देवी मनोकामना पूरक -अभिषेक वस्तु : पूजा पूर्व- ( श्री देवी भागवत पुराण- संदर्भ) षष्ठी तिथि तक देवी कलश में विराजित रहती हैं । सप्तमी तिथि से प्रतिमा में उपस्थित होती हैं। देवी पूजन के पूर्व अभिषेक का विशेष महत्व है । अष्टमी देवी की तिथि है , इसमे किया गया पूजन कई गुना अधिक फल देता है। पंचामृत से अभिषेक होता है। परंतु श्रीमद् देवी भागवत पुराण देवी के अभिषेक के विषय में मनोकामना के अनुसार अभिषेक पदार्थ का वर्णन है- 1 धन और ज्ञान के लिए आम तथा गन्ने के रस से स्नान कराना चाहिए। 2 ऐश्वर्य परिवार सहित - अंगूर का रस । 3 प्रारब्ध या पूर्व जन्म कृत कर्म अशुभ कर्म नाश - कपूर , केसर , कमल जल । 4 - अन्न धन सामान्य सुख - दूध एवं दही। राजा तुल्य प्रभाव - घी , शहद , शक्कर । 5 रेशमी वस्त्र अर्पण करने से वायु लोक अथवा यश कीर्ति प्राप्त होती है। 6 रत्न अर्पण करने से धन का अभाव नहीं होता। 7 सिंदूर और महावर अर्पण करने से पद प्रभाव यश मिलता है। 8 दुख को दूर करने के लिए बिल्वपत्र अर्पण करना चाहिए। बिल्वपत्र पत्र पर
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