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03Dec. 2025 – ✨ Fortune & Remedies(दैनिक भाग्य एवं उपाय)

 

 Indicator of Auspicious and Adverse Cosmic Currents.Remedial Measures for Cosmic ImbalanceMantras for Accelerating Karmic Progress-🌟   )    (दोष-निवारण उपाय) Rituals for Amplifying Success Potential 🌙 💠 🌟  (सफलता-वृद्धि उपाय)

📧 ईमेल (Email):   tiwaridixitastro@gmail.com =- since 1972.)📲 +91 9424446706

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(दैनिक भाग्य एवं उपाय) 🌟 Today’s Planetary & Spiritual Harmony Guide -

1.       जन्म नक्षत्र शुभ - कार्य पूर्ण होंगे।

2.      नाम का प्रथम अक्षर शुभ— दिन सुखद और सहयोग मिलेगा।
-*If your Janma Nakshatra (birth star) is auspicious,

 your tasks will be accomplished successfully.

-*If the first letter of name is auspicious, stay assured —

Day will be pleasant and support will come your way.

3.      🕉न्यूनतम बाधाएँ - लेख के अंत में दिए उपायों का पालन किया जाए।

4.      Remedies provided at the end of the article to reduce difficulties.

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·         )

·         🌟 Daily Dharmasindhu Guidance (Bilingual)

·         🔶 🔹 मास (Month): मार्गशीर्ष – Margashirsha

·         🔹 दिन (Day): बुधवार — Wednesday
🔹 तिथि (Tithi): त्रयोदशी — Trayodashi
🔹 नक्षत्र (Nakshatra): भरणी — Bharani

·         🕉 आज के कर्तव्य (According to Dharmasindhu)

·          

·        

1-आज नयी वस्तु (वस्त्र, आभूषण, चूड़ी) प्रयोग करने के भविष्य में प्रभाव-120:00tak;
When Using a New Item (Clothing, Jewelry, Bangles) Today: Its Future Impact

सुरक्षा, स्थिरता और दीर्घायु देता है।
नए वस्त्र/आभूषण का उद्देश्य दीर्घकाल टिकाऊ और शुभ होना है

  • 2-जन्म नक्षत्र यदि आपका नक्षत्र निम्नलिखित में से कोई है, तो आज का दिन सुखद और अनुकूल रहेगा।Birth Nakshatra – If Your Nakshatra is Among These, Today Will Be Favorable and Pleasant.

(भविष्य-यात्रा, नए कार्य, पूजा, शपथ, निर्माण, आवेदन, नीति निर्धारण, योजना निर्माण, उच्च अधिकारी से मिलना, दान, सभी मंगल कार्य, देव दर्शन, बैंक संबंधित कार्य, नया लेखा, लाकर, विवाह आदि में सफलता मिलेगी।)
(Future travel, new ventures, worship, oaths, construction, applications, policy-making, planning, meeting senior officials, charity, auspicious activities, temple visits, bank-related tasks, new accounts, lockers, marriage, etc., will be successful
जिनका जन्म निम्न नक्षत्रों में हुआ है, वे आज प्रत्येक कार्य में सफलता, मान-सम्मान, और आत्मसंतोष प्राप्त करेंगे।
Those born under the following Nakshatras will experience success, honor, and inner satisfaction in all endeavors today.

🔹 अश्विनी (Ashwini)कार्यों में तीव्रता शीघ्र सफलता मिलेगी। स्वास्थ्य में सुधार होगा।
Swift success and vitality; health and confidence rise today.

🔹 कृत्तिका (Krittika)नए कार्यों का आरंभ या नेतृत्व करना अत्यंत शुभ रहेगा।
Excellent time for leadership and initiating new ventures.

🔹 रोहिणी (Rohini)आर्थिक लाभ, भौतिक सुविधा, और मानसिक शांति प्राप्त होगी।
Financial growth, comfort, and emotional peace are highlighted.

🔹 आर्द्रा (Ardra)कठिन कार्यों में सफलता मिलेगी; विवाद या भ्रम समाप्त होंगे।
Challenging tasks succeed; confusion and disputes settle peacefully.

🔹 पुष्य (Pushya)देव कृपा का दिन; पूजन, यात्रा, दान, और शुभ निर्णय लाभकारी।
Day of divine grace — excellent for worship, travel, charity, and major decisions.

🔹 मघा (Magha)पारिवारिक सुख और प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी।
Family harmony and social reputation flourish.

🔹 उत्तराफाल्गुनी (Uttara Phalguni)न्याय, आत्मविश्वास, और कर्मशक्ति बढ़ेगी।
Righteousness, self-confidence, and action power amplify.

🔹 हस्त (Hasta)कला, लेखन, और व्यावसायिक सफलता का दिन।
Ideal for creativity, writing, and business expansion.

🔹 स्वाती (Swati)स्वतंत्र विचार और सौभाग्य का संयोग बनेगा।
Freedom of thought and good fortune align favorably.

🔹 अनुराधा (Anuradha)मित्रों संबंधों से लाभ; शुभ समाचार मिलेंगे।
Beneficial gains through friends; positive news arrives.

