विषय: नवीन वस्त्र धारण - शास्त्रसम्मत शुभ-अशुभ काल विवरण - संदर्भ ग्रंथ: भद्रबहु संहिता / निर्णयसिन्धु / ज्योतिस्सार / मानसागरी / कालप्रदीप / बालबोध ज्योतिषसमुच्चय इत्यादि। नवीन वस्त्र धारण – स्त्री वर्ग हेतु निषेध ( नक्षत्र आधारित शास्त्रीय ) श्लोक एवं अर्थ ** रोहिणीगुरुर्वृषस्थोऽथ वा बिभर्ति नववस्त्रभूषणम्। ** ** सा न शोभिवलम्बते पतिं स्नानमार्चारति वारुणीप्या॥ ** ** हिन्दी अर्थ :** यदि स्त्री रोहिणी , पुष्य , पुनर्वसु , उत्तराफाल्गुनी , उत्तराषाढ़ा , उत्तराभाद्रपदा नक्षत्रों में नया वस्त्र या आभूषण धारण करे या शतभिषा नक्षत्र में स्नान करे , तो उसके पति को कष्ट या वियोग हो सकता है। ऐसा करने से विधवा योग उत्पन्न हो सकता है। **English Transla...
ज्योतिषी,वास्तु रत्न, हस्तरेखा ,अनुष्ठान,धर्म,व्रत,पर्व, |