वैवाहिक सुख एवं सौभाग्य वर्धक व्रत हरतालिका तीज 12 सितंबर 2018 उमा- महेश्वर पूजा पर्व
(पंडित विजेंद्र कुमार तिवारी ज्योतिष शिरोमणि-9424446706)
पूजा के विशेष शुभ समय - 1.14-5.06 am, 8.10-9.50 pm, 11:48 pm - 6.00 am
श्रृंगार एवं तैयारी का शुभ समय Day time -13:14-17.00
रात्रि पूजा की शुभ बेला – स्थिर विशेष उपयुक्त AM -02:02 - 4:19 PM, 20:10-21.50, Night -11:48-02.00
व्रत किस प्रकार प्रारंभ हुआ?
पार्वती जी द्वारा शिवजी से विवाह के लिए की गई ,पूजा के परिणाम स्वरुप,उनको सौभाग्य प्राप्त हुआ था|
पूजा एवं व्रत क्यों करना चाहिए-
जगत जननी पार्वती जी की कृपा के लिए विशेष ग्रहों के सहयोग से निर्मित हरतालिका व्रत करना अत्यंत महत्वपूर्ण है|
उमा तथा महेश्वर की पूजा करने से क्या लाभ अथवा किन उद्देश्यों की पूर्ति होती है?
विवाह विलंब या विवाह बाधा नाशक , वैवाहिक सुख एवं सौभाग्य वर्धक व्रत,
पार्वती जी द्वारा सर्वप्रथम शिव जी को प्राप्त करने के लिए या व्रत किया था |
सरल विधि-
पूर्व या उत्तर दिशा में मोहब्बत कर, दाहिने हाथ में जल लेकर- मम उमा महेश्वर सायुज्य सिद्धिये हरतालिका व्रतम अहम करिष्ये |
पूजा के अंत में- देवी उमे गौरी त्राहि माम करुणानिधे मम अपराध: क्षन्तव्या भुक्तिमुक्ति प्रदा भव |
दान-
अपने आर्थिक सामर्थ्य के अनुसार -१६ सौभाग्य वस्तुओं का दान या १६ विवाहित स्त्रियों को सौभाग्य वस्तुओं का दान |-
यह एक विशेष महत्वपूर्ण पर्व का दिन है जो स्त्री वर्ग के लिए दुर्लभ है|भद्रकाली, हर काली, हस्त गोरी एवं कोटेश्वर देवी की पूजा की जाती है अर्थात इस पर्व में व्रत करने से अनायास ही देवी के अन्य स्वरूपों की पूजा होने से विशेष कल्याण व्रत है|
हवन-
काले तिल तथा शुद्ध घी के द्वारा हवन का विशेष महत्व है| सिद्ध कुंजिका मंत्र के द्वारा हवन अथवा”उमा महेश्वराय स्वाहा” के द्वारा भी 28 या 108 आहुतियां दी जा सकती हैं|
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