🔹 मूल (Mula)पुराने कार्य पूर्ण होंगे; मानसिक स्पष्टता प्राप्त होगी।
Pending tasks resolve; clarity and renewal of energy occur.

🔹 उत्तराषाढ़ा (Uttara Ashadha)दीर्घकालिक योजनाएँ सफल होंगी।
Long-term plans move toward accomplishment.

🔹 श्रवण (Shravana)विद्या, धर्म, और मान-प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी।
Wisdom, respect, and recognition strengthen today.

🔹 शतभिषा (Shatabhisha)आरोग्य आध्यात्मिक जागृति का संकेत।
Healing and spiritual awakening bring deep strength.

🔹 उत्तर भाद्रपद (Uttara Bhadrapada)गुप्त सहायता, दैविक कृपा, और कार्य-सफलता।
Divine and unseen help ensures hidden blessings and sure success.

🕉आधिकारिक भावना:
आज का दिन इन नक्षत्रजन्म वालों के लिएसंकल्प-सिद्धि दिवसहैजो भी कार्य प्रेम, विश्वास, और नियमितता से करेंगे, उसमें दिव्य शक्तियों का सहयोग अवश्य मिलेगा।

Spiritual Essence:
For those born under these Nakshatras, today is a “Sankalp-Siddhi Day” — a day when dedication and faith invite celestial assistance for assured succe
🌟 आज के सफल अक्षर (Today’s Auspicious & Successful Letters) 🌟
(
जिन व्यक्तियों के नाम इन अक्षरों से प्रारंभ होते हैं, वे आज सभी कार्यों में सफलता प्राप्त करेंगे।)
(People whose names begin with the following letters will experience success, peace, and positive results today.)

🕙 समय / Time:
प्रातः 10:00 बजे सेशुभ ग्रह प्रभाव आरंभ होकर पूरे दिन रहेगा।
From 10:00 AM onwards – the auspicious planetary influence remains active throughout the day.

🔤 शुभ अक्षर / Auspicious Letters (Bilingual):

🔹 (A), (Aa), (I), (Ee), (U), (E)
🔹 (Ka), (Kha), (Ga), (Gha), (Cha), (Chha), (Ja), (Jha)
🔹 (Ta), (Tha), (Da), (Dha), (Ta), (Tha), (Da), (Dha), (Na)
🔹 (Pa), (Pha), (Ba), (Bha), (Ma)
🔹 (Ya), (Ra), (La), (Va), (Sha), (Sa), (Ha)

हिन्दी अर्थ:
जिन लोगों के नाम उपरोक्त अक्षरों से शुरू होते हैं, उन्हें आज भाग्य का साथ मिलेगा। कार्यों में रुकावटें दूर होंगी, धनलाभ, सामाजिक प्रतिष्ठा, और पारिवारिक संतोष की संभावना रहेगी। शुभ समाचार या इच्छित कार्य की पूर्ति संभव है।

English Meaning:
Those whose names begin with the above syllables are favored by fortune today. Obstacles will be removed, success in professional and personal matters is likely, and pleasant news or fulfillment of a desire may occur.

🕉दैविक संकेत / Divine Indication:
नाम का प्रथम अक्षर आज आपकी दैविक ऊर्जा को जाग्रत करता है। ग्रहों की शुभ दृष्टि इन अक्षरों पर केंद्रित रहेगी, जिससे जीवन में सौभाग्य, सुरक्षा और मानसिक शांति का अनुभव होगा।
The first letter of your name activates divine vibrations today. Planetary blessings focus on these letters, bringing good fortune, protection, and inner peace.

ss.

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मेष (Aries) – चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो,

🔹 सौभाग्य: आज का दिन आपके लिए बेहद सौभाग्यशाली साबित हो सकता है।
🔹 Fortune: Today will be highly fortunate for you.

🔹 स्वास्थ्य: मानसिक और शारीरिक रूप से आप ऊर्जावान रहेंगे।
🔹 Health: You will feel energetic both mentally and physically.

🔹 कार्यक्षेत्र: कार्य में उन्नति के संकेत मिल रहे हैं, पुराने कर्जों की वसूली संभव है।
🔹 Career: Indications of career progress, possible recovery of old debts.


वृष (Taurus) – , , , , वा, वी, वू, वे, वो

🔹 यात्रा: अनायास यात्रा के योग बन सकते हैं, सतर्क रहें।
🔹 Travel: Unexpected travel is possible; be cautious.

🔹 स्वास्थ्य: हल्की स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं, ध्यान रखें।
🔹 Health: Minor health issues may arise; take care.

🔹 सफलता: धन लाभ और पदोन्नति के योग हैं।
🔹 Success: Financial gains and chances of promotion.


मिथुन (Gemini) – का, की, कू, , , , के, को,

🔹 दाम्पत्य सुख: जीवनसाथी के साथ संबंध मधुर रहेंगे।
🔹 Marital Bliss: Your relationship with your spouse will be harmonious.

🔹 स्वास्थ्य: स्वास्थ्य उत्तम रहेगा, दिनचर्या ऊर्जा से भरी रहेगी।
🔹 Health: Excellent health; you will feel energetic.

