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राजस्थान : राज्य परिवर्तन ? ग्रहो की वक्र दृष्टि का रहस्य क्या है ?

राजस्थान मे राज परिवर्तन ? जयपुर का राजा कौन? राज्य नाम से तुला राशि इसलिए चतुर्थ शनि ने राज्य का राजा बदला | जयपुर  भी  गुरु शनि के कोप का शिकार बना | अब 01 जुलाई से गुरु वक्री होकर धनु राशि मे एवं शनि ने भी वक्री पथ चुन लिया |राहू अभी तो भाग्यबाधक है परंतु 22 सितंबर से अष्टम होने वाला है अर्थात राजा के  परिवर्तन के लिए कटिबद्ध राहू भी | अब कौन बनेगा इस पर विचार नहीं करते हुए वातमान राजा की डगर ?उनका भविष्य क्या है ?विचारणीय है- माननीय मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की कुंडली मिथुन लग्न की है। जिसमें महत्वपूर्ण तथ्य है कि शनि का उपग्रह गुलिक द्वितीय स्थान पर है एवं शनि वक्री होकर चतुर्थ स्थान पर है। जिसके साथ राहु का उपग्रह धूम उपस्थित है इसके साथ ही गुरु और चंद्र मीन राशि में दशम भाव में उपस्थित होकर उन को विभिन्न स्तर पर उच्च स्तरीय सफलता पर प्रभाव यश आदि की प्रदान करते रहेगे।   एकादश स्थान में वक्री बुध के साथ सूर्य मंगल की स्थिति है मंगल स्व राशि का है एवं सूर्य उच्च राशि का है परंतु बुध वक्री है । द्वादश भाव में अपनी राशि का शुक्र विराजित है| मंगलवार

नए वस्त्र : सुख-दुख ,सफलता-असफलता निर्धारक।

नए वस्त्र :    सुख-दुख  , सफलता-असफलता निर्धारक। ज्योतिष शिरोमणि -   पण्डित   वी के तिवारी ( 9424446706, jyotish9999@gmail.com) ज्योतिष उपाधि :   वाचस्पति ,  भूषण ,  महर्षि ,  शिरोमणि ,  मनीषी ,   रत्नाकर ,  मार्तण्ड ,  महर्षि वेदव्यास 1( 1990  तक) , विशेषज्ञता :(1976 से)   वास्तु ,  जन्म कुण्डली ,  मुहूर्त , रत्न परामर्श ,  हस्तरेखा ,  पंचांग संपादक ( यह लेख -राजनेता  , नौकरी पेशा , प्रशासनिक अधिकारी ,  व्यापारी  ,   धार्मिक प्रवृत्ति के साथ-साथ विद्यार्थी वर्ग के लिए भी विशेष उपयोगी है।) 1 हतप्रभ करतीं ,  आकस्मिक घटनाएं - दैनिक जीवन में   ,   कभी 2    अकारण या आकस्मिक रूप से   परिवार के सदस्यों से  , मित्रों से क्लेश , कलह , मतभेद  , विवाद  ; या रोग ,  धन हानि ,   जल या विष से कष्ट  ,  अधिकारी वर्ग से अपमान ,  अशिष्टता ,  चोरी  ,  धन हानि  ,  प्राण भय /संकट होते हैं।     हम कारण भी कई बार समझ नही पाते , ऐसा क्यों हुआ ? 2 घटनाओं को आमंत्रित न करे ?    उपरिलिखित    या इन घटनाओं को हम    कुछ सीमा तक   अवश्य रोक    भी सकते हैं।    या जीवन में   "व

नए वस्त्र देते हें भविष्य के संकेत

ज्योतिष शिरोमणि -   पण्डित   वी के तिवारी ( 9424446706, jyotish9999@gmail.com) ज्योतिष उपाधि :   वाचस्पति , भूषण , महर्षि , शिरोमणि , मनीषी ,   रत्नाकर , मार्तण्ड , महर्षि वेदव्यास 1( 1990 तक) , विशेषज्ञता :(1976 से)   वास्तु , जन्म कुण्डली , मुहूर्त , रत्न परामर्श , हस्तरेखा , पंचांग संपादक |   आर्ष ऋषि-मुनियों ने जनिहित एवं जनकल्याण को परेशानियों , आपत्ति विपत्तियों से बचाने के लिए अनेक उपाय बताए हैं।   नए वस्त्र धारण करने या पहने के तत्काल बाद के प्रभाव भी शुभ अशुभ भविष्य का ज्ञान प्रदान करते हैं । ये जब भी प्रयोग किए जाते हैं तो किस किस प्रकार का शुभ   अशुभ फल प्रदान करेंगे ?  1; नए वस्त्र पहनने के कुछ समय   में ही यदि उसमें दाग धब्बे लग जाए तो वस्त्र भावीअशुभ फल का संकेतक हैं एवं ऐसा वस्त्र जब भी पहना जाएगा   कुछ न कुछ प्रतिकूल परिणाम मिलेंगे। 1- नए वस्त्र प्रथम बार पहनने के बाद दाग , धब्बे , रंग आदि पहने हुए , वस्त्र पर लगने , गिरने को अशुभ माना गया है। जैसे कीचड़ , गंदा पानी , रंग , स्याही या