माला के अभाव में उँगलियों से जप विधि के नियम –(पंडित विजेंद्र कुमार तिवारी -कर्मकांड एवं ज्योतिष)
करमाला / उँगलियों के पर्व को अंगूठे से स्पर्श कर
मन्त्र जाप -
करांगुल अभिर्मालयेव जपनात् कर रूपा माला, करांगुल्य: माला इव करमाला, कर पर्व रूपमाला इत्यर्थ:
मुण्डमाला तन्त्र -
अनामिका त्रयं पर्व कनिष्ठा त्रितयं तथा । तर्जनी
मूल पर्यन्तं करमाला प्रकीर्तिता ।।
अनामिका के तीनों पर्व तथा कनिष्ठिका के तीनों
पर्व और तर्जनी का मूल अर्थात् अध: पर्व ( सबसे नीचे वाला पर्व )तक स्पर्श करमाला
हैं ।
-माला- Aरुद्राक्ष एवं कमल गटा सर्व शुभ कार्य ।धन-मूँगा ; समृद्धि
एवं शत्रुनाश- कमल गटा;पुत्र-जीव पुत्र;प्रारब्ध नाश-कुशमूल; सर्व कामना-
चाँदी; एश्वर्या ,मोक्ष –रक्त चन्दन ;
ब-विष्णु एवं अवतार –तुलसी;शिव,भैरव,दुर्गा -रुद्राक्ष
;
-विशेष - दीपक एवं भोग देवता के राईट में ,धुप
लेफ्ट में लगाये महुए का तेल-सौभाग्य,गाय
घी-सर्व सिद्धि,तिल तेल-राहू,शनि,पितर दोष नाश,
-शिव जी के अतिरिक्त किसी देवी देवता की पूजा या जप
काल में - दीपक में श्वेत बत्ती वर्जित ;
माला चालन विधि ,मुह दिशा,माला दानो की संख्या -(108 दानो
की माला कामना पूर्ति |)
-
शांति,स्तम्भन,पुष्टि
,आयु - अंगूठे
से माला चलाये |East,उत्तर दिशा ;54 दाने की माला ।
-
दिन-सोमवार,बुधवार,गुरुवार,शुक्रवार
;2.3.5.7 तिथि ।मेष,कन्या,धनु लग्न ।
-
वशिकरण
के लिए- अंगूठे से माला चलाना चाहिए |उत्तर दिशा ; 54 दाने
की माला ।
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धन - अंगूठे से माला चलाये |पश्चिम दिशा ;27 दाने की माला ।5.10.15.तिथि,बुध्
शुक्रवार ।
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-आकर्षण – अंगूठे एवं अनामिका से माला चलाये |54 दाने की माला ।
-
-विद्वेष
कर्म- अंगूठे एवं तर्जनी से माला चलाये | SW दिशा ;15 दाने की माला ।
-
-मारण
कर्म- अंगूठे एवं कनिष्ठा से माला चलाये |SE दिशा ;15 दाने की माला ।
-
विशेष-
सात्विक एवं पुरुष -शिव एवं विष्णु मन्त्र के पूर्व ॐ लगाये ।
-
सूर्य,रूद्र,दुर्गा,शक्ति देव देवी मन्त्र –ह्रीम लगाये ।
-
गणेश एवं
लक्ष्मी मन्त्र के पहले श्रीं लगाये ।
-
-सरस्वती
मन्त्र के पूर्व ऍम लगाये ।
शक्ति प्रधान(रूद्र,दुर्गा,भैरक,हनुमान
) देवी देवता मन्त्र की करमाला की विधि-
1- जप अनामिका के मध्य पर्व से, अंगूठे
से स्पर्श आरम्भ ,
