प्रतिदिन पूजा प्रारम्भ के समय सर्वप्रथम पढ़िये नवग्रहाय नमः। ओम हृीं क्रीं क्रीं क्रां चंडिका देव्यै शाप नाश अनुग्रहं कुरू 2 । नमः गणाधिपतये नमः। ओम ब्रहम वशिष्ठ विश्वामित्र शापाद् विमुक्ता भव। कुल्लुका मंत्र - क्रीं हूं स्त्रीं ह्रीं फट्। पूजा के पूर्व अंगों को स्पर्श करते हुए पढ़े:- ओम ऐं हृीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै नमः ।ओम मूलं 9 नमः शिरसे स्वाहा। ओम मूलं 9 नमः शिखायै वशट्।ओम मूलं 9 नमः कवचा य हुम। ओम मूलं 9 नमः नेत्र त्रयाय वौशट। ओम मूलं 9 नमः अस्त्राय फट्। हृदयाय नमः। दुर्गा ikB अध्याय तिथि के अनुसार Øe %& प्रत
ज्योतिषी,वास्तु रत्न, हस्तरेखा ,अनुष्ठान,धर्म,व्रत,पर्व, |