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श्रावण (सावन)मास –अनिष्ट नाशक ,बाधक कार्य विलम्बित के सरल उपाय

  श्रावण (सावन)मास –अनिष्ट नाशक ,बाधक कार्य विलम्बित के सरल उपाय प्रत्येक माह सूर्य  , देवी  , विष्णु ,  शिव आदि देवों के पृथक नाम से पूजा आदि करना श्रेष्ठ होता है।   -   तिथि विशेष के जो देवता स्वामी होते हैं ,उनकी पूजा फल देती है .प्रत्येक तिथि .प्रत्येक नक्षत्र आदि के पृथक पृथक देवी देवता होते हैं ।    - दैनिक जीवन में सुख भोग एवं शांति के लिए कुछ तिथियां जो कि अधिक अशुभ प्रभाव करती हैं ,  उनमें यदि विशिष्ट देवी देवताओं के नाम लेकर हम स्मरण एवं क्या दान    आदि का ध्यान रखें तो( ग्रंथों के कथन आधार पर हमें विजय एवं सफलता प्राप्त होती है। -आज प्रतियोगिता के युग में सफलता एक कठिन कार्य हो गया है। इसलिए हम विशिष्ट तिथि को जैसे सिंह वृश्चिक धनु राशि के लिए तृतीया तिथि या अशुभ होती है परंतु यदि तृतीया को देवी की पूजा करेंगे तो निश्चित रूप से बाधाएं कम होंगी या   सफलता के योग ज्यादा बनेंगे। सावन माह में,किस देवी देवता को किस दिनांक को स्मरण करें तो अनिष्ट फल में कमी होगी प्रयास सार्थक होंगे ।(संदर्भ-श्रुति , स्मृति , भविष्यपूरण ग्रंथ) | -प्रयास जीवन में आवश्यक हैं ,प्रयासों की

-नवंबर tak ,चातुर्मास –क्या करे और न करे

  - , चातुर्मास   – क्या करे और न करे Chaturmas चौमासा तक चार माह चातुर्मास मास   | क्या है- चातुर्मास   4  महीने की अवधि है ,  जो आषाढ़ शुक्ल एकादशी (देवशयनी एकदाशी से देव उठनी   तक )से प्रारंभ होकर कार्तिक शुक्ल एकादशी तक चलता है। -देवशयनी एकादशी से श्री विष्णु पाताल के राजा बलि के यहां चार मास निवास करते हैं | - 4   माह ?- श्रावण ,  भाद्रपद ,  आश्‍विन और कार्तिक। चातुर्मास के प्रारंभ को   ' देवशयनी एकादशी '  कहा जाता है और अंत को   ' देवोत्थान एकादशी ' । चार महीने   विष्णु के   नेत्रों में योगनिद्रा का निवास - ब्रह्मवैवर्त पुराण   – योगनिद्रा ने भगवान विष्णु को प्रसन्न किया और प्रार्थना की   आप   मुझे अपने अंगों में स्थान दीजिए । श्री विष्णु ने अपने नेत्रों में योगनिद्रा को स्थान कहा कि तुम वर्ष में चार मास मेरे   नेत्रो मे   रहोगी। - 4  महीने     व्रत ,  भक्ति और शुभ कर्म के , - 4  माह के, प्रथम माह तो सबसे महत्वपूर्ण माना गया है। -  ये 4 महीने दुर्लभ हैं। दिन में केवल एक ही बार भोजन करना चाहिए। ·           हिन्दू   धर्म के   त्योहारों क