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Ank jyotish Numerology 1-4 -अंक विद्या से भविष्य जानना सीखिए

 

अंक विद्या ज्ञान निशुल्क –संक्षिप्त एवं सारगर्भित

श्रृंखला-1

-0-9 अंक का महत्व एवं ग्रहों का सम्बन्ध

*अंक विज्ञान एवं अंक की शक्ति* 

(जन हित में -द्वारा ज्योतिष द्वय -जगत के सुपरचित हस्ताक्षर –

सुश्री सुमन कायस्थ एवं ज्योतिष शिरोमणि वी.के. तिवारी

-(1972 से कुंडली,वास्तु,मुहूर्त,अंक विद्या,रत्न परामर्श,मुहूर्त   )
पहले हम यह जान लेते हैं कि अंको की उत्पत्ति कैसे हुई .  वर्तमान के अंक ज्योतिष में जिस विवेचन या विधा को देख रहे हैंवह कैसे आया थामुलत: संख्या के गणित का ही विशेष प्रकार का फलित है .  किंतु संख्या शब्द ज्योतिष  के परिप्रेक्ष्य को प्रकट नहीं कर पाताइसलिए इसे संख्या ज्योतिष के स्थान पर अंक ज्योतिष या अंक विज्ञान के नाम से जानते हैं . 
अंको के अनुसार ग्रहों का प्रभाव जानने का तरीका सत्य है .
अंको से बनने वाले यंत्र निर्विवाद रूप से अंको की शक्ति तथा प्रकृति को सिद्ध करते हैं .
ज्योतिष एवं वहां के अन्य प्रसंगों में संख्या के आधार पर समाधान ढूंढने की पद्धति भी अंकों के महत्व को प्रतिपादित करती है.  अपने आप में अंको की एक विशिष्ट पद्धति है.
अंक या संख्या का शब्द एवं क्रिया से घनिष्ठ संबंध है. 0 निराकार ब्रह्म या अनंत का प्रतीक है .  शून्य से सृष्टि की उत्पत्ति हुई है एवं 0 में ही सब कुछ विलीन हो जाता है .  यह शून्य सूक्ष्म से सूक्ष्म  एवं बृहद आकार है.   0 की शक्ति सबसे बड़ी है.  और इस 0 को हमारे ऋषि-मुनियों ने खोजा,   जिसे आज पूरा विश्व मानता है.
  
हम आज कंप्यूटर के युग में पहुंच गए हैं और इस कंप्यूटर का आधार भी हमारा 0 ही है . जिसे कंप्यूटर की भाषा में कहा जाता है ( DOT. ) 0 से ही सृष्टि की उत्पत्ति हुई और सृष्टि एक कहलाई अर्थात इस सृष्टि को संचालित करने वाली कोई एक शक्ति है जो अदृश्य है एवंसृष्टि  का संचालन कर रही है.  उसे हमने  ब्रह्मा की संज्ञा प्रदान की.    ब्रह्मा एक है एवं उसे पुकारने के नाम अनेक हैं .
मानव ने जब आंखें खोली सूर्य एवं चंद्र दो तारे आकाश में दिखाई दिए . प्रकाशित तारे दो ही हैं ,   जो नियमित मनुष्य का मार्गदर्शन करने की क्षमता रखते हैं।
अंक1- अं- अधिष्ठाता सूर्य-
 
सूर्य दिन मे उदय होता है . आते उसे प्रथम स्थान प्राप्त हुआ . और एक संख्या का प्रतिनिधित्व मिला . सूर्य का आत्मा से संबंध है . यह व्यक्ति की आत्मशक्ति का ज्ञान कराता है. सूर्य को पुरुष ग्रह के रूप में स्वीकार किया गया.
2
अंक- अधिष्ठाता चंद्र-
चंद्रमा रात्रि मे प्रभावी दो की संख्या चंद्रमा की हुई . चंद्र का मानसिक सुखों से संबंध है .यह मानव को मन की विचार शक्ति प्रदान करता है .
 
