पेड़-पौधे क्यों ?दिशाएँ ? पितृ ऋण से मुक्ति , पितृ शाप से मुक्ति के लिए सात पीढ़ियों के उद्धार के लिए कम से कम पाँच वृक्षों का रोपण करना चाहिए। मृत्यु के तनाव से मुक्ति के लिए बिल्व वृक्ष का रोपण शिव मंदिर के परिसर में करना चाहिए। देवलोक प्राप्ति के लिए सड़क के किनारे पीपल का वृक्ष लगाना चाहिए। पूर्वजों को मोक्ष के लिए नीम के वृक्ष दक्षिण दिशा में जितने अधिक लगाएंगे उतनी पीढ़ियाँ तर जाती हैं। पापों से मुक्ति के लिए (लोक एवं परलोक सुख) 11 शीशम के वृक्ष सड़क के किनारे लगाना चाहिए। मोक्ष प्रदायक कनक चंपा के वृक्ष होते हैं। धन प्राप्ति के लिए एवं कृष्ण की कृपा के लिए महुआ का वृक्ष रोपण करना चाहिए , जिससे यज्ञ का फल मिलता है। पितृ शाप और पोषण ( संदर्भ - भविष्य पुराण के पुत्र कर्म तथा वृक्षारोपण खंड) पितृगण पत्र , पुष्प , और फल के रज-रेणु मिलने से संतुष्ट होते हैं। वृक्ष के पत्ते , फूल , फल पितृगणों को पोषण प्रदान करते हैं और पूर्वजों के पापों को नष्ट कर भाग्य में वृद्धि करते हैं। संतान अभाव नाशक या संतान सुख दाता
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