खंडग्रास सूर्य ग्रहण दिनांक 26 दिसंबर 2019
- psush कृष्ण अमावस्या दिन गुरुवार नक्षत्र मूल, राशि धनु ,.
ग्रहण का प्रारंभ ,- प्रातः 811 मध्य 9:29 एवं मोक्ष 11:02 पर होगा .
सूर्य ग्रहण का सूतक- अर्थात भोजन आदि वर्जित समय 12 घंटे पूर्व अर्थात रात्रि 8:00 बजे से प्रारंभ होगा परंतु वृद्ध एवं रोगी वर्ग के लिए आवश्यक नहीं है .
यह ग्रहण भारत ,अरब, लंका, सिंगापुर, मलेशिया, पाकिस्तान ,ईरान, इराक ,तिब्बत, इंडोनेशिया, सिंगापुर ,अफगानिस्तान म्यामार, जापान ,भूटान आदि के अतिरिक्त चीन के दक्षिणी भाग में भी प्रभाव शील होगा *ग्रहण जिस क्षेत्र में दिखाई देता है उस क्षेत्र में ही उसके शुभ-अशुभ प्रभाव होते हैं अन्य क्षेत्रों में उसका किसी भी प्रकार का कोई प्रभाव किसी पर भी नहीं होता है.
यह ग्रहण सामान्य रूप से कुंभ तुला कर्क मीन एवं मिथुन राशि के लिए अनुकूल या सफलता प्रगति निर्मित करने वाला होगा
मेष, सिंह एवं वृश्चिक राशि वालों को अशुभ ही प्रकार के प्रभाव प्राप्त होंगे परंतु आगामी समय यथेष्ट सफलता पर रहेगा 🤠.
विशेष रुप से अशुभ धनु, वृषभ, कन्या एवं मकर राशि को क्रमानुसार प्रभावित करेगा, अशुभ प्रभाव बाधा व्यय रोग कष्ट लगभग 2 से 4 माह तक रह सकता है ☹
-ग्रहण अवधि में किया गया पूजा पाठ आदि ,अशुभ प्रभावों को कम करने के लिए शास्त्रोक्त मान्य है .
ग्रहण की अवधि में राहु स्त्रोत कवच एवं हवन ,गुरु मंत्र, इसका निराकरण करने में समर्थ होते हैं एवं भविष्य की आशंका को समाप्त करने वाले सिद्ध होते हैं.
-मंत्र सिद्धि के लिए भी यह समय अनुकूल माना जाता है .
-ज्योतिष के अनुसार जिन की दशा -सूर्य राहु, गुरु और शनि दशा अंतर्दशा हो ,उनके लिए इस अवधि में स्नान उपरांत पूजा-पाठ जब हवन आदि करना प्रतिकूल प्रभावों को कम करने वाला सिद्ध होगा
सूर्य का प्रभाव समग्र ब्रह्मांड पर होता है परंतु जिस भाग में जिस क्षेत्र में दिखाई देगा उस क्षेत्र में सर्वाधिक इसके प्रभाव होंगे
यह चराचर जीव निर्जीव सभी पर समान रूप से प्रभाव होता है .
- दक्षिणायन में इस ग्रहण के होने से व्यापारी एवं निम्न वर्ग के लिए अशुभ प्रभाव वाला सिद्ध होगा ..
ग्रहण दिशा के अनुसार यह सैनिकों एवं अग्नि आधारित जीविका उपार्जन करने वालों के लिए अशुभ सिद्ध होगा
समाज या राष्ट्र में किस प्रकार के व्यक्तियों के लिए यह ग्रहण विशेष रुप से अशुभ सिद्ध होगा - धनु राशि में ग्रहण होने के कारण सूर्य शनि गुरु केतु आदि के प्रभाव से विभाग प्रमुख , मंत्रियों ,प्रमुख अधिकारियों ,घोड़े मिथिला का क्षेत्र पहलवान ,पांचाल देश, चिकित्सक, व्यापारी तथा क्रूर हिंसक आतंकी कार्य में लिप्त लोगों एवं हथियारों से संबंधित व्यक्तियों के लिए यह समय कष्ट दाई सिद्ध होगा.
ग्रहण के समय राहु के प्रभाव में एवं सूर्य के साथ संबंध रखने वाले अन्य ग्रहों का भी प्रभाव होगा?
- इसके अनुसार गुरु के सहयोग या इसके साथ सूर्य के होने से विद्वान, पंडित, राजा, मंत्री, मंत्री से संबंधित स्टाफ इनके लिए यह विनाशकारी यह अपदस्थ , अपयश, आरोप कारी सिद्ध होगा .
- मंगल ग्रह के प्रभाव के कारण मध्य प्रदेश नर्मदा नदी कावेरी नदी एवं इनके समीपस्थ नगर तथा निरंकुश पदाधिकारियों या मंत्रियों के लिए विशेष अशुभ समय प्रारंभ होगा.