द्वितीय नारी है , चंद्र को  स्त्री ग्रह माना गया और चंद्र की कलाओं की तरह ही नारी की कलाएं हैं.  जिस तरह चंद्र 27 दिन में सभी नक्षत्रों का भोग करता है उसी तरह नारी भी 27 दिन के पश्चात शुद्ध होती है .
अंक3- अं- अधिष्ठाता गुरु-
जब मानव ने आकाश , पृथ्वी , एवं जल को देखा तो उसे ब्रह्म शक्ति का ज्ञान हुआ.  और तीन की संख्या प्रचलन में आई , और इसका स्वामित्व गुरु को प्रदान किया गया.  गुरु का जीव से संबंध हैयह सृष्टि के फैलाव तथा जीव आत्मा के प्रसार  के ज्ञान का बोध कराता है.
अंक 4- अं- अधिष्ठाता राहु-
मानव को चार दिशाएं दिखाई दीजिसे चार की संख्या उदित हुई ।यह चारों दिशाएं हमारे चारों वेदों का , चारों उपदेशों का , चारों तरफ के आदमियों का अर्थात चारों वर्णों को का प्रतिनिधित्व करती हैउसे राहु के नाम दिया गया ।
जो परिवर्तन आक्रामकता का द्योतक है.  मानव पर जब भी विपत्ति आती है , चारों ओर से ही आती हैभौतिक सुखों से संबंध हैयह भौतिक जगत में शरीर को जीवनी शक्ति प्रदान करते हैं.
मनुष्य की जागृत आदि चार अवस्थाएं  इससे प्राप्त होती है . चारों धामचारों तीर्थ , इसी संख्या में समाहित हैंअनमय , मनोमय , विज्ञान में , और आनंदमय  हमारे चार कोष हैजो मानव शरीर में स्थित है ,
अंक5- अधिष्ठाता बुध-
मानव ने,जीवन में अपनी मूलभूत आवश्यकता में पांच तत्वों को पहचाना। आकाश ,वायु ,अग्नि ,जल एवं पृथ्वी उनके गुणों को शब्दस्पर्शरूपरस एवं गंध को जाना.  उसने इनके अलग-अलग पांच देव निरूपित किए.  और 5 के अंक की पहचान हुई , देव विद्या , बुद्धि एवं वाणी के दाता हैं . पांच की संख्या का अधिपत्य युवराज को प्रदान किया गया .
बुध का संबंध बौद्धिक सुखों से है  . यह बुद्धि एवं विवेक का ज्ञान कराते हैं.
पांचवी संख्या हमारी पंच शक्तिपंच रतनसम्मोहन आदि पंच कामदेव , पंच कलापंच मकारपंचभूत , पंचप्राण  आदि का सृजन करती है .
अंक 6- अधिष्ठाता शुक्र-

  मानव रस मैं लीन हुआ और 6 रसायनों  मधुर ,अमल ,लवण , कटु  ,कसका ज्ञान प्राप्त हुआ .
यही हमारे 6 दर्शन शिक्षाकल्प , व्याकरण , निरुक्त , छंद एवं ज्योतिष अथवा वेदांत संख्या , मीमांसा , वैश्विकन्याय एवं तर्क है.  वसंत आदि छह ऋतु 6 आमोद आदि गुण 6 कोष , 6 डाकिनी , 6 मार्ग , छे षटकोण यंत्र , एवं छे आधार हैछे की संख्या शुक्र ग्रह को प्राप्त हुई.
विद्या से लेकर शुक्राचार्य मृत संजीवनी विद्या से लेकर तंत्र मंत्र एवं 64 कलाओं के जानकार थे. 
जो शुक्र ग्रह के प्रभाव में दर्शित होता है शुक्र बौद्धिक सुख प्रदान करता है.  इसका मानव की भावना एवं संवेदना पर सीधा असर होता है. समग्र ऐश्वर्या वीर्य या ज्ञान और रूप इन्हीं गुणों की समस्ती को कहते हैं .

अंक 7- अधिष्ठाता केतु

जब उसने निरंतर अकाश मंडल को निहारा , तो उसे सप्त ऋषि यों के दर्शन हुएयही हमारे उच्च श्रेणी के सतलोक .  नदियों को देखा नदियों की धाराओं को देखा.  संगीत के सात सुरों को पहचानाऔर 7 के अंक का अविष्कार हुआयही  अंक 7 का अधिष्ठाता केतु माना गया है इसलिए कुछ ग्रंथों में केतु को मोक्ष का प्रतीक माना गया है . बौद्धिक सुख प्राप्त करता है . यह मनुष्य को कल्पना शक्ति प्रदान करता है , सप्त की संख्या हमारे सप्त लोग , सप्त ऋषिसप्त समिधाअग्नि , सूर्य के सप्त घोड़े , सात रंग एवं सप्त धातुओं का प्रतिनिधित्व करती है.
अंक - अधिष्ठाता शनि
इन सब की रक्षा हेतु मानव ने अष्ट भैरवअष्ट सिद्धिअष्ट पीठ , आदि की उपासना की.   यह 8 शनि प्रभावित अंक कहलाया . जो सबको या तो कष्ट देता है या कष्ट से मुक्ति देता है . शनि का संबंध भौतिक सुखों से है . शनि के पास शरीर को  खराब करने की शक्तियां रहती है. हमारे 8 ही वसु , अष्ट माताएं , अष्ट नाड़ीएवं मर्म ,अष्टगंध इत्यादि तथा  घृणालज्जा, शौक , कुल , शील, एवं जाति है इन अष्ट पाशो मैं जीव बंधा हुआ है , और जो इन से मुक्त है ,वह सदाशिव है .

अंक 9- अधिष्ठाता मंगल

मानव ने विभिन्न रूपों में नौ देवियों , नो रतनो , नौ निधियों , नौ रसों , नो प्राण , नो कुमारी को देखा और नव आत्मक सभी वर्ग तथा मंडल इस नो के अंक से संचालित होते हैं , यह 9 का अंक स्वतंत्र अंक कहलाया  और इसका अधिष्ठाता मंगल ग्रह बना , जो ग्रह मंडल का सेनापति है.  मंगल का आत्मा से संबंध है.  यह स्वतंत्र भावना का ज्ञान कराता है .हम किसी भी संख्या को कहीं तक ले जाएं उस का कुल योग 9 से अधिक नहीं हो सकता है.

