आरोग्य एवं दीर्घायु के लिए - रूप चौदस , स्नान , यम तर्पण , दीपक दान 26 th oct 2019 Pandit V.K Tiwari – Bhopal 9424446706 . * आज के दिन भगवान श्री कृष्ण ने नरकासुर का संहार कर , सोलह हजार एक सौ कन्याओं को मुक्त कराया था। इस उपलक्ष्य 7 में उस समय मिट्टी दीपक सजाए गए थे। भगवान कृष्णन दर्शन करना शुभ . * कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मंगलवार की अर्द्घ रात्रि में देवी अंजनि के उदर से हनुमान जन्मे थे। हनुमान की पूजा की जाती है. * पर्व छोटी दीवाली , नरक चौदस , यमराज की पूजा और नरक पूजा के नाम से प्रसिद्ध है. सूर्योदय से पूर्व अभ्यंसग स्नायन उबटन (सरसो तैल शानि एवं तिल तैल राहु दोष दूर करता है ) अपामार्ग (पौधा) , चिचिंटा या लट जीरा की पत्तियां जल में डालकर स्नान से , तिल डालकर यमराज को तर्पण दिया जाता है. तिल युक्त जल से स्नान कर यम के निमित्त 3 अंजलि जल अर्पित किया जाता है. तन और मन दोनों की शुद्धि करना जरूरी होता है। यमराज की कृपा नरक जाने से मुक्ति , पाप नष्ट हो जाते हैं ' रूप चौदस ' - शरीर की मलिनता को दूर कर , मन में विकारों को दूर करना है।
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