आपके काम होते होते बिगड़ने का रहस्य - ‘पंचांग केलेंडर”?
व्रत मुहूर्त के लिए केसे सही पंचांग
केलेंडर चुने?
भारतवर्ष में अनेकों पंचांग एवं
कैलेंडर प्रकाशित होते हैं ,जिनमें अपने अपने स्तर पर अपनी-अपनी गणना के अनुसार ग्रहों की गति
आदि का उल्लेख करते हैं .जो अधिकांश त्रुटिपूर्ण हैं|
(तत्कालीन प्रधानमंत्री स्वर्गीय पंडित नेहरू द्वारा एक प्रयास किया गया था कि समस्त कैलेंडर ,पंचांग, स्थानीय समय के अतिरिक्त अन्य बातों पर एक जैसे रहे ,तो उनमें एकरूपता रहे ।इसमें तत्कालीन वैज्ञानिक एवं ज्योतिष क्षेत्र में सुप्रसिद्ध लहरी भी एक सदस्य थे। इनके द्वारा स्पष्ट रूप से कहा गया कि भारतवर्ष में प्रकाशित पंचांग में मूलभूत रूप से घंटों की ही नहीं दिनों की भी त्रुटियां हैं। परंतु जनमानस के विरोध या अन्य कारणों से इस समिति के अध्यक्ष पंडित नेहरू ने इस पक्ष में निर्णय नहीं लिया ।इस प्रकार' संपूर्ण कैलेंडर 'रिफॉर्म कमिटी रिपोर्ट वास सबमिटेड इन सीएसआईआर इन 1955 एंड द गवर्नमेंट ____।" इस प्रकार एक सार्थक सत्य परक अभिनव प्रयास दम तोड़ गयाजो आज भी पुनर्जीवित नहीं हो सका)
निवेदित- खेद है , भारतवर्ष में अनेक प्रकार की गणना विधियों के विरुद्ध कोई भी इस प्रकार के कठोर नियम नहीं है, कि धार्मिक जनता को त्रुटि पूर्ण जानकारी देने वालों के विरुद्ध कार्रवाई हो। इसका लाभ अनेक वर्ग द्वारा उठाया जा रहा है।एकरूपता का सिद्धान्त /नियम लागू किया जाना निवेदित |
प्रकाशित पंचांग का सुधि जन शिक्षित विद्वान वर्ग अवलोकन करें। तो इनमें से अधिकांश में घंटों की त्रुटियां है ,जिनका परीक्षण कुंडली के किसी भी सॉफ्टवेर से किया जा सकता है। इसका प्रमुख कारण है की एक गणना विधि जो 5000 वर्ष पूर्व प्रारंभ हुई थी । जिसमें समय समय पर संशोधन हुए परंतु कुछ वर्ग असंशोधित गणना विधि को ही लागू कर तिथि नक्षत्र आदि के आधार पर व्रत आदि प्रस्तुत करते हैं ,इसमें सभी मुहूर्त त्रुटि पूर्ण होते हैं।
(तत्कालीन प्रधानमंत्री स्वर्गीय पंडित नेहरू द्वारा एक प्रयास किया गया था कि समस्त कैलेंडर ,पंचांग, स्थानीय समय के अतिरिक्त अन्य बातों पर एक जैसे रहे ,तो उनमें एकरूपता रहे ।इसमें तत्कालीन वैज्ञानिक एवं ज्योतिष क्षेत्र में सुप्रसिद्ध लहरी भी एक सदस्य थे। इनके द्वारा स्पष्ट रूप से कहा गया कि भारतवर्ष में प्रकाशित पंचांग में मूलभूत रूप से घंटों की ही नहीं दिनों की भी त्रुटियां हैं। परंतु जनमानस के विरोध या अन्य कारणों से इस समिति के अध्यक्ष पंडित नेहरू ने इस पक्ष में निर्णय नहीं लिया ।इस प्रकार' संपूर्ण कैलेंडर 'रिफॉर्म कमिटी रिपोर्ट वास सबमिटेड इन सीएसआईआर इन 1955 एंड द गवर्नमेंट ____।" इस प्रकार एक सार्थक सत्य परक अभिनव प्रयास दम तोड़ गयाजो आज भी पुनर्जीवित नहीं हो सका)
निवेदित- खेद है , भारतवर्ष में अनेक प्रकार की गणना विधियों के विरुद्ध कोई भी इस प्रकार के कठोर नियम नहीं है, कि धार्मिक जनता को त्रुटि पूर्ण जानकारी देने वालों के विरुद्ध कार्रवाई हो। इसका लाभ अनेक वर्ग द्वारा उठाया जा रहा है।एकरूपता का सिद्धान्त /नियम लागू किया जाना निवेदित |