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अंक 1 की विशेषता – जन्म दिनांक से जानिए

अंक     देवता          ग्रह        स्वरूप

 0        ओम           पृथ्वी     अनंत

 1         सूर्य           सूर्य        ब्रह्म   

 2          शिव          चंद्र       अर्धनारी

3         विष्णु          गुरु      श्री शक्ति

4         गणेश             राहु      स्वास्तिक

5        लक्ष्मीनारायण    बुध     पंचतत्व

6        देवी                 शुक्र       रास        

7        नरसिंह            केतु     सप्त ऋषि

8        भैरव शक्ति       सनी     अष्ट भैरव

9       हनुमान जी        मंगल     नौ देवियां

अंक 0

यह अनंत का प्रतीक है . यह सूक्ष्म से सूक्ष्म है बृहद आकार है.   इसमें अनंत असीम अस्तित्व छिपा हैजो सभी वस्तुओं का उद्गम स्रोत हैइस अनंत ब्रह्मांड में समस्त आकाश मंडल के सितारे प्रकाश पुंजसंपूर्ण सौरमंडलआकाशगंगा , सार्वभौमिकताविश्व प्रजनन शक्तिग्रहों की परिक्रमा पथ आदि है .  इसी में संपूर्ण विश्व की शक्ति निहित है आप कहीं से भी चलना प्रारंभ करें पूरे विश्व व्यापी पृथ्वी का चक्कर लगा ले लौटकर फिर वहीं आ जाएंगे,   जहां से चले थे अतः 0 में ही सब कुछ छिपा होने से इसे अनंत की शक्ति प्राप्त है.

 

एक अंक का प्रयोग सकारात्मक एवं सक्रिय सिद्धांत के प्रतीक रूप में होता है.  सूर्य स्वामी है.पुरुष लिंग प्रधान अग्नितत्व धारी है .यह अहम का प्रतिनिधि है.   आत्म स्वीकारोक्ति,   सकारात्मकतापृथकता वाद , आत्मनिर्भरता,   श्रेष्ठता गरिमा,   तथा प्रशासन का प्रतीक है .धार्मिक दृष्टिकोण से ग्रहों के स्वामी सूर्य को भगवान माना गया है .  . 

जिन व्यक्तियों का जन्म किसी भी मास की 1,  10 ,  19 अथवा 28 तारीख को हुआ हो , उनका मूलांक एक होता है (क्योकि 19=1+9 -10=1अंक शेष ) इन तरीकों के अतिरिक्त यदि किसी अन्य संख्या का जोड़ एक हो तो उसका मूलांक भी एक ही होगा.

अंक 1 -अद्वैत का प्रतीक है इसलिए यह बहुत ही श्रेष्ठ और  प्रमुख अंग है .  इसका स्वामी ग्रह सूर्य है . सूर्य रचनात्मक प्रवृत्ति का द्योतक है .  इस अंक वाले व्यक्ति की प्रवृतियां सदा ही रचनात्मक होती है . यह सदा स्वतंत्र रहना चाहता है .. अपना व्यक्तित्व होता है .इसे नई बातों की खोज का शौक होता है,   इसके विचार दृढ़ होते हैं .  कई बार तो उसके विचारों में इतनी दृढ़ता होती है,   कि उसे जिद्दी भी कहा जा सकता है.

कुछ विशेष  जीवन शैली के तथ्य -

1 आपका मूलांक 1 है तो आप श्रेष्ठ मित्र या साथी है.  विपरीत परिस्थितियों में भी निरंतर संघर्ष करते रहना आप के मनोबल एवं इच्छा शक्ति की विशेषता  है. 

2 दूसरी खास बात आप का नेतृत्व करने का गुण है.  यह विशेषता अपने जन्मजात है . बचपन में अपने साथियों का तथा बड़ा होने पर समाज एवं परिवार का नेतृत्व करते रहने का गुण जितना आपने है उतना अन्य किसी व्यक्ति में सहज संभव नहीं.

3 मित्र बनाने की कला कोई आपसे सीखे, अपरिचित व्यक्ति को भी मित्र बना लेना आपकी ऐसी विशेषता है, जिसके कारण आपको समाज में बड़ी प्रशंसा प्राप्त होगी.

4     नवीनता की खोज में लगे रहना और विलक्षण एवं अद्भुत कार्य करना,आप जैसे व्यक्ति इस संसार में कुछ नए काम कर सकते हैंक्योंकि आप लकीर के फकीर नहीं.

5      शारीरिक दृष्टि से सुदृढ़ और बड़े से बड़ा काम करने में भी सक्षम है.

6    आप नौकरी करते हो या कोई व्यापार,   लेकिन आप ऊंचे से ऊंचे पहुंच कर ही रहेंगेनेतृत्व करने का जो जन्मजात गुण आप में है,   वह आपको अगुआ बनाता है.अनुसन्धान में या विज्ञानं के क्षेत्र में सफल होते हैं .

