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खग्रास चंद्रग्रहण ; 27 जुलाई 2018


                                                   खग्रास चंद्रग्रहण ; 27 जुलाई 2018
 (पंडित विजेंद्र कुमार तिवारी –jyotish9999@gmail.com)
Ø 27 जुलाई 2018 को आषाढ़ शुक्ल गुरु पूर्णिमा दिन शुक्रवार को खग्रास चंद्रग्रहण भारत वर्ष में दिखाई देगा |
ग्रहण जहां दिखाई देता है, उसी क्षेत्र में उसका प्रभाव होता है |
Ø ग्रहण किस 2 देश मे दृश्यमान होगा या किन देशो को प्रभावित करेगा
Ø यह भारत के साथ साथ, यूरोप ,एशिया के अधिकांश भाग में, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका दक्षिण अमेरिका का पूर्वी भाग आदि क्षेत्र में दृश्यमान होगा |
Ø किस राशि पर-
Ø ग्रहण मकर राशि पर उत्तराषाढ़ा नक्षत्र एवं श्रवण नक्षत्र पर प्रभावित होगा|
Ø कब प्रारम्भ-
Ø  भोपाल क्षेत्र में विशेष तौर पर रात्रि 11:00 56 से प्रारंभ होगा मोक्ष रात्रि 3:48 पर होगा |
Ø राशियों पर शुभ-अशुभ प्रभाव –
Ø सामान्य प्रचलित सिद्धांत के आधार पर यह मेष राशि कन्या वृश्चिक मीन राशि वालों के लिए शुभ होगा |
Ø मिथुन तुला मकर कुंभ राशि वालों के लिए शुभ होगा |
Ø मध्यम प्रभाव वृष कर्क धनु राशि को प्रदान करेगा |
Ø यह प्रचलित शुभ अशुभ का सिद्धांत ग्रहण के लिए  उतना स्पष्ट एवं सत्य के निकट नहीं है -
Ø मेरे द्वारा यवनाचार्य एवं अन्य विधि से राशिफल निकाले हुए शुभ अशुभ प्रभाव निम्नानुसार होंगे |
Ø  यदि हम प्रतिशत बार राशयों का विचार करे तो  ,-
Ø  शुभ -शत-प्रतिशत शुभ प्रभाव मीन राशि ,  90% शुभ प्रभाव कर्क राशि ,80% अशुभ प्रभाव कन्या राशि ,|
Ø 70% मध्यम -प्रभाव वृश्चिक राशि एवं वृषभ राशि पर होगा |
Ø अशुभ प्रभाव में सर्वाधिक अशुभ प्रभाव शत प्रतिशत मकर राशि, 90% मिथुन राशि ,80% धनु राशि,70% कुंभ राशि वालों पर होगा |
Ø उपाय -ग्रहण लगभग 3 महीने तक अपना प्रभाव करेंगे |  इसका सामान्य उपचार या उपाय है कि, ग्रहण अवधि में पश्चिम या उत्तर मुखी होकर राहु कवच राहु स्त्रोत नवग्रह शांति सुख भाग्य सूक्त आदि का पाठ करना | हवन राहू  मंत्रों से करना श्रेष्ठ सिद्ध होगा |
Ø  ग्रहण के प्रभाव ज्योतिष ग्रंथ भद्रबाहु संहिता एवं व्रत संहिता के आधार पर
Ø विश्व स्तर पर इस प्रकार होगा कि ,जो विश्व के वायव्य कोण या जहां जहां पर दृश्यमान होगा उन शहरों के वायव्य कोण को सर्वाधिक प्रभावित करेगा अथवा पश्चिम उत्तर भाग अर्थात नॉर्थ वेस्ट |
Ø यह भारत का विश्व का स्थान नॉर्थ-वेस्ट भाग , अधिक प्रभावित ग्रहण का विपरीत या प्रतिकूल प्रभाव |   राजनीतिक पार्टियों के प्रमुख ,विलासी वर्ग, कुश्ती दंगल करने वाले, पशुओं में हाथी और धर्म पर मंदिर या पुजारी धार्मिक वर्ग ,वृक्ष एवं वनस्पति तथा ऐसी कंपनियां जो महंगे वाहन बनाते हैं एवं जो उनका प्रयोग करते हैं ,प्रतिकूल प्रभाव होगा|
Ø  भारत में विशेष प्रभाव -भारत का मध्य क्षेत्र, चारा चरने वाले पशु, मुख्यमंत्री या विभाग प्रमुख उनका परिवार ,उच्च व्यापारी वर्ग, 30 साल से कम स्त्री वर्ग, असामाजिक तत्व असामाजिक आचरण करता |
Ø  अगले 6 माह तक घोटाले, रहस्य अनेक गुत्थियां उद्घाटित होंगे |अनेक लोग बेनकाब होंगे, छिपे अपराधी सामने आएंगे, मुस्लिम राष्ट्रों के लिए विशेष प्रतिकूल समय सिद्ध होगा|
Ø  सैनिकों के लिए शुभ समय नहीं है या रक्षक वर्ग के लिए या गार्ड के लिए भी शुभ समय नहीं है |
Ø अग्नि आधारित व्यापार वालों को कष्ट होगा | मछली एवं जल जीव चिकित्सक अस्त्र-शस्त्र निर्माता को भी कठिनाइयां आएंगी |
Ø मध्य प्रदेश तथा कावेरी और नर्मदा नदी के निकट वाले शहर इनमें विपरीत परिस्थितियां बनेंगी | जनविरोधी नेतृत्व आगे बढ़ेगा | राजनीतिक व्यक्तियों को कठिनाइयां होंगी यहां तक कि उनके अधिकारों में कमी होगी|
Ø  पुल एवं बांध टूटने की घटनाएं बढ़ेगी | नर्मदा गंगा कावेरी, फल एवं सब्जी विक्रेता, |
Ø  कश्मीर एवं चीन में संकट बढ़ेंगे |
Ø धातु में सोना चांदी लोहा एवं अन्य में गेहूं जो ज्वार बाजरा यह सस्ते होंगे |
Ø आसाम में बाढ़ की संभावना बढ़ेगी |
Ø बंगाल, बिहार ,मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, दिल्ली ,आदि क्षेत्र इस ग्रहण से को कुप्रभावित होंगे |

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