अक्तूबर-
Ø आपत्ति निवारक एवं मनोकामना पूरक उपाय -
*सुख ,शांति, सर्प भय एवं विष मुक्ति- शांति पंचमी ,(हेमाद्री)13 अक्टू-
किस चोकी
पर श्वत वस्त्र बिछा कर हरी कुश या दूर्वा के १२ नाग एवं एक इन्द्रानी रखे | इंद्राणी को जल से एवं सर्पो को दूध –जल से स्नान कराये |धुप,दीपक,गंध अर्पण करे | मन्त्र-नागा;प्रीता भवन्तीह शांति
माप्नोति वै विभो | स शांति लोकमासाद्य मोदते शाश्वती : समा: | ॐ कुरु कुल्ल्यम हुम् फट स्वाहा |
नवम्बर
*सर्प एवं विष रोग से सुरक्षा -11 नव- कार्तिक शु.चतुर्थी (कुर्म पुराण)- दोपहर
में १२ नागो की पूजा,दूध स्नान,दुग्ध अर्पण,गंध, पुष्प अर्पण |
*धन,राज्य,कृषि,व्यापार,पुत्रसुख हेतु -18 नव.,आशा दशमी ,(भविष्योत्तर पुराण )-
जों के आटे से, इंद्र,दिक्पाल बना कर , स्मरण कर पूजा करे |मन्त्र- आशा: स्वाशा: सदा कल्याणम अस्तिवती |
*उच्च पद,राजनीति में उत्कर्ष –राज्य प्राप्ति व्रत,(विष्णु धर्मोत्तर पुराण )कार्तिक शु.दशमी, 18 नव., - 10 देव –क्र्युत,दक्ष,वसु,सत्य,काल,काम,मुनि,कुरुवंम्नुज. परशुराम ,विश्वेदेव ,का स्मरण कर इनके लिए धुप.दीप.अन्न.दान|
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