प्रकाशित पंचांग का सुधि जन शिक्षित विद्वान वर्ग अवलोकन करें। तो इनमें से अधिकांश में घंटों की त्रुटियां है ,जिनका परीक्षण कुंडली के किसी भी सॉफ्टवेर से किया जा सकता है। इसका प्रमुख कारण है की एक गणना विधि जो 5000 वर्ष पूर्व प्रारंभ हुई थी । जिसमें समय समय पर संशोधन हुए परंतु कुछ वर्ग असंशोधित गणना विधि को ही लागू कर तिथि नक्षत्र आदि के आधार पर व्रत आदि प्रस्तुत करते हैं ,इसमें सभी मुहूर्त त्रुटि पूर्ण होते हैं।
जब भद्रा,पंचक ,मूल प्रारंभ नहीं हो ते तब भद्रा
प्रारंभ हो जाएगी या जब भद्रा समाप्त हो जाएगी ,उससे पहले उसके बाद तक इनके कैलेंडर
भद्रा चलेगी या मूल पंचक की भी सही जानकारी नहीं मिलती ।
धार्मिक जनता एवं सामान्य ज्योतिषीं इन पर आश्रित होकर जनसामान्य का पथ प्रदर्शन करते रहते हैं ।
निवेदन-सही की पहचान परीक्षण विधि- मेरा सुधी पाठकों से निवेदन है कि ,वह जिस पंचांग कैलेंडर का प्रयोग कर रहे हैं ,उसमें दी हुई तिथि एवं नक्षत्र का परीक्षण किसी कुंडली सॉफ्टवेर से करे।आज ज्योतिष से संबंधित/ कुंडली निर्माण से संबंधित अनेक सॉफ्टवेयर निशुल्क उपलब्ध हैं। किसी भी कैलेंडर में दी गई दिनांक तारीख तिथि एवं नक्षत्र के समय को लेकर आप एक कुंडली बनाएंगे तो पाएंगे तिथि नक्षत्र आदि में घंटों तक त्रुटि पाई जाएगी ।
किसी भी सॉफ्टवेयर से किसी दिन की कुंडली बनाकर तिथि, नक्षत्र, के समाप्ती समय से तुलना करें तो सत्य का ज्ञान हो जाएगा कि पंचांग कैलेंडर की जानकारी वास्तविकता से कितनी दूर है या यथार्थ परक है।
धार्मिक जनता एवं सामान्य ज्योतिषीं इन पर आश्रित होकर जनसामान्य का पथ प्रदर्शन करते रहते हैं ।
निवेदन-सही की पहचान परीक्षण विधि- मेरा सुधी पाठकों से निवेदन है कि ,वह जिस पंचांग कैलेंडर का प्रयोग कर रहे हैं ,उसमें दी हुई तिथि एवं नक्षत्र का परीक्षण किसी कुंडली सॉफ्टवेर से करे।आज ज्योतिष से संबंधित/ कुंडली निर्माण से संबंधित अनेक सॉफ्टवेयर निशुल्क उपलब्ध हैं। किसी भी कैलेंडर में दी गई दिनांक तारीख तिथि एवं नक्षत्र के समय को लेकर आप एक कुंडली बनाएंगे तो पाएंगे तिथि नक्षत्र आदि में घंटों तक त्रुटि पाई जाएगी ।
किसी भी सॉफ्टवेयर से किसी दिन की कुंडली बनाकर तिथि, नक्षत्र, के समाप्ती समय से तुलना करें तो सत्य का ज्ञान हो जाएगा कि पंचांग कैलेंडर की जानकारी वास्तविकता से कितनी दूर है या यथार्थ परक है।
क्योकि आज विज्ञान का युग है | दृश्य है ग्रह नक्षत्र वह सत्य है , वर्तमान में
विज्ञान सम्मत गणना या वेधशाला भी हैं। जो कि पूर्व में नहीं थी, निश्चय ही उस समय की गणना आज अप्रासंगिक हो
चुकी है ।
कोई पंचांग या कैलेंडर 100 साल पूर्व से प्रकाशित होने का अर्थ यह कदापि नहीं की वह सत्य है।ऐसे ही अधिकांश अप्रासंगिक जानकारी अधिक परोस रहे हैं।धर्म,धार्मिक आस्था का शोषण, पाप नहीं कर रहे क्या ?