🔹 कार्य: व्यापार और राजनीति में सफलता मिलेगी।
🔹 Career: Success in business and politics.


कर्क (Cancer) – ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो

🔹 लक्ष्य प्राप्ति: मेहनत रंग लाएगी, सफलता मिलेगी।
🔹 Goal Achievement: Hard work will pay off; success is assured.

🔹 स्वास्थ्य: सामान्य स्वास्थ्य अच्छा रहेगा, रुचिकर भोजन मिलेगा।
🔹 Health: General health will be good; enjoyable meals are likely.

🔹 सामाजिक प्रतिष्ठा: समाज में मान-सम्मान बढ़ेगा।
🔹 Reputation: Your social reputation will rise.


सिंह (Leo) – मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे

🔹 प्रसिद्धि: समाज में आपकी प्रतिष्ठा बढ़ सकती है।
🔹 Fame: Your reputation in society may increase.

🔹 सावधानी: अनावश्यक खर्चों से बचें, शत्रुओं से सतर्क रहें।
🔹 Caution: Avoid unnecessary expenses and beware of enemies.

🔹 स्वास्थ्य: मानसिक चिंता बढ़ सकती है, धैर्य बनाए रखें।
🔹 Health: Mental stress may increase; stay calm.


कन्या (Virgo) – टो, , पी, पू, , , , पे, पो

🔹 कार्य: कार्यक्षेत्र में चुनौतियां सकती हैं।
🔹 Career: Challenges may arise at the workplace.

🔹 स्वास्थ्य: जीवनसाथी के स्वास्थ्य को लेकर चिंता हो सकती है।
🔹 Health: Concerns about your partner’s health may arise.

🔹 वित्त: खर्चों में वृद्धि होगी, बजट संभालें।
🔹 Finance: Expenses may rise; manage your budget wisely.

🚫 आज नया काम और यात्रा टालें।
🚫 Avoid new work and travel today.


तुला (Libra) – रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते

🔹 दाम्पत्य सुख: वैवाहिक जीवन में प्रेम और सामंजस्य बढ़ेगा।
🔹 Marital Bliss: Love and harmony will increase in married life.

🔹 स्वास्थ्य: मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ रहेंगे।
🔹 Health: You will be mentally and physically fit.

🔹 कार्य: कार्यक्षेत्र में अनुकूल परिस्थितियां रहेंगी।
🔹 Career: Favorable conditions in the workplace.

🚫 आज नया काम और यात्रा टालें।
🚫 Avoid new work and travel today.


वृश्चिक (Scorpio) – तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू

🔹 स्वास्थ्य: स्वास्थ्य में कुछ बाधाएं सकती हैं, सतर्क रहें।
🔹 Health: Health issues may arise; be cautious.

🔹 विरोधी: विरोधी पराजित होंगे, योजनाएं सफल होंगी।
🔹 Enemies: Opponents will be defeated, and plans will succeed.

🔹 सावधानी: आज कोई नई योजना शुरू करें, यात्रा से बचें।
🔹 Caution: Avoid starting new projects or traveling today.


धनु (Sagittarius) – ये, यो, , भी, भू, , , , भे

🔹 वित्तीय स्थिति: खर्चे बढ़ सकते हैं, धन की हानि संभव है।
🔹 Finance: Expenses may rise, and financial loss is possible.

🔹 स्वास्थ्य: मानसिक तनाव से बचें, सकारात्मक रहें।
🔹 Health: Avoid mental stress; stay positive.

🔹 कार्यक्षेत्र: अहंकार से बचें, वरना संबंध खराब हो सकते हैं।
🔹 Career: Avoid arrogance to maintain good relationships.


मकर (Capricorn) – भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, , गी

🔹 वित्त: खर्चे बढ़ सकते हैं, बजट पर ध्यान दें।
🔹 Finance: Expenses may rise; focus on your budget.

🔹 स्वास्थ्य: स्वास्थ्य गिर सकता है, सावधानी बरतें।
🔹 Health: Health may decline; be cautious.

🔹 कार्य: महत्वपूर्ण कार्यों में सफलता संदिग्ध है।
🔹 Career: Success in important tasks is uncertain.

🚫 आज नया काम और यात्रा टालें।
🚫 Avoid new work and travel today.


कुंभ (Aquarius) – गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो,

🔹 सुख: घर का माहौल सकारात्मक रहेगा, आनंद मिलेगा।
🔹 Happiness: A positive home atmosphere will bring joy.

🔹 सफलता: कार्यक्षेत्र में सफलता मिलेगी, शत्रु परास्त होंगे।
🔹 Success: Career success; enemies will be defeated.

🔹 वित्त: संपत्ति में वृद्धि के योग हैं।
🔹 Finance: Indications of property gain.


मीन (Pisces) – दी, दू, , , , दे, दो, चा, ची

🔹 स्वास्थ्य: शारीरिक कमजोरी और मानसिक असंतोष रहेगा।
🔹 Health: Physical weakness and mental dissatisfaction.

🔹 व्यवहार: क्रोध और विवाद की स्थिति बन सकती है।
🔹 Behavior: Anger and disputes may arise.