7    अपने लक्ष्य के प्रति सदा सजग एवं सच्चे रहते हैं   क्योंकि आपका लक्ष्य निश्चित हैऔर निर्धारित है,

8    निर्णय लेने में भी आप बहुत दक्ष हैकिसी भी विषय पर तुरंत निर्णय लेना आपका स्वभाव है, और आपका निर्णय प्राय ठीक ही होता है.

9    आपका व्यक्तित्व और जीवन सदा स्वतंत्र रहता है. किसी की धौंस पट्टी आपको स्वीकार नहीं.

10     नई सूझ भूझ और विचारों में मौलिकता आपकी एक अन्य विशेषता है.

11    अपने कार्य में किसी अन्य व्यक्ति का हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं करते.  हर समय कोई आपको टोकता रहे  या सुझाव देता रहे ऐसा पसंद नहीं.

 

12     सुंदर एवं सुरुचिपूर्ण जीवन ही आपको पसंद है.  अधिक व्यस्त एवं फूहड़ पन आपको पसंद नहीं.

13    चाटुकारिता और झूठी खुशामद भी आपको पसंद नहींऔर दो टूक बात कहना आपका स्वभाव है.

14    धन कमाने में आप जितना परिश्रम करते हैं,   उसके व्यय करने में आप उतने ही मुक्त हस्त भी है, इसलिए धन प्राय आपके पास टिक नहीं पाता.

15   आपका मस्तिष्क उर्वर है और आप एक सफल आयोजक भी है, तभी तो श्रेष्ठ लोगों से संपर्क बढ़ाकर आप समाज में सम्मान पूर्वक स्थान प्राप्त कर सके हैं.

16    मित्रता या सिद्धांत की दृष्टि में आप सर्वाधिक विश्वस्त व्यक्ति हैं.  क्योंकि आप अपने निश्चय पर अटल रहते हैं . कोई भी आपको अपने निश्चय से डिगा नहीं सकता.

17    अत्यंत महत्वाकांक्षी हैं, और आपका व्यक्तित्व भी बहुत प्रभावशाली है.

18      आप आदत से हंसमुख हैं   और दूसरों को अपनी ओर तुरंत आकर्षित कर लेते हैं.

19-दाम्पत्य सुख - जीवन साथी आपके विचारों के अनुकूल मुश्किल से मिलता है |

20- बड़ी कन्या का संतान का पारिवारिक जीवन प्रारंभ के 7  वर्ष कष्ट मय प्राय होते हें |

21- संतान पक्ष से चिंता ही रहती है |

अंक 2 की विशेषता – (जन हित में -द्वारा ज्योतिष द्वय -जगत के सुपरचित हस्ताक्षर –


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अंक विज्ञान एवं अंक शक्ति

 अंक2 की विशेषता –जन्म दिनांक  से जानिए

 

2   - अंक विपरीत स्थिति, अनिश्चय का प्रतीक है. यह प्रमाण एवं पुष्टि कर्ताहै . द्विविधा एवं द्विगुण है,   जैसे एक और एक का जोड़. एक और क्रियाशीलता हैतो वहीं दूसरी ओर निष्क्रियता भी है.   एक और यह पुलिंग सूचक है वहीं दूसरी ओर स्त्रीलिंग द्योतक है. एक और सफलता तो दूसरी और असफलता.  जीत या हार,   लाभ या हानिसकारात्मकता या नकारात्मकता पूर्णमासी या अमावस्याप्रत्येक तथ्य के दोनों पहलू ,दोनों स्थितियां प्रदान करता है स्वामी चंद्रमा है. स्त्रीलिंग प्रमुख एवं जल से सम्बंधित है .

जिन व्यक्तियों का जन्म 2,   11,   20,   अथवा 29 तारीख को हुआ हो , उनका मूलांक दो होता है . 

सूर्य और चंद्रमा दोनों के गुण परस्पर विरोधी है . सूर्य और चंद्र के मूलांक,   एक और दो वाले व्यक्तियों में अच्छा संबंध  रहता है ऐसा इसलिए होता है , कि सूर्य और चंद्रमा की तरंगों में एक प्रकार की पारस्परिकता है.सूर्य के प्रकाश से सही चंद्रमा शुक्ल पक्ष का निर्माण करता है .

 2मूलांक वाले और 7 मूलांक वाले व्यक्तियों में भी घनिष्ठ संबंध स्थापित होता है 7,   16 अथवा 25 तारीखों में  जिनका जन्म हुआ हो उनका मूलांक 7 होता है.

1     यदि यदि आपका मूलांक 2 है तो आप अत्यंत सहृदय और मृदुभाषी है,  

  2    कल्याण शील कला प्रेमी और स्वभाव से रोमांटिक प्रवृत्ति के हैं. 

 3   आप नई बातों की खोज तो करते हैं परंतु उन पर टिक नहीं रह सकतेचंद्रमा के स्वभाव के अनुरूप आप भी चंचल मन वाले हैं किसी एक कार्य को अधिक समय तक करना आपके स्वभाव के अनुकूल नहीं ,.

4   आपके मन में नित्य नई कल्पनाएं उठते है, नए विचार आते हैं,   पर आप अपने उन विचारों और कल्पनाओं पर स्थिर नहीं रह पाते .  

