दीपावली के पांच दिवस (पञ्च पर्वा) पूजा के श्रेष्ठ समय ( jyotish9999@gmail.com ; 9424446706 ) स्मरणीय – * किसी भी कार्य की पूर्णता,सफलता उस कार्य के प्रारंभ समय (जो प्रचलन में मुहूर्त कहलाता है,जबकि मुहूर्त का शाब्दिक अर्थ भिन्न है )की श्रेष्ठता पर आधारित होती है | Ø पूजा प्रदत्त समय में प्रारंभ करना मुख्य तथ्य है |मुहूर्त के बाद ,कार्य पूर्ण होने से कोई हानि नहीं | क्योकि सही समय किया गया कार्य सभी विघ्न बाधाओं का शमन करता है | Ø * तिथि,दिन,योग,करण,लग्न ,होरा,द्विघटी किसी कार्य के लिए श्रेष्ठ समय के निर्धारक बिंदु है | Ø *चौघडिया का मुहूर्त में प्रयोग अवांछनीय है | (चौघडिया निर्माता ने स्वयं चौघडिया मुहूर्त के लिए कहा की जब यात्रा का कोई मुहूर्त नहीं हो तो निकृष्ट मुहर्त के रूप में इसका प्रयोग करे |) स्थिर लग्न - स्थिर लग्न में कोई भी कार्य प्रारंभ करने से स्थायी परिणाम मिलते हैं | लक्ष्मी पूजा करने से धन ,गणेश पूजा से विघ्न नाश ,कुबेर पूजा सम्पदा,वस्त्र अलंकार प्रयोग से जब भी उन वस्त्रो या आभूषण पहने गे सफलता मिलेग
ज्योतिषी,वास्तु रत्न, हस्तरेखा ,अनुष्ठान,धर्म,व्रत,पर्व, |