मकर संक्रांति -14 जनवरी 2022 ;आपके (शहर) लिए, - दान पुण्य का राशी या नाम से श्रेष्ठ समय|
- पण्डित वी के तिवारी (9424446706,
jyotish9999@gmail.com)
सम्मान-उपाधि : (1990 तक )-
“ ज्योतिष वेदव्यास, मार्तण्ड,वाचस्पति, शिरोमणि, रत्नाकर,भूषण, महर्षि, मनीषी, महर्षि,”
विशेषज्ञता :(1972 से) वास्तु, जन्म कुण्डली, मुहूर्त, रत्न परामर्श, हस्तरेखा |
*कुंडली विवाह मिलान - अष्टकूट 36 गुण,8 बिन्दु से मिलान (केवल नक्षत्र से ,कुंडली के ग्रह
से नहीं )क्यो? कुंडली के 09 गृह एवं उनके नक्षत्र से +नक्षत्र चरण ,नवांश
राशि से मिलान कराएं | बच्चों के भविष्य एवं दाम्पत्य जीवन को सुखी बनाए |
संक्रांति -अर्थ
एवं विशेषता
-सूर्य की गति या सूर्य द्वारा राशी परवर्तन की विशेष अवधि
“संक्रमण’ काल होता है |
वर्ष में 12 संक्रांति सूर्य की होती है |
-सूर्य देव अपने पुत्र शनि के घर (मकर राशी ) आते हैं |
-सात प्रमुख देवी के नाम संक्रांति के नाम हैं- मंदा,मन्दाकिनी,ध्वंक्षी,घोर,मंदोदरी,राक्षसी,मिश्रा
|
-संक्रांति के पुण्य काल में किया गया दान ८६०००गुना अधिक
फलप्रद होता है |
-विष्णुपदी (वृष,सिंह,वृश्चिक,कुम्भ,राशी में सूर्य प्रवेश
)संक्रांति में किया गया दान लाख गुना अधिक मन गया है |उत्तरायण में होने वाली संक्रांति
का फल कोटि गुना शास्त्रों में उल्लेखित है |
-मकर संक्रांति में सूर्य की पूजा विष्णु नाम से की जाती है
|
विशेष- संक्रांति 45मुहूर्त-अर्थात स्वास्थ्य प्रदाता –कोरोना आदि के विशेष कुप्रभाव
मृत्यु कारी विशेष नहीं होंगे |वृष राशी श्वेत वर्णा-शुभ फल दायिनी |
(लेख विचारणीय
बिंदु-रोहणी ,शुक्रवार ,द्वादशी ,वृष चन्द्र,ब्रह्म योग,18 विशोपक,व्याघ्र –वाहन,धातु-चाँदी,
वस्त्र-पीला,उपवाहन-अश्व,अस्त्र-गदा,पदार्थ-खीर ,लेप-कुमकुम,पुष्प-चमेली,आभूषण-कंगन,अंग
वस्त्र-कंचुकी,अवस्था-कुमारी ,45मुहुर्त,16जनवरी से मंगल का नक्षत्र परिवर्तन-मूल
प्रभाव-अलसी एवं चने की फसल ओले से कुप्रभावित) |
सूर्य धनु राशी से मकर राशी में प्रवेश-14:41 बजे ।
दान समय- संक्रांति पुण्य काल से (नियम 16 घटी पूर्व से पश्चात तक )प्रातः08;17
से प्रारंभ –सूर्यास्त तक|
संक्रांति फल- पशु से प्राप्त लाभ (पशु
पालक/ व्यवसायी वर्ग )ब्राह्मण,बुद्धिजीवी वर्ग ,अनाज या खाद्यान्न के मूल्य
में वृद्धि,सैनिक वर्ग को कष्ट|45मुहूर्त-अर्थात स्वस्त्य वृद्धि –कोरोना आदि के
विशेष कुप्रभाव मृत्यु करी नहीं होंगे |
दान पुण्य का श्रेष्ठ समय-14जनवरी 2022
शुभ समय
मे ही दान संकल्प करें ,श्रेष्ठ परिणाम प्राप्त करे।
* दान, पुण्य ,पूजा ,आराधना उत्तम सभी समय सभी दिन अच्छे होते है*
ज्ञातव्य
है कि ,14 जनवरी मकर संक्रांति पर्व
शुद्धता से परे है ,परंतु पूजा ,सुकर्म एवं दान सदैव अच्छे
होते हैं।
दान कौन करे -
दान स्त्री पुरुष दोनों कर
सकते हें ,जो स्नान,दान करेगा फल उसको ही मिलेगा |
दान किस समय श्रेष्ठ फलदायी-
दिनांक 15 जनवरी को प्रचलित आधार पर पुण्य काल सामान्यता है सूर्योदय से सूर्यास्त के पूर्व 45 मिनट तक उत्तम रहेगा.
