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24 सित, राशि-भविष्य एवं उपाय (वैदिक,पौराणिक एवं जैन मन्त्र सहित ) Articles that help you prioritize work today (हवन एवं रूद्र अभिषेक मुहूर्त लेख के अंतिम भाग में अवलोकनार्थ सुलभ )

 )

विक्रम संवत- 2079, -सूर्य दक्षिणायण,चातुर्मास;

अश्वनी कृष्ण पक्ष

तिथि -चतुर्दशी, नक्षत्र-पूर्वाफाल्गुनी, चंद्र- सिंह राशि

कार्य का शुभ समय- * योग  ,

व्रत,पर्व- ---शिव पूजा ,.

श्राद्ध चतुर्दशी तिथि ,अकाल म्रत्यु(-विष,एक्सीडेंट,शस्त्रघात द्वारा म्रत्यु)वालों का श्राद्ध.

 जन्म राशी का दिन शुभ होने पर  किये जाने वाले कार्य-

अनुष्ठान,पूजा,दान,निर्णय,महत्वपूर्ण प्रपत्र पर हस्ताक्षर ,मीटिंग,

,मंत्रणा,जन सम्पर्क, चिकित्सा, जोखिम कार्य.आवेदन,लेख प्रारंभ आदि.

12 राशी भविष्य- कार्य योजना परामर्श

कन्या,,मकर,वृष - राशी के लिए सुख बाधक

 मेष राशि (Aries) – चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ.

आपको अपने व्यापार अथवा कार्यालय में साधारण दिनों से अधिक परिश्रम करना पड़ सकता है। स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दें। अनिद्रा की स्थिति एवं कार्य की चिंता भी हो सकती है। मानसिक रुप से आप थकान महसूस कर सकते हैं। अकर्मण्यता या आलस्य भी आप पर हावी हो सकता है। धार्मिक अनुष्ठान अथवा दान जैसा पुण्य कार्य मे सफलता मिल सकती है।

वृष राशि (Taurus) – , , , , वा, वी, वू, वे, वो.

आपको हानि हो सकती है। धन व्यय करने पर नियंत्रण रखें। स्वास्थ्य का अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है। निराशा जीवन को अकर्मण्य बना सकती है। व्यवहार मे विशेष सावधान रहें। आपकी सामाजिक अप्रतिष्ठा संभव है। कार्यालय, दैनिक जीवन में अहम को ठेस पहुच सकती है। 15:00 बजे से विशेष-नए कार्य,उपदेश एवं नए स्थान की यात्रा के अपेक्षित परिणाम की सम्भावना अल्प है।

मिथुन राशि (Gemini) – का, की, कू, , , , के, को, ह.

परिवार के सदस्योंएवं मित्रों से  मेलमिलाप होगा। पुराने मित्रों के साथ पुनर्मिलन के भी सुअवसर हैं। विवाहित व्यक्तियों के दाम्पत्य सुख की पूर्ण संभावना है। इस समय आपको सुस्वादु भोजन व घर में समस्त सांसारिक सुख मिलने की संभावना है। स्वास्थ्य उत्तम रहेगा। इस पूरे काल में आप मानसिक रुप से प्रसन्न व शान्तचित्त रहेंगे। व्यापार के लिए लाभदायक विशेष रहेगा। राजनीतिक क्षेत्र से जुड़े वर्ग के लिए उत्तम दिन है।

 

कर्क राशि (Cancer) - ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो.

सांसारिक व भौतिक सुख प्राप्त करने का है। यदि आप कुछ नया करने की योजना बना रहे हैं तो यही उपयुक्त समय है। सफलता निश्चित है। इस काल के अनुकूल होने के कारण आप व आपका परिवार सामान्य रुप से सुखी रहेंगे। यह समय आपके कार्यस्थल के लिए भी शुभ है। आप सम्मान, पदोन्नति एवम् प्रशंसा की आशा कर सकते हैं। सामान्य तौर पर लोगों का व्यवहार सहयोगी या मित्रता पूर्ण नहीं रहेगा।

सिंह राशि (Leo) - मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे.

मन पसन्द इच्छित भोजन का आनन्द मिलने का योग है। आपको सुस्वादु मनचाहा भोजन, सुविधापूर्वक उपलब्ध होगा। आपको शारीरिक सुख-साधन, उत्तम वस्त्र व सुगंध तथा अन्य इच्छित सांसारिक वस्तुएं मिलेंगी। इस समय सर्वोत्तम मित्र व परिचित मिलेंगे। आपके पारिवारिकजीवन में भी आम दिनों की तुलना में अधिक आनन्द होगा। प्रेम या दाम्पत्य जीवन में आप अपने साथी के प्रेम में वृद्धि की आशा कर सकते हैं। सौभाग्य, सुख व सम्मान इस अवधि की विशेषता है।

कन्या राशि (Virgo) - टो, , पी, पू, , , , पे, पो.