2- कनिष्ठिका के अध:पर्व, मध्यपर्व, ऊर्ध्वपर्व , को अंगूठे से स्पर्श,
3- अनामिका के ऊर्ध्व पर्व को
अंगूठे से स्पर्श,
4- मध्यमा के ऊर्ध्व पर्व से नीचे (तीनो
पर्व ),
5- तर्जनी के मूल पर्व को अंगूठे से स्पर्श ।स्पर्श
न करें ।
- इस प्रकार 10 होंगे एसा 10 बार करने से 100 शेष
08 की विधि -
1- जप अनामिका के मूल पर्व से, अंगूठे
से स्पर्श आरम्भ ,
2- कनिष्ठिका के अध:पर्व, मध्यपर्व, ऊर्ध्वपर्व , को अंगूठे से स्पर्श
3- अनामिका के ऊर्ध्व पर्व को
अंगूठे से स्पर्श
4- मध्यमा के ऊर्ध्व पर्व से नीचे (तीनो
पर्व )
1- जप अनामिका के मध्य पर्व से, अंगूठे से स्पर्श आरम्भ ,
2- कनिष्ठिका के क्रमश: मूलपर्व, मध्यपर्व, ऊर्ध्वपर्व , को अंगूठे से स्पर्श
3- अनामिका के ऊर्ध्व पर्व को
अंगूठे से स्पर्श
4- मध्यमा के ऊर्ध्व पर्व को अंगूठे से स्पर्श
5-तर्जनी के क्रमश: ऊर्ध्व पर्व से
नीचे (तीनो पर्व )
5- मध्यमा के मध्य एवं मूल पर्व को अंगूठे से स्पर्श न करें ।
- इस प्रकार 10 होंगे एसा 10 बार करने से 100 शेष
08 की विधि -
1- जप अनामिका क्रमश: अध:पर्व, मध्यपर्व, ऊर्ध्वपर्व , को अंगूठे से स्पर्श |
3- अनामिका के ऊर्ध्व पर्व को अंगूठे से स्पर्श |
4- मध्यमा के क्रमश: ऊर्ध्व पर्व को अंगूठे से स्पर्श
|
5-तर्जनी- के क्रमश: ऊर्ध्व पर्व , मध्यपर्व, को अंगूठे से स्पर्श |
1-
मध्यमा मूल पर्व से प्रारंभ
2-
अनामिका
मूल दूसरा
3-
कनिष्ठिका के क्रमश: मूलपर्व, मध्यपर्व, ऊर्ध्वपर्व , को अंगूठे से स्पर्श
4-
अनामिका के ऊर्ध्व पर्व से, अंगूठे से स्पर्श आरम्भ ,
5- मध्यमा
के ऊर्ध्व पर्व को अंगूठे से स्पर्श
5-तर्जनी के क्रमश: के क्रमश: मूलपर्व, मध्यपर्व, ऊर्ध्वपर्व , को अंगूठे से स्पर्श
-अनामिका
एवं मध्यमा के मध्य पर्व को अंगूठे से स्पर्श न करें ।
5- -इस प्रकार 10 होंगे एसा 10 बार करने से 100 शेष 08 की विधि -
6-
मध्यमा मूल पर्व से प्रारंभ ,
7-
अनामिका
मूल दूसरा ,
8-
कनिष्ठिका के क्रमश: मूलपर्व, मध्यपर्व, ऊर्ध्वपर्व , को अंगूठे से स्पर्श
9-
अनामिका के ऊर्ध्व पर्व से, अंगूठे से स्पर्श आरम्भ ,
10- मध्यमा
के ऊर्ध्व पर्व को अंगूठे से स्पर्श,
11-तर्जनी
के ऊर्ध्वपर्व को अंगूठे से स्पर्श,
9424446706-कुंडली मिलान विशेषज्ञ –अष्टकूट-36,दशकूट-44
/काल प्रकाशिका , पञ्च नाडी सिद्धांत एवं 09 ग्रहों तथा उनके नक्षत्रों से मिलान ,शास्त्रोक्त
नाड़ी एवं मंगल दोष परिहार ।
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