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Shraddha is performed on the date of death, but there is an exception or prohibitionश्राद्ध-मृत्यु तिथि पर किया जाता है ,परंतु ,सभी का मृत्यु तिथि पर नहीं किया

Shraddha is performed on the date of death, but there is an exception or prohibition, everyone's death is not performed on Tihati, in this article according to the Puranas, whose Shraddha is not performed on the date of death - -The ancestors accept the Pind Daan done by the daughters and the father accepts the blessings of the mother. Apart from the girl, Shraddha and Pind Daan can also be performed by the daughter-in-law or wife. -Women should keep these things in mind while performing Shraddha and Pind Daan. During Shraddha, wear only white or yellow colored clothes. Men should wear white clothes and use only white wick and oil lamp. 1 Grandparents - Ashwin Krishna Pratipada: This date is for the श्राद्ध-मृत्यु   तिथि पर किया जाता है , परंतु   अपवाद या निषेध है , सभी का मृत्यु तिथि पर नहीं किया जाता , इस लेख मे पुराणो के अनुसार लेख है की , किसका श्रद्ध मृत्यु तिथि पर नहीं किया जाता है - -कन्याओं के द्वारा किया गया पिंडदान पितृ स्वीकार करते हैं sita ji ka dashrath ji ne

शिव तांडव अनुवादित सरल

                                         ( शिव तांडव स्त्रोत –अधिकांश गायकों ने 15 श्लोक तक ही इसको स्वरबाद्ध किया है , जबकि 17 श्लोक हैं । इस स्त्रोत को पढ़ने से धन अपव्यय रुकता है , लक्ष्मी स्थिर होती है एवं सुख समृद्धि वृद्धि होती है धार्मिक -शिव भक्त जन के लिए सरल शुद्ध पठनीय हमारे द्वारा अर्थ सहित प्रस्तुत –संदर्भ-श्रावण माह )                                                                 श्री रावण कृतं शिव ताण्डव स्तोत्रं             1 जटाटवी गलदजल , प्रवाह पावित स्थले गले अवलम्ब्य लम्बितां , भुजंग तुंग मालिकां |            डमडडम डमडमन , निनादवत डमर्वयम , चकार चण्ड ताण्डवं , तनो तुनः शिवः शिवम् |                                                             (* ड=आधा उच्चारण)                - सघन जटा रूपी जंगल (वन )से प्रवाहमान गंगा की विभिन्न धाराये जिन सदा शिव जी की कंठ का प्रक्षालन करती हैं , जिनके गले में   बृहद आकार के सर्प मालाओं जेसे   लटक रहे   हैं , जो शिव जी डम-डम डमरू वाद्य यंत्र बजा कर प्रचण्ड ताण्डव करते हैं , वे सदा शिव हमारा कल्यान करें. |