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विघ्न रोकने एवं सफलता की कुंजी के उपाय Stop hidden obstacles, open the welcome doors of success - Remedy-Pandit V.K. Tiwari (Since 1972)

 

       विघ्न रोकने एवं सफलता की कुंजी के उपाय

Stop hidden obstacles,
 open the welcome doors of success - Remedy

    29 जुलाई बाधा रोकने एवं सफलता के उपाय

गुरुवार के अनिष्ट नाशक एवं सफलता के उपाय-
1-- सौभाग्य सफलता वृद्धि के लिए
ग्रह गुरु के दोष शांति के लिए-
स्नान जल मे मिला नदी या तीर्थ जल,-चमेली पुष्प ,सफेद के अभाव मे
 पीली सरसों ,गूलर ,मुलेठी ,मिला कर स्नान करे |
2-बाधा मुक्ति के लिए दान-
पीला अनाज ,चनाशकरपीले पुष्प .हल्दी,केसर|
पीला वस्त्र पीला फल पपीता केला आदि दान करे|
3-दान किसको दे -
गुरु,ज्ञानी पुरुष,ब्राह्मण या ज्ञान,शिक्षा कर्म करने वाले को या
शिक्षण संस्था,शिक्षक,विष्णु,कृष्ण,राम मंदिर मेदान करना चाहिए |
गुरु ग्रह का गायत्री मंत्र-
ओम अंगिरसाय विद्महे दिव्य देवताय धीमहि
तन्नो जीवः प्रचोदयात ।|आपो ज्योति रस अमृतम परो रजसे साव दोम |
पौराणिक मंत्र -108 बारॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरूवे नमः ॥
        बृहस्पति –का   शीघ्र फलदायी मन्त्र
देव मन्त्री विशालाक्ष: सदा लोक हिते रत:।
अनेक शिष्य सम्पूर्ण: पीडां हरतु मे गुरु: ।।
सर्वदा लोक कल्याण में निरत रहने वालेदेवताओं के मंत्रीविशाल नेत्रों वाले
तथा अनेक शिष्यों से युक्त बृहस्प ति मेरी पीड़ा को दूर करें ।। ब्रह्माण्डपुराण|

(यजु. 263)-
गुरु- ॐ बृहस्पते अति यदर्यो अर्हाद् द्युमद्विभाति क्रतुमज्जनेषु। यद्दीदयच्छवस ऋतुप्रजात तदस्मासु द्रविणं धेहि चित्रम्।।

जैन मंत्र-
ॐ ह्रीं णमो आयरियाणं  
ॐ ह्रीं गुरु ग्रहारिष्ट निवारकश्री महावीर जिनेन्द्राय नम
सर्वशांतिं कुरु कुरु स्वाहा।मम (.अपना नाम ) दुष्ट ग्रह रोग
 कष्ट निवारणं सर्वशांतिं कुरू कुरू हूँ फट् स्वाहा।
3- दिन दोष आपत्ति निराकरण के लिए घर से प्रस्थान पूर्व क्या खाएं–
(What to take Before Departure from Home for
 Redressal of Day Blame Objection -)

––दही curd,जीरा |        

नक्षत्र दोष दूर करे-

Measures of constellation happiness barrier
                        and grace of the constellation deity-
     Om utanoAhirbudhanyah srinotwaja ekapatprithivi samudrah
Vishvedeva ritavadhinahuvanah stuta mantra kavisasta avantu ||
Om Ahirbudhanyaya Namah ||
वेद मंत्र  उत्तर प्रोष्ठ
ॐ शिवोनाम असिस्वधितिस्तो पिता नमस्तेस्तुम आमाहि गवं सो
निर्वत्त याम्यायुषेSत्राद्याय प्रजननायर रायपोषाय ( सुप्रजास्वाय ) ।
पौराणिक मंत्र:
अहिर्मे बुध्नियो भूयात मुदे प्रोष्ठ पदेश्वरःl
शंख चक्र अंकीत करः किरीट उज्वल मौलिमान् ll
नक्षत्र देवता .मंत्र:- ॐ अहिर्बुंधन्याय नमःl
नक्षत्र . मंत्र:- ॐ उत्तर प्रोष्ठ पदभ्यां नमःl

