स्मरणीय – *किसी
भी कार्य की पूर्णता,सफलता उस कार्य के
प्रारंभ समय (जो प्रचलन में मुहूर्त कहलाता है,जबकि मुहूर्त का शाब्दिक अर्थ
भिन्न है )की श्रेष्ठता पर आधारित होती है
|
Ø
पूजा
प्रदत्त समय में प्रारंभ करना मुख्य तथ्य
है |मुहूर्त के बाद ,कार्य पूर्ण होने से
कोई हानि नहीं |
क्योकि सही समय किया गया कार्य सभी
विघ्न बाधाओं का शमन करता है |
Ø
*तिथि,दिन,योग,करण,लग्न
,होरा,द्विघटी किसी कार्य के लिए श्रेष्ठ समय के निर्धारक बिंदु है |
Ø
*चौघडिया का मुहूर्त में
प्रयोग अवांछनीय है |(चौघडिया निर्माता ने
स्वयं चौघडिया मुहूर्त के लिए कहा की जब यात्रा का कोई मुहूर्त नहीं हो तो निकृष्ट
मुहर्त के रूप में इसका प्रयोग करे |)
स्थिर लग्न -
स्थिर लग्न में कोई भी कार्य प्रारंभ करने से स्थायी परिणाम मिलते
हैं | लक्ष्मी पूजा करने से धन ,गणेश पूजा से विघ्न नाश ,कुबेर पूजा सम्पदा,वस्त्र
अलंकार प्रयोग से जब भी उन वस्त्रो या आभूषण पहने गे सफलता मिलेगी एवं वे टिकाऊ
रहेंगे |
वृषभ
लग्न - तुला राशी ,कुम्भ राशी ,मिथुन
राशी के लिए विशेष उपयोगी नहीं हैं | परन्तु पूजा लाभदायी होतीहै |
सिंह लग्न स्थिर लग्न - सिंह लग्न 1 बजकर 42 मिनट से है। सिंह लग्न में अमावस्या तिथि धनु- स्थिर लग्न – वृष,कन्या,,मकर राशी के अतिरिक्त सभी के लिए उत्तम है नए वस्त्र
,आभूषण के अतिरिक्टी मगल कार्य के लिए उत्तम है |
Ø
Ø *आत्मीय
सुविज्ञ वर्ग हेतु -समस्त अशुभ काल हटा कर /छोड़
कर | राहु काल ही नहीं
अनेक और भी अशुभ,बाधक कालावधि हैं जैसे-गुलिक(शनि ),नक्षत्र घटी दोष ,कालवेला कुलिक
,काल,कंटक,यमघंट आदि दुर्महुर्त
एवं सभी पंचक (रोग,चोर,रंज,आदि )आदि अशुभ
प्रभावोत्पादक अशुभ कालों को परिमार्जित कर
सर्व मांगलिक कायों हेतु श्रेष्ठ
समय प्रस्तुत है -
Ø *दिनांक 17 से 21अक्टूबर तक – प्रत्येक मंगल कार्य हेतु श्रेष्ठ समय -
Ø
श्रेष्ठतम द्विघटी(48मिनट
के सूक्ष्म शुभ काल ) -
नीचे;लिखे समय में वस्त्र
,आभूषण धारण ,पूजा,बहीखाता ,आदि समस्त मगल कार्य किये जा सकते हैं -
Ø समस्त शुभ कार्य-7.53-8.24
;10:57-11:43 :12:28-13.14 ; 19:30-22:20 ;
Ø महानिशीथ काल-23:41-12:24 ;विजय काल 14.00-14:46 बजे तक |
स्थिर लग्न – धनु लग्न का उत्तम समय
10:55-12.44 ;
वृषभ लग्न का उत्तम समय 19:31-21.13
*दिवाली पूजा के श्रेष्ठ शुभ महूर्त –शुभ
लग्न एवं होरा के अनुसार -
17 अक्तूबर –धन
त्रयोदशी, मंगलवार
समय - 19.28
से 20:15 आरोग्य देव धन्वन्तरी पूजा –
समुद्र मंथन प्रकरण -भगवान