इसलिए आवश्यक है कि drik /वेध शाला सम्मत या विज्ञान सम्मत गणना विधि के आधार पर उल्लेखित तिथि नक्षत्र व्रत पर्व वाली पंचांग कैलेंडर का ही प्रयोग करें।
जिससे आपको पूर्ण सटीक फल मिले। सही मूल पंचक भद्रा एवम् मुहूर्त का प्रयोग कर जीवन सार्थक करे।अन्यथा त्रुटि पूर्ण मुहूर्त व्रत से वांछित परिणाम मिलेंगे नहीं ,यही रहस्य आपके काम बिगड़ने का है |
कोई पंचांग या कैलेंडर 100 साल पूर्व से प्रकाशित होने का अर्थ यह कदापि नहीं की वह सत्य है।ऐसे ही अधिकांश अप्रासंगिक जानकारी अधिक परोस रहे हैं।धर्म,धार्मिक आस्था का शोषण, पाप नहीं कर रहे क्या ?
इसलिए आवश्यक है कि drik /वेध शाला सम्मत या विज्ञान सम्मत गणना विधि के आधार पर उल्लेखित तिथि नक्षत्र व्रत पर्व वाली पंचांग कैलेंडर का ही प्रयोग करें।
जिससे आपको पूर्ण सटीक फल मिले। सही मूल पंचक भद्रा एवम् मुहूर्त का प्रयोग कर जीवन सार्थक करे।अन्यथा त्रुटि पूर्ण मुहूर्त व्रत से वांछित परिणाम मिलेंगे नहीं ,यही रहस्य आपके काम बिगड़ने का है |
अशुद्ध अप्रासंगिक जानकारी वाले कैलेंडर के प्रयोग
का कोई ओचित्य नहीं।
लेखक द्वारा भी एक पंचांग कैलेंडर इन्हीं कारणों से प्रकाशित किया जाता है ।
जिसका एकमात्र उद्देश्य यथार्थ परक जानकारी से पढ़े-लिखे सुधी एवं धार्मिक वर्ग को अवगत कराया जा सके ।
लेखक द्वारा भी एक पंचांग कैलेंडर इन्हीं कारणों से प्रकाशित किया जाता है ।
जिसका एकमात्र उद्देश्य यथार्थ परक जानकारी से पढ़े-लिखे सुधी एवं धार्मिक वर्ग को अवगत कराया जा सके ।
( यद्यपि कुछ मिनट का अंतर हो सकता है
परंतु घंटों का अंतर जिसके कारण भद्रा पंचक मूल तिथि नक्षत्र आदि सार्थक एवं
उपयोगी सिद्ध होंगे प्रस्तुत है।)
*Astro Vastu Do’s Don’t’s for Better Life Planning
Pt. V K Tiwari 9424446706
1- Perfect New compability Method ,No
where else
- /match method-30points
Instead of 08 Ashtkoot method
-- new method -Match by Navmansh and Lagn
Kaalprakashika 44point match
Vastu-
+9600 Vastu
suggestions till date
(out of which App +1400,S Hotel , and School bulding-
As-DPS School
Building,Three star hotel ,2–to 10 acre area
Awarded-till
1991-Jyotish Sammelan (city-Year) –
Jaipur-1976,1986;Delhi-1980,1987;
Pune-1983,Kanpur-1987;Brahmpuri-1991;
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