🔹 वित्त: खर्चे बढ़ेंगे, महत्वपूर्ण कार्य टालें।
🔹 Finance: Expenses may rise; postpone important tasks.

🚫 आज नया काम और यात्रा टालें।
🚫 Avoid new work and travel today.


आज सुरक्षा और सफलता का उपाय

🔹 वेद मंत्र भरणी (Sanskrit)

यमायत्वा मखायत्वा सूर्य्यस्यत्वा तपसे देवस्यत्वा सवितामध्वानक्तु पृथ्विया गवं स्पृशस्पाहिअर्चिरसि शोचिरसि तपोसी।
हे यमदेव! आपको यज्ञ का भाग, सूर्य का तेज, तपस्या की शक्ति और परमेश्वर का आशीर्वाद प्राप्त हो। आप पृथ्वी और गऊओं को स्पर्श करें तथा प्रकाशमान और तपस्वी बने रहें।
Om Yamāya Tvā Makhāya Tvā Sūryasya Tvā Tapase Devasyā Tvā Savitāmadhvā Naktu Pṛthviyā Sa Gavam Spṛśaspāhi Archirasi Śocirasi Taposī.
"O Lord Yama! May you receive the share of the yajna, the radiance of the Sun, the power of penance, and the blessings of the Divine. May you touch the Earth and the cows, and remain luminous and ascetic."


🔹 पौराणिक मंत्र (Sanskrit)

पाशदण्डं भुजव्दयं यमं महिष वाहनम्।
यमं नीलं भजे भीमं सुवर्ण प्रतीमागतम्॥
मैं यमदेव की वंदना करता हूँ, जो पाश (फंदा) और दंड धारण करने वाले हैं, जिनका वाहन महिष (भैंस) है, जो नीलवर्ण (गहरे नीले) हैं, भयंकर स्वरूप वाले हैं और स्वर्ण के समान चमकते हैं।


Pāśadaṇḍaṁ Bhujadvayaṁ Yamaṁ Mahiṣa Vāhanam

Yamaṁ Nīlaṁ Bhaje Bhīmaṁ Suvarṇa Pratīmāgatam

"I worship Lord Yama, who holds a noose and a staff, rides a buffalo, has a deep blue complexion, appears formidable, and shines like gold."


आज सुरक्षा और सफलता का उपाय

🔹 वेद मंत्र भरणी (Sanskrit)

यमायत्वा मखायत्वा सूर्य्यस्यत्वा तपसे देवस्यत्वा सवितामध्वानक्तु पृथ्विया गवं स्पृशस्पाहिअर्चिरसि शोचिरसि तपोसी।
हे यमदेव! आपको यज्ञ का भाग, सूर्य का तेज, तपस्या की शक्ति और परमेश्वर का आशीर्वाद प्राप्त हो। आप पृथ्वी और गऊओं को स्पर्श करें तथा प्रकाशमान और तपस्वी बने रहें।
Om Yamāya Tvā Makhāya Tvā Sūryasya Tvā Tapase Devasyā Tvā Savitāmadhvā Naktu Pṛthviyā Sa Gavam Spṛśaspāhi Archirasi Śocirasi Taposī.
"O Lord Yama! May you receive the share of the yajna, the radiance of the Sun, the power of penance, and the blessings of the Divine. May you touch the Earth and the cows, and remain luminous and ascetic."


🔹 पौराणिक मंत्र (Sanskrit)

पाशदण्डं भुजव्दयं यमं महिष वाहनम्।
यमं नीलं भजे भीमं सुवर्ण प्रतीमागतम्॥
मैं यमदेव की वंदना करता हूँ, जो पाश (फंदा) और दंड धारण करने वाले हैं, जिनका वाहन महिष (भैंस) है, जो नीलवर्ण (गहरे नीले) हैं, भयंकर स्वरूप वाले हैं और स्वर्ण के समान चमकते हैं।
Pāśadaṇḍaṁ Bhujadvayaṁ Yamaṁ Mahiṣa Vāhanam

Yamaṁ Nīlaṁ Bhaje Bhīmaṁ Suvarṇa Pratīmāgatam

"I worship Lord Yama, who holds a noose and a staff, rides a buffalo, has a deep blue complexion, appears formidable, and shines like gold."

भरणी नक्षत्र विशेष पूजन विधि (Bharani Nakshatra Worship Details)

🔱 1. पूज्य देवता (Presiding Deity):

देवता: यमराज (धर्मराज)मृत्यु के अधिपति और न्याय का प्रतीक
📜 श्लोक (तैत्तिरीय ब्राह्मण):

"यमो राजा भरण्याः अधिपः।"
🔹 अर्थ: यमराज भरणी नक्षत्र के अधिपति हैं।

🕯 English: Yama, the lord of Dharma and Death, is the ruling deity of Bharani Nakshatra.


