कामना एवं सुख वर्धक द्वादसी -26 DecLord Vishnu Day आपदा नाशक सौभाग्य वर्धक विष्णु पूजा दर्शन ।Make Lucky your self( at least for a month.)Pray Lord Vishnu।
कामना एवं सुख वर्धक द्वादसी -26 Dec
Lord
Vishnu Day
आपदा नाशक
सौभाग्य वर्धक विष्णु पूजा दर्शन ।
Make
Lucky your self( at least for a month.)Pray Lord Vishnu।
मार्गशीर्ष
माह की द्वादशी तिथि अत्यंत महत्वपूर्ण तिथि है।
ज्योतिष की दृष्टि से-किसको अवश्य भगवान विष्णु की पुजा करना
चाहिए ?
मिथुन एवम्
कर्क राशि वालो को अवश्य अपदा,विपदा एवम्
अनिष्ट शांति के लिए विष्णु जी का स्मरण
दर्शन करना चाहिए तथा जिनके नाम का प्रथम अक्षर ह, ड, क,छ, घ, से प्रारंभ हो उन्हें भी दैनिक व्यवहार ने सफलता के लिए विष्णु जी के दर्शन ,स्मरण करना चाहिए।
इस तिथि को विष्णु
एवम् सूर्य पूजा का महत्व है।
चार पर्व
अनमोल अवसर है ।
1व्यंजन
द्वादशी ।Food Day
2द्वादश
आदित्य व्रत ।Sun
Worship Day
3जनार्दन
पूजा ।God
Vishnu Day
4अखंड
द्वादशी व्रत।Lucky Day
एक साथ इतने
अधिक महत्व के दिन हैं ।
सनातन धर्म ही विश्व एकमात्र ऐसा धर्म है
जिसमें व्यक्ति पूजा का कोई स्थान नहीं है। ग्रह
नक्षत्रों पर आधारित संपूर्ण उच्च कोटि का वैज्ञानिक धर्म है।
जिसमें ग्रह
नक्षत्रों के दुष्प्रभाव दूर करने के लिए
विभिन्न देवी देवताओं के नाम का सृजन किया गया
है ।जिन से दैनिक जीवन की आपत्ति विपत्ति कष्ट कम होते हैं।
1 व्यंजन
द्वादशी अर्थात Food Day
भगवान
विष्णु का की पूजा कर। अन्नकूट पर्व के समान
अनेक प्रकार के भोजन पदार्थ विष्णु जी को अर्पित अर्पित करने ।दिन में एक बार भोजन करने का विधान है।
2 सूर्य पूजा दिवस। Sun Worship day
सूर्य भगवान की पूजा का भी यह विशिष्ट
दिन है ।सामान्य रूप से सूर्य भगवान या सूर्य देवता की पूजा सप्तमी को करने का विधान है
।परंतु सूर्य के प्रत्येक द्वादशी को पृथक पृथक नाम से पूजा करने का विधान है।
इससे आपत्तियों का नाश होता है। सब प्रकार के सुखों की वृद्धि होती
है मार्कशीट माह में शुक्ल द्वादशी में सूर्य का नाम
" धाता"
है. ।
इस प्रकार
यह शुक्ला द्वादशी फूड डे। प्रबल टेंशन फ्री डे एवं सुख शांति के लिए विशेष उपयोगी
है।
4अखंड
द्वादशी सुख सौभाग्य
वर्धक दिन /व्रत | Trouble & Tension Free Day
यह व्रत
संतान सुख,परिवार उत्कर्ष शांति,एवम् मनोकामना पूरक माना गया है।
विष्णु जी
की पूजा का संकल्प किया जाता है। इस दिन दिया गया दान व्रत पूजा आदि सब प्रकार के
सुखोंह की वृद्धि करता है ।
पितृ तर्पण करना विशेष उपयोगी माना गया
है ।
विष्णु की
पूजा मंत्र
नमो
नारायणाय या विष्णवे नमः । श्रीधराय नमः ।मधुसूदनाय नमः ।माधवाय नमः।
मनोवांछित
फल प्रदान करने वाला है ।
इससे
धनधान्य, पुत्र सुख प्राप्त होता है। भगवान
विष्णु की पूजा सफेद वस्त्र धारण करना चाहिए ।
इस दिन
विष्णु भगवान का पूजन श्रीधर, श्रीधर ,हरि विष्णु ,माधव ,मधुसूदन, नाम से होता है।
आज विष्णु
जी की पूजा करने से पुष्कर , नैमिषारण्य
स्नान जैसा फल प्राप्त होता है।
यह आवश्यक नहीं कि पूजा गृह या
मंदिर में विष्णु जी की (फल कम अपेक्षाकृत होगा परंतु नहीं से सौ गुना उत्तम)स्मरण
पूजा करे।
जब भी आप
शांत मन से हो ,पूर्व की और मुंह कर शंख ,चक्र,गदा धारी विष्णु जी का ध्यान, कीर्तन या में ही मन विष्णवे नमः।
या विष्णु
सहस्त्र नाम या कोई भी मंत्र विष्णु जी का मन ही मन प्रसन्न भाव से स्मरण करते रहे।
जनार्दन
पूजा या विष्णु पूजा।
चावल दान
विशेष महत्व।
(संदर्भ ग्रंथ- कृत्यवाली,व्रतोत्सव,विष्णु धर्मोत्तर पुराण)
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