25 अगस्त -ऋग्वेदीय –रक्षा बंधन
(उपाक्रम-तर्पण):मकर राशि चंद्र |
(ॐ गुरुवे नमः।ऋग्वेद देव )
दिन शनिवार-काष्ठ कार्य ,ॐशनैश्चराय नमः |
चतुर्दशी तिथि-15.16
बजे तक,ॐ नमः शिवाय । इसके पश्चात पुर्णिमा तिथि प्रारम्भ कार्य- ;
नक्षत्र-श्रवण-9.48 प्रातः
तक-रत्न आभूषण धारण ,(इसके पश्चात धनिष्ठा-मगल कार्य,तिलक एवं सम्मान क
पंचक
प्रारम्भ- प्रातःसे रात्रि-23.17 से ;
श्रेष्ठ
रक्षा बंधन समय –
शुभ होरा,एक घटी
(समस्त दोष तिथि,नक्षत्र , लग्न एवं दिन अशुभ समय जैसे- काल,कंटक,कुलीक,यमघंट,राहुकाल,गुलिक काल,आदि से विमुक्त समय;नोट- चौघड़िया कालस्थूल है एवं इसका प्रयोग केवल यात्रा के लिए प्रशस्त अन्य काम के लिए प्रयोग अशुद्ध अनुचित है | )के साथ साथ
सभी दोषो से मुक्त श्रेष्ठ रक्षा बंधन समय –
(समस्त दोष तिथि,नक्षत्र , लग्न एवं दिन अशुभ समय जैसे- काल,कंटक,कुलीक,यमघंट,राहुकाल,गुलिक काल,आदि से विमुक्त समय;नोट- चौघड़िया कालस्थूल है एवं इसका प्रयोग केवल यात्रा के लिए प्रशस्त अन्य काम के लिए प्रयोग अशुद्ध अनुचित है | )के साथ साथ
सभी दोषो से मुक्त श्रेष्ठ रक्षा बंधन समय –
ü 7.37-8.00; 8.24-9.00; 10.48-11.35 ;14.00-14.47;
ü श्रेष्ठ लग्न
(आवश्यक स्थिति 12.08-16.30तक शुभ लग्न )
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