🌸 2. पुष्प (Flower):

पुष्प: कदम्ब पुष्प या लाल गुड़हलयम के पूजन हेतु योग्य
📜 देवीभागवत पुराण:

"यमाय कदम्बं दद्यात्, पापक्षयं भवेत्।"
🔹 अर्थ: यमराज को कदम्ब पुष्प अर्पित करने से पापों का क्षय होता है।


🪔 3. दीपक की दिशा, वर्तिका रंग (Lamp, Wick & Direction):

  • दीपक का प्रकार: तिल के तेल का दीपक (Sesame oil lamp – श्रेष्ठ)
  • वर्तिका (Wick): काले रंग का धागा या रेशम, एकमुखी
  • दीपक की दिशा: दक्षिण दिशायम का स्थान
    📜 गृह्य सूत्र:

"यमदिशायां दीपकं प्रज्वालयेत्।"
🔹 अर्थ: दीपक को यम दिशा यानी दक्षिण में स्थापित करें।

🕯 English: Use a sesame oil lamp with a black wick facing south to honor Yama.


 कार्य – वस्त्र,कला,चतुरता,शिल्प,व्यापार,मिलाप,कसरत,वेदाध्ययन,विद्या,योगअभ्यास, लेखन,पत्र,मित्रता. वृक्षारोपण ।

*सर्व सिद्धिम,सफलताम च सर्व वान्छाम पूरय पूरय में नम: / स्वाहा ।

1-स्नान जल मे नदी या तीर्थ जल,चावल,मोती, शहद,

जायफल ,पिपरामुल ,नदी या तीर्थ जल;मिलाकर स्नान करे ।।

2- दान- मूंग ,हरा वस्त्र ,हरी चूड़ी,पालक ,फल कपूर।

दान किसको  -कन्या, किन्नर या दुर्गा जी  को दे   

3- प्रस्थान पूर्व खाएं–

मूंग ,तिल,धनिया ,दूध मे से कोई पदार्थ ।। दही ले सकते हैं ।

जैन धर्म मंत्र-

श्री विमलनाथ या श्री मल्लिनाथ भगवान का स्मरण करे-

ॐ ह्रीं णमो उवज्झायाणं । ॐ ह्रीं बुधग्रह अरिष्टनिवारक-श्री मल्लिनाथजिनेन्द्राय नम: ।

सर्वशांतिं कुरुकुरु स्वाहा।मम (.अपना नाम.) दुष्ट ग्रह रोग कष्ट निवारणं सर्व शांतिं कुरू कुरू हूँ फट् स्वाहा।

मंत्र - ब्रह्माण्डपुराणोक्त

उत्पात रूपो जगतां चन्द्रपुत्रो महाद्युति:।

सूर्य प्रिय करो विद्वान् पीडां हरतु मे बुध: ।।

जगत् में उत्पात करने वाले महान द्युति से संपन्न सूर्य का प्रिय करने वाले

विद्वान तथा चन्द्रमा के पुत्र बुध मेरी पीड़ा का निवारण करें ।।

वैदिक-

- ॐ उद्बुध्यस्वाग्ने प्रति जागृहि त्वमिष्टापूर्ते सं सृजेधामयं च।

अस्मिन्त्सधस्‍थे अध्‍युत्तरस्मिन् विश्वे देवा यशमानश्च सीदत।। (यजु. 15।54)

12:25 PM तक का फल-प्रभाव / Rules + Results (Bilingual Style)
स्नान में नदी/तीर्थ-जल, चावल, मोती, शहद, जायफल, पिप्परामूल मिलाकर स्नान करना अत्यन्त शुभ माना गया हैयह शरीर से रोग-दोष हरता है, मन को स्थिर करता है औरसर्व-सिद्धि सर्व-वांछा-पूर्तिके मन्त्र का प्रभाव बढ़ाता है। भोजन-दान में मूंग, हरा वस्त्र, हरी चूड़ी, पालक, फल, कपूर देना श्रेष्ठ माना गयाकन्या, किन्नर या दुर्गा-महामाया को यह दान करने से मनोकामना-सिद्धि और ग्रह-दोष शांति मिलती है। यात्रा या प्रस्थान से पहले मूंग, तिल, धनिया, दूध अथवा दही का सेवन करने से राहु-केतु-जनित बाधाएँ शांत होती हैं।
इस समय का मुख्य कार्य रोग-निवारण, रुद्र-जप (Healing, Rudra Recitation) अत्यंत प्रभावी है। शुभ रंग राखी/ग्रे तथा दिशा पश्चिम फलदायक। लहसुन मांसाहार वर्जित हैं तथा आहार में बेलपत्र, तिल अत्यंत शुभ। मन्त्र नमः शिवाय शुभ जन्म-नक्षत्र मघा, श्रवण, पुष्य जबकि अशुभ भरणी, आर्द्रा आज विशेष रूप से जिन लग्न वालों को सावधानी आवश्यकवृषभ, मकर, कुम्भ दोनों लग्न की दृष्टि से अशुभसिंह, कर्क यह समय-निर्णय शिव-पुराण के अनुसार।