          ***** अनिष्ट निवारण उपाय**** राधे राधे ***********


            अन्य ग्रह शुभ –अशुभ प्रभाव एवं उनकी प्रसन्नता के उपाय -    

         1-सूर्य देव की प्रसन्नता के लिए उपाय या सूर्य कृत 6 से 30 जुलाई दोष नाश के उपाय

  सूर्य के अनिष्ट नाशक एवं सफलता के उपाय-
प्रतिदिन सूर्य देव कि कृपा के लिए अवश्य प्रयोग करे -
• 
जन्म 20 जुलाई से 03 अगस्त की अवधि (Duration )मे हुआ हो |
•-
सूर्य दशा चल रही हो |
•-
जिनकी जन्म राशि धनु,मीन,कर्क हो | -
••जन्म नक्षत्र पुनर्वसु हो |
•-
माननीय वर्ग मंत्री ,विभाग प्रमुख  हो |
•-
चुनाव,मुक़द्दमे मे विजय, के लिए सूर्य आराधना,आदित्य हृदय स्त्रोत पढे |

-20 जुलाई से 03 अगस्त तक सूर्य देव की कृपा के उपाय -
उपाय (बाधा ,कष्ट,हानि,रोग एवं परेशानी से सुरक्षा ,तथा विजय ,सफलता के  लिए )उपाय करिये -
इष्ट देवी -देव  को अर्पित करे- हल्दी/केसर   ; दान'करे - तिल; नाश्ते में या घर से निकलते समय खाएं –दही,खिचड़ी ; मंत्र पढ़े -ॐ vगुरुवे नमः ; प्रभावज्ञान वृद्धि | 

                  माह -भविष्य                                                                                                                                               15july से17अगस्त

1-इस माह जनता के हित में नयी नीतियाँ बनेंगी एवं जनहित नीति नियम विधान निर्माण ,कार्य सफल होंगे |

- प्रशासकीय परिवर्तन,केंद्र एवं राज्य में मंत्रिमंडल परिवर्तन /पद वृद्धि |

2-उत्तरप्रदेश ,पंजाब,मध्यप्रदेश ,छतीसगढ़ ,उत्तराखंड में हलचल :

-राजनीतक पार्टियों एवं सत्तारूढ़ पार्टी में पद सृजन / वृद्धि या परिवर्तन|

3-मुंबई ,गुजरात,राजस्थान एवं दक्षिण भारत के लिए मौसम का अनपेक्षित वर्षा आधिक्य ,आंधी,जन कष्ट |

4- जिन स्थानों में वर्षा अभाव उन स्थानों में 21 july से सामान्य वर्षा प्रारम्भ ,एवं 02 अगस्त तक  विपुल वर्षा योग हैं |2-17 अगस्त तक वर्षा विपुल योग |

 

                       ग्रहों के शुभ अशुभ प्रभाव राशियों पर एवं उपाय-

                          1सूर्य-  15 जुलाई से

जन्म  राशि एवं नाम के अक्षर दोनों से शुभ होने पर श्रेष्ठ माह सिद्ध होगा |

जन्म राशि एवं प्रचलित नाम दोनों अशुभ होने पर दिन  में किसी प्रकार की सफलता मुश्किल होगी |)

1-राशि  - -सफलता ,लाभ,हर्ष, विजय ,कार्य की प्रगति,सुखद ,यशद,पद-अधिकार योग|

सफलतापूर्ण फलदायी  राशियाँ   -सिंह,कन्या,मकर,मेष |

 

 नाम के प्रथम अक्षर वाले व्यक्ति ,संस्था,शहर,प्रदेश,

देश एवं वस्तु के लिए सूर्य के शुभ प्रभाव –

-          म,ट,प,ठ,ख,ज,ग,ल,अ,

-



2-राशियों हेतु सूर्य अशुभ –|

वृश्चिक,कर्क,मीन राशी के लिए





यात्रा योग ,कार्य अधिकता, व्यय वृद्धि ,

 

नाम के प्रथम अक्षर –

वाले व्यक्ति ,संस्था,शहर,प्रदेश,

देश एवं वास्तु के लिए सूर्य के अशुभ प्रभाव

मतभेद,कार्यों में रूकावट कोई निर्णय,यात्रा,समझोते ,कार्य आरंभ

अति सूझ बूझ से ही सफल संभव |

नामाक्षर-शतप्रतिशत-न,,,,, | रोग विशेष |

              प्रयास से सफलता- ,,,,ए.ब.व.भ.र.त.क,,,|

शेष हेतु अशुभ(कष्ट,व्यय,यात्रा,असफलता,कार्य रुकना,व्यापर में आय कम होना |

 