शुभ समय ही क्यो दान पुण्य के
लिए ?
किसी भी कार्य की सफलता या
अधिकतम अनुकूलन मुहूर्त या शुभ समय करने पर ही मिलते हैं। शुभ समय बड़े 2 कष्टो से सुरक्षा ,आपत्ति विपत्ति निवारक होते
हैं।
कोई भी
कार्य "शुभ समय" में ही करना चाहिए।
दान का श्रेष्ठतम समय– विशेष पुन्य काल-15:49-17:41;
* सूर्यास्त से 45 मिनट पूर्व तक दान पूण्य कर सकते हैं।
दान वस्तु-
उक्त समय मे सौभाग्य वस्तु, सब्जी(मूली छोड़ कर),फल,चावल,उड़द, ऋतु पुष्प,सुगंध|
दान की आवश्यक वस्तु –
माचिस,तिल दान आदि कार्य श्रेष्ठतम फल
प्रद होगा ।
दान
किसे दे –
जो दान की वस्तु का आदर करे | स्त्री वर्ग के उपयोग की वस्तु स्त्री वर्ग दे ,पुरुष वर्ग उन वस्तुओं का दान करे जो पुरुषवर्ग के लिए
उपयोगी हो | सन्यासी,पंडित,ब्राह्मण को कोई भी दान कर सकता है |
उद्देश्य या राशि के लिए उचित
दान समय-
पुण्य काल सायन तक है।
10 बजे तक देवकाल,
02 बजे तक मनुष्य काल,
सायं सूर्यास्त पूर्व तक पितर
काल होता है।(काल सर्प योग वालों के लिए उत्तम )
दान पुण्य का समय -राशि के लिए शुभ
समय-
India and Abroad - Method of amending the
time mentioned in the auspicious time article - (+/-hours, minutes)
India : (+/- hours: minutes, modified to local time of city)
Delhi (+) 00:02, Mumbai, Surat (+) 00:16,
Ahmedabad (+) 00:21, Amritsar(+) 00:08, Chennai (-) 00:08, Raipur- CG (-) 00:
07, Jabalpur (-) 00:12, Patna (-) 00: 31, Calcutta (-) 00:44;
World (+/- hours: minutes, modified in their local time) :
Singapore (+) 01:08, Kathmandu (-) 00:15,
Tokyo (-) 00.:18, Paris (-) 00:19, London (+) 00:33, Toronto (+) 00:21, Moscow
(-) 00:11, Taipei (+) 00:09. ,
1- 09:05 -10:21 समय मेष,वृष,सिंह,धनु,कन्या कुम्भ राशि
के लिए शुभ रहेगा ।
नाम अक्षर
–चु-चो,ल,अ,म,ट,भ,ध,ढ,प.ठ,ओ,ब,व, अक्षर के लिए उत्तम समय ।
2- 10:42-11:50 का समय वृष,मिथुन,कन्या,तुला,मकर,मीन राशि
के लिए शुभ रहेगा ।
नाम अक्षर- चु-चो,ल,अ,ओ,व,ब,क,घ,छ,प,ठ,र,त,ख,ज,द के लिए उत्तम समय ।
3- 12:10- 13:25 बजे
मिथुन,कर्क,तुला,कुम्भ,वृश्चिक उत्तम
फलदाई सिद्ध होगा|
नाम अक्षर- क,घ,छ, ह,ड,न,य,र,त,स,श,द के लिए उत्तम समय ।
4- 15:49-17:43बजे का समय मिथुन,कन्या,सिंह,मकर,धनु,मेष राशि
के लिए शुभ रहेगा।
-अक्षर
से नाम प्रारम्भ होने पर-क,छ,घ,प,ठ,ख,ज,भ,ध,फ,ल,अ,चु-चो सफलता प्रद ।
15 जनवरी से 12 फरवरी तक –भविष्य
1-रोहणी नक्षत्र में जन्म वालों के लिए विशेष
अशुभ प्रभाव दायिनी |
2-नाम पर प्रभाव – दैनिक व्यवहार में (एक अक्षर =सभी
मात्रा-र,रा,री,रि,रु,रे,रो,रौ,रं|)
सर्वश्रेष्ठ ,सर्व सुलभ- म.ट,तो,न,य,दि-दो,च-ची;
सामान्य शुभ-ह,द,छ,चु-चो,ल,अ,भ,ध,ढ,फ:
सामान्य अशुभ –प,ठ,ज,ख,
विशेष बाधक ,व्यय,यात्रा,कष्ट ,रोग-ओ,ब-बु,व-वू,क,घ,छ,r,त,गू-गो,स,श,
3-जन्म राशी पर प्रभाव –
शुभ प्रभाव- सिंह,मीन,कर्क,वृश्चिक,धनु,मेष,वृष राशी |
प्रतिकूल प्रभाव- (प्रयास एवं उपाय आवश्यक )-मिथुन,कन्या,तुला,मकर |
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