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कुंडली मे कौनसी दशा और क्यो लागू होती है-नियम ;120वर्ष की दशा 50 प्रतिशत कुंडली मे लागू ही नहीं होती;

    जन्म कुंडली निर्माण के उपरांत ग्रहों की स्थिति , लग्न, षोडश वर्ग आदि के आधार पर यह निर्णय लिया जाना चाहिए कि” कुंडली विशेष में कौन सी दशा लागू होगी”. -सामान्य रूप से उत्तर भारत में   विशोत्तरी दशा एवं गुजरात क्षेत्र में 108 वर्ष की अष्टोत्तरी दशा का प्रचलन है। - यह अनुचित एवं गलत परंपरा है - दशा -जैसे प्रचलन मे  विशोत्तरी 120 वर्ष की दशा ही प्रत्येक कुंडली मे लागू कर उपाय एवं भविष्य बताते है ।  -ग्रहों की दशा से राशियों की दशा अधिक सटीक होती है । - ग्रह से दशा फल  कठिन या अपूर्ण है।राशि दशा अधिक सत्य फल बताती है । 1क्योकि कोई ग्रह दो राशि का स्वामी है तो 12 मे से 2घर पर उसका प्रभाव होगा . 2-दशा वाला ग्रह बैठा कहाँ है ?अर्थात एक और भाव प्रभावित होगा । 3-ग्रह अपनी पूर्ण दृष्टि  किस भाव पर डाल रहा ?   4- ग्रह किस नक्षत्र पर बैठा ? नक्षत्र का स्वामी कौन है ? महत्वपूर्ण बात है कि, दशा के सम्पूर्ण कार्य काल मे किस भाव का, किस वर्ष मे फल होगा ? - केवल विशोत्तरी दशा के आधार पर सभी प्रश्नो का समाधान या उपाय बताना अनुचित है । -पाराशर जी ने अपने ग्रंथ मे 42 प्रकर की दशाओं का