उपाय- -चुनाव,मुक़द्दमे मे विजय, के लिए सूर्य आराधना,आदित्य हृदय स्त्रोत पढे |

प्रतिदिन सूर्य आराधना|

सूर्य देव का गायत्री पंचपाद मंत्र-

ओम सप्त तुरंगाय विद्महे सहस्त्र किरणाय धीमहि

तन्नो सूर्यः प्रचोदयात् ।|आपो ज्योति रस अमृतम |परो रजसे सावदोंम |

ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः ॥

जैन मंत्र-

ऊँ ह्रीं अर्हं सूर्य ग्रहारिष्ट निवारक।

श्री पद्म प्रभु जिनेन्द्राय नमः सर्वशांतिं कुरू कुरू स्वाहा।

मम (अपना नाम) दुष्ट ग्रह रोग कष्ट निवारणं सर्वशांतिं कुरू कुरू हूँ फट् स्वाहा।

2 मंगल प्रभाव 20 जुलाई  से

सर्व सफलता,विजय,अधिकार,पद,लंबित कार्य पूर्ण  मंगल ग्रह देगा  -

मिथुन,तुला,मीन  हेतु विशेष शुभ |,-

नाम अक्षर क.छ,घ,र,त,द,च,वालो के लिए श्रेष्ठ फलप्रद |

 अशुभ राशिवृष,कन्या,मकर  राशि के लिए हानी,कष्ट,विवाद,यात्रा,कार्य अधिकता|

ओ.इ.उ.ए ब,व,प.ठ,.

(रोग,चोट,यात्रा,शारीरिक ,पराजय कष्ट  )|

प्रयास से सफलता मंगल ग्रह द्वारा –

मेष,कर्क,सिंह,धनु राशी|

नाम का प्रथम अक्षर –च,ल,अ,ह,ड,भ,ध वालो के लिए मंगल प्रभाव होगा |

उपाय-प्रतिदिन मंगल  ग्रह आराधना |

मंगलवार 1-सुख,सौभाग्य वृद्धि के लिए
जटामांसी ,मौलश्री , लाल पुष्प जल मे मिला कर स्नान करे | |
2-
दान- गुड,मसूर, तांबा ,लाल चन्दन युवा पुरुष,
रक्षक,कनेर लाल पुष्प |

मंगल ग्रह गायत्री मंत्र पंचपाद-
ओम अंगारकाय विद्महे शक्ति हस्ताय धीमहि तन्नो भौम्य प्रचोदयात्
आपो ज्योति रसोंमृतम ,
ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः|
मंगल मंगलवार शीघ्र फलदायी
भूमि पुत्रो महातेजा जगतां भयकृत् सदा।
वृष्टि कृद् वृष्टि हर्ता च पीडां हरतु में कुज: ।।
भूमि के पुत्र, महान् तेजस्वी, जगत् को भय प्रदान करने वाले, वृष्टि करने वाले
तथा वृष्टि का हरण करने वाले मंगल (ग्रहजन्य) मेरी पीड़ा का हरण करें ।। ब्रह्माण्डपुराण
भौम- ॐ अग्निमूर्धा दिव: ककुत्पति: पृथिव्या अयम्। अपां रेतां सि जिन्वति।। (यजु. 312)

जैन मंत्र-
ॐ ह्रीं णमो सिद्धाणं ।
ॐ ह्रीं मंगल ग्रहारिष्ट निवारक श्री वासु पूज्य जिनेन्द्राय नम।
सर्व शांतिं कुरु कुरु स्वाहा।
मम (..अपना नाम ) दुष्ट ग्रह रोग कष्ट निवारणं सर्वशांतिं कुरू कुरू हूँ फट् स्वाहा।

 

3            शुक्र ग्रह प्रभाव जुलाई 

 (दाम्पत्य सुख,प्रणय सम्बन्ध,विलास,सुख ) गृह सुख बाधा एवं उपाय

अशुभ -नाम के प्रथम अक्षर वाले व्यक्ति,कम्पनी,क्षेत्र, वस्तु  –

,,,,,,,ग हेतु सुख बाधक |

  नाम या जन्म राशी के लिए विशेष प्रेम ,दाम्पत्य या परिवार सुख में कमी या दूरी      तुला,मकर,कुम्भ,सिंह  राशि एवं लग्न के लिए सुख बाधक|

शेष राशि हेतु शुभ |

उपाय-प्रतिदिन शुक्र ग्रह आराधना |

शुक्र गायत्री मंत्र-

ओम भृगुजाय विद्महे दिव्यदेहाय धीमहि

तन्नो शुक्रः प्रचोदयात्|आपो ज्योति रस अमृतम |परो रजसे सावदोंम |

ॐ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः ॥

जैन मंत्र-

श्री सुविधिनाथ भगवान या श्री पुष्पदंत भगवान ।

ॐ ह्रीं शुक्र ग्रहारिष्ट निवारक-श्री पुष्पदन्त नाथ जिनेन्द्राय नम:

सर्व शांतिं कुरु कुरु स्वाहा।

 

4   बुध26   जुलाई से -शुभ अशुभ प्रभाव

शुभ बुध ग्रह सूर्य के अशुभ फल को कम करता है |

शुभ लाभ,सफलता प्रद बुध - मिथुन, कन्या,मेष, तुला,धनु,कुम्भ  राशी राशि वालो के लिए |

अशुभवृष,कर्क,वृश्चिक,मकर,मीन  राशि वालो के लिए मिलेंगे |

नाम, ,,,,,,,ल.र,त.ह,, अक्षर से प्रारंभ व्यक्ति,शहर,संस्थान,क्षेत्र,देश,प्रदेश,वस्तु,नाम के लिए अशुभ होगा ,

यदि सूर्य भी अशुभ हुआ तो अधिक असुविधा  पूर्ण समय रहेगा |

 

गुरु कुम्भ राशि में सितम्बर तक|

(यदि जन्म राशि एवं प्रचलित नाम का अक्षर दोनों शुभ हो तो अति सफलता का समय रहेगा|)

शुभ फल-मेष,मिथुन,सिंह,तुला,मकर,

नाम अक्षर- ,,,,,,,म.ट.र,,,, भो, ,गी. 

अशुभकर्क,कन्या,वृश्चिक,धनु,कुम्भ,मीन,वृष  |

नाम अक्षर-ह,,, ,,,,,ज्ञ,भ-भी ,गू, गे,गो, सा,,,,,,,,,

 

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                        1972 से ज्योतिष जगत में हस्ताक्षर  -

jyotish9999@gmail.com

                          9424446706

                      (+100  ebook,Many features and blogs )

आप जानिए-

भाग्यशाली- जाब,करियर,व्यापार ,कंपनी,शिक्षा केंद्र,शहर,रंग,नाम व्यक्ति,?

YursLucky?Career,Business,Day,Clurs,Directin,Gems,Names

विशेषज्ञता 1-∙जन्म कुंडली निर्माण -28 कुंडली चक्र एवं 42 दशाओं मे लागू होने वाली

दशाओं की गणना सहित |

(विशेष-ज्योतिषियों का अधिकांश केवल विमशोत्तरी ही प्रयोग करता है ,

जबकि शारीरिक कष्ट,रोग,चोटकी दशाएँ दूसरी निर्धारित हैं |)

-*कुंडली मिलान 06पृष्ठों मे –(05नाड़ी नारद ज्योतिष+नवमांश नक्षत्र से  )

(केवल जन्म नक्षत्र से सदी पुरानी ,36 गुण वाली 08 बिन्दु/कूट विधि से मिलान नहीं )

-नवमांश आधार एवं कुंडली के 9 ग्रहो एवं नक्षत्र चरण से मिलान |

अधुनातम .कुंडली मिलान विधि - विशेषता- 31कूट , 107गुण तथा 5 नाड़ी,

नक्षत्र चरण तथा कुंडली के 09 ग्रहों की राशि एवं नक्षत्रों से मिलान|

Innvative Rare Match Making Methd(N Where Else)-

विवाह हेतु मिलान विधियाँ -

 

 3-विशेषज्ञता 1-∙जन्म कुंडली निर्माण,रत्न परामर्श ,अनुष्ठान व्यवस्था  –

28 कुंडली चक्र एवं 42 दशाओं मे लागू होने वाली,दशाओं की गणना सहित |

(कुंडली में कष्ट ,रोग,भाग्य,विद्या,jobआदि के इए अलग अलग दशाएं लागू होती हैं |

*केवल विशोत्तरी दशा ही नहीं एवं 16वर्ग की अपनी अपनी दशाएं होती हैं |

 