✨ 12:26 PM से आगे का फल-प्रभाव (Bilingual Tantrik/Protection Phase)
इस समय में तांत्रिक क्रिया, सुरक्षा-साधना, दुर्ग-कार्य (Tantrik Rituals, Protection/Fortification) अत्यंत सफल रहते हैं। शुभ रंग काला तथा दिशा दक्षिण-पश्चिम मानी गई है। वर्ज्य पदार्थनींबू, लहसुन, अरबी क्योंकि ये ऊर्जा की तीव्रता को विचलित करते हैं। भोजन में फलाहार और पंचामृत ग्रहण करना शक्तिसंचय मनोबल वृद्धि के लिए श्रेष्ठ है। मन्त्र कालभैरवाय नमः शुभ जन्म-नक्षत्रश्रवण, अश्विनी, मघा जबकि अशुभआर्द्रा, भरणी आज जिन लग्नों पर दुष्प्रभावमकर, कन्या, मिथुन दोनों-लग्न से अत्यधिक प्रतिकूलवृश्चिक, सिंह यह काल-विभाजन भैरव-तंत्र पर आधारित है।


 


कुंडली मिलान के महत्वपूर्ण तथ्य

A: 5 नाड़ियाँ - 44 गुण।
B: 13
नक्षत्रों में नाड़ी दोष नहीं होता।
C: 35
से अधिक मंगल दोष के अपवाद नियम।
D:
नवांश D-9, 5 नाड़ी, 9 ग्रह, लग्न राशि, नक्षत्र के चार चरणों से मिलान।
E: 30
विशेषताओं पर विचार किया जाता है।

संपर्क करें:
Email:
tiwaridixitastro@gmail.com
Phone: 9424446706
Location: Bangalore
-५६०१०२

 

V’k’TIWARI- Palmistry,Vastu, Astrology(since 1972)

📜 विशेष संदर्भ | Special Reference:
📌 डॉ. आर. दीक्षित🏛वास्तु विशेषज्ञ | Vastu Expert
📌 ship

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दुर्गा जी   के अभिषेक पदार्थ विपत्तियों   के विनाशक एक रहस्य | दुर्गा जी को अपनी समस्या समाधान केलिए क्या अर्पण करना चाहिए ? अभिषेक किस पदार्थ से करने पर हम किस मनोकामना को पूर्ण कर सकते हैं एवं आपत्ति विपत्ति से सुरक्षा कवच निर्माण कर सकते हैं | दुर्गा जी को अर्पित सामग्री का विशेष महत्व होता है | दुर्गा जी का अभिषेक या दुर्गा की मूर्ति पर किस पदार्थ को अर्पण करने के क्या लाभ होते हैं | दुर्गा जी शक्ति की देवी हैं शीघ्र पूजा या पूजा सामग्री अर्पण करने के शुभ अशुभ फल प्रदान करती हैं | 1- दुर्गा जी को सुगंधित द्रव्य अर्थात ऐसे पदार्थ ऐसे पुष्प जिनमें सुगंध हो उनको अर्पित करने से पारिवारिक सुख शांति एवं मनोबल में वृद्धि होती है | 2- दूध से दुर्गा जी का अभिषेक करने पर कार्यों में सफलता एवं मन में प्रसन्नता बढ़ती है | 3- दही से दुर्गा जी की पूजा करने पर विघ्नों का नाश होता है | परेशानियों में कमी होती है | संभावित आपत्तियों का अवरोध होता है | संकट से व्यक्ति बाहर निकल पाता है | 4- घी के द्वारा अभिषेक करने पर सर्वसामान्य सुख एवं दांपत्य सुख में वृद्धि होती...

श्राद्ध:जानने योग्य महत्वपूर्ण बातें |

श्राद्ध क्या है ? “ श्रद्धया यत कृतं तात श्राद्धं | “ अर्थात श्रद्धा से किया जाने वाला कर्म श्राद्ध है | अपने माता पिता एवं पूर्वजो की प्रसन्नता के लिए एवं उनके ऋण से मुक्ति की विधि है | श्राद्ध क्यों करना चाहिए   ? पितृ ऋण से मुक्ति के लिए श्राद्ध किया जाना अति आवश्यक है | श्राद्ध नहीं करने के कुपरिणाम ? यदि मानव योनी में समर्थ होते हुए भी हम अपने जन्मदाता के लिए कुछ नहीं करते हैं या जिन पूर्वज के हम अंश ( रक्त , जींस ) है , यदि उनका स्मरण या उनके निमित्त दान आदि नहीं करते हैं , तो उनकी आत्मा   को कष्ट होता है , वे रुष्ट होकर , अपने अंश्जो वंशजों को श्राप देते हैं | जो पीढ़ी दर पीढ़ी संतान में मंद बुद्धि से लेकर सभी प्रकार की प्रगति अवरुद्ध कर देते हैं | ज्योतिष में इस प्रकार के अनेक शाप योग हैं |   कब , क्यों श्राद्ध किया जाना आवश्यक होता है   ? यदि हम   96  अवसर पर   श्राद्ध   नहीं कर सकते हैं तो कम से कम मित्रों के लिए पिता माता की वार्षिक तिथि पर यह अश्वनी मास जिसे क्वांर का माह    भी कहा ज...

श्राद्ध रहस्य प्रश्न शंका समाधान ,श्राद्ध : जानने योग्य महत्वपूर्ण तथ्य -कब,क्यों श्राद्ध करे?