5 मौलिक रूप से कल्पनाशील होने के कारण शारीरिक रूप से अधिक शक्तिशाली और सुदृढ़ शरीर वाले नहीं है. इसलिए आप शारीरिक श्रम की अपेक्षा दिमागी कार्यो में अधिक सफल होते हैं.

6   स्वभाव से सहृदय होने के कारण आप दयालु प्रवृत्ति के है.  

7 आप में ना करने की शक्ति साहस नहीं हैइसलिए आपको एक एक बार हानि भी उठानी पड़ती है.

 आपकी रुचि परिष्कृत है आप सौंदर्य प्रेमी है मित्र बनाने में भी आप दक्ष हैंपरंतु फिर भी अच्छे और सच्चे मित्रों का अभाव आपको सदा खटखटा रहता है.

9   आप में आत्मविश्वास की कुछ कमी है इसलिए थोड़ी थोड़ी देर में आपके विचारों में परिवर्तन आते रहते हैं.  

10   दाम्पत्य जीवन -पत्नी अथवा पति तो आपको सुशिक्षित मिलेगा   परंतु अत्यधिक कल्पनाशील होने के कारण कई बार पति-पत्नी में मनमुटाव हो जाना भी संभव हैऐसी स्थिति में आप कुछ भी कर गुजरते हैं,   आपको हर समय में कोई ना कोई साथी अवश्य चाहिए,   जिसके अभाव में आपके बहुत से काम रूके रहते हैं.

11   चंद्र तत्व की प्रधानता के कारण आपका स्वभाव कुछ ऐसा है कि आप स्त्रियों में अधिक घुल मिल जाते हैं,

12   दूसरों के मन का भेद भी आप शीघ्र ही जान लेते हैं.

13    यदि आप किसी नदी या समुद्र के किनारे वाले नगर में रहेतो आपका भाग्य और भी अधिक चमक उठेगा.

- व्यक्ति शारीरिक रूप से अधिक शक्तिबल युक्त नहीं होते  लेकिन मानसिक रूप से स्वस्थ और सबल होते हैं.

 14 अपनी बुद्धि से कुछ ऐसा कर पाते हैं जिससे उनको आने वाली पीढ़ियां याद करती हैं. 

 यह स्वभाव से दयालु होते हैं. और दूसरे के कार्य को प्रसन्नता पूर्वक करते हैं .    इनमें समूह एक कला होती है.

15   अपना अपराध सरलता से स्वीकार कर लेते हैं.    दूसरों पर विश्वास कर लेने के कारण धोखा भी खाना पड़ता है.  चापलूसी करके कोई भी व्यक्ति इनसे अपना काम निकाल सकता है.

16      इनमें धैर्य कम होता हैयह कई बार गलत निर्णय भी ले लेते हैं और बाद में पछताते हैं,   अधिकतर मित्र स्वार्थी होते हैं.

17   दूसरों के मन की बात जान लेने की इनमें अद्भुत क्षमता होती है.   ललित कलाओं में रूचि होती है ,    इन्हें यात्राएं बहुत करनी पड़ती है विदेश भ्रमण भी करते हैं यह यात्राएं इनके लिए लाभकारी होती हैं.

18   लड़कों की अपेक्षा लड़कियां से अधिक बनती  हैं.

19 अपनी योजनाओं के प्रति उद्विग्नताअस्थिरता   और आत्मविश्वास की कमी से बचना चाहिए

20 किसी प्रकार के शैक्षणिक संस्थान ,अजायबघर ,कला एवं चित्रण संगीत ,बैंकिंग ,शिक्षण ,रेडियो, टेलिविजन आदि से संबंधित उपयोगी होते हैं , जहां सेवा भाव आवश्यक होता है जैसे सलाहकार नर्स सचिव मेजबान आदि  में काफी सफल होते हैं . यह ऐसे किसी भी व्यवसाय तथा पेशे में सफल होते हैं,   जहां नेतृत्व क्षमता की आवश्यकता नहीं होती . 

  21   वह मिलनसार होते हैं तथा अपने सहकर्मियों के द्वारा काफी पसंद किए जाते हैं,    अंक 3 की विशेषता – आगामी शुक्रवार को जानिए

(जन हित में -द्वारा ज्योतिष द्वय -जगत के सुपरचित हस्ताक्षर –

सुश्री सुमन कायस्थ एवं ज्योतिष शिरोमणि वी.के. तिवारी

-(1972 से कुंडली,वास्तु,मुहूर्त,अंक विद्या,रत्न परामर्श,मुहूर्त   )

9424446706,9999099141


 अंक 3

अंक 3 त्रि आयामी है .

   यह सृष्टि भी त्रिगुणात्मक है.

   जीवन के त्रिगुण पदार्थ, बुद्धि , बल व चेतना का प्रतीक है . इसमें सृजन , पालन व संहार के ब्रह्मा,  विष्णु, महेश के गुण समाहित हैं ,इससे परिवार में माता-पिता तथा शिशु तीनों का बोध होता है ,

  आत्मा , शरीर एवं मन का प्रतीक है ,  यह विस्तार का अंक है.

