर की कामना करे ||विशेषतया सिंह,कुम्भ,वृश्चिक राशि (म,टी,न,य,स,ग,नाम से प्रारंभ)लोगो के
लिए |
5-ज्ञान,परीक्षा,प्रतियोगिता में सफलता-(चैत्र शु,षष्ठी) 23मार्च –स्वामी कार्तिकेय की पूजा
स्मरण |एक वर्ष तक |
6-पुत्र शोक नाशक –मदन द्वादशी –चैत्र शु,द्वादशी ,28मार्च-(मत्स्य पुराण )जलमे गुड नाम मात्र का मिला कर स्नान करे|फल अप्र्पन एवं फल ही ग्रहण करे|13 महीने प्रत्येक शुक्ल
द्वादशी को करे| पुत्र सुख वृद्धि एवं पुत्र सुरक्षा |
7-सर्व संकट नाशक -हनुमान उत्सव –चैत्र शु.पूर्णिमा हनुमान जी का विजय एवं सकुशल लौटने का पर्व है | उत्तर मुख,दाहिने हाथ में जल,_मम अखिलानिष्ट निरसन
पूर्वक सकल अभीष्ट सिद्धये तेजोबल बुद्धि विद्या धन समृद्ध आयु आरोग्यादी वृद्धये
च हनुमद्व्त तदंगी भूत पूजनमच करिष्ये | हनुमान
जी की पूजा करे |
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