विशेष रुप से धन की हानि, व्यय या विनियोजन के योग  है। अपने व्यय पर विशेष ध्यान देने रखें। आप लोगों से व्यवहार के प्रति विशेष सतर्क रहें। इन दिनों आप कोई परामर्श,बीच वचाव या विवाद में भी न पड़ें। व्यर्थ में झगड़े की संभावना है। असावधानी अहम को  ठेस पहुँचा सकती है। कार्यालय में बाधाएं आ सकती हैं। आप अविचलित रहें, क्योंकि ये शीघ्र ही निकल जाएंगी।

15:00 बजे से विशेष-नए कार्य,उपदेश एवं नए स्थान की यात्रा के अपेक्षित परिणाम की सम्भावना अल्प है।

तुला राशि (Libra) – रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते.

चन्द्रमाकी गोचर गति लक्ष्यों की प्राप्ति व प्रयासों में सफलता दर्शा रही है। आपकी ख्याति एवं यश, प्रतिष्ठा वृद्धि का समय हैं। यह दिन धन की दृष्टि से भी सौभाग्यपूर्ण है। बकाया राशि की प्राप्तियोग हैं। व्यवसाय मे धन/लाभ के अच्छे अवसर मिलने के योग हैं। प्रयास के परिणाम अपेकषा के अनुकूल ही रहेंगे। आर्थिक लाभ की आप आशा कर सकते हैं। घर के लिए भी यह समय सुख से परिपूर्ण है। 16:00 बके तक विशेष-महत्वपूर्ण कार्य,उपदेश एवं यात्रा के अपेक्षित परिणाम की सम्भावना अल्प है

वृश्चिक राशि (Scorpio) – तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू.

यह माह का अच्छा समय है। यह समय इच्छापूर्त्ति, लक्ष्यप्राप्ति का है। सांसारिक व भौतिक सुख प्राप्त करने का है। यदि आप कुछ नया करने की योजना बना रहे हैं तो यही उपयुक्त समय है। सफलता निश्चित है। इस काल के अनुकूल होने के कारण आप व आपका परिवार सामान्य रुप से सुखी रहेंगे। यह समय आपके कार्यस्थल के लिए भी शुभ है। आप सम्मान, पदोन्नति एवम् प्रशंसा की आशा कर सकते हैं।

धनु राशि (Sagittarius) – ये, यो, , भी, भू, , , , भे.

कुछ मिले-जुले, सुख-दुख, सफलता-असफलता के परिणाम का दिन है। व्यापार में लाभप्रद लेन-देन सम्पन्न करने में कुछ कठिनाइयाँ आ सकती हैं। यात्रा हेतु हरी झंडी मिलने से पहले आपको कुछ बाधाएं पार करनी होंगी। अपने कार्य इच्छानुसार पूरे न कर पाने के कारण आप मानसिक रुप से अशांत खिन्न रहने की तुलना मे पूर्व जन्म कृत स्व कर्म का भोग मान कर धैर्य रखिए।

मकर राशि (Capricorn) – भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, , गी.

असुविधा, असहयोग, समन्वयहीन एवं अपेक्षा के विपरीत स्थिति का समय है। किसी शुभ समाचार की आशा मत कीजिए। सूचना भी सत्यता से परे हो सकती हैं, ध्यान नहीं देना चाहिए। यह रोजमर्रा के जीवन में परेशानियों व बाधाओं का दिन है। आर्थिक दृष्टि से भी यह काल लाभ पूर्ण नहीं है। आपको धन वसूली में कठिनाई आ सकती है। अपने उच्चाधिकारी से कार्यालय में या रोजगार स्थल पर किसी भी प्रकार की असहमति अथवा विवाद से बचें। स्वास्थ्य के प्रति सतर्क रहें। बाजार के काम, परामर्श देना, यात्रा, नए कार्य प्रारंभ करना उचित नही होगा।  16:00 बके तक विशेष-महत्वपूर्ण कार्य,उपदेश एवं यात्रा के अपेक्षित परिणाम की सम्भावना अल्प है

कुंभ राशि (Aquarius)– गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, द.

मन की शान्ति होगी। आप स्वयं अपने आप में व परिवार के साथशान्ति सुख एवं प्रसन्न्ता अनुभव करेंगे। दिन कुल मिलाकर सुख से परिपूर्ण कहा जा सकता है। दांपत्य जीवन के सुख में वृद्धि होगी। पुत्र एवं पुत्री के द्वारा पूर्ण सहयोग प्राप्त होगा। कार्यालय में अनुकूल परिस्थितियां रहेंगे। व्यापार में लाभ की स्थिति रहेगी।

मीन राशि (Pisces) - दी, दू, , , , दे, दो, चा, ची.