संतान को विकलांगता, अल्पायु से बचाइए श्राद्ध - पितरों से वरदान लीजिये पंडित विजेंद्र कुमार तिवारी jyotish9999@gmail.com , 9424446706   श्राद्ध : जानने  योग्य   महत्वपूर्ण तथ्य -कब,क्यों श्राद्ध करे?  श्राद्ध से जुड़े हर सवाल का जवाब | पितृ दोष शांति? राहू, सर्प दोष शांति? श्रद्धा से श्राद्ध करिए  श्राद्ध कब करे? किसको भोजन हेतु बुलाएँ? पितृ दोष, राहू, सर्प दोष शांति? तर्पण? श्राद्ध क्या है? श्राद्ध नहीं करने के कुपरिणाम क्या संभावित है? श्राद्ध नहीं करने के कुपरिणाम क्या संभावित है? श्राद्ध की प्रक्रिया जटिल एवं सबके सामर्थ्य की नहीं है, कोई उपाय ? श्राद्ध कब से प्रारंभ होता है ? प्रथम श्राद्ध किसका होता है ? श्राद्ध, कृष्ण पक्ष में ही क्यों किया जाता है श्राद्ध किन२ शहरों में  किया जा सकता है ? क्या गया श्राद्ध सर्वोपरि है ? तिथि अमावस्या क्या है ?श्राद्द कार्य ,में इसका महत्व क्यों? कितने प्रकार के   श्राद्ध होते   हैं वर्ष में   कितने अवसर श्राद्ध के होते हैं? कब  श्राद्ध किया जाना...

गणेश विसृजन मुहूर्त आवश्यक मन्त्र एवं विधि

28 सितंबर गणेश विसर्जन मुहूर्त आवश्यक मन्त्र एवं विधि किसी भी कार्य को पूर्णता प्रदान करने के लिए जिस प्रकार उसका प्रारंभ किया जाता है समापन भी किया जाना उद्देश्य होता है। गणेश जी की स्थापना पार्थिव पार्थिव (मिटटीएवं जल   तत्व निर्मित)     स्वरूप में करने के पश्चात दिनांक 23 को उस पार्थिव स्वरूप का विसर्जन किया जाना ज्योतिष के आधार पर सुयोग है। किसी कार्य करने के पश्चात उसके परिणाम शुभ , सुखद , हर्षद एवं सफलता प्रदायक हो यह एक सामान्य उद्देश्य होता है।किसी भी प्रकार की बाधा व्यवधान या अनिश्ट ना हो। ज्योतिष के आधार पर लग्न को श्रेष्ठता प्रदान की गई है | होरा मुहूर्त सर्वश्रेष्ठ माना गया है।     गणेश जी का संबंध बुधवार दिन अथवा बुद्धि से ज्ञान से जुड़ा हुआ है। विद्यार्थियों प्रतियोगियों एवं बुद्धि एवं ज्ञान में रूचि है , ऐसे लोगों के लिए बुध की होरा श्रेष्ठ होगी तथा उच्च पद , गरिमा , गुरुता , बड़प्पन , ज्ञान , निर्णय दक्षता में वृद्धि के लिए गुरु की हो रहा श्रेष्ठ होगी | इसके साथ ही जल में विसर्जन कार्य होता है अतः चंद्र की होरा सामा...

श्राद्ध रहस्य - श्राद्ध क्यों करे ? कब श्राद्ध नहीं करे ? पिंड रहित श्राद्ध ?

श्राद्ध रहस्य - क्यों करे , न करे ? पिंड रहित , महालय ? किसी भी कर्म का पूर्ण फल विधि सहित करने पर ही मिलता है | * श्राद्ध में गाय का ही दूध प्रयोग करे |( विष्णु पुराण ) | श्राद्ध भोजन में तिल अवश्य प्रयोग करे | श्राद्ध अपरिहार्य है क्योकि - श्राद्ध अपरिहार्य - अश्वनी माह के कृष्ण पक्ष तक पितर अत्यंत अपेक्षा से कष्ट की   स्थिति में जल , तिल की अपनी संतान से , प्रतिदिन आशा रखते है | अन्यथा दुखी होकर श्राप देकर चले जाते हैं | श्राद्ध अपरिहार्य है क्योकि इसको नहीं करने से पीढ़ी दर पीढ़ी संतान मंद बुद्धि , दिव्यांगता .मानसिक रोग होते है | हेमाद्रि ग्रन्थ - आषाढ़ माह पूर्णिमा से /कन्या के सूर्य के समय एक दिन भी श्राद्ध कोई करता है तो , पितर एक वर्ष तक संतुष्ट/तृप्त रहते हैं | ( भद्र कृष्ण दूज को भरणी नक्षत्र , तृतीया को कृत्तिका नक्षत्र   या षष्ठी को रोहणी नक्षत्र या व्यतिपात मंगलवार को हो ये पिता को प्रिय योग है इस दिन व्रत , सूर्य पूजा , गौ दान गौ -दान श्रेष्ठ | - श्राद्ध का गया तुल्य फल- पितृपक्ष में मघा सूर्य की अष्टमी य त्रयोदशी को मघा नक्षत्र पर चंद्र ...