   सृष्टि त्रिगुणात्मक होने से 3 का गुणा किसी भी अंक में करते जाएं ,  संख्या का अंत नहीं आएगा .

  यह गुरु ग्रह का प्रतीक है .

किसी भी मास के 3 , 12 , 21 और 30 दिनांक को जन्म लेने वाले जातक का अंक 3 होता है.

   मित्रता अंक -जिन लोगों का जन्म 3 12 21 30 दिनांक में हुआ हो, उनसे इनकी अच्छी मित्रता रहती है .

1यह व्यक्ति बड़े स्वाभिमानी होते है, यह किसी के आगे झुकना नहीं चाहते .

2 एहसान भी नहीं लेना चाहत ,तथा स्वतंत्र एवं निरंकुश प्रकृति के होते हैं . इसी कारण कई लोग इनके शत्रु बन जाते हैं ,

3-यह लोग व्यापार-व्यवसाय में उच्चतम पद पर पहुंचते हैं,यह जल , थल , सेना, प्रशासन और सामान्य क्षेत्र में प्राप्त करते हैं .

4- दायित्व का निर्वाह कुशलतापूर्वक करते हैं, इनके मित्रों की संख्या अधिक होती है,

  मित्र इन्हें कम लाभ देते हैं , एक मित्र से हानि या विश्वासघात भी मिलता है.

5- मन की बात यह कम ही बताते हैं,यह शत्रुओं तथा विरोधियों पर विजय प्राप्त करते हैं .

6 दाम्पत्य-वैवाहिक जीवन सुखी होता है, घर से हर तरह की सुख सुविधा का सामान रहता है.

  इनके दो आत्मीय विशेष या दो विवाह हो सकते हैं ,पहले विवाह में कई बार हानि होती है .

7 संतान- दो पुत्र और एक पुत्री होती है, पहली बड़ी संतान के कारण परेशानी झेलनी पड़ती है,

  छोटी आयु में ही इनके पिता को भारी खर्च उठाना पड़ता है , और घर की आर्थिक स्थिति कमजोर पड़ जाती है. पर बाद में धीरे-धीरे सुधर जाती है .

8-इनके आय के साधन एक से अधिक होते है, इन्हें संपत्ति संबंधी मुकदमा भी करना पड़ सकता है.

9शिक्षा- यह उच्च शिक्षा प्राप्त करते हैं, यह अध्ययन शील तथा पढ़ने लिखने में दक्ष होते हैं,

   कला , विज्ञान और साहित्य में इनकी रूचि होती है , इन्हें क्रोध जल्दी आता है ,

   और जल्दी ही शांत हो जाता है.

10   परोपकार और धार्मिक होते हैं. यह बातचीत द्वारा लोगों को प्रभावित करने में समर्थ होते हैं .

11 स्पष्ट वादी और महत्वाकांक्षी व्यक्ति होते हैं. किसी के अधीन रहकर कार्य नहीं करना चाहते.

   छोटा कार्य कभी पसंद नहीं आता , इच्छा सदा ऊंचे से ऊंचा पद प्राप्त करने की ही रहती है .

12 नियंत्रण पसंद है, आप चाहते हैं कि आपकी आज्ञा का पालन पूर्णरूपेण हो.

  यदि आप से उनके पद का अधिकारी आपको कोई और आदेश देता है तो उसका पालन भी आप मुस्तैदी से करते हैं,ये थोड़ा सा अधिकार पाते ही डिटेक्टर की तरह व्यवहार करने लगते हैं,

  13 -कई बार तो आपकी स्वेच्छाचारी यहां तक बढ़ जाती है कि आप आदेश को कानून की बिरादरी देने लगते हैं .उसे पूरा करने का हट करते हैं इसी कारण अनेक व्यक्ति आपके शत्रु बन जाते हैं .

    यद्यपि आप लड़ाकू या झगड़ालू वृत्ति के नहीं है .

14 आप थोड़े अभिमानी भी हैं .किसी दूसरे व्यक्ति का एहसान अपने ऊपर नहीं लेना चाहते.

  दूसरे से उपकृत नहीं होना चाहते . आप स्वतंत्र प्रवृत्ति के व्यक्ति हैं.

15 आपके पास धन तो आता है लेकिन आप संग्रह नहीं कर पाते. भविष्य की चिंता नहीं करते.

   धन ना होने के कारण आप चिंतित अवश्य हो जाते हो .

16-स्वार्थ की भावना भी आपने पर्याप्त है,जिससे कोई लाभ ना हो ,उसकी तरफ आप विशेष ध्यान नहीं चाहते  

17- आप ऐश्वर्या पूर्ण जीवन बिताने की चाह रखते हैं और मौज मजे तथा शौक सजावट आदि पर अधिक व्यय करते हैं. आशाएं पूरी ना होने पर आप शीघ्र ही निराश हो जाते हैं .

18- सामाजिक मान मर्यादा का आपको विशेष ध्यान रहता है. अपने स्वजनों में आप अधिक प्रिय नहीं,

   उनसे प्राया मनमुटाव सा ही बना रहता है, यूं तो आप ईमानदार हैं, परंतु गलत तरीके से धन मिले तो आप इंकार नहीं करते.