सफलता की संभावना प्रबल हैं। यह समय आपके लिए, आपके प्रयासों एवं उपकार की प्रतिष्ठा व पहचान पाने का हो सकता है। आप शत्रुओं पर विजय पाएँगे। नए मित्र भी बनाएँगे। मित्रों से सहयोग मिलेगा। प्रेम संबंध सुख पूर्ण रहेंगे। स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। आप नीरोग काया का आनन्द उठाएँगे। कुल मिलाकर इस अवधि में आप सफल एवं प्रसन्न रहेंगे। 15:00 बजे से विशेष-नए कार्य,उपदेश एवं नए स्थान की यात्रा के अपेक्षित परिणाम की सम्भावना अल्प है।

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- दिन का भविष्य जानने की विधि-

(नाम एवं जन्म राशी दोनों का प्रभाव होता है)

1अपने प्रचलित नाम एवं जन्म राशी के भविष्य को पढ़िए ,यदि दोनों उत्तम तो दिन श्रेष्ठ सफल व्यतीत होगा 

-नाम से भविष्य फल उत्तम तो व्यवहार ,यात्रा आदि में सफलता ।

- नाम से अशुभ होने पर,यात्रा,गृह,प्रवेश,व्यवहारिक-कार्य,ज्वाइनिंग,आवेदन,परामर्श देना,जोखिम,विवाद हितकर नहीं होगा l

-                          भविष्य -नाम के प्रथम अक्षर से-नाम के  प्रथम  अक्षर (व्यक्ति,वस्तु,कम्पनी,स्थान का नाम ) वालो के लिए

-        दिन व्यय,व्यस्तता ,विवाद या सुख बाधक सिद्ध हो सकता है – -ये यो भ,भी भू ध,,,भे. मा मी,मू,मे,मो,टा,टी,टू, टे ,चू,चे,चो ला ली लू ले लो अ.शेष समस्त नाम अक्षर हेतु उत्तम रहेगा l- For those with the first letter of the name (name of person, thing, company, place), the day can prove to be a hindrance to expenditure, busyness, dispute or happiness.-Yo Bh, F DH, M, T Chu- Cho La, Lu. Rest all names will be good for alphabets.

-It may be beneficial for the people of Leo, Aries, and Sagittarius to take measures.

नक्षत्र कृत अरिष्ट नाशक मंत्र

वेद मंत्रपुर्व फाल्गुनी
ॐ भग प्रणेतर्भग सत्यराधो भगे मां धियमुद वाददन्न:।
भग प्रजाननाय गोभिरश्वैर्भग प्रणेतृभिर्नुवन्त: स्याम:।
ॐ भगाय नम:।
पौराणिक मंत्र :
भगं रथवरारुढं व्दिभुंज शंख चक्रकम्।
फाल्गुनी देवतां ध्यायेत् भक्ताभीष्ट वरप्रदाम्।।
नक्षत्र देवतामंत्र : ॐ भगाय नमः।
नक्षत्र मंत्र : ॐ पुर्व फाल्गुनीभ्यां नमः।

 

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दिन का भविष्य जानने की विधि-

(नाम एवं जन्म राशी दोनों का प्रभाव होता है)

1अपने प्रचलित नाम एवं जन्म राशी के भविष्य को पढ़िए ,यदि दोनों उत्तम तो दिन श्रेष्ठ सफल व्यतीत होगा 

- नाम से अशुभ होने पर-यात्रा,गृह,प्रवेश,व्यवहारिक-कार्य,ज्वाइनिंग,आवेदन,परामर्श देना,जोखिम,विवाद हितकर नहीं l

-      नाम के  प्रथम  अक्षर,(व्यक्ति,कम्पनी,स्थान ,संसथान )के लिए दिन बाधक सिद्ध हो सकता है

-     ब,प,ज,ख, शेष समस्त नाम अक्षर हेतु उत्तम रहेगा l कर्क,वृष,कन्या,मकर,  रशिवालो को बाधा नाश के लिए तिथि दोष के उपाय चाहिये ।

- For those with the first letter of the name (name of person, thing, company, place), the day can prove to be a hindrance to expenses, busyness, disputes, or happiness.- B,V,J,Kh,Pand Rest all names will be good for alphabets.

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1रूद्र अभिषेक-(संध्या उपरांत पूजा श्रेष्ठ)

स्वयंभू ,ज्योतिर्लिंग एवं नर्मदेश्वर शिवलिंग के अभिषेक की वर्जना नहीं

अन्य शिवलिंग  का अभिषेक मुहूर्त15:22,के पश्चात् है शुभ प्रभाव .

