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प्रश्न- एक ही राशि वालो को, किसी ग्रह के राशि parivartan के
अलग अलग फल क्यो मिलते है ?
उत्तर-
1-
राशि परिवर्तन
करने वाले ग्रह की,
12 लग्न में ,जिन जन्म लग्नेश से मित्रता होगी,
उन्हें अनुकूल अधिक, प्रतिकूल कम फल मिलेंगे
।
*जिन जन्म लग्न स्वामी से शत्रुता होगी ,उनको अनुकूल कम परन्तु
प्रतिकूल अधिक फल मिलते हें ।
2- जन्म कुंडली मे राशि परिवर्तन करने वाले ग्रह की शुभ अशुभ स्थिति।
2-
प्रचलित नाम की
राशि का प्रभाव दैनिक जीवन ,रोजगार स्थल,नए कार्य ,
भवन प्रवेश,Joining आदि में प्रमुख रूप
से पड़ता है ।
*जन्म नक्षत्र की राशि का प्रभाव स्थायी परिणाम एवं
कार्य पर होता है ।
विशेष-एक ही राशी होने
पर नाम अलग अलग होने पर शुभ –अशुभ
प्रभाव में अंतर हो जायेगा ।
4- राशि एक ही हो , पर जन्म नक्षत्र अलग अलग होना।
5- राशि एक ही हो , जन्म नक्षत्र भी एक हो परन्तु,जन्म नक्षत्र चरण पृथक पृथक हो।
6- अष्टक वर्ग मे (राशि परिवर्तन करने वाले ग्रह) को 5 से कम रेखा
मिलना।
7- कुंडली मे, राशि परिवर्तन करने वाला ग्रहआत्म या अमात्य कारी होना।
8- जन्म कुंडली में जिसकी दशा उत्तम ,अनुकूल
चल रही हो,तो प्रतिकोल प्रभाव अति अल्प होंगे।
प्रयास करने से कार्य हो जाएंगे । ग्रह दशा अशुभ होगी तो अशुभ फल
अधिक होंगे ,
शुभ फल कम होंगे ।
किसी भी ग्रह का का राशि परिवर्तन संभावित भविष्यफल के लिए (जो
सामान्य रूप से,
चंद्रमा की राशि से देखा जाता है) यह पूर्णरूपेण
सटीक नहीं होता।
*चंद्र राशि से , शुभ अशुभ प्रभाव अधिक से अधिक तीस 30%
ही होता है ।*
- सटीक फल ज्ञात करने
की विधि -
-सूर्य ,शनि ,गुरु की स्थिति
कुंडली मे शुभ हो।
- गोचर के फल के लिए
तीनों विधियों का अवलोकन करे ।
यदि तीनों विधियों में शुभ प्रभाव है तो सर्वश्रेष्ठ फल प्राप्त होगा।
गुरु ग्रह के लिए -कुंडली मे गुरु या शनि शुभ हो। (3.6.8.12भाव मे न हो)। शत्रु राशि या लग्न के शत्रु
गुरु न हो।
1-नाम से चन्द्र राशि । 2- जन्म राशी । 3- जन्म लग्न एवं नक्षत्र ।
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