विष्णु 'धनवंतरि' के रूप में कलश में अमृत लेकर समुद्र से निकले /प्रकट
हुए (देवो को अमरत्व प्रदान करने के लिए) थे। * -स्टील के अतिरिक्त ताम्बा,चांदी ,पीतल खरीदना शुभ है|
1-
आचर्य
वराहमिहिर - - (12 से 36 मिनिट के शुभ समय )-
प्रातः- 13.00-13.36*(अधिकतम
14:12बजे तक ) |
रात्री - 21.12-10.00 ;2.24-2.48;
2- होरा काल -7:40- 8:20 ;
09:15-09:55 ;10:50-11.08; 12.06-13.03; 16.24-17.49: 18.52-19.55 ;
3-अभिजित समय - 11.42-12.18
18 अक्टूबर-बुधवार
- नरक चौदस ,यमदीप दान
1-
आचर्य
वराहमिहिर - - (12 से 36 मिनिट के शुभ समय )-
प्रातः- 7.12-7.36*( अधिकतम 8.18
बजे तक )|
9.12.-10.
(अधिकतम 10*-48 बजे तक )|
2- होरा काल-6.22-6.47;
9.14-10.11; 13.32-14 :56: 15.54-16.20 ;18.51-22.00:28.17-29.20
3-अभिजित समय
– बुधवार को अभिजित मुहूर्त निष्फल/ नहीं होता
|
Ø 19 अक्टूबर-गुरुवार
-दीपावली –लग्मी,कुबेर,गणेश पूजा
प्रदोष काल -
1- आचर्य वराहमिहिर- - (12 से 36 मिनिट के शुभ समय )-
06.12:.06.24 ; 11.12-11.36; 22:36 --23.55 बजे तक |
2- होरा काल -6.23-6.45; 9.14-09.55; 10:50-12.05:
03.53-16: 17.15:18.05; 20:00;20.48 ;24.05-26.11;
3-अभिजित समय - 11.45-.12.25
प्रदोष कालीन पूजा समय -17:48-20:15
मन्त्र-
Ø ॐ गं
गणाधिपतये नमः |
v -ॐ
ह्रीं श्रीं लक्ष्मीभ्यो नमः॥
v ॐ
श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मयै नम॥
Ø : ॐ श्री महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णु पत्न्यै च धीमहि तन्नो
लक्ष्मी प्रचोदयात् ॐ॥
v ॐ
यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतये देहि दापय
स्वाहा॥धनधान्यसमृद्धिं मे ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीं क्लीं वित्तेश्वराय नमः॥
v ॐ
ह्रीं श्रीं क्रीं श्रीं कुबेराय अष्ट-लक्ष्मी
मम गृहे धनं पुरय पुरय नमः॥
v 20 अक्तूबर –शुक्रवार
-गोवर्धन पूजा
आचर्य वराहमिहिर- - - (12 से 36 मिनिट के शुभ समय )-
प्रातः- 9.36-10(.(अधिकतम 11 बजे
तक ) |
14.36-15.12; | 16.48-17.36|
रात्री 21-21.36 (अधिकतम 22:12बजे तक )
२- होरा काल-06.23-06:45
;07:40: 09.14; 13.02-13.:10 ;15:40-15.52; 17.15-17.47;
3-अभिजित समय – 11.45.12.25
21
अक्टूबर-शनिवार भाई दूज
आचर्य वराहमिहिर- (12 से 36 मिनिट के शुभ समय )-
11.36-12.24 (अधिकतम 13 बजे तक }
2-- होरा काल- 7.40-7.44 ;10.11-11:35 ;12:25-13.00
;16.50-19.50;
3-अभिजित समय – 11.42.12.27
;
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