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श्राद्ध रहस्य - क्यों करे , न करे ? पिंड रहित , महालय ? किसी भी कर्म का पूर्ण फल विधि सहित करने पर ही मिलता है | * श्राद्ध में गाय का ही दूध प्रयोग करे |( विष्णु पुराण ) | श्राद्ध भोजन में तिल अवश्य प्रयोग करे | श्राद्ध अपरिहार्य है क्योकि - श्राद्ध अपरिहार्य - अश्वनी माह के कृष्ण पक्ष तक पितर अत्यंत अपेक्षा से कष्ट की   स्थिति में जल , तिल की अपनी संतान से , प्रतिदिन आशा रखते है | अन्यथा दुखी होकर श्राप देकर चले जाते हैं | श्राद्ध अपरिहार्य है क्योकि इसको नहीं करने से पीढ़ी दर पीढ़ी संतान मंद बुद्धि , दिव्यांगता .मानसिक रोग होते है | हेमाद्रि ग्रन्थ - आषाढ़ माह पूर्णिमा से /कन्या के सूर्य के समय एक दिन भी श्राद्ध कोई करता है तो , पितर एक वर्ष तक संतुष्ट/तृप्त रहते हैं | ( भद्र कृष्ण दूज को भरणी नक्षत्र , तृतीया को कृत्तिका नक्षत्र   या षष्ठी को रोहणी नक्षत्र या व्यतिपात मंगलवार को हो ये पिता को प्रिय योग है इस दिन व्रत , सूर्य पूजा , गौ दान गौ -दान श्रेष्ठ | - श्राद्ध का गया तुल्य फल- पितृपक्ष में मघा सूर्य की अष्टमी य त्रयोदशी को मघा नक्षत्र पर चंद्र हो | - क

विवाह बाधा और परीक्षा में सफलता के लिए दुर्गा पूजा

विवाह में विलंब विवाह के लिए कात्यायनी पूजन । 10 oct - 18 oct विवाह में विलंब - षष्ठी - कात्यायनी पूजन । वैवाहिक सुखद जीवन अथवा विवाह बिलम्ब   या बाधा को समाप्त करने के लिए - दुर्गतिहारणी मां कात्यायनी की शरण लीजिये | प्रतिपदा के दिन कलश स्थापना के समय , संकल्प में अपना नाम गोत्र स्थान बोलने के पश्चात् अपने विवाह की याचना , प्रार्थना कीजिये | वैवाहिक सुखद जीवन अथवा विवाह बिलम्ब   या बाधा को समाप्त करने के लिए प्रति दिन प्रातः सूर्योदय से प्रथम घंटे में या दोपहर ११ . ४० से १२ . ४० बजे के मध्य , कात्ययानी देवी का मन्त्र जाप करिये | १०८बार | उत्तर दिशा में मुँह हो , लाल वस्त्र हो जाप के समय | दीपक मौली या कलावे की वर्तिका हो | वर्तिका उत्तर दिशा की और हो | गाय का शुद्ध घी श्रेष्ठ अथवा तिल ( बाधा नाशक + महुआ ( सौभाग्य ) तैल मिला कर प्रयोग करे मां भागवती की कृपा से पूर्वजन्म जनितआपके दुर्योग एवं   व्यवधान समाप्त हो एवं   आपकी मनोकामना पूरी हो ऐसी शुभ कामना सहित || षष्ठी के दिन विशेष रूप से कात्यायनी के मन्त्र का २८ आहुति / १०८ आहुति हवन करिये | चंद्रहासोज्

कलश पर नारियल रखने की शास्त्रोक्त विधि क्या है जानिए

हमे श्रद्धा विश्वास समर्पित प्रयास करने के बाद भी वांछित परिणाम नहीं मिलते हैं , क्योकि हिन्दू धर्म श्रेष्ठ कोटी का विज्ञान सम्मत है ।इसकी प्रक्रिया , विधि या तकनीक का पालन अनुसरण परमावश्यक है । नारियल का अधिकाधिक प्रयोग पुजा अर्चना मे होता है।नारियल रखने की विधि सुविधा की दृष्टि से प्रचलित होगई॥ मेरे ज्ञान  मे कलश मे उल्टा सीधा नारियल फसाकर रखने की विधि का प्रमाण अब तक नहीं आया | यदि कोई सुविज्ञ जानकारी रखते हो तो स्वागत है । नारियल को मोटा भाग पूजा करने वाले की ओर होना चाहिए। कलश पर नारियल रखने की प्रमाणिक विधि क्या है ? अधोमुखम शत्रु विवर्धनाए , उर्ध्वस्य वक्त्रं बहुरोग वृद्ध्यै प्राची मुखं वित्त्नाश्नाय , तस्माच्छुभम सम्मुख नारिकेलम अधोमुखम शत्रु विवर्धनाए कलश पर - नारियल का बड़ा हिस्सा नीचे मुख कर रखा जाए ( पतला हिस्सा पूछ वाला कलश के उपरी भाग पर रखा जाए ) तो उसे शत्रुओं की वृद्धि होती है * ( कार्य सफलता में बाधाएं आती है संघर्ष , अपयश , चिंता , हानि , सहज हैशत्रु या विरोधी तन , मन धन सर्व दृष्टि से घातक होते है ) उर्ध्वस्य वक्त्रं बहुरोग वृद्ध्यै कलश पर -