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नवरात्रि: पौराणिक एवं तांत्रिक :देवि स्वरूपों के मंत्र १७ से २५ तक |

  नवदुर्गा देवी के विभिन्न स्वरूपों को तिथि नवदुर्गा देवी के विभिन्न स्वरूपों को तिथि के अनुसार प्रार्थना के मंत्र- 17अक्टूबर- प्रथम दिन प्रतिपदा ति थि को देवी के विभिन्न स्वरूपों की ,( देवी भागवत एवं तन्त्रोक्त) अर्चना मंत्र . शैलपुत्री−   1-ऊँ जगतपूत्ये जगद् वन्द्ये शक्ति स्वरूपिणी पू जाम ग्रहण कौमारी जगत् मातर नमोस्तुते। 2-ऊँ शां शीं शूं शैलपुत्र्यै शु भम कुरू 2 स्वाहा | वन्दे वाञ्छितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम्। वृषारुढां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्॥ 3-ब्राह्मी . ऊँ आं हौं ग्लूं क्रौ व्री फट् । क्षमा –  मंत्र हीनम् क्रिया हीनम् भक्ति हीनम् सुरे श्व रिः तत्  क्षम्यतां देवि प्रसीद परमे श्व रिः। पुष्पं सर्मपयामि | 18अक्टूबर-   द्वितीय तिथि को देवी के विभिन्न स्वरूपों की ,( देवी भागवत एवं तन्त्रोक्त) अर्चना मंत्र . 1-ऊँ त्रिपुरां त्रिगुण धारां मार्ग ज्ञान स्वरूपिणी्। 2-त्रैलोक्य वंदितां देवी त्रिमूर्ति पूजयाम् अहम्। 3-ऊँ ब्रां ब्री म ब्रूं ब्रह्मचारिण्यै नमः। दधानाम कर पद्माभ्याम अक्ष माला कमण्डलू। देवी प्रसीदतु म