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दुर्गा सप्तमी द्वार पूजा – विधि, मंत्र एवं शास्त्रीय प्रमाण(4.4.2025AND 29.9.2025)

सप्तमी द्वार पूजा का विस्तृत शास्त्रीय विवरण, श्लोक एवं विधि 🚩 द्वार पूजा का शास्त्रीय महत्व हिंदू धर्म में मुख्य द्वार (घर या व्यापार स्थल का प्रवेश द्वार) को सुख-शांति, समृद्धि और आरोग्यता का मुख्य आधार माना जाता है। द्वार से ही शुभ-अशुभ ऊर्जा का प्रवेश होता है, इसलिए इसे पवित्र और सकारात्मक बनाए रखना आवश्यक है। शास्त्रों में शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को द्वार पूजा का विशेष महत्व बताया गया है। यह पूजा देवी लक्ष्मी, गणपति, और वास्तु देवताओं को प्रसन्न करने के लिए की जाती है। 📜 द्वार पूजा का शास्त्रीय प्रमाण (ग्रंथ और श्लोक) 📖 1. "कालिका पुराण" 🔹 "गृहे लक्ष्म्या स्थिरा पूज्या सप्तम्यां द्वार पूजनम्। कलहं नाशयेत् सद्यः सुखं सौभाग्यमेव च॥" 📖 अर्थ: 👉 सप्तमी तिथि को मुख्य द्वार की पूजा करने से लक्ष्मीजी स्थायी रूप से घर में निवास करती हैं। 👉 इस पूजा से परिवार में शांति, सौभाग्य और समृद्धि बढ़ती है तथा क्लेश-कष्ट समाप्त होते हैं। 📖 2. "वास्तु तंत्र" 🔹 "अग्निद्वारे प्रदीप्तं हि दीपं यः स्थापयेत् नरः। सर्वग्रहा प्रशस्यन्ते गृह ...