 

19 आपका स्वभाव क्रोधी तो है पर आप विवेक का दामन कभी नहीं छोड़ते,

   अधिक धन कमाने के लिए आप एक से अधिक काम करते हैं , उनमें संतुलित नहीं हो पाता .

 

20आप के अधिकांश मित्र विश्वासघाती और स्वार्थी भी सिद्ध होते हैं .

 21 दाम्पत्य-  प्रेम या रोमांस के मामले में आपको स्थायी सफलता  या स्थिरता नहीं यानिरन्तरता नहीं  मिलती , परंतु अनुकूल जीवनसाथी या दम्पपत्य  साथी या  पत्नी सुशील सुंदर और आज्ञाकारी होती है,

22   बाल्यावस्था में सामान्य स्थिति रहते हुए ,आपको शिक्षा के लिए इधर-उधर भटकना पड़ा होगा ,

  परिवार से अधिक सफलता नहीं मिली होगी .

 

23  -यात्राओं से आपको लाभ होता है. आप गहरी नींद लेना चाहते हैं.स्वादिष्ट भोजन चाहते हैं .

  और अच्छे ढंग ढंग से सजे हुए सुव्यवस्थित मकान में रहना चाहते हैं,

   थोड़ा सामर्थ होने पर आप वाहन की इच्छा करन,   थोड़ा सामर्थ होने पर आप वाहन की इच्छा करने लगते हैं ,  40 वर्ष की आयु से पूर्व आपको वाहन प्राप्त हो जाना चाहिए,    वकील,   प्रोफेसर,   लेक्चरर ,  समाज सुधारक,   प्रशासक,   व्यापारी,   शेयर ब्रोकर,   अनुसंधानकर्ता ,  पुजारी ,  नेता तथा  धार्मिक कार्य करने वाले होते हैं .

(जन हित में -द्वारा ज्योतिष द्वय -जगत के सुपरचित हस्ताक्षर –

सुश्री सुमन कायस्थ एवं ज्योतिष शिरोमणि वी.के. तिवारी

-(1972 से कुंडली,वास्तु,मुहूर्त,अंक विद्या,रत्न परामर्श,मुहूर्त   )

9424446706,9999099141


 

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अंक 4

 

4 का अंक वास्तविकता एवं स्थायित्व का संकेत देता है.  यह अंक भौतिक जगत का द्योतक है तथा वर्गाकार एवं घनाकार है .  इससे भौतिक अवस्थाभौतिक नियमतर्क , कारण एवं विज्ञान का आभास होता है .  यह अनुभूतियों अनुभव एवं ज्ञान के रूप में पहचान स्थापित करता है .   इससे विभाजन अलग अलग होना,   योजनाएं बनाना,   तथा वर्गीकरण करना है .  यहां स्वास्तिक विधि चक्र तथा संख्याओं का क्रम एवं योग है यह चेतना बुद्धि,   विवेक,   अध्यात्मिकता एवं भौतिकता के अंतर की पहचान स्थापित करता है.  

 इसका प्रतिनिधि ग्रह राहु है .

जिन व्यक्तियों की जन्मतिथि किसी भी महीने की   4,   13,   22 और 31 हैउनका अंक 4 माना जाएगा .

1    इस अंक से प्रभावित जातक पुराने रीति-रिवाजों का विरोधी और नई राह बनाने वाला होता है.

2    कई विद्वान इसका स्वामी ग्रह यूरेनस मानते हैं, परंतु भारतीय मत अनुसार इस का स्वामी राहु है.

3      यह व्यक्ति महान क्रांतिकारीवैज्ञानिक और राजनीतिक होते हैं,   यह अहंकारी होते हैं,   इनके साथ चौंकाने वाली घटनाएं घटती रही हैं.

4       यह घर बाहर व समाज सब प्रकार की राजनीति की जानकारी रखते हैं,   इन्हें परिश्रम की तुलना में प्रतिफल कम मिलता है.जुझारू होते हैं.

5      यह सभा सोसाइटी में मुख्य भूमिका निभाते हैं,   सामाजिक और धार्मिक संस्थाओं में यह ऊंचा स्थान प्राप्त करते हैं.

6       यह आश्चर्यजनक कार्य करने वाले काम करते हैं,   असंभव कार्य भी सहज ही कर डालते हैं

7    यह सदा संघर्षमय रहते हैं,   यह भविष्य के लिए तैयार रहते हैं किंतु वर्तमान की उपेक्षा कर देते हैं .

8     यह दिखावा पसंद करते है,   यह पक्के परिवर्तनकारी / सुधारक होते हैं.

9        4 अंक वाली स्त्रियां सारे घर की जिम्मेवारी अपने ऊपर ले लेती हैंइस कारण इनका स्वास्थ्य भी कभी-कभी बिगड़ जाता है,    इनका व्यक्तित्व आकर्षक होता है.   इनकी स्वेच्छाचारीता से इनकी शिक्षा में बाधाएं  हो जाती हैं.

10      गुप्त विधाओं में इन्हें बड़ी रूचि होती है.