गणेश भगवान - पूजा मंत्र, आरती एवं विधि

सिद्धिविनायक विघ्नेश्वर गणेश भगवान की आरती। आरती  जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा।  माता जा की पार्वती ,पिता महादेवा । एकदंत दयावंत चार भुजा धारी।   मस्तक सिंदूर सोहे मूसे की सवारी | जय गणेश जय गणेश देवा।  अंधन को आँख  देत, कोढ़िन को काया । बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया । जय गणेश जय गणेश देवा।   हार चढ़े फूल चढ़े ओर चढ़े मेवा । लड्डूअन का  भोग लगे संत करें सेवा।   जय गणेश जय गणेश देवा।   दीनन की लाज रखो ,शम्भू पत्र वारो।   मनोरथ को पूरा करो।  जाए बलिहारी।   जय गणेश जय गणेश देवा। आहुति मंत्र -  ॐ अंगारकाय नमः श्री 108 आहूतियां देना विशेष शुभ होता है इसमें शुद्ध घी ही दुर्वा एवं काले तिल का विशेष महत्व है। अग्नि पुराण के अनुसार गायत्री-      मंत्र ओम महोत काय विद्महे वक्रतुंडाय धीमहि तन्नो दंती प्रचोदयात्। गणेश पूजन की सामग्री एक चौकिया पाटे  का प्रयोग करें । लाल वस्त्र या नारंगी वस्त्र उसपर बिछाएं। चावलों से 8पत्ती वाला कमल पुष्प स्वरूप बनाएं। गणेश पूजा में नार...

विवाह बाधा और परीक्षा में सफलता के लिए दुर्गा पूजा

विवाह में विलंब विवाह के लिए कात्यायनी पूजन । 10 oct - 18 oct विवाह में विलंब - षष्ठी - कात्यायनी पूजन । वैवाहिक सुखद जीवन अथवा विवाह बिलम्ब   या बाधा को समाप्त करने के लिए - दुर्गतिहारणी मां कात्यायनी की शरण लीजिये | प्रतिपदा के दिन कलश स्थापना के समय , संकल्प में अपना नाम गोत्र स्थान बोलने के पश्चात् अपने विवाह की याचना , प्रार्थना कीजिये | वैवाहिक सुखद जीवन अथवा विवाह बिलम्ब   या बाधा को समाप्त करने के लिए प्रति दिन प्रातः सूर्योदय से प्रथम घंटे में या दोपहर ११ . ४० से १२ . ४० बजे के मध्य , कात्ययानी देवी का मन्त्र जाप करिये | १०८बार | उत्तर दिशा में मुँह हो , लाल वस्त्र हो जाप के समय | दीपक मौली या कलावे की वर्तिका हो | वर्तिका उत्तर दिशा की और हो | गाय का शुद्ध घी श्रेष्ठ अथवा तिल ( बाधा नाशक + महुआ ( सौभाग्य ) तैल मिला कर प्रयोग करे मां भागवती की कृपा से पूर्वजन्म जनितआपके दुर्योग एवं   व्यवधान समाप्त हो एवं   आपकी मनोकामना पूरी हो ऐसी शुभ कामना सहित || षष्ठी के दिन विशेष रूप से कात्यायनी के मन्त्र का २८ आहुति / १०८ आहुति हवन कर...

कलश पर नारियल रखने की शास्त्रोक्त विधि क्या है जानिए

हमे श्रद्धा विश्वास समर्पित प्रयास करने के बाद भी वांछित परिणाम नहीं मिलते हैं , क्योकि हिन्दू धर्म श्रेष्ठ कोटी का विज्ञान सम्मत है ।इसकी प्रक्रिया , विधि या तकनीक का पालन अनुसरण परमावश्यक है । नारियल का अधिकाधिक प्रयोग पुजा अर्चना मे होता है।नारियल रखने की विधि सुविधा की दृष्टि से प्रचलित होगई॥ मेरे ज्ञान  मे कलश मे उल्टा सीधा नारियल फसाकर रखने की विधि का प्रमाण अब तक नहीं आया | यदि कोई सुविज्ञ जानकारी रखते हो तो स्वागत है । नारियल को मोटा भाग पूजा करने वाले की ओर होना चाहिए। कलश पर नारियल रखने की प्रमाणिक विधि क्या है ? अधोमुखम शत्रु विवर्धनाए , उर्ध्वस्य वक्त्रं बहुरोग वृद्ध्यै प्राची मुखं वित्त्नाश्नाय , तस्माच्छुभम सम्मुख नारिकेलम अधोमुखम शत्रु विवर्धनाए कलश पर - नारियल का बड़ा हिस्सा नीचे मुख कर रखा जाए ( पतला हिस्सा पूछ वाला कलश के उपरी भाग पर रखा जाए ) तो उसे शत्रुओं की वृद्धि होती है * ( कार्य सफलता में बाधाएं आती है संघर्ष , अपयश , चिंता , हानि , सहज हैशत्रु या विरोधी तन , मन धन सर्व दृष्टि से घातक होते है ) उर्ध्वस्य वक्त्रं बहुरोग वृद्ध्यै कलश ...