- शनि ग्रह का ग्रहण पर प्रभाव रेगिस्तानी क्षेत्र पुष्कर राजस्थान का क्षेत्र माउंट आबू आदि क्षेत्र के निवासियों एवं नगरों में अभाव अकाल एवं विघ्न प्रस्तुत होंगे धातुओं की कमी का क्षेत्र भी बन सकता है.
- पौष मास में ग्रहण होने से ब्राह्मणों, क्षत्रियों सिंध प्रदेश मिथिला प्रदेश आदि क्षेत्र में अन्न का अभाव एवं वहां के निवासियों र्विरोध मतभेद या उपद्रव होने की संभावना बनती है.
ग्रहण का आर्थिक प्रभाव- जिस जिस देश में ग्रहण दिखाई देगा वहां तुलनात्मक रूप से अर्थ संकट बढ़ेगा या उत्पन्न होगा.
* फसल उत्तम नहीं होंगी .
खनिज पदार्थों में कमी होगी अन्ना की कमी प्रतीत होगी .फल और सब्जियों की भी क्षति होगी
-हिमालय से कन्याकुमारी तक आर्थिक संकट की स्थितियां बनेंगी. राज्यों के अधिकांश आर्थिक संकटों से दो-चार होंगे . ☹राजनीति में भारी उथल-पुथल होगी.
कई राज्यों के मंत्री मंडलों में परिवर्तन होगा.
🤠चावल से संबंधित व्यापारियों को लाभ होगा गेहूं से संबंधित कृषि करने वालों को भी लाभ होगा .
☹आगामी छह माह रोग अभाव एवं अशांति सूचक रहेंगे मतभेद विरोध जनक्रांति एवं जन कष्ट की स्थितियां बन सकती हैं आतंकी सक्रिय होंगे.
विभिन्न देशों पर प्रभाव
ग्रहण का प्रभाव विशेष रुप से ईरान इराक पाकिस्तान, भूटान प्रभावित आगामी ग्रहण तक इनका प्रतिकूल प्रभाव रहेगा .
इसके पश्चात भारत ,जापान ,मलेशिया, तिब्बत ,प्रभावित होगा .
नाम के प्रथम अक्षर के आधार पर विशेष - स रा क, चा, द डा हां घ चा अक्षर वालों से जिनके नाम प्रारंभ होंगे ऐसे स्थान संस्थान एवं व्यक्तियों को अनुकूल अशुभ प्रभाव प्राप्त होंगे च,ला ,ना, को तुलनात्मक रूप से कम प्रतिकूल प्रभावों का सामना करना होगा ||.
ग्रहण के दृष्ट क्षेत्र
,प्रदेश मे व्यापक कुप्रभाव मार्च अंत
तक ,विशेष 25 फरवरी तक।
-श्रीविहीन,अधिकार हींन एवं मुकुट विहीनता के
जन निर्णय राहू कराएगा |
-देश
में रोग ,शोक ,झगड़े ,आक्रोश ,आतंक
एवं मृत्यु कारक आकस्मिक घटनाएं उत्पन्न की जावे." इस तरह से यह 16 दिसंबर से 27 जनवरी तक उन्मादी प्रकृति ।
-,राजा को मुकूट विहीन,,देश में
अर्थ संकट ओर -ओर गंभीर रूप से
चिंतनीय स्थ्ति बनेगी।
-फसलों
को प्रभावित करना इसकी प्रकृति है। खनिज अन्न अभाव ,फसल सब्जी की क्षति ,मंत्रिमंडल
राजनीति में उथल-पुथल एवं सत्ता परिवर्तन ,राज्य
विहीन राजा होंगे।
-जन
साधारण में आक्रोश ,आतंक ,उन्माद
विवेक हींन आवेश (विशेष तौर पर
कश्मीर, सौराष्ट्र, जम्मू, यूपी ,बिहार ,जालन्धर,,बंगाल ,दिल्ली असंतोष घृणा आदि क्षेत्र में, ।
कश्मीर, सौराष्ट्र, जम्मू, यूपी ,बिहार ,जालन्धर,,बंगाल ,दिल्ली असंतोष घृणा आदि क्षेत्र में, ।
-दिल्ली
पंजाब बंगाल में स्थिति घटना प्रधान ।
-मध्य
भारत, उत्तर प्रदेश, कश्मीर बिहार ,हिमाचल
पहाड़ी प्रदेश एवं व्यापार के लिए उत्तरदायीं | ,
-यह
समस्त धातु की मूल्य व्रद्धि, ,यवन वर्ग को प्रताड़ित,कृषि
हानि, संपत्ति के लिए ,पहाड़ी
प्रदेशों
के लिए और अधिक समस्या प्रधान होगी।फरवरी 2021 तक|
के लिए और अधिक समस्या प्रधान होगी।फरवरी 2021 तक|
Very very nice post
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