11 4 अंक वाले स्त्री-पुरुष का झुकाव   चार एवं छह अंक वाले स्त्री पुरुषों की तरफ अधिक होता है.

11    दाम्पत्य - पारिवारिक अशांति रहती है,   प्रेम विवाह की संभावना रहती हैसंतान का सुख कम प्राप्त होता है,   किंतु एक पुत्र अवश्य होता है.

12       इनका अपने पिता से कभी कभी झगड़ा हो जाता हैइनके भाई बहनों के साथ कम पड़ती हैअन्य संबंधी भी इनके साथ अच्छा व्यवहार नहीं करते.   मित्रों को यह पूरा लाभ देते हैं,   पर इन्हें उनसे कम लाभ मिलता है .

13      6, 8 अंकों वालों से इनका सहज संबंध बन जाता है.

अंक 8 वालों के साथ इनका विशेष आकर्षण होता है,   और इनके साथ टकराव मैं इन्हें हानि भी उठानी पड़ती है .

14     यात्राएं बहुत करनी पड़ती है,    यात्रा में दुर्घटना संभव है.

-   इनकी आर्थिक स्थिति अच्छी रहती है. वाहन सुख मिलता है,   प्रदर्शन पर बहुत ध्यान देते हैं

 

15   भाग्योदय /जीवन शैली में परिवर्तन -     40 वर्ष की आयु में इनके भाग्य में परिवर्तन आता हैयह प्रमुख बनकर बड़े-बड़े परिवर्तन कर देते हैं.    नौकरी में हानि भी उठानी पड़ती है.

16     इनके जीवन में 20 जनवरी से 18 फरवरी के बीच नौकरी मिलने का अवसर आता है,     22 जुलाई से 21 अगस्त के बीच कार्यों में विघ्न पड़ता है .

-  यह जातक व्यावहारिक निष्कपट एवं   बात करने वाले होते हैं .

-   इन्हें अपने परिवार से काफी लगाव होता है,     तथा अपने साथी के प्रति वफादार होते हैं ,-   यह अधिक से अधिक लोगों का साथ पसंद करते हैं ,   तथा लोगों पर निर्भर रहते हैं,    जिस कारण इनको काफी लोकप्रियता होती है,   इन के नियम  एवं सिद्धांत होते हैं .

-   यह स्थिर निश्चित जीवनशैली पसंद करते हैं इन्हें अचानक बदलाव या रोमांच पसंद नहीं -  यह धीमी गति से चलने वाले तथा बड़े ही क्रमिक होते हैं ,   अचानक बदलाव से समंजन स्थापित नहीं कर पाते ,   जिस कारण इन्हें दुर्भाग्य से दो-चार होना पड़ता है ,    फिर भी आर्थिक रूप से यह सक्षम सिद्ध होते हैं .

-   अपने परिवार एवं संबंधियों की अनेक जिम्मेदारियां एक साथ अपने कंधे पर ले लेते हैं,     जिसके कारण कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है.

-    यह हमेशा दूसरों की सहायता करने वाले होते हैं,     और लोग इनका गलत फायदा उठाते हैं किसी कार्य को प्रारंभ करने में समस्या होती  हैं ,   किंतु जब उन्हें की रूपरेखा एवं योजना बनाकर दे दिया जाता है ,   तो अपना काम किसी भी क्षेत्र में गंभीरता से करके,   उसे अंजाम तक पहुंचाने में सक्षम होते हैं .

-    या अपने कर्तव्य के प्रति काफी ईमानदार होते हैं,    यदि करने के लिए काम ना हो तो उदास या निराश हो जाते है.

-    आलस्य से इन्हें नफरत होती है इनके काम पूर्ण रूप से व्यवस्थित एवं रचनात्मक होते हैं,    इनको दिया गया कोई कार्य समय से पूरा होने की पूर्ण संभावना होती है.

-    अपने इन गुणों के कारण  यह अपने काम   में शिखर तक पहुंचते हैं अनेक अवसरों पर लोग इन्हें सहायता करने एवं जिम्मेदारी लेने के लिए अनुरोध करते हैं .   

-अभियंता,   डिज़ाइनर,   उत्पादन करता वैज्ञानिक,   किसान कानूनी पेशा वाले, प्रोफेसर,   शिक्षक अथवा व्यवसाय किसी भी प्रकार के रचनात्मक तथा परिणाम दाई कार्यों में सलंग्न लोग 4 अंक वाले होते हैं .

- 4 अंक वाले कार्यालय अथवा दफ्तरों के विशेष केयर टेकर भी होते हैं.

-   यह कड़ी मेहनत करते हैं कार्य पूर्ण होने के पूर्व  आराम एवं मनोरंजन का भी ख्याल नहीं रखते,   जिससे कि इनके स्वास्थ्य एवं व्यक्तिगत जीवन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है .

(जन हित में -द्वारा ज्योतिष द्वय -जगत के सुपरचित हस्ताक्षर –

सुश्री सुमन कायस्थ एवं ज्योतिष शिरोमणि वी.के. तिवारी

-(1972 से कुंडली,वास्तु,मुहूर्त,अंक विद्या,रत्न परामर्श,मुहूर्त   )

9424446706,9999099141

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