2 हवन ,यज्ञ प्रारंभ मुहूर्त (दुर्गा जी हवन का नियम पृथक है  )

(पूजा के उपरांत ,हवंन की परम्परा उचित परन्तु बिना मुहूर्त के हवन नहीं करना चाहिये, अशुभ प्रभाव भी होते है ).

मुहूर्त नहीं  है ,.

- यात्रारंभ में ‘रवि को ताम्बूल, सोम को दर्पण, मंगल गुड़+धनिया चर्वण, बुध मिठाई गुरु को राई, शुक्र दही, शनि को बायबिडिंग,+काले तिल प्रयोग -विजय,सफलता पूर्वक वापसी घर.

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By renowned astrologer VK Tiwari – (since 1972) – Vastu, Horoscope, Palmistry, Numerology.

(Many honorary degrees from 1976-1990) (85+ebooks,3 books+poems-published, aired; Navneet Hindi Digest - Bharatiya Vidya Bhavan Mumbai - Bhavishya Phal Monthly - 1980 to 2000)

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विवाह में विलंब विवाह के लिए कात्यायनी पूजन । 10 oct - 18 oct विवाह में विलंब - षष्ठी - कात्यायनी पूजन । वैवाहिक सुखद जीवन अथवा विवाह बिलम्ब   या बाधा को समाप्त करने के लिए - दुर्गतिहारणी मां कात्यायनी की शरण लीजिये | प्रतिपदा के दिन कलश स्थापना के समय , संकल्प में अपना नाम गोत्र स्थान बोलने के पश्चात् अपने विवाह की याचना , प्रार्थना कीजिये | वैवाहिक सुखद जीवन अथवा विवाह बिलम्ब   या बाधा को समाप्त करने के लिए प्रति दिन प्रातः सूर्योदय से प्रथम घंटे में या दोपहर ११ . ४० से १२ . ४० बजे के मध्य , कात्ययानी देवी का मन्त्र जाप करिये | १०८बार | उत्तर दिशा में मुँह हो , लाल वस्त्र हो जाप के समय | दीपक मौली या कलावे की वर्तिका हो | वर्तिका उत्तर दिशा की और हो | गाय का शुद्ध घी श्रेष्ठ अथवा तिल ( बाधा नाशक + महुआ ( सौभाग्य ) तैल मिला कर प्रयोग करे मां भागवती की कृपा से पूर्वजन्म जनितआपके दुर्योग एवं   व्यवधान समाप्त हो एवं   आपकी मनोकामना पूरी हो ऐसी शुभ कामना सहित || षष्ठी के दिन विशेष रूप से कात्यायनी के मन्त्र का २८ आहुति / १०८ आहुति हवन करिये | चंद्रहासोज्

कलश पर नारियल रखने की शास्त्रोक्त विधि क्या है जानिए

हमे श्रद्धा विश्वास समर्पित प्रयास करने के बाद भी वांछित परिणाम नहीं मिलते हैं , क्योकि हिन्दू धर्म श्रेष्ठ कोटी का विज्ञान सम्मत है ।इसकी प्रक्रिया , विधि या तकनीक का पालन अनुसरण परमावश्यक है । नारियल का अधिकाधिक प्रयोग पुजा अर्चना मे होता है।नारियल रखने की विधि सुविधा की दृष्टि से प्रचलित होगई॥ मेरे ज्ञान  मे कलश मे उल्टा सीधा नारियल फसाकर रखने की विधि का प्रमाण अब तक नहीं आया | यदि कोई सुविज्ञ जानकारी रखते हो तो स्वागत है । नारियल को मोटा भाग पूजा करने वाले की ओर होना चाहिए। कलश पर नारियल रखने की प्रमाणिक विधि क्या है ? अधोमुखम शत्रु विवर्धनाए , उर्ध्वस्य वक्त्रं बहुरोग वृद्ध्यै प्राची मुखं वित्त्नाश्नाय , तस्माच्छुभम सम्मुख नारिकेलम अधोमुखम शत्रु विवर्धनाए कलश पर - नारियल का बड़ा हिस्सा नीचे मुख कर रखा जाए ( पतला हिस्सा पूछ वाला कलश के उपरी भाग पर रखा जाए ) तो उसे शत्रुओं की वृद्धि होती है * ( कार्य सफलता में बाधाएं आती है संघर्ष , अपयश , चिंता , हानि , सहज हैशत्रु या विरोधी तन , मन धन सर्व दृष्टि से घातक होते है ) उर्ध्वस्य वक्त्रं बहुरोग वृद्ध्यै कलश पर -