पेड़-पौधे क्यों ?दिशाएँ ?
पितृ ऋण से मुक्ति, पितृ शाप से मुक्ति के लिए
- सात पीढ़ियों के उद्धार के लिए कम से कम पाँच वृक्षों का रोपण करना चाहिए।
मृत्यु के तनाव से मुक्ति के लिए
- बिल्व वृक्ष का रोपण शिव मंदिर के परिसर में करना चाहिए।
देवलोक प्राप्ति के लिए
- सड़क के किनारे पीपल का वृक्ष लगाना चाहिए।
पूर्वजों को मोक्ष के लिए
- नीम के वृक्ष दक्षिण दिशा में जितने अधिक लगाएंगे उतनी पीढ़ियाँ तर जाती हैं।
पापों से मुक्ति के लिए (लोक एवं परलोक सुख)
- 11 शीशम के वृक्ष सड़क के किनारे लगाना चाहिए।
मोक्ष प्रदायक
- कनक चंपा के वृक्ष होते हैं।
धन प्राप्ति के लिए एवं कृष्ण की कृपा के लिए
- महुआ का वृक्ष रोपण करना चाहिए, जिससे यज्ञ का फल मिलता है।
पितृ शाप और
पोषण
(संदर्भ -
भविष्य पुराण के पुत्र कर्म तथा वृक्षारोपण खंड)
- पितृगण पत्र, पुष्प, और फल के रज-रेणु मिलने से संतुष्ट होते हैं।
- वृक्ष के पत्ते, फूल, फल पितृगणों को पोषण प्रदान करते हैं और पूर्वजों के पापों को नष्ट कर भाग्य में वृद्धि करते हैं।
संतान अभाव नाशक या संतान सुख दाता वृक्ष
- जिनके संतान नहीं होती है, वे यदि वृक्ष लगाते हैं तो पितरों की कृपा से संतान सुख प्राप्त होता है। पुत्र के अभाव में पीपल का वृक्ष लगाना शुभ है।
धन के लिए
- पीपल का वृक्ष धन का अभाव नहीं होने देता और मोक्ष के लिए श्रेष्ठ माना गया है।
वृक्षारोपण के नियम और दिशाएँ
- वृक्ष छोटे से बड़े या ऊँचाई वाले लगाएं।
- पूर्व, ईशान, उत्तर दिशा में तुलसी, आम, नीम, अनार के पौधे लगाने से यश, कर्म, और सुविचार में वृद्धि होती है।
- पीपल का वृक्ष पूर्व में विवाद समाप्त करता है,
- पश्चिम में ढाँढ पर्द, दक्षिण में स्वास्थ्य और उत्तर में समृद्धि देता है।
- बरगद का वृक्ष पूर्व में सफलता और पश्चिम में अभाव का संकेतक होता है।
- नीम दक्षिण में स्वास्थ्य लाभ के लिए .
- बिल्व वृक्ष उत्तर में समृद्धि और पूर्व में यश प्रदान करता है।
वृक्षों के रोपण का शुभ मुहूर्त
- रोपण के लिए वैषाख, आषाढ़, श्रावण, भाद्रपद, ज्येष्ठ (शुक्ल पक्ष) माह उत्तम माने गए हैं।
- नक्षत्र - अश्विनी, रोहिणी, मृगशिरा, पुष्य, हस्त, चित्रा, मूल, स्वाति, विशाखा, अनुराधा, उभा एवं रेवती शुभ हैं।
- तिथि - चतुर्थी, नवमी, चतुर्दशी, अमावस्या तिथियाँ वर्जित मानी गई हैं।
पंचवटी
- पंचवटी में पीपल, बेल, बरगद, आँवला और सीता अशोक वृक्ष होते हैं।
- पीपल पूर्व दिशा में, बेल उत्तर दिशा में, वट पश्चिम दिशा में, आँवला दक्षिण में और अशोक अग्नि कोण में लगाना चाहिए।
घर के बाहर लगाने के लिए
- जो वृक्ष छाया, पुष्प, और फल देते हों जैसे पीपल, आम, वट, नीम, नींबू, अनार, चंदन, संतरा आदि शुभ माने गए हैं।
घर के परिसर में लगाने के लिए
- केला और नारियल मानसिक शांति और स्वास्थ्य लाभ देते हैं।
- तुलसी, पारिजात, विष्णुप्रिया, मोगरा, चमेली, और कमल के पौधे भी घर में लगाना शुभ होते हैं।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें